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बजरंग दल कार्यकर्त्ता दीपक कुशवाहा की हत्या के बाद लगाए गए कर्फ्यू में दी गयी ढील

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विदिशा, 15 नवंबर: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में बजरंग दल नेता दीपक कुशवाहा की हत्या के बाद रविवार को भड़की हिंसा के बाद लगाए गए कर्फ्यू में मंगलवार को तीन घंटे की ढील दी गई है। कर्फ्यू में मिली ढील के चलते लोग जरूरत के सामान की खरीदारी में लगे हैं। वहीं सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। 

ज्ञात हो कि शनिवार की दोपहर को बक्सरिया क्षेत्र में बजरंग दल नेता दीपक कुशवाहा की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद भड़की हिंसा में कई मकान, दुकान व वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने रविवार को कोतवाली थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया था, जो सेामवार को पूरे दिन जारी रहा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव सिंह ने आईएएनएस को बताया, "हालात में सुधार आने पर मंगलवार सुबह नौ बजे से 12 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है, ताकि लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद सकें। दोपहर बाद हालात की एक बार फिर समीक्षा होगी और उसके बाद आगे क्या किया जाए इसका फैसला होगा।"

कर्फ्यू में मिली ढील के बाद कोतवाली थाना क्षेत्र की दुकानें खुली हुई हैं और लोग जरूरत का ज्यादा से ज्यादा सामान खरीदने में लगे हैं। वहीं सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, जो गश्त लगा रहे हैं। 

कांग्रेस ने उठाये सवाल, नए नोटों पर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर कैसे?

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इंदौर, 14 नवंबर: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पार्टी के मध्यप्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर सवाल उठाया कि नए नोट छापने की प्रक्रिया छह महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि अगर यह सही है तो नए नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल के दस्तखत कैसे हैं, जबकि उन्होंने यह जिम्मेदारी इसी साल सितंबर में संभाली है।

मध्यप्रदेश के नेपानगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने से पहले इंदौर पहुंचे मोहन प्रकाश ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "500 और 1,000 रुपये की नोटबंदी के मद्देनजर नए नोट लाने की प्रक्रिया छह माह पहले से चलाने का दावा किया जा रहा है, मगर इन नोटों पर आरबीआई के गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल के दस्तखत कैसे हैं, जबकि पटेल ने नौवें महीने (सितंबर) में यह जिम्मेदारी संभाली है।"

मोहन प्रकाश ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश यात्राएं करने वाले उद्योगपतियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि कालेधन के जो दोषी हैं, वे तो प्रधानमंत्री के साथ विदेशों में घूमते हैं और देश का मेहनतकश, गरीब आदमी कई दिनों से समस्याएं झेल रहा है। उनके पास खाना खाने तक के पैसे नहीं हैं।

भोपाल में अलग-अलग पहचानपत्र पर 8 हजार के नोट बदलवा लिए

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भोपाल, 11 नवंबर: अमान्य किए गए 500 व 1000 रुपये के नोटों को बदलने की सीमा चार हजार रुपये तक है, मगर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक व्यक्ति ने शुक्रवार को अलग-अलग पहचानपत्र दिखाकर एक ही दिन में दो बैंकों से चार-चार हजार, यानी कुल आठ हजार के पुराने नोट बदलवा लिए। एक निजी समाचार चैनल ने यह खुलासा किया। सरकार का बनाया नियम तोड़ने वाले इस व्यक्ति का नाम डिम्पल विश्वकर्मा है। उसने कहा, "नियम तो पता है, लेकिन मुझे ज्यादा रकम की जरूरत थी।" 

विश्वकर्मा ने निजी समाचार चैनल के सामने खुलासा किया कि एक बैंक से उसने मतदाता पहचानपत्र दिखाकर चार हजार के पुराने नोट बदलवाए और दो-दो हजार के नए नोट पाए। इसके बाद वह दूसरे बैंक में पहुंचा और दूसरे पहचानपत्र पर फिर चार हजार के पुराने नोट बदलवा लिए। उसे दोनों बैंकों में नोट बदलवाने में लगभग डेढ़ घंटे लगे। 

सरकार ने 500-1000 के नोट बंद करने के बाद एटीएम से एक दिन में दो हजार रुपये निकालने और चार हजार के पुराने नोट बदलवाने तथा चेक से एक दिन में 10 हजार रुपये निकालने का नियम बनाया था। लेकिन भोपाल के एक ग्राहक ने एक दिन में चार हजार रुपये से ज्यादा के पुराने नोट बदलकर यह साबित कर दिया है कि यह नियम कितना कच्चा है। 

व्यापम घोटाले में CBI को मिली बड़ी कामयाबी, 5 जगह दबिश, करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले

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भोपाल, 4 नवंबर: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज सहित पांच स्थानों पर दबिश दी। इस दौरान दो करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए। व्यापमं चिकित्सा महाविद्यालयों सहित व्यावसायिक पाठ्यक्रम में दाखिले और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरी की परीक्षा आयोजित करता है। परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद इस मामले की जांच जुलाई, 2015 को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई को सौंपी गई थी।

सीबीआई ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए भोपाल के बैरागढ़ क्षेत्र में स्थित चिरायु चिकित्सा महाविद्यालय के साथ चार अन्य स्थानों पर दबिश दी। यह कार्रवाई चिकित्सा महाविद्यालय में साजिश रचकर एमबीबीएस की सीटें भरे जाने की शिकायत पर की गई।

सीबीआई ने पांच स्थानों पर तलाशी अभियान चलाए जाने की पुष्टि के साथ दो करोड़ रुपये की संपत्ति और दस्तावेज बरामद किए जाने की पुष्टि की है। 

सीबीआई सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2011 में हुई पीएमटी में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में सरकारी कोटे की 67 सीटें थीं, जिन्हें चिकित्सा शिक्षा निदेशक द्वारा मेरिट के आधार पर विभिन्न छात्रों को आवंटित कर दी गई, लेकिन 47 सीटों को कॉलेज प्रबंधन द्वारा अंतिम तारीख 30 सितंबर को खाली दर्शाते हुए, बिना काउंसलिंग के स्वयं भर लिया।

भोपाल जेल से SIMI आतंकियों के भागने और एनकाउंटर की न्यायिक जांच को शिवराज सिंह तैयार

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भोपाल, 4 नवंबर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकियों के फरार होने और बाद में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की न्यायिक जांच कराने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार रात घोषणा की। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, न्यायिक जांच मप्र उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एस़ के. पांडे करेंगे। जस्टिस पांडे सिमी के आतंकियों के जेल से भागने और उसके बाद हुई मुठभेड़ से जुड़े सभी बिंदुओं की जांच करेंगे।

ज्ञात हो कि दिवाली की रात सिमी के आठ आतंकी प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। फरार होने के आठ घंटे बाद ही सभी को शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पुलिस के संयुक्त दल ने मुठभेड़ में मार गिराया था। 

न्यायिक जांच से पूर्व इस घटना की जांच का जिम्मा राज्य सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे को सौंपा था, वहीं मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने का ऐलान किया था। 

बड़ा खुलासा, भोपाल जेल में भगवान भरोसे थी सुरक्षा, कैसी ही निभा रहे थे चौकीदार की भूमिका

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भोपाल, 2 नवंबर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के केंद्रीय कारागार में कैद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा को वरिष्ठ अधिकारियों ने नजरअंदाज किया और उसी का नतीजा रहा दिवाली की रात की घटना। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह खुलासा कर चौंका दिया कि "भोपाल केंद्रीय जेल में जो काम प्रहरी को करना चाहिए, वह कैदी निभा रहे हैं।" इन खुलासों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को केंद्रीय कारागार का निरीक्षण किया। इससे पहले सात शवों को मंगलवार रात विभिन्न स्थानों पर दफना दिया गया। 

दिवाली की रात सिमी के आठ विचाराधीन कैदी प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। फरारी के आठ घंटे बाद सभी आठों को शहर से कुछ किलोमीटर दूर पुलिस के संयुक्त दल ने मुठभेड़ में मार गिराया था।

तत्कालीन अतिरिक्त महानिरीक्षक (जेल) जी़ क़े अग्रवाल ने बुधवार को संवाददाताओं के साथ चर्चा में स्वीकार किया कि उन्होंने 2013 में ही मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिसमें जेल व्यवस्था का मुद्दा शामिल था। इस पत्र में उन्होंने कहा था, "जेल में कोई घटना नहीं हो रही है, तो यह न माना जाए कि सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता है। यह तो सिर्फ भगवान की कृपा है, भगवान हमेशा मदद करता रहेगा, ऐसा नहीं है।"

अग्रवाल ने यह पत्र वर्ष 2013 में खंडवा जेल से सिमी कार्यकर्ताओं के फरार होने के बाद लिखा था। खंडवा की घटना के लिए उन्होंने जेल मुख्यालय को जिम्मेदार ठहराया था। 

अग्रवाल ने कहा था, "भोपाल केंद्रीय कारागार का हाल यह है कि यहां जो काम प्रहरी को करना चाहिए, वह कैदी निभा रहे हैं। इससे आगे वह कुछ भी कहना नहीं चाहते।" अग्रवाल ने इस पत्र की प्रति एनएसए और आईबी प्रमुख को भी भेजी थी।

इसके अलावा एक अन्य अधिकारी को भी सिमी सदस्यों की अप्रिय हरकतों की आशंका थी, इसलिए विभागीय अधिकारियों ने जेल प्रशासन को सिमी के विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा के संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। 

सूत्रों ने कहा, "गत माह अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) सुशोभन बनर्जी ने जेल की सुरक्षा और सिमी के विचाराधीन कैदियों पर खास नजर रखने के निर्देश दिए थे। उनकी ओर से दिए गए निर्देशों में साफ कहा गया था कि जिन बैरकों में सिमी के विचाराधीन कैदी हैं, उनके ताले बदल-बदलकर इस्तेमाल किए जाएं। इतना ही नहीं अफसर भी इन चीजों की लगातार निगरानी करें।"

सूत्रों के अनुसार, बनर्जी ने जेल अधीक्षक को अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि सिमी के विचाराधीन कैदियों पर खास ध्यान रखा जाए और उनकी मुलाकातों पर बंदिश लगाई जाए। इसके साथ ही पूर्व के निर्देशों पर अमल किया जाए, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। 

भोपाल जेल की सुरक्षा को लेकर जारी निर्देशों में कहा गया था कि बैरक के बंदियों की अदला-बदली की जाए, बाहरी दीवार के आसपास गश्त बढ़ाई जाए और झाड़ियां काटकर हटाई जाएं।

सूत्रों का कहना है कि विभागीय अधिकारी द्वारा जारी अलर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय से विशेष सुरक्षा बलों की मांग जरूर की गई और बंदियों से मुलाकात पर रोक लगाई गई, मगर शेष निर्देशों पर अमल नहीं हुआ।

भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी ने भी माना है कि सिमी के विचाराधीन कैदियों ने प्लास्टिक और लकड़ी की चाबियों के सहारे बैरक के ताले खोले थे। अगर ताले बदलने के निर्देशों पर अमल किया गया होता तो शायद तालों को खोलना संभव नहीं हो पाता और इसके अलावा सुरक्षा ड्यूटी पर अगर रमाशंकर व चंदन के अलावा कुछ और सुरक्षा प्रहरी तैनात होते और अधिकारियों ने निगरानी की होती तो बंदियों को जेल से भागना आसान नहीं होता। 

सूत्रों का कहना है कि सेना की सर्जिकल कार्रवाई के बाद जेल विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी ने भी शासन को जेल की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था। 

सिमी के विचाराधीन कैदियों के भागने की घटना के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जेल व्यवस्था का जायजा लिया। चौहान सुबह लगभग 11 बजे केंद्रीय कारागार पहुंचे और वहां की व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने जेल की व्यवस्था सुदृढ़ और चाक-चौबंद करने का अधिकारियों को निर्देश दिया।

इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान के साथ मुख्य सचिव बी.पी. सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला और पुलिस महानिदेशक (जेल) संजय चौधरी भी थे।

इससे पहले मंगलवार को सभी आठों सिमी कार्यकर्ताओं के शवों के पोस्टमार्टम करा गए। पोस्टमार्टम से पता चला कि चार के शरीर से गोली आर-पार हो गई थी, तो चार के शरीर में गोलियां पाई गईं। उसके बाद पांच के शव (महबूब, जाकिर, अमजद, अकील व सालिक) खंडवा से आए परिवारों को और एक उज्जैन के महिदपुर से आए माजिद के परिजनों को शव सौंप दिए गए। 

खंडवा में देर रात पांचों के शव दफना दिए गए। इस दौरान तनाव की स्थिति भी बनी। एक शव महिदपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। महाराष्ट्र के खालिद के शव को भोपाल के हलालपुर के कब्रिस्तान में दफनाया गया। इसके अलावा मुजीब का शव उसके परिजनों को सौंपा गया। 

सिमी आतंकियों के मारे जाने पर मानवाधिकार आयोग ने रपट मांगी

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नई दिल्ली, 1 नवंबर: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कथित मुठभेड़ में सिमी के आठ आतंकियों के मारे जाने पर मध्य प्रदेश सरकार से विस्तृत रपट मांगी है। रपट छह हफ्ते के अंदर देनी है। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, महानिदेशक (कारागार) और महानिरीक्षक (कारागार) को नोटिस भेजा है।

एनएचआरसी ने एक बयान में कहा है, "आयोग ने भोपाल केंद्रीय कारागार से सिमी के आठ विचाराधीन कैदियों के भागने और उन्हें मारे जाने की मीडिया रपट का खुद से संज्ञान लिया है।"

सिमी के सभी आठ आतंकियों को भोपाल के बाहरी इलाके में सोमवार को मार गिराया गया था। पुलिस का कहना है कि ये सभी प्लेट और चम्मच की मदद से एक पुलिस प्रहरी की हत्या कर फरार हुए थे और इन्होंने जेल का ताला टूथब्रश और लकड़ी की मदद से खोला था।

पुलिस का कहना है कि जब इन्हें घेरा गया और इनसे समर्पण के लिए कहा गया, तो उस वक्त ये सभी हथियारों से लैस थे।

घटना के सिलसिले में पांच जेल अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

बब्बर शेर और टाइगर दिखे एक साथ, मोदी ने याद रखने के लिए खींची तस्वीर

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Naya Raipur, 1 October: प्रधानमंत्री मोदी ने आज नया रायपुर ने नंदन वन जंगल सफारी का उद्घाटन किया और इस मौके पर उन्होंने स्वयं भी काफी लुत्फ़ उठाया, मोदी ने स्वयं अपने कैमरे से टाइगर की की फोटो खींची ताकि इस मुलाक़ात को याद रखा जा सके। 

इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी उपस्थित थे और उन्होंने मोदी को टाइगर की सीनरी भेंट की, उद्घाटन करने के बाद मोदी स्यवं नंदन वन में गए और टाइगर के पिंजरे के सामने रुक गए, इसके बाद वे कुछ देर तक टाइगर को देखते रहे और उसके बाद कैमरा उठाकर टाइगर की फोटो खींचने लगे। 

बाद में मोदी ने इस फोटो को ट्विटर पर शेयर किया और कहा 'याद रखने के लिए हमने यह फोटो खींची'

लानत है ऐसे नेताओं पर, ये शहीदों के लिए एक भी शब्द नहीं बोलते, ये आतंकियों के लिए बोलते हैं

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Bhopal, 1 November: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल जेल से फरार सिमी आतंकियों के एनकाउंटर को फर्जी बताने वाले नेताओं और राजनीतिक पार्टियों पर करारा हमला बोला है, उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं पर भी लानत है और ऐसे राजनीति करने वालों पर भी लानत है, ये लोग शहीदों के लिए एक भी शब्द नहीं बोलते, ये केवल आतंकियों के लिए बोलते हैं।

शिवराज सिंह ने कहा कि भागने वाले कैदी खतरनाक आतंकवादी थे, ये बाहर जाकर पता नहीं कितना कहर बरपाते, लेकिन इनके लिए आसमान सर पर उठाने की कोशिश की जा रही है। 

जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे पूरी तरह से फर्जी बताया था, उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आतंकियों को भगाया गया है, जब आतंकियों का एनकाउंटर हो गया तो उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर किया गया है। 

दिग्विजय के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी इस घटना पर खूब छाती पीटी और एनकाउंटर को फेक बताते हुए कहा कि 'यह मोदी राज है, यहाँ पर सब कुछ फेक है, फेक एनकाउंटर, फेक केसेस आदि'। 

AIMIM चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने भी इस घटना को फेक बताया, उन्होंने कहा कि आतंकियों के पास कोई हथियार नहीं थे इसके बावजूद भी उन्हें मार दिया गया, पुलिस को उन्हें पकड़ना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 

इन सभी नेताओं ने आतंकियों के समर्थन में कई बातें कहीं लेकिन उस सिपाही के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा जिसे आतंकियों ने भागते वक्त मार डाला था। शायद इसीलिए शिवराज सिंह ने इन नेताओं की ऐसी तैसी कर दी।

जिस गाँव में हुआ आतंकियों का एनकाउंटर, लोग बोले 'आज हमारी असली दिवाली हो गयी, दुश्मन मारे गए'

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Bhopal, 1 November: फर्जी सेक्युलर नेताओं को आतंकियों के एनकाउंटर पर भले ही मिर्ची लग रही हो, भले ही केजरीवाल जैसे नेता छटपटा रहे हों, भले ही दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं की नींद खराब हो गयी हो, भले ही बिकाऊ मीडिया एनकाउंटर को फर्जी साबित करने के लिए अपनी छाती कूट रहे हों लेकिन जिस गाँव में एनकाउंटर हुआ वहां के लोग बहुत खुश हैं, उनका कहना है कि 'आज तो हमारी दिवाली हो गयी, हमारे सामने ही देश के दुश्मन ख़त्म कर दिए गए, हमारा दिन शुभ हो गया'।

भोपाल में सिमी के 8 खतरनाक आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पूरा मध्य प्रदेश खुश है, खासकर भोपाल के लोग अधिक खुश हैं और उनसे भी अधिक वे लोग खुश हैं जिन ग्रामीणों ने डेढ़ किलोमीटर पीछा करके आतंकियों को दौड़ाया और पुलिस को फोन करके उनका एनकाउंटर करने में मदद की, यही नहीं गाँव वालों ने इस आतंक के एनकाउंटर को अपनी ऑंखें से लाइव देखा और आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस, बीजेपी सरकार और भारत माता की जय के नारे लगाये। 

यह वीडियो देखने के बाद कोई माई का लाल नहीं कह सकता कि यह एनकाउंटर फर्जी है, हालाँकि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और मुस्लिम नेता ओवैसी इस एनकाउंटर को फर्जी साबित करने की कोशिश में लगे हैं, सभी लोगों को लग रहा है कि आतंकियों से अगर ज़रा सी सहानुभूति जता देंगे तो उन्हें मुस्लिमों का वोट मिल जाएगा, इसलिए इस सही एनकाउंटर को गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस वीडियो ने साफ़ कर दिया है कि आतंकियों का एनकाउंटर सही था, इसीलिए गाँव वाले लोग, खासकर सरपंच बहुत खुश हैं। 

इस वीडियो में अणि के पत्रकार ने आतंकियों को पकडवाने वाले सरपंच का इंटरव्यू लिया है, सरपंच ने बताया कि उन्हें पुलिस ने सचेत रहने के लिए कहा था और उन्होंने अपने ख़ास लोगों से फोन पर बात की तो उन्हें कुछ संदिग्ध लोगों की सूचना मिली, उन्होंने गाडी निकाली और आतंकियों का पीछा करने लगे, उन्होंने सभी गाँव वालों को भी बुला लिया और आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया। 

इसके बाद पुलिस भी आ गयी और आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन आतंकी अपनी भाषा में नारे लगाने लगे, वे पुलिस वालों को ललकारने लगे, पुलिस वालों की हंसी उड़ाने लगे, पुलिस वालों पर पत्थर बरसाने लगे, इसके बाद पुलिस ने हवाई फायर किया। आतंकियों के अन्दर मरने का डर नहीं था। जब आतंकियों ने पुलिस की बात नहीं मानी तो पुलिस ने आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया। 

आतंकियों के एनकाउंटर के बाद गाँव वालों ने भारत माता की जय के नारे लगाए, वहां पर उस वक्त हजारों लोग इकठ्ठे हो गए थे, सभी पुलिस जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, आतंकी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। सरपंच ने कहा कि उनकी दिवाली आज ही मनी है क्योंकि आज देश के दुश्मनों का सफाया हुआ है। सरपंच की बातें सुनकर आपका भी सीना गर्व से फूल सकता है। 

यह वीडियो देख लें तो SIMI एनकाउंटर पर शक करने वाले 'फर्जी सेक्युलर नेता' शर्म से डूब मरेंगे

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Photo and Video Credit: ANI
Bhopal, 1 November: भोपाल में सिमी के 8 खतरनाक आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पूरा मध्य प्रदेश खुश है, खासकर भोपाल के लोग अधिक खुश हैं और उनसे भी अधिक वे लोग खुश हैं जिन ग्रामीणों ने डेढ़ किलोमीटर पीछा करके आतंकियों को दौड़ाया और पुलिस को फोन करके उनका एनकाउंटर करने में मदद की, यही नहीं गाँव वालों ने इस आतंक के एनकाउंटर को अपनी ऑंखें से लाइव देखा और आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस, बीजेपी सरकार और भारत माता की जय के नारे लगाये। 

यह वीडियो देखने के बाद कोई माई का लाल नहीं कह सकता कि यह एनकाउंटर फर्जी है, हालाँकि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और मुस्लिम नेता ओवैसी इस एनकाउंटर को फर्जी साबित करने की कोशिश में लगे हैं, सभी लोगों को लग रहा है कि आतंकियों से अगर ज़रा सी सहानुभूति जता देंगे तो उन्हें मुस्लिमों का वोट मिल जाएगा, इसलिए इस सही एनकाउंटर को गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस वीडियो ने साफ़ कर दिया है कि आतंकियों का एनकाउंटर सही था, इसीलिए गाँव वाले लोग, खासकर सरपंच बहुत खुश हैं। 

इस वीडियो में अणि के पत्रकार ने आतंकियों को पकडवाने वाले सरपंच का इंटरव्यू लिया है, सरपंच ने बताया कि उन्हें पुलिस ने सचेत रहने के लिए कहा था और उन्होंने अपने ख़ास लोगों से फोन पर बात की तो उन्हें कुछ संदिग्ध लोगों की सूचना मिली, उन्होंने गाडी निकाली और आतंकियों का पीछा करने लगे, उन्होंने सभी गाँव वालों को भी बुला लिया और आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया। 

इसके बाद पुलिस भी आ गयी और आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन आतंकी अपनी भाषा में नारे लगाने लगे, वे पुलिस वालों को ललकारने लगे, पुलिस वालों की हंसी उड़ाने लगे, पुलिस वालों पर पत्थर बरसाने लगे, इसके बाद पुलिस ने हवाई फायर किया। आतंकियों के अन्दर मरने का डर नहीं था। जब आतंकियों ने पुलिस की बात नहीं मानी तो पुलिस ने आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया। 

आतंकियों के एनकाउंटर के बाद गाँव वालों ने भारत माता की जय के नारे लगाए, वहां पर उस वक्त हजारों लोग इकठ्ठे हो गए थे, सभी पुलिस जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, आतंकी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। सरपंच ने कहा कि उनकी दिवाली आज ही मनी है क्योंकि आज देश के दुश्मनों का सफाया हुआ है। सरपंच की बातें सुनकर आपका भी सीना गर्व से फूल सकता है। 

आतंकी भागें तो भी कांग्रेस को परेशानी, मारे जाएं तो भी परेशानी, क्या बैठाकर कबाब खिलाते रहें?

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यह सवाल आज पूरा देश कांग्रेस से पूछ रहा है। जब आतंकी बॉर्डर पर मारे जाते हैं तो भी कांग्रेसियों को परेशानी होती है और कहते हैं कि घुसपैठ बढ़ रही है, जब जेल में बैठे आतंकी फरार हो जाते हैं तो भी कांग्रेस को परेशानी होती है और कहते हैं कि आतंकियों को भगा दिया। जब वही आतंकी मार दिए जाते हैं तो भी कांग्रेसियों को परेशानी होती है और कहते हैं कि 'निर्दोषों को मार दिया', अब सवाल यह है कि क्या आतंकियों को जेल में बिठाकर बिरयानी खिलाते रहें जैसे इन्होने कसाब, अफजल गुरु और यकूम मेनन को खिलाया था। 

कांग्रेसी नेता अपने आप में कंफ्यूज रहते हैं, उन्हें पता ही नहीं कि क्या बोलना है, कैसे बोलना है, किस तरह बोलना है, उन्हें सिर्फ वोटबैंक दिखता है, उन्हें पता है कि अगर सिमी के समर्थन में बोलेंगे तो मुस्लिम हमें वोट देंगे, इसलिए बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते हैं। 

आज भोपाल जेल में बहुत ही दुखद घटना घटी, सिमी के आठ आतंकी एक सिपाही को मारकर और एक को बंधक बनाकर जेल से फरार हो गए लेकिन कुछ ही देर बार उनका एनकाउंटर कर दिया, एनकाउंटर करना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि वे खतरनाक थे और एक सिपाही को मारकर भागे थे, अब कांग्रेस की राजनीति देखिये, इन लोगों को सिपाही की मौत की फिक्र नहीं है बल्कि सिमी के आतंकियों की चिंता है। ये कह रहे हैं कि सिमी के आतंकियों का एनकाउंटर फर्जी है। 

कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला का कहना है कि आतंकी एक साथ क्यों भागे, एक साथ क्यों पकडे गए, एक साथ एनकाउंटर कैसे हुआ, दिग्गी राजा का कहना है कि आतंकियों को जान बूझकर भगाया गया है और इन्हें आरएसएस और बजरंग दल ने भगाया है। मतलब मारे गए पुलिसवाले के लिए किसी ने ट्वीट नहीं किया, ये लोग जब आतंकी भागे तो भी सरकार को कोसना शुरू कर दिए और जब आतंकी मार दिए गए तो भी सरकार को कोसना शुरू कर दिए गए। धन्य हो कांग्रेसियों। 

सिमी आतंकियों के फरार होने की जांच NIA करेगी: शिवराज

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भोपाल, 31 अक्टूबर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी की केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकवादियों के फरार होने की घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने की घोषणा की है। ज्ञात हो कि रविवार देर रात भोपाल की केंद्रीय जेल से सिमी के आठ आतंकवादी एक प्रहरी की गला रेंतकर हत्या करके और एक अन्य को बंधक बनाने के बाद फरार हो गए थे, जिन्हें कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने राजधानी से 25 किलोमीटर दूर गुनगा थाना क्षेत्र के अचारपुरा के जंगल में मार गिराया।

राज्य के मुख्यमंत्री चौहान ने अपने आवास पर सोमवार को संवाददाताओं से चर्चा में आठों आतंकवादियों को मार गिराने की पुलिस की कार्रवाई की सराहना की, साथ ही आतंकवादियों के फरार होने की घटना को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा, "ये आतंकवादी सिर्फ राज्य के लिए ही नहीं, देश के लिए भी चिंता का विषय रहे हैं। इस मसले पर उनकी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा हुई है।" सिंह ने उनके (चौहान) अनुरोध पर आतंकवादियों के फरार होने की एनआईए से जांच कराने की बात कही है।

उन्होंने आगे कहा कि जेल के पांच अधिकारियों उप महानिरीक्षक, अधीक्षक, उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक और मुख्य जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) को उनके पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय में सलग्न कर दिया गया है। 

कांग्रेसियों का कहना है कि BJP ने जानबूझकर सिमी के 8 आतंकियों को भागने दिया और बाहर ठोंक दिया

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Bhopal, 31 October: सिमी के 8 फरार आतंकियों के एनकाउंटर से जहाँ देशवासियों और सोशल मीडिया पर ख़ुशी का माहौल है तो वहीँ पर विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस को एनकाउंटर पर विश्वास नहीं हो रहा है, सुबह कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार की आलोचना कर रहे थे, उन्हें फेल बता रहे थे, जैसे ही आतंकियों के एनकाउंटर की खबर मिली तो कांग्रेसी नेता एनकाउंटर को फर्जी बताकर जांच की मांग कर लगे। 

कांग्रेसी नेता इस एनकाउंटर पर शक जता रहे हैं, नेताओं का कहना है कि इस बात में सस्पेंस है कि 8 आतंकी एक साथ जेल से कैसे भागे और जेल से निकलने के बाद भी सभी अलग क्यों नहीं हुई, एक साथ उनका एनकाउंटर कैसे किया जा सकता है क्योंकि ज्यादातर कैदी भागने के बाद एक दूसरे से अलग हो जाते हैं लेकिन यहाँ पर अलग नहीं हुई है और एक साथ उनका एनकाउंटर किया गया।

कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला ने एन घटना के बाद ट्वीट की झड़ी लगा दी और एनकाउंटर पर सवाल उठा दिए, उन्होंने कहा कि कहीं यह एनकाउंटर जान बूझकर तो नहीं किया गया है, एक साथ सभी आतंकी क्यों फरार हुए, ये भागने के बाद अलग क्यों नहीं हुए। 



दिग्विजय सिंह ने भी आतंकियों के फरार होने पर शक जताते हुए कहा कि 'सरकारी जेल से भागे हैं या किसी योजना के तहत भगाये गये हैं ? जॉंच का विषय होना चाहिये। दंगा फ़साद ना हो प्रशासन को नज़र रखना पड़ेगा।

BREAKING NEWS: जेल से भागे थे SIMI के 8 आतंकी, पुलिस ने सभी का कर दिया एनकाउंटर, भेज दिया ऊपर

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भोपाल, 31 अक्टूबर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकी चादर के सहारे दीवार फांदकर भागने में सफल हो गए थे लेकिन पुलिस ने भोपाल सीमा पर ही सभी आतंकियों का एनकाउंटर का दिया और उन्हें सीधा ऊपर भेज दिया। 

फरार होने से पहले इन आतंकियों ने एक प्रहरी की हत्या कर दी और एक को बंधक बना लिया। पुलिस ने भोपाल की सभी सीमाओं को सील कर आतंकियों की तलाश तेज कर दी है। वहीं, पूरे प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है।

जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने दिवाली की रात को लगभग 12 से दो बजे के दरम्यान एक दरवाजे को तोड़ा और उसके बाद चादरों को रस्सी की तरह प्रयोग करके दीवार फांद कर फरार हो गए। 

भागने वाले आतंकियों पर देशद्रोह के मामले चल रहे हैं। 

राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय जेल भोपाल से रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात को सिमी के आठ आतंकियों ने एक प्रहरी की हत्या कर दी और एक अन्य को बंधक बनाने के बाद फरार हो गए। यह वारदात रात 12 से दो बजे के बीच हुए होने की आशंका हैं ।

उन्होंने आगे बताया कि भोपाल से जुड़ी सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। आतंकियों को पकड़ने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। 

सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान माना कि यह सुरक्षा में बड़ी चूक है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों ही जेल की सुरक्षा के निर्देश दिए थे, उसके बाद यह घटना होना चिंताजनक है। 

भोपाल जेल से SIMI के 8 आतंकी फरार, देश में सनसनी का माहौल, शेयर करके इनको पकड़ने में मदद करें

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भोपाल, 31 अक्टूबर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकी चादर के सहारे दीवार फांदकर भागने में सफल हो गए। 

फरार होने से पहले इन आतंकियों ने एक प्रहरी की हत्या कर दी और एक को बंधक बना लिया। पुलिस ने भोपाल की सभी सीमाओं को सील कर आतंकियों की तलाश तेज कर दी है। वहीं, पूरे प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है।

जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने दिवाली की रात को लगभग 12 से दो बजे के दरम्यान एक दरवाजे को तोड़ा और उसके बाद चादरों को रस्सी की तरह प्रयोग करके दीवार फांद कर फरार हो गए। 

भागने वाले आतंकियों पर देशद्रोह के मामले चल रहे हैं। 

राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय जेल भोपाल से रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात को सिमी के आठ आतंकियों ने एक प्रहरी की हत्या कर दी और एक अन्य को बंधक बनाने के बाद फरार हो गए। यह वारदात रात 12 से दो बजे के बीच हुए होने की आशंका हैं ।

उन्होंने आगे बताया कि भोपाल से जुड़ी सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। आतंकियों को पकड़ने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। 

सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान माना कि यह सुरक्षा में बड़ी चूक है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों ही जेल की सुरक्षा के निर्देश दिए थे, उसके बाद यह घटना होना चिंताजनक है। 

MP में शिवराज का कमाल, साढ़े 5 लाख करोड़ निवेश का प्रस्ताव

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इंदौर, 23 अक्टूबर: मध्यप्रदेश के इंदौर में दो दिन तक चले वैश्विक निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट) में निवेश्कों ने औद्योगिक विकास संभावनाओं के बीच राज्य में निवेश में बड़ी दिलचस्पी दिखाई। विभिन्न निवेशकों ने साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव दिए। केंद्र सरकार के मंत्रियों से लेकर उद्योगपतियों ने भी राज्य के औद्योगिक माहौल को सराहा। सम्मेलन के समापन मौके पर केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को कहा कि मध्यप्रदेश में बेहतर नेतृत्व और जन-केंद्रित नीतियों से विकास हुआ है। प्रदेश की विकास दर लगातार 10 प्रतिशत से अधिक रही है। भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, क्लीन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टेंडअप इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने भारत को सबसे अधिक खुली अर्थव्यवस्था बताया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को वर्ष 2016-17 के लिए विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था बताया है। जीएसटी को 23 राज्य ने पारित किया है। 

सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्रालय की बदलती भूमिका का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि उनका विभाग सिर्फ कूटनीति की जिम्मेदारी नहीं निभा रहा, बल्कि घरेलू विकास में भी अब भूमिका निभा रहा है, और यही कारण है कि देश में बीते साल से विदेशी पूंजी निवेश में 53 फीसदी की वृद्धि हुई है। 

उन्होंने कहा, "यह पहला मौका है जब देश के विदेश मंत्रालय ने घरेलू विकास का बीड़ा उठाया है। इससे पहले कभी भी विदेश मंत्रालय की प्राथमिकता में घरेलू विकास नहीं रहा। वह सिर्फ कूटनीति का मंत्रालय हुआ करता था, लेकिन आज हम कूटनीति भी कर रहे हैं, बाहर संकट में फंसे भारतीयों की सुरक्षा भी कर रहे हैं और देश के विकास के लिए पूंजी निवेश भी आमंत्रित कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "देश में पिछले साल के मुकाबले 53 फीसदी विदेशी पूंजी निवेश बढ़ा है। यह पूंजी राज्यों में आ रही है, यह पूंजी राज्यों में आए इसके लिए विदेश मंत्रालय में डिवीजन भी बनाया गया है, जिसे स्टेट डिवीजन नाम दिया गया है। इसका जिम्मा संयुक्त सचिव के अधिकारी को सौंपा गया है। ये अधिकारी राज्यों को प्रेरणा देने के साथ उनकी मदद भी करते हैं।"

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकैया नायडू ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से विकास कर रहा है इस राज्य के लिए इस्तेमाल होने वाला बीमारू शब्द अब अतीत की बात हो गई। पिछले दस साल में मध्यप्रदेश, मुख्यप्रदेश बन गया है। उन्होंने कहा कि 18 हजार 900 मेगावाट बिजली उपलब्ध होना एक रिकार्ड है।

इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध है। निवेशक निर्यात बढ़ाने के लिए उत्पादक उद्योगों में निवेश करें। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए आवश्यक उपकरण जैसे मोटराइज्ड ट्रायसाइकिल, कृत्रिम हाथ-पैर, श्रवण यंत्र अभी विदेशों से बुलाए जाते हैं। इन उपकरणों के निर्माण के उद्योग देश में ही शुरू किए गए हैं।

केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल माधव दवे ने केंद्र की मौजूदा सरकार को औद्योगिक विकास हितैषी करार देते हुए कहा कि उद्योगों को वन व पर्यावरण संबंधी मंजूरी (क्लियरेंस) 120 दिन में मिलती है, लेकिन वह इस कोशिश में जुटे हैं कि इसकी अनुमति दो माह के भीतर मिल जाए। 

दवे ने निवेशकों से कहा कि अगर उन्हें उद्योग लगाने में कोई समस्या आ रही है तो वह सीधे उन्हें फोन कर सकते हैं, क्योंकि उनका कोई पीए नहीं है और वह खुद ही अपना फोन उठाते हैं।

उन्होंने कहा कि अभी पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिलने में 120 दिन लगते हैं। वह इस समय में कमी लाकर इसे 50-60 दिनों पर लाना चाहते हैं। इस दिशा में काम हो रहा है।

दवे ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक पर्यावरण (इंडस्ट्रियल इंवायरमेंट) और वातावरण पर्यावरण (एटमॉसफेयर इंवायरमेंट) को उद्योगों के अनुकूल बताया।

केंद्रीय पेटोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने की पैरवी करते हुए कहा कि इसमें मध्यप्रदेश बड़ी भूमिका निभा सकता है। 

प्रधान ने बीते 13 वर्षो में आए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह राज्य तेजी से विकास कर रहा है। सड़क, बिजली और पानी के मामले में यहां की तस्वीर बदली है।

इंदौर में दो दिन चले इस सम्मेलन में 42 देशों के चार हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और 2630 निवेशकों ने 562847 करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। इस सम्मेलन के समापन मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने अगला सम्मेलन 16-17 फरवरी 2019 को करने का ऐलान किया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि इस बार उनका करारनामों पर जोर नहीं था। उनके पास 2630 निवेश के प्रस्ताव आए हैं, इन प्रस्ताव के जरिए 5,62,847 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करने की इच्छा जताई गई है। 

राज्य सरकार को मिले प्रस्ताव में आदित्य बिड़ला समूह द्वारा विभिन्न क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये, सिनटेक्स लिमिटेड द्वारा 2,000 करोड़ रुपये, प्राक्टर एंड गेंबिल द्वारा 1,100 करोड़ रुपये, मायलान लेव द्वारा 700 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव शामिल है। 

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम, भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा 2700 मेगावट क्षमता सौर ऊर्जा की संयंत्रों की स्थापना पर 20700 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव आया है, जिसमें इंडियन ऑयल कॉरपाोरेशन के 4,760 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव सम्मिलित है।

इसके अलावा ल्यूपिन इंडिया लिमिटेड द्वारा 380 करोड़ रुपये, एस्सार समूह द्वारा 4,500 करोड़ रुपये, हेटिच द्वारा 400 करोड़ रुपये, आईटीसी लिमिटेड द्वारा 600 करोड़ रुपये, मयूर यूनिकोटर्स द्वारा 200 करोड़ रुपये, अजंता फार्मा द्वारा 400 करोड़ रुपये, वर्धमान द्वारा 780 करोड़ रुपये, सागर मैन्युफैक्चरिंग द्वारा 965 करोड़ रुपये, रूसान फार्मा द्वारा 700 करोड़ रुपये, छिंदवाड़ा प्लस एसईजेड विकास के लिए 2500 करोड़ रुपये, और एवगल लिमिटेड द्वारा 230 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव सरकार के पास आए हैं।

PM MODI ने शहीद सैनिकों को दिया इतना आदर-सम्मान, देखकर ख़ुशी से रोने लगी महिलाएं, देखें VIDEO

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भोपल, 14 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज फिर से भारतीय सैनिकों के सम्मान में कई बातें कहकर लोगों के दिलों को जीत लिया, आज देशवासियों को मोदी ने जता दिया कि भारतीय सैनिक ही असली हीरो हैं और उनका मान सम्मान करना ही असली देश सेवा है, मोदी के भाषण के दौरान कई बार लोगों के अन्दर देशभक्ति का जोश जगा तो कई बार लोग आंसू पोंछते नजर आये। 

प्रधानमंत्री मोदी ने मंच पर पहुँचते ही शहीदों, अमर रहो अमर रहो के नारे लगाए जिसके बाद वहां उपस्थित महिलाएं अपने आंसू पोंछते नजर आयीं, लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी ने इस कदर मान सम्मान मिलते देखकर बहुत ख़ुशी महसूस की, उस महिलाओं की आँखों में आंसू छलक पड़े।

देखें वीडियो। 

प्रधानमंत्री मोदी ने रैली के दौरान भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की जमकर तारीफ की, उन्होंने कहा कि उडी हमले के बाद कुछ लोग मेरे रोज बाल नोचते थे और कहते थे कि मोदी चुप बैठा हुआ है, मोदी कुछ नहीं कर रहा है, मैंने कहा था कि सेना बोलती नही बल्कि पराक्रम करती है, जैसे हमारी सेना बोलती नहीं बल्कि पराक्रम करती है, वैसे हमारे रक्षा मंत्री भी केवल बोलते नहीं बल्कि पराक्रम करते हैं, उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर इशारों इशारों में सेना की तारीफ की और विपक्षी पार्टियों पर हमला भी किया। मोदी के इतना बोलते ही रैली में 'भारत माता की जय' और 'मोदी मोदी' के नारे लगाने लगे।

मोदी ने भारतीयों को या दिलाते हुए कहा कि हमारे सैनिक रात भर जागकर हमें चैन से सोने का मार्ग प्रशस्त करते हैं, वे हमारे लिए जागते हैं लेकिन हमें भी जागने के समय उनके साथ जागकर उनका साथ देना होगा, अगर हम जागने के समय सोते रहे तो उनके साथ नाइंसाफी होगी क्योंकि हमारे सैनिकों के लिए सवा सौ करोड़ लोगों का साथ ही उनकी ताकत है।

मोदी ने कहा कि हमारे सैनिक केवल हथियारों से जंग नहीं जीतते बल्कि मनोबल से जंग जीतते हैं, जब हम सवा सौ करोड़ लोग उनके साथ रहेंगे तो उनका मनोबल बढ़ा रहेगा और वे किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए तैयार रहेंगे।

मोदी ने देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि जरूरी नही कि हम युद्ध के समय ही सैनिकों का सम्मान करें, हमें हमेशा अपने सैनिकों का सम्मान करना चाहिए और जब उन्हें वे दिखें, ताली बजाकर उनका स्वागत करना चाहिए।

मोदी ने भाषण में वन रैंक वन पेंशन का भी जिक्र करते हुए कहा कि फौजियों की मांग को किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया लेकिन हमें सरकार में आने के केवल दो वर्षों बाद ही पूरा कर दिया, उन्होंने सैनिकों के लिए और भी कई योजनाओं की घोषणा की जिसके अनुसार अब सैनिक रिटायर होने के बाद स्किल डेवलपमेंट पर काम करेंगे। 

रक्षा मंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक की डेट बताने में गलती कर दी, मोदी ने बड़ी चालाकी से पर्दा डाला

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भोपाल, 14 अक्टूबर: आज भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से सौर्य स्मारक के उद्घाटन के दौरान दिए गए भाषण में एक भूल हो गयी और उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक की तारीख को 29 के बजाय 19 बता दिया, खैर इसमें उनका दोष नहीं है, गोवा का होने के कारण उनकी हिंदी थोड़ी कमजोर है और बोलते समय काफी मेहनत करनी पड़ती है, कभी कभी बोलते समय गलती हो जाती है।

आज रक्षा मंत्री ने बताया कि इस देश में शौर्य कम नहीं है, 19 सितंबर को हमारी सेनाओं ने एक बार फिर अपना शौर्य दिखाया, यहीं पर रक्षा मंत्री से गलती हो गयी और उन्होने 29 को 19 बता दिया।

खैर, मोदी ने मनोहर पर्रीकर की गलती पर यह कहकर पर्दा डाल दिया कि जिस तरह हमारी सेना बोलती नही है बल्कि पराक्रम करती है वैसे ही हमारे रक्षा मंत्री बोलते नही हैं बल्कि पराक्रम दिखाते हैं। 

भोपाल में बने शौर्य स्मारक को पर्रिकर में अहम बताया और इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि यह स्मारक ऐसे मुहूर्त में बना है, जब हमारे सैनिकों ने 29 सितंबर को देश की रक्षा के लिए अपना शौर्य दिखाया है।

भारत में शौर्य कम नहीं, 29 को सेना ने ट्रायल दिखाया: पर्रिकर

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भोपाल, 14 अक्टूबर: देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यहां शुक्रवार को कहा कि इस देश में शौर्य कम नहीं है, 29 सितंबर को हमारी सेनाओं ने एक बार फिर अपना शौर्य दिखाया।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में शौर्य सम्मान सभा को संबोधित करते हुए शुक्रवार को पर्रिकर ने कहा कि शिवजी, महाराणा प्रताप और वर्ष 1965 तथा 1971 के युद्घ में हमारे सैनिकों का शौर्य पूरी दुनिया ने देखा है। ऐसा पराक्रम करने वाले सैनिकों में मध्यप्रदेश के सैनिक भी हैं। 

भोपाल में बने शौर्य स्मारक को पर्रिकर में अहम बताया और इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि यह स्मारक ऐसे मुहूर्त में बना है, जब हमारे सैनिकों ने 29 सितंबर को देश की रक्षा के लिए अपना शौर्य दिखाया है।