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मध्य प्रदेश को कूड़ामुक्त करने के लिए 1 मई से पोलीथीन को बैन कर देंगे शिवराज सिंह

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भोपाल, 26 जनवरी: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 68वें गणतंत्र दिवस समारोह में एक मई से राज्य में पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। राजधानी के लाल परेड मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से स्वच्छता और कैशलेस अभियान में सहयोग करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, "प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। राज्य सरकार ने 31 मार्च तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का संकल्प लिया है। स्वच्छता अभियान में सबसे बड़ी बाधा पॉलीथिन है, इसलिए एक मई से राज्य में पॉलीथिन को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।"

उल्लेखनीय है कि राज्य के राज्यपाल का प्रभार गुजरात के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली के पास है। लिहाजा राजधानी में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण मुख्यमंत्री चौहान ने किया। 

चौहान ने कहा, "पॉलीथिन पर्यावरण के लिए भी घातक है, इसलिए पॉलीथिन के स्थान पर कागज और कपड़े की थैलियों के इस्तेमाल किया जाए। प्रतिबंध के बाद जो व्यक्ति पॉलीथिन का उपयोग करेंगे। उन पर कार्रवाई की जाएगी।"

उन्होंने कहा कि राज्य में स्वच्छता अभियान को लेकर सभी में होड़ मची हुई है। भोपाल से लेकर छोटे शहरों में अपने नगर को सर्वश्रेष्ठ बनाने की होड़ मची हुई है। 

उन्होंने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए जनता से मिले साथ पर आभार जताया। 

उन्होंने कहा कि इस फैसले से कालाधन, आतंकवाद पर रोक लगेगी। राज्य में कैशलेस लेने-देन को बढ़ावा देने के लिए 'कैशलेस ट्रांजेक्शन मिशन' बनाया जाएगा।

राज्य में 68वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। जगह-जगह ध्वजारोहण के साथ प्रभातफेरियां निकाली गईं और रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। राजधानी के लालपरेड मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली।

प्रदेश में गणतंत्र दिवस के तहत रंगारंग कार्यक्रमों का दौर जारी हैं। तमाम सरकारी, सार्वजनिक व निजी संस्थाओं में तिरंगा फहराया गया और मिठाइयां बांटी गईं।

कटनी में एसपी गौरव तिवारी के तबादले के बाद शिवराज सरकार का विरोध जारी, कर्मचारी करेंगे हड़ताल

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कटनी, 13 जनवरी: मध्यप्रदेश के कटनी जिले में हवाला कारोबार का खुलासा करने वाले पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के तबादले से उपजा जनाक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। चौथे दिन भी लोग सड़कों पर उतरे, महिलाओं ने चूड़ियां लहराईं, आंदोलन में आम आदमी पार्टी (आप) का साथ मिला तो उधर भोपाल में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने तीन फरवरी से बेमियादी हड़ताल का ऐलान किया। इस बीच कटनी के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला ने कार्यभार संभाल लिया। 

गौरव तिवारी 500 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा करने के कारण चर्चा में थे और कई रसूखदारों के नाम हवाला कारोबार में सामने आने लगे थे। मामले की जांच में जुटे एसपी का सोमवार को तबादला कर दिया गया। तिवारी यहां महज छह माह ही तैनात रहे। माना जा रहा है कि उनका तबादला राजनीतिक दबाव में, एक मंत्री को बचाने के लिए किया गया है। जांच पूरी होने से पहले ही अधिकारी का तबादला कर दिए जाने के बाद मंगलवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन जारी है। एक दिन बाजार भी बंद रखा गया।

शुक्रवार को सैकड़ों लोग कांग्रेस विधायक सौरभ सिंह, पूर्व विधायक सरोज बच्चन नायक के नेतृत्व में प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। महिलाएं हाथ में चूड़ियां लिए हुए थीं और ये चूड़ियां शिवराज सरकार को सौंपने के नारे लगा रही थीं। इन सभी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और कुछ देर बाद रिहा कर दिया।

प्रदर्शन के दौरान सरोज बच्चन कहा, "महिलाओं को सरकार सुरक्षा दे नहीं पा रही है। एक अधिकारी ऐसा आया, जिसने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम किया तो उसे स्थानांतरित कर दिया गया। सरकार को अपना फैसला बदलकर तिवारी को फिर से कटनी में पदस्थ करना चाहिए।"

कांग्रेस विधायक सौरभ सिंह ने सरकार पर एक मंत्री को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक को हटाने का आरोप लगाया।

वहीं कटनी पहुंचकर नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ल ने शुक्रवार को पदभार संभाला। शुक्ल ने आईएएनएस को बताया कि शुक्रवार को कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, बल्कि सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को सिर्फ रोका गया था।"

दूसरी ओर, भोपाल में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने दो फरवरी तक तिवारी का तबादला निरस्त कर उनकी वापसी न होने पर तीन फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया।

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने आईएएनएस से कहा, "कटनी के पुलिस अधीक्षक तिवारी एक ईमानदार अफसर हैं। वह हवाला कारोबार की जांच कर रहे थे, इसमें कई बड़े लोगों के नाम भी सामने आ रहे थे। रसूख वाले लोग बेनकाब न हो जाएं, इसलिए उनका तबादला कर दिया गया। अगर दो फरवरी तक तबादला निरस्त नहीं किया गया तो हमारे संगठन के पांच लाख कर्मचारी तीन फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।"

द्विवेदी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी कर कालाधन बाहर लाने की मुहिम चलाई है, तो दूसरी ओर काले कारोबारियों ने हवाला का रास्ता अपना लिया और जब पुलिस ने इसका खुलासा किया तो अफसर का ही तबादला कर दिया गया। इससे प्रदेश सरकार की नीयत का पता चलता है।

राजधानी में शुक्रवार को तिवारी के तबादले के विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आप का आरोप है कि कटनी के हवाला कारोबार में एक मंत्री का नाम आ रहा था, इसीलिए तिवारी का तबादला कर जांच को भटकाने की कोशिश की गई है। आप ने तिवारी का तबादला निरस्त करने की मांग की है। 

लोगों में आक्रोश बढ़ता देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कटनी हवाला मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से आग्रह करने की बात कही है। वहीं कांग्रेस ने सीधे तौर पर इस मामले को दबाए जाने का आरोप लगाया है।

हवाला कारोबारी का पर्दाफाश करने वाले पुलिस अफसर का ट्रान्सफर करके शिवराज ने मोल ले ली मुसीबत

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भोपाल, 12 जनवरी: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अपने को जनता का हमदर्द बताते का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देती। मगर यह भी उतना ही सच है कि उसे जनहितैषी अफसर रास नहीं आते हैं, तभी तो ऐसे अफसरों पर सरकार की गाज गिरती है और नाइंसाफी के खिलाफ लोगों को बार-बार सड़कों पर उतरना पड़ता है। शिवराज सिंह पिछले 12 वर्षों से मध्य प्रदेश को विकास के रास्ते पर दावा कर रहे हैं लेकिन ईमानदार और जनता के लिए काम करने वाले अफसरों का ट्रान्सफर करके अपना दामन पर दाग भी लगा रहे हैं। 

ताजा मामला कटनी के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के तबादले का है। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने 500 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा किया और उसकी आंच सत्ता से जुड़े एक व्यक्ति पर आने लगी थी। सरकार ने आनन-फानन में तिवारी का तबादला कटनी से छिंदवाड़ा कर दिया। 

तिवारी के तबादले से कटनी की जनता भड़क उठी। लोग सड़कों पर उतर आए, रैलियां निकलीं, बाजार बंद रहे और सरकार पर भी जमकर हमला बोले। हर जुबां से सिर्फ एक ही आवाज निकली और सरकार से पूछा कि 'जो पुलिस अफसर समाज के लिए काम कर रहा था, जिसकी तैनाती के बाद से अपराधियों पर अंकुश लगा था, महिलाएं व युवतियां सुरक्षित महसूस करती थीं, उसका महज छह माह के भीतर ही तबादला क्यों किया गया?' 

राज्य की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच कहती हैं, "सरकार को इतनी जल्दी तबादला नहीं करना चाहिए, यह बात सही है कि कई बार प्रशासन को दबाव में काम करना होता है, हो सकता है कि वह अफसर किसी के लिए रोड़ा बन रहा हो और दबाव के चलते सरकार को उसका तबादला करना पड़ा हो, मगर तिवारी के तबादले से संदेश तो यही जा रहा है कि सरकार की नीयत सही नहीं है।"

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कटनी पुलिस अधीक्षक तिवारी के तबादले को 'सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया' करार दिया है। इस पर पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय वाते कहते हैं, "तबादलों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश है कि दो साल से पहले तबादले न किए जाएं और किए जाएं तो कारण बताया जाए। तिवारी के तबादला आदेश के साथ कारण भी बताया जाना चाहिए। अगर इसी तरह प्रशासनिक प्रक्रिया बताकर छह-छह माह में तबादले होते रहे तो प्रशासन व शासन का तो भगवान ही मालिक है।"

तिवारी इकलौते ऐसे अधिकारी नहीं हैं, जो नियम-सम्मत काम कर रहे थे, और उससे कुछ लोग प्रभावित हुए तो उनका तबादला किया गया। इससे पहले बीते साल शाजापुर के तत्कालीन जिलाधिकारी राजीव शर्मा को सिर्फ इसलिए हटाया गया, क्योंकि उन्होंने जनहित की कई योजनाएं शुरू कर दी थीं, जिसके चलते क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के दरवाजे पर लगने वाली भीड़ कम हो गई थी।

शर्मा ने शाजापुर में रहते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए खास कदम उठाए। इतना ही नहीं, आमजन को होने वाली समस्या को फेसबुक में दर्ज कराने का अभियान चलाया, जिसमें यह व्यवस्था थी कि शिकायत आते ही उस पर बगैर समय गंवाए निराकरण के प्रयास किए जाएं। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने की बजाय फेसबुक से शिकायत दर्ज कराने लगे। इससे जहां समस्या का जल्द से जल्द निराकरण हुआ, वहीं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा। 

प्रशासन की जनता को बेहतर सुविधा देने की पहल से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को लगा कि उनकी अहमियत घटने लगी है, क्योंकि जिस काम के लिए आमजन को उनके दरबार में आना चाहिए, उसके लिए वे फेसबुक का सहारा ले रहे हैं। बदलते हालात से परेशान नेताओं ने सरकार पर दबाव बनाकर शर्मा का तबादला करा दिया। शर्मा के तबादले के विरोध में जनता भी सड़कों पर उतरी, कई दिन प्रदर्शन चले।

इसी तरह नरसिंहपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी सी.बी. चक्रवर्ती का तबादला भी इसलिए किया गया, क्योंकि वे जनता के हिमायती बन गए थे। उनके तबादले के विरोध में भी सड़कों पर लेाग उतरे थे। नीमच में जिलाधिकारी रहे नंद कुमारम् का भी तबादला इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने अंतर्राज्यीय बैरियर पर अवैध परिवहन पर रोक लगा दी थी। 

इन चार अफसरों के तबादलों ने सरकार की छवि पर आंच आई है। लोगों में संदेश यही गया है कि 'सरकार को नियम और कानून के मुताबिक जनता के लिए काम करने वाले अफसर पसंद नहीं है।'

इतना ही नहीं, जनता ने सड़कों पर उतरकर तबादलों का विरोध किया और सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। अब देखना है कि सुशासन का दावा करने वाली सरकार जनता के बीच जा रहे नकारात्मक संदेश से अपनी 'फेस सेविंग' कैसे करती है। 

हवाला कारोबारी के साथ शिवराज सिंह और उनके मंत्री की एक साथ फोटो से मचा हडकंप

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भोपाल, 12 जनवरी: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनके मंत्री संजय पठान के साथ एक हवाला कारोबारी सतीश सरावगी की फोटो मिलने से हडकंप मच गया है और मध्य प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। 

इस तस्वीर के आधार पर कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश के कटनी जिले में हुए पांच सौ करोड़ रुपये के हवाला कारोबार के एक आरोपी सतीश सरावगी की सत्ता के गलियारों में गहरी पैठ रही है। विपक्षी कांग्रेस ने इस बात का खुलासा गुरुवार को एक तस्वीर जारी कर किया। इस तस्वीर में सरावगी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व लघु, मध्यम व सूक्ष्म उद्योग राज्यमंत्री संजय पाठक के साथ खड़ा है। मंत्री पाठक ने इस तस्वीर को वर्ष 2014 में हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे के बाद जश्न के समय का होना स्वीकारा है। 

पिछले दिनों कटनी जिले में हुए हवाला कारोबार का तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी की अगुवाई में खुलासा हुआ था। इस मामले में कई रसूखदारों के नाम आए, जिसमें सरावगी बंधु के नाम भी थे। पुलिस मामले की जांच कर रही थी, इसी बीच बीते सोमवार को तिवारी का तबादला कर दिया गया। इस तबादले की वजह राजनीतिक दबाव मानी जा रही है। 

कटनी का हवाला मामला चर्चाओं में है और तिवारी के तबादले की वजह राजनीतिक दबाव को माना जा रहा है। इसी बीच कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को एक तस्वीर जारी की, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाईं ओर संजय पाठक (कुर्ता-पजामा पहने) व दाईं ओर सतीश सरावगी (हाफ शर्ट पहने) खड़े हैं। इस तस्वीर से पाठक और सरावगी की नजदीकियां भी जाहिर होती हैं। 

इस तस्वीर को लेकर आईएएनएस ने पाठक से चर्चा की तो उन्होंने कहा, "कटनी छोटा शहर है और यहां सभी एक-दूसरे से परिचित होते हैं। यहां सभी पारिवारिक भाव से रहते हैं, जहां तक सरावगी के साथ तस्वीर की बात है, वह तस्वीर वर्ष 2014 के उपचुनाव के नतीजे आने के बाद की है, जब मुख्यमंत्री जीत पर धन्यवाद जताने आए थे।" 

कांग्रेस ने CM शिवराज के खिलाफ FM जेटली को लिखा खत

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भोपाल, 10 जनवरी: मध्यप्रदेश के कटनी जिले के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के तबादले को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोलते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने हवाला कारोबार में घिरे अपने एक मंत्री को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने मंगलवार को जेटली को लिखे खत में कहा है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठ नवंबर 2016 को लागू की गई नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचारियों ने देशभर में कालेधन को सफेद करने का खेल जमकर खेला है। भाजपा के शासन वाले मध्यप्रदेश में भी इस तरह का गोरखधंधा जमकर फला और फूला है। इस तरह के कई प्रमाण सामने आए हैं।"

यादव ने अपने पत्र में कटनी में उजागर हुए हवाला कारोबार का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है, "कटनी जिले में पुलिस की शुरुआती जांच में 500 करोड़ रुपयों से ज्यादा का एक घोटाला सामने आया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि हवाला कारोबारियों, बैंक व बैंक अफसरों की सांठगांठ से नोटबंदी के बाद कटनी में पुराने नोटों की अदला-बदली का बड़ा घोटाला हुआ। पुलिस की जांच में कई प्रभावशाली चेहरे सामने आए।"

यादव ने पत्र में आरोप लगाया है कि कटनी पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को जांच में यह प्रमाण मिल गए थे कि इस काले कारोबार के पीछे शिवराज सरकार का एक मंत्री है। इस पर पुलिस अधीक्षक तिवारी पर दवाब बनाया गया। जब दवाब काम नहीं आया तो सोमवार को उनका तबादला कर दिया गया। हैरान करने वाली बात यह रही कि छह महीने पहले ही इस अधिकारी को कटनी में पदस्थ किया गया था। 

यादव ने जेटली से कटनी मामले की जांच वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली किसी प्रमुख एजेंसी से कराने की मांग की है।