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2000 के नोटों की फोटोकॉपी करके बना रहे थे नकली नोट, प्रिंटर और स्कैनर के साथ 2 लोग गिरफ्तार

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Photo Credit ANI 
शहडोल, 18 दिसंबर: मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में दो हजार के नोट की रंगीन फोटो कॉपी बाजार में चलाने की कोशिश करने के जुर्म में रविवार को दो युवकों को गिरफ्तार किया गया। बुढ़ार थाने के प्रभारी प्रफुल्ल राय ने आईएएनएस को बताया कि रवि गुप्ता और अमित राय ने मिलकर दो हजार के नए नोट को स्कैन करके रंगीन फोटो कॉपी करवा ली। इसके बाद अमित ने अपनी कार में फोटो कॉपी वाले नोट से पेट्रोल भरा लिया। बाद में संदेह होने पर पेट्रोल पंप कर्मियों ने पुलिस को सूचना दी।

उन्होंने बताया कि इस मामले में रवि व अमित दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही फोटो कॉपी मशीन भी जब्त कर ली गई है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने एक ही रंगीन फोटो कॉपी बनाई थी और उसे चलाने की कोशिश में वे पकड़े गए।

CM शिवराज ने कहा ‘मैं राहुल गाँधी को सीरियसली लेता ही नहीं’, मोदीजी मोदीजी हैं और राहुल..??

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New Delhi, 15 December: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि ना तो राहुल गाँधी को कोई सीरियसली लेता है और ना ही उनकी बातों पर भरोसा करता है इसलिए वे कुछ भी कहें उनकी बातों से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। 

ANI से बात करते हुए शिवराज सिंह ने कहा 'मुझे सबसे बड़ी तकलीफ तो ये है कि राहुल गाँधी को इस देश कोई कोई सीरियसली लेता ही नहीं है, उनकी बातों में कोई गंभीरता होती ही है, कौन उनकी बातों को सीरियसली लेता है, हम उनकी किस बात का जवाब दें। 

शिवराज सिंह ने कहा - जहाँ तक प्रधानमंत्री मोदी का सवाल है तो इस देश की जनता उनसे खुश है, वे निष्काम कर्मयोगी हैं, देशभक्त हैं और वे सिवाय देश का भला करने के कुछ नहीं सोचते, उनका व्यक्तित्व इतना विशाल है, उनके काम इतने अच्छे हैं कि सारा देश आँखें बंद करके उनके पीछे खड़ा है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि चमत्कारिक नेता की बनती जा रही है इसलिए विपक्षी पार्टियों के नेता उनसे परेशान हैं इसलिए उनपर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे राहुल गाँधी के आरोपों का जवाब नहीं देंगे क्योंकि उन्हें मैं सीरियसली लेता ही नहीं, कहाँ मोदी और कहाँ राहुल गाँधी। 

शिवराज सिंह ने 11 वर्षों में मध्य प्रदेश को बीमारू से बना दिया खुशहाल राज्य, मनाया गया जश्न

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भोपाल, 29 नवंबर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल के 11 वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूरे प्रदेश में जश्न मनाया, और इस दौरान सभी 56 संगठनात्मक जिलों के 756 मंडलों से लेकर प्रदेश के 62926 मतदान केंद्रों तक हितग्राही सम्मलेन, रचनात्मक कार्यक्रम एवं घर-घर दीपोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए गए। भाजपा द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, मंगलवार को संगठन की विभिन्न इकाइयों ने विविध कार्यक्रम आयोजित कर शिवराज के 11 वर्ष के कार्यकाल का जश्न मनाया। 

प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान ने बिरसा मुंडा नगर में आयोजित हितग्राही सम्मेलन में कहा कि मध्य प्रदेश कभी बीमारू राज्य कहा जाता था, लेकिन आज शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में देश का खुशहाल राज्य बन चुका है।

उन्होंने कांग्रेस के राज की याद दिलाते हुए कहा, "कांग्रेस के जमाने में दीपावली के दिन भी बिजली नसीब नहीं होती थी और मंगलवार को मध्य प्रदेश के 50 हजार गांव 24 घंटे बिजली से रौशन हो उठे हैं। कांग्रेस के राज में सरकार की तिजोरी सिर्फ अमीरों के लिए खुली रहती थी, लेकिन आज शिवराज सिंह की तिजोरी आम गरीब जनता के लिए खुली है और इसलिए गरीब को एक रुपये प्रति किलोग्राम गेंहू, चावल, नमक मिल रहा है।"

सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री कौशल विकास, मजदूरी प्रशिक्षण, कंप्यूटर प्रशिक्षण, लाडली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री आवास, युवा उद्यमी सहित विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों का पुष्पहारों से सम्मान किया। 

भाजपा की तरफ से राजधानी के नरेंद्र देव नगर में आयोजित हितग्राही सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसमूह से आग्रह किया कि वे 11 वर्षो के विकास की योजनाओं पर अपनी राय देकर मन की बात मुखरित करें। हितग्राही सम्मेलन में उन्होंने न तो माला पहनी और न स्वागत सत्कार की औपचारिकताएं कबूली। प्रदेश शासन के मंत्री विश्वास सारंग ने सम्मेलन का संचालन किया। 

मुाख्यमंत्री चौहान ने आश्वस्त किया, "प्रदेश में रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा कोई भी रुग्ण व्यक्ति अभाव के कारण उपचार से वंचित नहीं रहेगा, और उसे गंभीर से गंभीर बीमारी में असहाय महसूस नहीं होना पड़ेगा। सरकार के द्वार मदद के लिए खुले हुए हैं।"

भाजपा महिला मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री चौहान के कार्यकाल के 11 वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश कार्यालय पं. दीनदयाल परिसर में रंगोली बनाकर दीप प्रज्जवलित किया गया। महिलाओं ने भजन मंडलियों द्वारा सांस्कृतिक संध्या आयोजित कर चौहान के सफल कार्यकाल की मंगल कामना की। इस तरह भारतीय जनता युवा मोर्चा ने भी कई कार्यक्रम आयोजित किए।

राजधानी के अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में भी भाजपा की ओर से विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री चौहान के 11 वर्ष के कार्यकाल का गुणगान किया। 

AAP ने शिवराज सिंह पर भी लगाया 10 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप, SIT जांच की मांग

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भोपाल, 18 नवंबर: दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की मध्यप्रदेश इकाई ने कथित तौर पर सहारा समूह द्वारा दो किस्तों में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री कार्यालय के उप-सचिव नीरज वशिष्ठ के माध्यम से 10 करोड़ रुपये दिए जाने के मामले की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की है। आप के मप्र संयोजक आलोक अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में आयकर विभाग द्वारा सहारा समूह के यहां से छापे के दौरान 22 नवंबर, 2014 को बरामद किए गए दस्तावेजों को सार्वजनिक किया। उन्होंने बताया कि यह दस्तावेज पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के जरिए मिले हैं।

आयकर विभाग के दस्तावेजों के आधार पर अग्रवाल ने कहा, "राज्य के मुख्यमंत्री चौहान को 29 सितंबर 2013 और एक अक्टूबर, 2013 को मुख्यमंत्री कार्यालय के उप-सचिव नीरज वशिष्ठ के जरिए पांच-पांच करोड़ की दो किस्तें मिली हैं। यह राशि सहारा ने क्यों और किस काम के बदले में दी है, चौहान इस बात का खुलासा करें।"

अग्रवाल का दावा है, "आयकर विभाग के जो दस्तावेज उन्हें मिले हैं, उन पर विभाग की डिप्टी डायरेक्टर अंकिता पांडेय के हस्ताक्षर हैं। ये दस्तखत वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के आग्रह पर कराई गई फॉरेंसिक जांच में भी सही पाए गए हैं।"

अग्रवाल ने आगे कहा, "एक तो चौहान को इस बात का जवाब देना चाहिए कि ये 10 करोड़ रुपये उन्होंने सहारा समूह से किस काम के लिए लिए। इस मामले की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में एसआईटी जांच होनी चाहिए।"

आप के आरोपों को लेकर आईएएनएस ने जब मुख्यमंत्री आवास के उप-सचिव वशिष्ठ से संपर्क किया, तो वह एक आवश्यक बैठक में थे। इसलिए वह अपनी बात नहीं कह पाए। 

अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश वह राज्य है जो व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के कारण पूरे देश में चर्चाओं में रहा है। इस अनोखे घोटाले से जुड़े 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। नौजवानों की एक पीढ़ी बर्बाद हो चुकी है और शिक्षा मंत्री तक को जेल जाना पड़ा है। 

उन्होंने कहा कि अब नया घपला सामने आया है। आयकर विभाग की यह शीट व्यापमं घोटाले की शीट की याद ताजा कर रही है। भ्रष्टाचार मिटाने का दावा कर रही भाजपा के पास इसका क्या जवाब है?

इंदौर में 4 नोट बदलू दलाल गिरफ्तार, 35 लाख बरामद

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इंदौर, 17 नवंबर: मध्यप्रदेश के इंदौर में पुराने नोटों को बदलवाने का ठेका लेने वाले दलाल सक्रिय हो गए हैं। पुलिस ने गुरुवार को एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उससे 35 लाख रुपये से ज्यादा की रकम बरामद की। इंदौर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रूपेश कुमार द्विवेदी ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया, "एक महिला सहित चार लोगों ने तीन कारोबारियों को नोट बदलवाने की जिम्मेदारी लेने का झांसा देकर उनसे 35 लाख रुपये ठग लिए। ठगी की शिकायत आने पर बुधवार की शाम चारों आरोपियों को 35 लाख रुपये के पुराने नोटों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।"

पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक गिरोह के चार सदस्यों को तीन लोगों ने 35 लाख के पुराने नोट बदलवाने का काम दिया। सौदा 10 फीसदी कमीशन पर तय हुआ था। मगर ठगों ने रकम हासिल करने के बाद नोट बदलवाने में टाल-मटोली की और धमकाने लगे। 

ठगी की शिकायत राउ थाने पहुंचने पर पुलिस ने दबिश देकर चारों को गिरफ्तार कर लिया और रकम बरामद कर ली। 

बजरंग दल कार्यकर्त्ता दीपक कुशवाहा की हत्या के बाद लगाए गए कर्फ्यू में दी गयी ढील

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विदिशा, 15 नवंबर: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में बजरंग दल नेता दीपक कुशवाहा की हत्या के बाद रविवार को भड़की हिंसा के बाद लगाए गए कर्फ्यू में मंगलवार को तीन घंटे की ढील दी गई है। कर्फ्यू में मिली ढील के चलते लोग जरूरत के सामान की खरीदारी में लगे हैं। वहीं सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। 

ज्ञात हो कि शनिवार की दोपहर को बक्सरिया क्षेत्र में बजरंग दल नेता दीपक कुशवाहा की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद भड़की हिंसा में कई मकान, दुकान व वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने रविवार को कोतवाली थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया था, जो सेामवार को पूरे दिन जारी रहा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव सिंह ने आईएएनएस को बताया, "हालात में सुधार आने पर मंगलवार सुबह नौ बजे से 12 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है, ताकि लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद सकें। दोपहर बाद हालात की एक बार फिर समीक्षा होगी और उसके बाद आगे क्या किया जाए इसका फैसला होगा।"

कर्फ्यू में मिली ढील के बाद कोतवाली थाना क्षेत्र की दुकानें खुली हुई हैं और लोग जरूरत का ज्यादा से ज्यादा सामान खरीदने में लगे हैं। वहीं सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, जो गश्त लगा रहे हैं। 

कांग्रेस ने उठाये सवाल, नए नोटों पर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर कैसे?

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इंदौर, 14 नवंबर: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पार्टी के मध्यप्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर सवाल उठाया कि नए नोट छापने की प्रक्रिया छह महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि अगर यह सही है तो नए नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल के दस्तखत कैसे हैं, जबकि उन्होंने यह जिम्मेदारी इसी साल सितंबर में संभाली है।

मध्यप्रदेश के नेपानगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने से पहले इंदौर पहुंचे मोहन प्रकाश ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "500 और 1,000 रुपये की नोटबंदी के मद्देनजर नए नोट लाने की प्रक्रिया छह माह पहले से चलाने का दावा किया जा रहा है, मगर इन नोटों पर आरबीआई के गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल के दस्तखत कैसे हैं, जबकि पटेल ने नौवें महीने (सितंबर) में यह जिम्मेदारी संभाली है।"

मोहन प्रकाश ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश यात्राएं करने वाले उद्योगपतियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि कालेधन के जो दोषी हैं, वे तो प्रधानमंत्री के साथ विदेशों में घूमते हैं और देश का मेहनतकश, गरीब आदमी कई दिनों से समस्याएं झेल रहा है। उनके पास खाना खाने तक के पैसे नहीं हैं।

भोपाल में अलग-अलग पहचानपत्र पर 8 हजार के नोट बदलवा लिए

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भोपाल, 11 नवंबर: अमान्य किए गए 500 व 1000 रुपये के नोटों को बदलने की सीमा चार हजार रुपये तक है, मगर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक व्यक्ति ने शुक्रवार को अलग-अलग पहचानपत्र दिखाकर एक ही दिन में दो बैंकों से चार-चार हजार, यानी कुल आठ हजार के पुराने नोट बदलवा लिए। एक निजी समाचार चैनल ने यह खुलासा किया। सरकार का बनाया नियम तोड़ने वाले इस व्यक्ति का नाम डिम्पल विश्वकर्मा है। उसने कहा, "नियम तो पता है, लेकिन मुझे ज्यादा रकम की जरूरत थी।" 

विश्वकर्मा ने निजी समाचार चैनल के सामने खुलासा किया कि एक बैंक से उसने मतदाता पहचानपत्र दिखाकर चार हजार के पुराने नोट बदलवाए और दो-दो हजार के नए नोट पाए। इसके बाद वह दूसरे बैंक में पहुंचा और दूसरे पहचानपत्र पर फिर चार हजार के पुराने नोट बदलवा लिए। उसे दोनों बैंकों में नोट बदलवाने में लगभग डेढ़ घंटे लगे। 

सरकार ने 500-1000 के नोट बंद करने के बाद एटीएम से एक दिन में दो हजार रुपये निकालने और चार हजार के पुराने नोट बदलवाने तथा चेक से एक दिन में 10 हजार रुपये निकालने का नियम बनाया था। लेकिन भोपाल के एक ग्राहक ने एक दिन में चार हजार रुपये से ज्यादा के पुराने नोट बदलकर यह साबित कर दिया है कि यह नियम कितना कच्चा है। 

व्यापम घोटाले में CBI को मिली बड़ी कामयाबी, 5 जगह दबिश, करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले

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भोपाल, 4 नवंबर: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज सहित पांच स्थानों पर दबिश दी। इस दौरान दो करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए। व्यापमं चिकित्सा महाविद्यालयों सहित व्यावसायिक पाठ्यक्रम में दाखिले और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरी की परीक्षा आयोजित करता है। परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद इस मामले की जांच जुलाई, 2015 को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई को सौंपी गई थी।

सीबीआई ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए भोपाल के बैरागढ़ क्षेत्र में स्थित चिरायु चिकित्सा महाविद्यालय के साथ चार अन्य स्थानों पर दबिश दी। यह कार्रवाई चिकित्सा महाविद्यालय में साजिश रचकर एमबीबीएस की सीटें भरे जाने की शिकायत पर की गई।

सीबीआई ने पांच स्थानों पर तलाशी अभियान चलाए जाने की पुष्टि के साथ दो करोड़ रुपये की संपत्ति और दस्तावेज बरामद किए जाने की पुष्टि की है। 

सीबीआई सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2011 में हुई पीएमटी में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में सरकारी कोटे की 67 सीटें थीं, जिन्हें चिकित्सा शिक्षा निदेशक द्वारा मेरिट के आधार पर विभिन्न छात्रों को आवंटित कर दी गई, लेकिन 47 सीटों को कॉलेज प्रबंधन द्वारा अंतिम तारीख 30 सितंबर को खाली दर्शाते हुए, बिना काउंसलिंग के स्वयं भर लिया।

भोपाल जेल से SIMI आतंकियों के भागने और एनकाउंटर की न्यायिक जांच को शिवराज सिंह तैयार

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भोपाल, 4 नवंबर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकियों के फरार होने और बाद में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की न्यायिक जांच कराने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार रात घोषणा की। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, न्यायिक जांच मप्र उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एस़ के. पांडे करेंगे। जस्टिस पांडे सिमी के आतंकियों के जेल से भागने और उसके बाद हुई मुठभेड़ से जुड़े सभी बिंदुओं की जांच करेंगे।

ज्ञात हो कि दिवाली की रात सिमी के आठ आतंकी प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। फरार होने के आठ घंटे बाद ही सभी को शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पुलिस के संयुक्त दल ने मुठभेड़ में मार गिराया था। 

न्यायिक जांच से पूर्व इस घटना की जांच का जिम्मा राज्य सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे को सौंपा था, वहीं मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने का ऐलान किया था। 

बड़ा खुलासा, भोपाल जेल में भगवान भरोसे थी सुरक्षा, कैसी ही निभा रहे थे चौकीदार की भूमिका

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भोपाल, 2 नवंबर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के केंद्रीय कारागार में कैद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा को वरिष्ठ अधिकारियों ने नजरअंदाज किया और उसी का नतीजा रहा दिवाली की रात की घटना। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह खुलासा कर चौंका दिया कि "भोपाल केंद्रीय जेल में जो काम प्रहरी को करना चाहिए, वह कैदी निभा रहे हैं।" इन खुलासों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को केंद्रीय कारागार का निरीक्षण किया। इससे पहले सात शवों को मंगलवार रात विभिन्न स्थानों पर दफना दिया गया। 

दिवाली की रात सिमी के आठ विचाराधीन कैदी प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। फरारी के आठ घंटे बाद सभी आठों को शहर से कुछ किलोमीटर दूर पुलिस के संयुक्त दल ने मुठभेड़ में मार गिराया था।

तत्कालीन अतिरिक्त महानिरीक्षक (जेल) जी़ क़े अग्रवाल ने बुधवार को संवाददाताओं के साथ चर्चा में स्वीकार किया कि उन्होंने 2013 में ही मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिसमें जेल व्यवस्था का मुद्दा शामिल था। इस पत्र में उन्होंने कहा था, "जेल में कोई घटना नहीं हो रही है, तो यह न माना जाए कि सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता है। यह तो सिर्फ भगवान की कृपा है, भगवान हमेशा मदद करता रहेगा, ऐसा नहीं है।"

अग्रवाल ने यह पत्र वर्ष 2013 में खंडवा जेल से सिमी कार्यकर्ताओं के फरार होने के बाद लिखा था। खंडवा की घटना के लिए उन्होंने जेल मुख्यालय को जिम्मेदार ठहराया था। 

अग्रवाल ने कहा था, "भोपाल केंद्रीय कारागार का हाल यह है कि यहां जो काम प्रहरी को करना चाहिए, वह कैदी निभा रहे हैं। इससे आगे वह कुछ भी कहना नहीं चाहते।" अग्रवाल ने इस पत्र की प्रति एनएसए और आईबी प्रमुख को भी भेजी थी।

इसके अलावा एक अन्य अधिकारी को भी सिमी सदस्यों की अप्रिय हरकतों की आशंका थी, इसलिए विभागीय अधिकारियों ने जेल प्रशासन को सिमी के विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा के संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। 

सूत्रों ने कहा, "गत माह अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) सुशोभन बनर्जी ने जेल की सुरक्षा और सिमी के विचाराधीन कैदियों पर खास नजर रखने के निर्देश दिए थे। उनकी ओर से दिए गए निर्देशों में साफ कहा गया था कि जिन बैरकों में सिमी के विचाराधीन कैदी हैं, उनके ताले बदल-बदलकर इस्तेमाल किए जाएं। इतना ही नहीं अफसर भी इन चीजों की लगातार निगरानी करें।"

सूत्रों के अनुसार, बनर्जी ने जेल अधीक्षक को अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि सिमी के विचाराधीन कैदियों पर खास ध्यान रखा जाए और उनकी मुलाकातों पर बंदिश लगाई जाए। इसके साथ ही पूर्व के निर्देशों पर अमल किया जाए, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। 

भोपाल जेल की सुरक्षा को लेकर जारी निर्देशों में कहा गया था कि बैरक के बंदियों की अदला-बदली की जाए, बाहरी दीवार के आसपास गश्त बढ़ाई जाए और झाड़ियां काटकर हटाई जाएं।

सूत्रों का कहना है कि विभागीय अधिकारी द्वारा जारी अलर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय से विशेष सुरक्षा बलों की मांग जरूर की गई और बंदियों से मुलाकात पर रोक लगाई गई, मगर शेष निर्देशों पर अमल नहीं हुआ।

भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी ने भी माना है कि सिमी के विचाराधीन कैदियों ने प्लास्टिक और लकड़ी की चाबियों के सहारे बैरक के ताले खोले थे। अगर ताले बदलने के निर्देशों पर अमल किया गया होता तो शायद तालों को खोलना संभव नहीं हो पाता और इसके अलावा सुरक्षा ड्यूटी पर अगर रमाशंकर व चंदन के अलावा कुछ और सुरक्षा प्रहरी तैनात होते और अधिकारियों ने निगरानी की होती तो बंदियों को जेल से भागना आसान नहीं होता। 

सूत्रों का कहना है कि सेना की सर्जिकल कार्रवाई के बाद जेल विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी ने भी शासन को जेल की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था। 

सिमी के विचाराधीन कैदियों के भागने की घटना के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जेल व्यवस्था का जायजा लिया। चौहान सुबह लगभग 11 बजे केंद्रीय कारागार पहुंचे और वहां की व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने जेल की व्यवस्था सुदृढ़ और चाक-चौबंद करने का अधिकारियों को निर्देश दिया।

इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान के साथ मुख्य सचिव बी.पी. सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला और पुलिस महानिदेशक (जेल) संजय चौधरी भी थे।

इससे पहले मंगलवार को सभी आठों सिमी कार्यकर्ताओं के शवों के पोस्टमार्टम करा गए। पोस्टमार्टम से पता चला कि चार के शरीर से गोली आर-पार हो गई थी, तो चार के शरीर में गोलियां पाई गईं। उसके बाद पांच के शव (महबूब, जाकिर, अमजद, अकील व सालिक) खंडवा से आए परिवारों को और एक उज्जैन के महिदपुर से आए माजिद के परिजनों को शव सौंप दिए गए। 

खंडवा में देर रात पांचों के शव दफना दिए गए। इस दौरान तनाव की स्थिति भी बनी। एक शव महिदपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। महाराष्ट्र के खालिद के शव को भोपाल के हलालपुर के कब्रिस्तान में दफनाया गया। इसके अलावा मुजीब का शव उसके परिजनों को सौंपा गया। 

सिमी आतंकियों के मारे जाने पर मानवाधिकार आयोग ने रपट मांगी

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नई दिल्ली, 1 नवंबर: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कथित मुठभेड़ में सिमी के आठ आतंकियों के मारे जाने पर मध्य प्रदेश सरकार से विस्तृत रपट मांगी है। रपट छह हफ्ते के अंदर देनी है। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, महानिदेशक (कारागार) और महानिरीक्षक (कारागार) को नोटिस भेजा है।

एनएचआरसी ने एक बयान में कहा है, "आयोग ने भोपाल केंद्रीय कारागार से सिमी के आठ विचाराधीन कैदियों के भागने और उन्हें मारे जाने की मीडिया रपट का खुद से संज्ञान लिया है।"

सिमी के सभी आठ आतंकियों को भोपाल के बाहरी इलाके में सोमवार को मार गिराया गया था। पुलिस का कहना है कि ये सभी प्लेट और चम्मच की मदद से एक पुलिस प्रहरी की हत्या कर फरार हुए थे और इन्होंने जेल का ताला टूथब्रश और लकड़ी की मदद से खोला था।

पुलिस का कहना है कि जब इन्हें घेरा गया और इनसे समर्पण के लिए कहा गया, तो उस वक्त ये सभी हथियारों से लैस थे।

घटना के सिलसिले में पांच जेल अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

बब्बर शेर और टाइगर दिखे एक साथ, मोदी ने याद रखने के लिए खींची तस्वीर

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Naya Raipur, 1 October: प्रधानमंत्री मोदी ने आज नया रायपुर ने नंदन वन जंगल सफारी का उद्घाटन किया और इस मौके पर उन्होंने स्वयं भी काफी लुत्फ़ उठाया, मोदी ने स्वयं अपने कैमरे से टाइगर की की फोटो खींची ताकि इस मुलाक़ात को याद रखा जा सके। 

इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी उपस्थित थे और उन्होंने मोदी को टाइगर की सीनरी भेंट की, उद्घाटन करने के बाद मोदी स्यवं नंदन वन में गए और टाइगर के पिंजरे के सामने रुक गए, इसके बाद वे कुछ देर तक टाइगर को देखते रहे और उसके बाद कैमरा उठाकर टाइगर की फोटो खींचने लगे। 

बाद में मोदी ने इस फोटो को ट्विटर पर शेयर किया और कहा 'याद रखने के लिए हमने यह फोटो खींची'

लानत है ऐसे नेताओं पर, ये शहीदों के लिए एक भी शब्द नहीं बोलते, ये आतंकियों के लिए बोलते हैं

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Bhopal, 1 November: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल जेल से फरार सिमी आतंकियों के एनकाउंटर को फर्जी बताने वाले नेताओं और राजनीतिक पार्टियों पर करारा हमला बोला है, उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं पर भी लानत है और ऐसे राजनीति करने वालों पर भी लानत है, ये लोग शहीदों के लिए एक भी शब्द नहीं बोलते, ये केवल आतंकियों के लिए बोलते हैं।

शिवराज सिंह ने कहा कि भागने वाले कैदी खतरनाक आतंकवादी थे, ये बाहर जाकर पता नहीं कितना कहर बरपाते, लेकिन इनके लिए आसमान सर पर उठाने की कोशिश की जा रही है। 

जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे पूरी तरह से फर्जी बताया था, उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आतंकियों को भगाया गया है, जब आतंकियों का एनकाउंटर हो गया तो उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर किया गया है। 

दिग्विजय के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी इस घटना पर खूब छाती पीटी और एनकाउंटर को फेक बताते हुए कहा कि 'यह मोदी राज है, यहाँ पर सब कुछ फेक है, फेक एनकाउंटर, फेक केसेस आदि'। 

AIMIM चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने भी इस घटना को फेक बताया, उन्होंने कहा कि आतंकियों के पास कोई हथियार नहीं थे इसके बावजूद भी उन्हें मार दिया गया, पुलिस को उन्हें पकड़ना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 

इन सभी नेताओं ने आतंकियों के समर्थन में कई बातें कहीं लेकिन उस सिपाही के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा जिसे आतंकियों ने भागते वक्त मार डाला था। शायद इसीलिए शिवराज सिंह ने इन नेताओं की ऐसी तैसी कर दी।

जिस गाँव में हुआ आतंकियों का एनकाउंटर, लोग बोले 'आज हमारी असली दिवाली हो गयी, दुश्मन मारे गए'

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Bhopal, 1 November: फर्जी सेक्युलर नेताओं को आतंकियों के एनकाउंटर पर भले ही मिर्ची लग रही हो, भले ही केजरीवाल जैसे नेता छटपटा रहे हों, भले ही दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं की नींद खराब हो गयी हो, भले ही बिकाऊ मीडिया एनकाउंटर को फर्जी साबित करने के लिए अपनी छाती कूट रहे हों लेकिन जिस गाँव में एनकाउंटर हुआ वहां के लोग बहुत खुश हैं, उनका कहना है कि 'आज तो हमारी दिवाली हो गयी, हमारे सामने ही देश के दुश्मन ख़त्म कर दिए गए, हमारा दिन शुभ हो गया'।

भोपाल में सिमी के 8 खतरनाक आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पूरा मध्य प्रदेश खुश है, खासकर भोपाल के लोग अधिक खुश हैं और उनसे भी अधिक वे लोग खुश हैं जिन ग्रामीणों ने डेढ़ किलोमीटर पीछा करके आतंकियों को दौड़ाया और पुलिस को फोन करके उनका एनकाउंटर करने में मदद की, यही नहीं गाँव वालों ने इस आतंक के एनकाउंटर को अपनी ऑंखें से लाइव देखा और आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस, बीजेपी सरकार और भारत माता की जय के नारे लगाये। 

यह वीडियो देखने के बाद कोई माई का लाल नहीं कह सकता कि यह एनकाउंटर फर्जी है, हालाँकि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और मुस्लिम नेता ओवैसी इस एनकाउंटर को फर्जी साबित करने की कोशिश में लगे हैं, सभी लोगों को लग रहा है कि आतंकियों से अगर ज़रा सी सहानुभूति जता देंगे तो उन्हें मुस्लिमों का वोट मिल जाएगा, इसलिए इस सही एनकाउंटर को गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस वीडियो ने साफ़ कर दिया है कि आतंकियों का एनकाउंटर सही था, इसीलिए गाँव वाले लोग, खासकर सरपंच बहुत खुश हैं। 

इस वीडियो में अणि के पत्रकार ने आतंकियों को पकडवाने वाले सरपंच का इंटरव्यू लिया है, सरपंच ने बताया कि उन्हें पुलिस ने सचेत रहने के लिए कहा था और उन्होंने अपने ख़ास लोगों से फोन पर बात की तो उन्हें कुछ संदिग्ध लोगों की सूचना मिली, उन्होंने गाडी निकाली और आतंकियों का पीछा करने लगे, उन्होंने सभी गाँव वालों को भी बुला लिया और आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया। 

इसके बाद पुलिस भी आ गयी और आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन आतंकी अपनी भाषा में नारे लगाने लगे, वे पुलिस वालों को ललकारने लगे, पुलिस वालों की हंसी उड़ाने लगे, पुलिस वालों पर पत्थर बरसाने लगे, इसके बाद पुलिस ने हवाई फायर किया। आतंकियों के अन्दर मरने का डर नहीं था। जब आतंकियों ने पुलिस की बात नहीं मानी तो पुलिस ने आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया। 

आतंकियों के एनकाउंटर के बाद गाँव वालों ने भारत माता की जय के नारे लगाए, वहां पर उस वक्त हजारों लोग इकठ्ठे हो गए थे, सभी पुलिस जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, आतंकी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। सरपंच ने कहा कि उनकी दिवाली आज ही मनी है क्योंकि आज देश के दुश्मनों का सफाया हुआ है। सरपंच की बातें सुनकर आपका भी सीना गर्व से फूल सकता है। 

यह वीडियो देख लें तो SIMI एनकाउंटर पर शक करने वाले 'फर्जी सेक्युलर नेता' शर्म से डूब मरेंगे

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Photo and Video Credit: ANI
Bhopal, 1 November: भोपाल में सिमी के 8 खतरनाक आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पूरा मध्य प्रदेश खुश है, खासकर भोपाल के लोग अधिक खुश हैं और उनसे भी अधिक वे लोग खुश हैं जिन ग्रामीणों ने डेढ़ किलोमीटर पीछा करके आतंकियों को दौड़ाया और पुलिस को फोन करके उनका एनकाउंटर करने में मदद की, यही नहीं गाँव वालों ने इस आतंक के एनकाउंटर को अपनी ऑंखें से लाइव देखा और आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस, बीजेपी सरकार और भारत माता की जय के नारे लगाये। 

यह वीडियो देखने के बाद कोई माई का लाल नहीं कह सकता कि यह एनकाउंटर फर्जी है, हालाँकि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और मुस्लिम नेता ओवैसी इस एनकाउंटर को फर्जी साबित करने की कोशिश में लगे हैं, सभी लोगों को लग रहा है कि आतंकियों से अगर ज़रा सी सहानुभूति जता देंगे तो उन्हें मुस्लिमों का वोट मिल जाएगा, इसलिए इस सही एनकाउंटर को गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस वीडियो ने साफ़ कर दिया है कि आतंकियों का एनकाउंटर सही था, इसीलिए गाँव वाले लोग, खासकर सरपंच बहुत खुश हैं। 

इस वीडियो में अणि के पत्रकार ने आतंकियों को पकडवाने वाले सरपंच का इंटरव्यू लिया है, सरपंच ने बताया कि उन्हें पुलिस ने सचेत रहने के लिए कहा था और उन्होंने अपने ख़ास लोगों से फोन पर बात की तो उन्हें कुछ संदिग्ध लोगों की सूचना मिली, उन्होंने गाडी निकाली और आतंकियों का पीछा करने लगे, उन्होंने सभी गाँव वालों को भी बुला लिया और आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया। 

इसके बाद पुलिस भी आ गयी और आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन आतंकी अपनी भाषा में नारे लगाने लगे, वे पुलिस वालों को ललकारने लगे, पुलिस वालों की हंसी उड़ाने लगे, पुलिस वालों पर पत्थर बरसाने लगे, इसके बाद पुलिस ने हवाई फायर किया। आतंकियों के अन्दर मरने का डर नहीं था। जब आतंकियों ने पुलिस की बात नहीं मानी तो पुलिस ने आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया। 

आतंकियों के एनकाउंटर के बाद गाँव वालों ने भारत माता की जय के नारे लगाए, वहां पर उस वक्त हजारों लोग इकठ्ठे हो गए थे, सभी पुलिस जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, आतंकी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। सरपंच ने कहा कि उनकी दिवाली आज ही मनी है क्योंकि आज देश के दुश्मनों का सफाया हुआ है। सरपंच की बातें सुनकर आपका भी सीना गर्व से फूल सकता है। 

आतंकी भागें तो भी कांग्रेस को परेशानी, मारे जाएं तो भी परेशानी, क्या बैठाकर कबाब खिलाते रहें?

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यह सवाल आज पूरा देश कांग्रेस से पूछ रहा है। जब आतंकी बॉर्डर पर मारे जाते हैं तो भी कांग्रेसियों को परेशानी होती है और कहते हैं कि घुसपैठ बढ़ रही है, जब जेल में बैठे आतंकी फरार हो जाते हैं तो भी कांग्रेस को परेशानी होती है और कहते हैं कि आतंकियों को भगा दिया। जब वही आतंकी मार दिए जाते हैं तो भी कांग्रेसियों को परेशानी होती है और कहते हैं कि 'निर्दोषों को मार दिया', अब सवाल यह है कि क्या आतंकियों को जेल में बिठाकर बिरयानी खिलाते रहें जैसे इन्होने कसाब, अफजल गुरु और यकूम मेनन को खिलाया था। 

कांग्रेसी नेता अपने आप में कंफ्यूज रहते हैं, उन्हें पता ही नहीं कि क्या बोलना है, कैसे बोलना है, किस तरह बोलना है, उन्हें सिर्फ वोटबैंक दिखता है, उन्हें पता है कि अगर सिमी के समर्थन में बोलेंगे तो मुस्लिम हमें वोट देंगे, इसलिए बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते हैं। 

आज भोपाल जेल में बहुत ही दुखद घटना घटी, सिमी के आठ आतंकी एक सिपाही को मारकर और एक को बंधक बनाकर जेल से फरार हो गए लेकिन कुछ ही देर बार उनका एनकाउंटर कर दिया, एनकाउंटर करना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि वे खतरनाक थे और एक सिपाही को मारकर भागे थे, अब कांग्रेस की राजनीति देखिये, इन लोगों को सिपाही की मौत की फिक्र नहीं है बल्कि सिमी के आतंकियों की चिंता है। ये कह रहे हैं कि सिमी के आतंकियों का एनकाउंटर फर्जी है। 

कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला का कहना है कि आतंकी एक साथ क्यों भागे, एक साथ क्यों पकडे गए, एक साथ एनकाउंटर कैसे हुआ, दिग्गी राजा का कहना है कि आतंकियों को जान बूझकर भगाया गया है और इन्हें आरएसएस और बजरंग दल ने भगाया है। मतलब मारे गए पुलिसवाले के लिए किसी ने ट्वीट नहीं किया, ये लोग जब आतंकी भागे तो भी सरकार को कोसना शुरू कर दिए और जब आतंकी मार दिए गए तो भी सरकार को कोसना शुरू कर दिए गए। धन्य हो कांग्रेसियों। 

सिमी आतंकियों के फरार होने की जांच NIA करेगी: शिवराज

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भोपाल, 31 अक्टूबर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी की केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकवादियों के फरार होने की घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने की घोषणा की है। ज्ञात हो कि रविवार देर रात भोपाल की केंद्रीय जेल से सिमी के आठ आतंकवादी एक प्रहरी की गला रेंतकर हत्या करके और एक अन्य को बंधक बनाने के बाद फरार हो गए थे, जिन्हें कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने राजधानी से 25 किलोमीटर दूर गुनगा थाना क्षेत्र के अचारपुरा के जंगल में मार गिराया।

राज्य के मुख्यमंत्री चौहान ने अपने आवास पर सोमवार को संवाददाताओं से चर्चा में आठों आतंकवादियों को मार गिराने की पुलिस की कार्रवाई की सराहना की, साथ ही आतंकवादियों के फरार होने की घटना को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा, "ये आतंकवादी सिर्फ राज्य के लिए ही नहीं, देश के लिए भी चिंता का विषय रहे हैं। इस मसले पर उनकी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा हुई है।" सिंह ने उनके (चौहान) अनुरोध पर आतंकवादियों के फरार होने की एनआईए से जांच कराने की बात कही है।

उन्होंने आगे कहा कि जेल के पांच अधिकारियों उप महानिरीक्षक, अधीक्षक, उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक और मुख्य जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) को उनके पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय में सलग्न कर दिया गया है। 

कांग्रेसियों का कहना है कि BJP ने जानबूझकर सिमी के 8 आतंकियों को भागने दिया और बाहर ठोंक दिया

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Bhopal, 31 October: सिमी के 8 फरार आतंकियों के एनकाउंटर से जहाँ देशवासियों और सोशल मीडिया पर ख़ुशी का माहौल है तो वहीँ पर विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस को एनकाउंटर पर विश्वास नहीं हो रहा है, सुबह कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार की आलोचना कर रहे थे, उन्हें फेल बता रहे थे, जैसे ही आतंकियों के एनकाउंटर की खबर मिली तो कांग्रेसी नेता एनकाउंटर को फर्जी बताकर जांच की मांग कर लगे। 

कांग्रेसी नेता इस एनकाउंटर पर शक जता रहे हैं, नेताओं का कहना है कि इस बात में सस्पेंस है कि 8 आतंकी एक साथ जेल से कैसे भागे और जेल से निकलने के बाद भी सभी अलग क्यों नहीं हुई, एक साथ उनका एनकाउंटर कैसे किया जा सकता है क्योंकि ज्यादातर कैदी भागने के बाद एक दूसरे से अलग हो जाते हैं लेकिन यहाँ पर अलग नहीं हुई है और एक साथ उनका एनकाउंटर किया गया।

कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला ने एन घटना के बाद ट्वीट की झड़ी लगा दी और एनकाउंटर पर सवाल उठा दिए, उन्होंने कहा कि कहीं यह एनकाउंटर जान बूझकर तो नहीं किया गया है, एक साथ सभी आतंकी क्यों फरार हुए, ये भागने के बाद अलग क्यों नहीं हुए। 



दिग्विजय सिंह ने भी आतंकियों के फरार होने पर शक जताते हुए कहा कि 'सरकारी जेल से भागे हैं या किसी योजना के तहत भगाये गये हैं ? जॉंच का विषय होना चाहिये। दंगा फ़साद ना हो प्रशासन को नज़र रखना पड़ेगा।

BREAKING NEWS: जेल से भागे थे SIMI के 8 आतंकी, पुलिस ने सभी का कर दिया एनकाउंटर, भेज दिया ऊपर

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भोपाल, 31 अक्टूबर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकी चादर के सहारे दीवार फांदकर भागने में सफल हो गए थे लेकिन पुलिस ने भोपाल सीमा पर ही सभी आतंकियों का एनकाउंटर का दिया और उन्हें सीधा ऊपर भेज दिया। 

फरार होने से पहले इन आतंकियों ने एक प्रहरी की हत्या कर दी और एक को बंधक बना लिया। पुलिस ने भोपाल की सभी सीमाओं को सील कर आतंकियों की तलाश तेज कर दी है। वहीं, पूरे प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है।

जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने दिवाली की रात को लगभग 12 से दो बजे के दरम्यान एक दरवाजे को तोड़ा और उसके बाद चादरों को रस्सी की तरह प्रयोग करके दीवार फांद कर फरार हो गए। 

भागने वाले आतंकियों पर देशद्रोह के मामले चल रहे हैं। 

राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय जेल भोपाल से रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात को सिमी के आठ आतंकियों ने एक प्रहरी की हत्या कर दी और एक अन्य को बंधक बनाने के बाद फरार हो गए। यह वारदात रात 12 से दो बजे के बीच हुए होने की आशंका हैं ।

उन्होंने आगे बताया कि भोपाल से जुड़ी सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। आतंकियों को पकड़ने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। 

सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान माना कि यह सुरक्षा में बड़ी चूक है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों ही जेल की सुरक्षा के निर्देश दिए थे, उसके बाद यह घटना होना चिंताजनक है।