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नटराजन चंद्रशेखरन बने TATA SONS के नए चेयरमैन

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मुंबई, 12 जनवरी: टाटा समूह की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक नटराजन चंद्रशेखरन (53) को गुरुवार को टाटा संस का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। 103 अरब डॉलर के वैश्विक साम्राज्य वाले टाटा समूह के 148 साल के इतिहास में पहली बार प्रमुख पद पर किसी गैरपारसी को नियुक्त किया गया है। 

टाटा संस ने एक बयान जारी कर कहा कि चंद्रशेखरन 21 फरवरी को पद संभालेंगे। इसमें कहा गया, "चंद्रशेखरन ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक के रूप में अनुकरणीय नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। हमारा मानना है कि वह समूचे टाटा समूह को उसके संबंधित व्यवसायों में नेतृत्व क्षमता का अहसास कराएंगे और हमेशा हमारे मूल्यों और नैतिकता को ध्यान में रखते हुए टाटा समूह की प्रथाओं का पालन करेंगे।"

चंद्रशेखरन को पिछले साल अक्टूबर में साइरस मिस्त्री को हटाने के एक दिन बाद टाटा संस का अतिरिक्त निदेशक बनाया गया था। इस घोषणा से कुछ घंटे पहले ही चंद्रशेखरन ने टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज के प्रमुख के तौर पर उम्मीद से बढ़कर तीसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था।

मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन के पद से 24 अक्टूबर को हटा दिया गया था और उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया गया था। साथ ही एक चेयरमैन की नियुक्ति के लिए एक समिति बनाई गई थी।

टाटा संस ने बताया कि चयन समिति ने सर्वसम्मति से चंद्रशेखरन का चयन किया है। 

अब एयरटेल बन गया बैंक और ग्राहकों का मोबाइल नम्बर बन गया अकाउंट नम्बर, मिलेगा 7.25% व्याज

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नई दिल्ली, 12 जनवरी: एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने गुरुवार को पूरे देश में काम करना शुरू कर दिया। पहले दिन 3,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और इसने बचत खातों पर 7.25 फीसदी ब्याज दर देने की पेशकश की है। भारती इंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने यहां कहा, "आज से देश भर में एयरटेल के 250,000 रिटेल स्टोर बैंकिंग केंद्र के रूप में भी काम करेंगे और इन केंद्रों पर ग्राहक अपना बचत खाता खोलने, पैसे जमा करने व निकालने में सक्षम होंगे।"

पेमेंट बैंक को यहां केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लॉन्च किया।

भारती इंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील मित्तल ने लॉन्चिंग के मौके पर कहा कि एयरटेल के मौजूदा 26 करोड़ ग्राहकों का इस्तेमाल करते हुए पेमेंट बैंक के पास ग्राहकों का फोन नंबर ही उनकी खाता संख्या होगी। 

बचत खातों में निवेश पर यह 7.25 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है। 

कंपनी ने एक बयान में कहा, "एयरटेल पेमेंट्स बैंक 3,000 करोड़ रुपये के प्रारंभिक निवेश के साथ एक देशव्यापी बैंकिंग नेटवर्क तथा डिजिटल भुगतान तंत्र का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

एयरटेल पेमेंट बैंक में एयरटेल से एयरटेल नंबरों के बीच पैसों का स्थानांतरण नि:शुल्क होगा। बैंक अपने ग्राहकों तथा डिजिटल लेनदेन को लेकर व्यापारी साझेदारों से किसी तरह का प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लेगा।

बयान के मुताबिक, खाते ग्राहकों के आधार नंबर के आधार पर खोले जाएंगे और प्रत्येक बचत खाते पर एक लाख रुपये का मुफ्त व्यक्तिगत बीमा दिया जाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 11 कंपनियों को भुगतान बैंकों का लाइसेंस दिया है, जिनमें 4-5 दूरसंचार कंपनियां हैं।

कोटक महिंद्रा बैंक के कार्यकारी उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा, "पारंपरिक बैंकों में बचत खाता खोलना तथा बैंकिंग करना काफी मुश्किल भरा काम है।" कोटक महिंद्रा एयरटेल पेमेंट बैंक में 20 फीसदी का साझेदार है।

नोट-बदली के बाद आयी औद्योगिक उत्पादन में तेजी, खुदरा मंहगाई दर घटने से गरीबों की बल्ले बल्ले

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नई दिल्ली, 12 जनवरी: नोट-बदली के बाद औद्योगिक उत्पादन में तेजी देखने को मिली है जबकि खुदरा महगाई में गिरावट आ गयी है जिसकी वजह से गरीबों के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं, दाल, सब्जियां, खाने के अन्य सामान काफी सस्ते हो गए हैं जिसकी वजह से गरीब हर तरह का खाना खा पी रहे हैं वही उत्पादन में वृद्धि देखने को मिली है जिसकी वजह से आने वाले दिनों में देश की विकास दर बढ़ने के अनुमान है। 

नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर बढ़कर 5.7 फीसदी रही। वहीं, दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट देखी गई और यह 3.41 फीसदी, जबकि नवंबर में यह 3.63 फीसदी थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन में 1.81 फीसदी गिरावट आई थी, जबकि उसके पिछले साल के समान महीने के मुकाबले यह गिरावट 3.4 फीसदी थी। 

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी का मुख्य कारण विर्निमाण उत्पादन में हुई 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी है, जिसका कुल सूचकांक में सबसे ज्यादा योगदान है। 

अन्य दो महत्वपूर्ण उपसूचकांकों में बिजली उत्पादन में 8.9 फीसदी और खनन में 3.9 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। 

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में पिछले साल के समान अवधि के मुकाबले 5.61 फीसदी कम रही। 

सीपीआई में यह गिरावट मुख्यत: वार्षिक खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण आई है जो दिसंबर में 1.37 फीसदी और नवंबर में 2.03 फीसदी रही थी। 

सीपीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि ग्रामीण भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर दिसंबर में 3.83 फीसदी रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 2.90 फीसदी रही। वार्षिक मुद्रास्फीति की दर ग्रामीण क्षेत्रों में 2.06 फीसदी तथा शहरी क्षेत्रों में 0.15 फीसदी रही।

लूटखोर दुकानदारों के लिए बुरी खबर, अब सरकारी दुकानों में मिलेगी केवल 70 रुपये में अरहर की दाल

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New Delhi, 12 January: आपको याद होगा जब अरहर की दाल की कीमतें 150-200 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गयी थीं तो मोदी सरकार की बहुत फजीहत हुई थी, इस मुद्दे को इतना अधिक उठाया गया कि जिन दुकानदारों ने 50 रुपये में दाल खरीदकर रखा हुआ था उन्होंने भी 200 रुपये में बेचना शुरू कर दिया और जनता में त्राहि त्राहि फ़ैल गयी। विरोधी पार्टी कांग्रेस, JDU और RJD ने भी इस मुद्दे को काफी भुनाया और बिहार चुनावों में बीजेपी की करारी हार हो गयी। 

अब अरहर दाल की कीमतें फिर से 70-100 रुपये में हो गयी हैं लेकिन कुछ चोर और बेईमान दुकानदार अभी भी 125-130 रुपये में बेचकर गरीबों को लूट रहे हैं। 

ऐसे लूटखोर दुकानदारों को सबक सिखाने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, अब सरकारी दुकानों में केवल 70 रुपये में दाल बेचने का निर्णय लिया गया है, मोदी सरकार के इस कदम से चोर दुकानदार भी दालों की कीमत कम करने को मजबूर हो जाएंगे। वैसे यह कदम कितना कारगार होगा कहना मुश्किल है क्योंकि सरकारी दुकान वाले भी दालें बेचकर खा जाते हैं। मोदी सरकार को ऐसी सभी दुकानों के एड्रेस को ऑनलाइन करना चाहिए और उनमें CCTV कैमरे लगवाना चाहिए, वर्ना यह कदम भी सफल नहीं होगा। 

लोग भूलना भी चाहें तो राहुल गाँधी भूलने नहीं देंगे, कांग्रेस सरकार में कितने अच्छे दिन थे

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नई दिल्ली, 12 जनवरी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी भारतीय जनता पार्टी और खासकर प्रधानमंत्री मोदी के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं क्योंकि अगर देशवासी पूर्व कांग्रेस की 10 साल की सरकार के दौरान अच्छे दिनों को भूलना भी चाहें तो राहुल गाँधी उसे भूलने नहीं देते और हमेशा याद कराते रहते हैं। कल राहुल गाँधी ने कांग्रेस के अच्छे दिनों को फिर से याद दिला दिया जब उन्होंने कहा कि अच्छे दिन तभी आयेंगे जब कांग्रेस 2019 में सत्ता में आएगी और राहुल गाँधी प्रधानमंत्री बनेंगे। 

देशवासियों को अच्छी तरह से याद है कि कांग्रेस सरकार के समय किसके अच्छे दिन थे, देशवासियों को यह भी पता है कि कांग्रेस सरकार में केवल बेईमानों, घोटालेबाजों, टैक्स चोरों, भ्रष्टाचारियों, दलालों और दो नम्बर का काम करने वालों के ही अच्छे दिन थे, इसलिए गलत काम करने वाले अमीर होते गए और इमानदारी से काम करने वाले गरीब होते हैं, मंहगाई बढ़ती गयी, भ्रष्टाचार बढ़ता गया, घोटाले पर घोटाले होते रहे, जनता देश से पूरी तरह से निराश हो गयी और कांग्रेस को केवल 44 सीटों पर समेट दिया। 

अब राहुल गाँधी उन्हीं अच्छे दिनों को वापस लाने का फिर से वादा कर रहे हैं और देखना यह है कि जनता उन अच्छे दिनों को फिर से देखना चाहती है या भ्रष्टाचार मुक्त शासन चाहती है, इमानदारी से जीना चाहती है। 

कल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि जिस अच्छे दिन का वादा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने किया था, वह 2019 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद ही आएगा। राहुल ने भाजपा पर देश में 'भय का माहौल' बनाने का आरोप भी लगाया।

राहुल ने नई दिल्ली में पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी को 'भारतीय राजनीतिक इतिहास का ऐसा पहला प्रधानमंत्री कहा जिनका विश्व स्तर पर उपहास उड़ाया जा रहा है' और उन पर देश के संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप भी लगाया।

राहुल ने इस दौरान मोदी द्वारा अपने भाषणों में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द 'मितरों' की भी मोदी के लहजे में ही नकल की और कहा, "अमिताभ बच्चन जैसे फिल्मों में डॉयलाग बोलते हैं, प्रधानमंत्री उसी तरह अचानक आए और कह दिया कि आपके पास जो 500 और 1,000 रुपये के नोट हैं, अब मात्र कागज का टुकड़ा हैं।"

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने नोटबंदी को मोदी का 'निजी फैसला' बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दोनों ने मिलकर मनमर्जी से 'विश्व का यह सबसे बड़ा वित्तीय प्रयोग' किया गया।'

राहुल ने आठ नवंबर के नोटबंदी के फैसले के बारे में कहा, "इससे पहले सम्मानित स्थान रखने वाले किसी अर्थशास्त्री ने कभी नहीं कहा होगा कि प्रधानमंत्री ने अक्षम और गलत सोच वाला फैसला लिया है।"

राहुल ने कहा, "हमने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), न्यायपालिका या निर्वाचन आयोग जिस भी संस्था को खड़ा किया, भाजपा, आरएसएस और मोदी ने उसे कमजोर कर दिया। आज इस देश में कोई भी ऐसी संस्था नहीं है, जिसका सम्मान हो।"

राहुल ने कहा, "केवल दो-तीन लोगों से बात करके उन्होंने दुनिया का सबसे बुरा वित्तीय प्रयोग किया है और अगर आप उनसे पूछें तो वह कहते हैं कि आप कौन हैं।"

राहुल ने कहा, "वह स्वच्छ भारत से कूदकर सर्जिकल स्ट्राइक पर जाते हैं फिर वहां से नोटबंदी पर छलांग लगा देते हैं। वह एक के बाद दूसरी चीजों पर कूद रहे हैं और देश की जनता परेशान है कि अच्छे दिन कब आएंगे।"

उन्होंने कहा, "मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अच्छे दिन तब आएंगे, जब कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी।"

राहुल ने भाजपा पर देश में भय फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, "मोदी अपनी नीतियों से देश की जनता को भयभीत कर रहे हैं और राम के नाम पर उनका पैसा अपनी जेब में डाल रहे हैं। राम नाम जपना, गरीब का माल अपना।"

राहुल ने मोदी को गरीबों और किसानों के पास जाकर अपने फैसले के प्रभाव के बारे में जानने और 'उनका दर्द महसूस' करने को भी कहा।

राहुल ने कहा कि मीडिया पर 'कई किस्म के दबाव' हैं।

उन्होंने कहा, "हम उनकी घबराहट और दुर्दशा समझते हैं। लेकिन, लोग जो दर्द झेल रहे हैं, उसे उजागर करना आपकी (मीडिया की) जिम्मेदारी है। आपको अपनी इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए।"

राहुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जब भी सत्ता में रही है, उन्होंने भय का माहौल ही बनाया है।

राहुल ने कहा, "लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या किया? उन्होंने देश के किसानों को भयभीत कर दिया और यह भी कहा कि यदि आपने मेरी नहीं सुनी तो मैं आपकी जमीन छीन लूंगा।" राहुल भूमि अधिग्रहण कानून का हवाला दे रहे थे।

भाजपा शासित राज्यों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जहां भी भाजपा गई वहां भय फैलाया।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, "यह दो सिद्धांतों का टकराव है। कांग्रेस कहती है कि 'डरो मत' और भाजपा कहती है कि 'डरो और डराओ'।"

नोटबंदी में नाकाम होने पर माकपा मोदी को 'फांसी' पर लटका देगी

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तिरुवनंतपुरम, 11 जनवरी: केरल में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) 14 जिलों के पार्टी मुख्यालयों में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करेगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉक ट्रायल होगा और उन्हें फांसी पर चढ़ाया जाएगा। 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य करने की घोषणा के तुरंत बाद मोदी ने खुद कहा था कि अगर नोटबंदी सफल नहीं होता है, तो लोग उन्हें फांसी पर चढ़ा सकते हैं।

प्रदर्शन के आयोजन का फैसला माकपा राज्य कमेटी की यहां हुई बैठक के दौरान लिया गया। राज्य सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि नोटबंदी का कदम कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया।

बालाकृष्णन ने कहा, "नोटबंदी के कारण केरल की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है और हर क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लोगों के समर्थन से हम एक विरोध-प्रदर्शन शुरू करने जा रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "राज्य सरकार केंद्र सरकार से इस बात के लिए मदद मांगेगी कि तिरुवनंतपुरम तथा कोच्चि स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यालयों को केरल के विमुद्रित नोट लेने की अनुमति मिले।"

पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस.अच्युतानंदन ने कहा कि नोटबंदी धोखे से भरा कदम था, जिसे केवल प्रधानमंत्री मोदी तथा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मिलकर अंजाम दिया।

अच्युतानंदन ने कहा, "महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वित्त मंत्रालय कई विज्ञप्तियां जारी कर रहा है, जो इस बात का संकेत है कि आरबीआई को इस बात का अंदाजा नहीं था कि क्या हो रहा है। यह केवल 'अडाणी' व 'अंबानी' को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया, जिसके लिए आम लोगों को परेशान किया गया।" 

वहीं, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में बुधवार को यहां हुई कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक के दौरान एटीएम तथा बैंकों के बाहर कतार में इंतजार करने के दौरान दम तोड़ने वाले लोगों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया गया।

नोटबंदी के बाद भी भारत 2016-17 में सबसे तेज गति से करेगा विकास, चीन से भी ज्यादा: विश्व बैंक

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वाशिंगटन, 11 जनवरी: नोटबंदी के बाद भी भारत 2016-17 में विश्व में सबसे तेज गति से यानी 7 फ़ीसदी की गति से विकास करेगा और चीन भारत पिछले वर्ष की तरह पीछे रहेगा, यह कहना है विश्व बैंक का। 

रिपोर्ट के अनुसार, भारत सात फीसद की वृद्धि दर के साथ वित्त वर्ष 2016-17 में विश्व के तेजी से बढ़ती सबसे प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा और चीन को पीछे छोड़ देगा। 

हालाँकि विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि अनुमान घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। इससे पहले बीते साल जून में किए गए आकलन में इसके 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। 

विश्व बैंक ने मंगलवार को जारी 'वैश्विक अर्थव्यवस्था संभावना रिपोर्ट' में कहा, "भारत में वित्त वर्ष 2017 में वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है, यह भारत के विस्तार में अच्छी खासी कमी को दिखाता है।"

इसमें कहा गया, "अप्रत्याशित रूप से नोटबंदी- बड़े मूल्य के नोटों को चरणबद्ध रूप से बाहर करने- ने वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही के वृद्धि को दबा दिया।"

इसमें यह भी कहा गया, "कमजोर औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण और सेवा क्रय प्रबंधक सूचकांकों से संकेत मिलता है कि आगे वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही में इनमें कमजोरी बनी रहेगी।"

बीते सप्ताह आधिकारिक सांख्यिकीविद ने भी देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसद रहने का अनुमान जताया है जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 7.6 फीसदी था। 

पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी के असर को स्वीकार करते हुए चालू वित्त वर्ष में सकल मूल्य संवर्धित (जीवीए) वृद्धि के 7.6 फीसदी पूर्वानुमान को कम कर 7.1 फीसदी कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों की नोटबंदी की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इसका मकसद कालेधन, नकली मुद्रा और आतंकी वित्त पोषण को खत्म करना है।

बैंक ने कहा कि देश में 80 फीसदी लेन-देन नकदी में होने के कारण 'नोटबंदी से व्यापार, घरेलू आर्थिक गतिविधियां और विकास लगातार प्रभावित हो सकती है, जिससे विकास दर पर दबाव बना रहेगा।'

इसमें यह भी कहा गया है कि चीन के योजना आयोग नेशनल डेवेलपमेंट एंड रिफार्म कमीशन के मंगलवार के अनुमान के अनुसार चीन की अर्थव्यवस्था साल 2016 में 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने बीते साल पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में भी यही वृद्धि दर थी। 

विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि नोटबंदी से मध्यम अवधि में बैंकिंग प्रणाली में नकदी में बढ़ोतरी होगी जिससे कर्ज दर में कमी आने में मदद मिलेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।

इसमें कहा गया है कि नोटबंदी को लागू करने से अन्य आर्थिक सुधारों जैसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), श्रम और भूमि सुधारों को नुकसान पहुंच सकता है।

विश्व बैंक ने 2017 में वैश्विक वृद्धि दर के 2.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जबकि पिछले साल यह 2.3 फीसदी थी। 

विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने एक बयान में कहा, "पिछले कई सालों के निराशाजनक वैश्विक विकास दर के बाद इस साल हम क्षितिज पर मजबूत आर्थिक संभावनाओं को देख रहे हैं।"

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भी मंगलवार को नोटबंदी की वजह से अल्पकालिक मंदी का हवाला देते हुए वत्त वर्ष 2016-17 के लिए भारत की वृद्धि दर अनुमान को घिटाकर 6.9 फीसदी कर दिया, जबकि पहले इसे 7.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। 

फिच रेटिंग ने मंगलवार को जारी अपनी नवीनतम द्विमासिक न्यूजलेटर में कहा, "नोटबंदी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में अल्पकालिक विघटन आई है, जिसके कारण हमें विकास दर का पूवार्नुमान घटाना पड़ा है।"

अब आहार विशेषज्ञ रखेंगे जवानों के भोजन की गुणवत्ता पर नजर: किरण रिजिजू

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गुवाहाटी, 11 जनवरी: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कहा कि देश की सीमा के पास स्थित सभी चौकियों पर तैनात सुरक्षा बलों के जवानों को परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता पता करने के लिए सरकार ने आहार विशेषज्ञों की टीमें भेजी हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री का आश्वासन सोशल मीडिया में वायरल हुए एक जवान के उस वीडियो के संदर्भ में आया जिसमें सीमा पर तैनात जवानों को खराब भोजन परोसे जाने का अरोप लगाया गया है।

राज्य भर में डिजिटल लेनदेन को लोकप्रिय बनाने के लिए असम सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रिजिजू ने कहा, "जवान और उनके भोजन व सुविधा सरकार की पहली प्राथमिकता हैं। हमने मामले को गंभीरता से लिया है।"

उन्होंने कहा, "मामले की जांच के लिए हमने सीमा सुरक्षा बल के एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी और एक महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को पहले ही नियुक्त कर दिया है।"

कुछ दिनों पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान तेजबहादुर यादव ने कुछ सोशल नेटवर्किं ग साइट पर एक वीडियो अपलोड किया था और आरोप लगाया था कि जवानों को खराब गुणवत्ता के भोजन परोसे जाते हैं।

रिजिजू ने कहा, "कुछ सोशल नेटवर्किं ग साइट पर जारी वीडियो अभी सत्यापित नहीं हुआ है। हमने वीडियो की जांच और उसकी सत्यता का पता लगाने के लिए पहले ही एक जांच का गठन कर दिया है।"

उन्होंने कहा, "साथ ही, दुर्गम सीमाओं पर तैनात हमारे जवानों को परोसे गए भोजन की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए एक जांच का आदेश दिया गया है। इसके अलावा हमने आहार विशषज्ञों की टीम भी तैनात की है जो सीमाओं के पास स्थित सुरक्षा बलों की चौकियों का दौरा करेंगे।"

उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि वे अपलोड किए गए वीडियो को मुद्दा नहीं बनाएं, क्योंकि उसकी सत्यता प्रमाणित होना अभी बाकी है।

उन्होंने कहा, "हमें आरंभिक रपट मिली है, लेकिन हम इसका खुलासा तभी कर सकते हैं, जब सरकार को अंतिम रपट मिल जाएगी।"

मोदी पर फर्जी आरोप लगाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं

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नई दिल्ली, 11 जनवरी: प्रधानमंत्री मोदी पर झूठे भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने आज करारा तमाचा जड़ा है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सहारा बिरला घूसकाण्ड में मोदी के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं हैं और जितने भी सबूत पेश किये गए हैं वे एक तरफ से फर्जी हैं इसलिए उनके खिलाफ SIT जांच नहीं की जा सकती। 

आपको बता दें कि राहुल गाँधी, केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर घूस लेने के आरोप लगाए थे और वकील प्रशांत भूषण ने उनकी तरह से कोर्ट में मोदी के खिलाफ याचिका दायर की थी और जांच के लिए SIT के गठन की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया। 

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि इस आरोप की जांच होनी चाहिए कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिड़ला और सहारा समूह से रिश्वत ली थी। गैरसरकारी संस्था कॉमन कॉज की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की खंडपीठ ने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका में प्रधानमंत्री व अन्य राजनीतिक नेताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जो सबूत दिए गए हैं, वे स्वीकार्य नहीं हैं। 

अदालत ने कहा, "अगर हम बिना ठोस साक्ष्य के प्रस्तुत सामग्री के आधार पर जांच का आदेश देते हैं, तो संवैधानिक पदाधिकारियों का काम करना मुश्किल हो जाएगा, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होगा।"

अदालत ने कहा, "जिस स्थिति में इन दस्तावेजों को एकत्र किया गया है और अदालत में प्रस्तुत किया गया है, उस पर हमारी राय है कि यह समुचित जांच के आदेश जारी करने लायक नहीं है।"

BJP हो, कांग्रेस या अन्य, पार्षद, विधायक, MP के लिए सिर्फ अमीरों को क्यों देते हैं टिकट: पढ़ें

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New Delhi, 11 January: आप कितने भी पढ़े लिखे हों, कितने भी समझदार हों, कितने भी मेहनती हों या कितने भी बड़े इमानदार हों लेकिन जब तक आपके पास करोड़ों रुपये नहीं होंगे आपको बीजेपी, कांग्रेस या अन्य पार्टियों से टिकट नहीं मिल सकता और आज की तारीख में बीजेपी का तो कभी भी टिकट नहीं मिल सकता भले ही कई वर्षों ने पार्टी के साथ काम कर रहे हों। लेकिन अगर आपके पास करोड़ों रुपये हों तो आप 6 महीने पहले बीजेपी ज्वाइन कर लें और आपको पार्षद, विधायक या सांसद का टिकट मिल सकता है भले ही आपने वह पैसा दो नम्बर से कमाया हो, प्रॉपर्टी दलाली का काम करते हों या कमीशनखोरी करते हों। 

वैसे तो यह काम सभी पार्टियों में होता है लेकिन आज की तारीख में बीजेपी में भी 70 फ़ीसदी पार्षद, विधायक और सांसद उम्मीदवारों को केवल पैसा देखकर टिकट दिया जाता है, यह नहीं देखा जाता कि उन्होंने यह पैसा किस तरह से कमाया है, ज्यादातर नेताओं में प्रॉपर्टी डीलर होते हैं जिनके पास सबसे अधिक कालाधन होता है। बीजेपी की मजबूरी यह है कि अगर पैसे वालों को टिकट नहीं देंगे तो वह चुनाव जीत नहीं पाएगा, केवल पार्षद के चुनाव में एक करोड़ रुपये खर्च होते हैं और उम्मीदवार को एक साल पहले से ही चुनाव की तैयारी  शुरू करनी पड़ती है, हर गली पर बैनर, पोस्टर लगाने पड़ते हैं, मीडिया वालों से साठ गाँठ बैठानी पड़ती है ताकि  उनकी ख़बरें छपती रहें, प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ती है, पार्टी देनी पड़ती है, पता नहीं क्या क्या करना पड़ता है। 

विधायक के चुनाव में कम से कम पांच करोड़ खर्च होते हैं और सांसद के उम्मीदवारों को भी उतना ही खर्च करना पड़ता है, पैसा खर्च नहीं करेगा तो वह चुनाव जीत नहीं पाएगा क्योंकि आजकल चुनाव प्रचार में जितना अधिक शोर शराबा किया जाता है उम्मीदवार की उतनी ही अधिक हवा बनती है, जितना बैनर अधिक लगाएगा उतनी अधिक चर्चा होगी। अगर प्रचार कम करेगा तो उसे कमजोर उम्मीदवार समझा जाता है। 

अगर ऐसा ही होता रहा तो इमानदार उम्मीदवारों को कभी टिकट नहीं मिल सकेगा और इमानदार लोग पार्षद, विधायक और सांसद कभी नहीं बन पाएंगे.. 

इस बीमारी का सिर्फ एक इलाज है, चुनाव आयोग को बैनर, पोस्टर, लाउडस्पीकर पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए, इसके बजाय सभी घरों में उम्मीदवारों का बायोडाटा भेजना चाहिए ताकि जनता बायोडाटा देखकर तय कर सके कि किसे वोट देना है और किसे नहीं देना है। अगर ऐसा हुआ तो बैनर, पोस्टर और दर्जनों गाड़ियों में लगने वाले लाउडस्पीकर का खर्च बच जाएगा और इमानदार और पढ़ें लिखे उम्मीदवार भी चुनावों में खड़े होने की हिम्मत जुटा पाएंगे। 

अभी क्या होता है, अगर कांग्रेस वाला एक गली में 10 बैनर लगाएगा तो बीजेपी वाला उसी गली में 20 बैनर लगा देगा, अगर कांग्रेस वाला बीजेपी वाले नेता के बैनर फडवाएगा तो बीजेपी वाला उसका बैनर फड़वा देगा, उसके स्थान पर दूसरा बैनर लगेगा, फिर तीसरा बैनर लगेगा, दरवाजे पर बैनर लगेगा, खिड़की पर भी बैनर लग जाएगा, छत पर भी बैनर लग जाएगा और दीवारों पर भी बैनर लग जाते हैं। अगर कांग्रेस वाला 10 गाड़ियों में लाउडस्पीकर से प्रचार करवाएगा तो बीजेपी वाला 20 गाडियों में लाउडस्पीकर लगवा देगा, अगर कांग्रेस वाला एक गली में लाउडस्पीकर लगी गाड़ियों के एक दिन में पांच चक्कर लगाएगा तो बीजेपी वाला उसी गली में एक दिन में 10 लगवाएगा लगाएगा इसके बाद कांग्रेस वाला फिर से उसी गली में 15 चक्कर लगवाएगा तो बीजेपी वाला उसी गली में 20 चक्कर लगाएगा। जनता का सर दुःख जाता है लेकिन उम्मीदवारों का प्रचार करवाने में पैसा ख़त्म नहीं होता। पता नहीं कहाँ से इतना पैसा आता है। 

यह तो मोदी जैसे नेताओं की किस्मत ही कही जाएगी कि ऐसे लोगों ने मेहनत के दम पर प्रधानमंत्री बन चुके हैं और अब चाहते हैं कि चुनावों में पैसा खर्चा करने की प्रथा बंद हो। उन्हें भी पता है कि अगर यही सिलसिला चलता रहा तो इमानदार आदमी कभी भी राजनीति में नहीं आ पाएंगे और दलाल और बेईमान किस्म के नेता ही नम्बर दो का काम करके पैसा कमाएंगे और पार्षद, विधायक और सांसद पद के उम्मीदवार बनते रहेंगे। 

मोदी, RSS ने देश की संस्थाओं को कमजोर किया: राहुल गाँधी

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नई दिल्ली, 11 जनवरी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर राजग के ढाई साल के शासन में देश की 'हर संस्था को दुर्बल' करने को लेकर निशाना साधा। राहुल ने कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में कहा, "कांग्रेस ने पिछले 70 सालों में संस्थाओं, न्यायपालिका, आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) और प्रेस, सभी का सम्मान किया है।"

राहुल ने कहा, "लेकिन, नरेंद्र मोदी सरकार और आरएसएस के तहत भाजपा ने पिछले ढाई सालों में आरबीआई, न्यायपालिका, निर्वाचन आयोग समेत हर संस्था को कमजोर किया है, जिन्हें हमने खड़ा किया था।"

उन्होंने कहा, "उन्होंने (आरएसएस और मोदी) ने ढाई सालों में इस सब कुछ को उलट दिया।"

राहुल ने कहा, "अब देश का संचालन केवल दो लोग, नरेंद्र मोदी और (आरएसएस प्रमुख) मोहन भागवत ही करते हैं।"

राहुल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "और जब लोग उनसे सवाल करते हैं, तो वे कहते हैं, तुम कौन हो?"

राहुल ने कहा, "हम देश को बताना चाहते हैं कि हम देश की संस्थाओं को बचाएंगे।"

राहुल ने कहा कि केवल कांग्रेस ही देश की 'आवाज को बचाएगी।'

कांग्रेस की योजनाओं की मोदी द्वारा निंदा पर बरसते हुए राहुल ने कहा, "प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ नष्ट कर दी है। प्रधानमंत्री से पूछा जाना चाहिए कि मनरेगा में अब अचानक इतनी बढ़ोतरी क्यों हुई है, जिसकी पहले वह आलोचना करते रहे हैं।"

राहुल ने पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका की भी प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, "कांग्रेस के लोगों ने देश के लिए अपना पसीना और खून दिया है। मैं भाजपा और उनके सहयोगियों से पूछना चाहता हूं कि क्या उनकी पार्टियों में से भी किसी ने यह किया है?"

GST से संबंधित मुद्दे जल्द हल होंगे: अरुण जेटली

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गांधीनगर, 11 जनवरी: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताहों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित दोहरे नियंत्रण और पार-सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का हल निकल आएगा। जेटली ने कहा, "जीएसटी परिषद में लोकतांत्रिक ढंग से चर्चा के बाद निर्णय किया जाता है। अधिकांश मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे बचे हुए हैं और मै उममीद करता हूं कि वे भी सुलझा लिए जाएंगे।"

वह वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन 2017 के हिस्से के रूप में यहां जीएसटी पर आयोजित सम्मेलन 'जीएसटी : द गेम चेंजर फॉर इंडियन इकॉनोमी' में बोल रहे थे।

उन्होंने आगे कहा, "जब जीएसटी सभी करों का विलय करता है और भारत को एकात्मक स्वरूप प्रदान करता है तो यह कर निर्धारिती के लिए लाभदायक है, क्योंकि कर का व्यापक प्रभाव नहीं पड़ेगा और राज्यों को काफी राजस्व प्राप्त होगा।"

जीएसटी परिषद की अगली बैठक 16 जनवरी को होगी, जिसमें दोहरे नियंत्रण और पार सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। 

मोदी कुछ नहीं कर पाएंगे, 2019 में कांग्रेस सत्ता में आएगी तभी ‘अच्छे दिन’ आएँगे: राहुल गाँधी

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नई दिल्ली, 11 जनवरी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने जिन 'अच्छे दिनों' का वादा किया था, वे तब आएंगे जब 'कांग्रेस सत्ता में आएगी'। 

राहुल ने कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में अपने भाषण में कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, न्यायपालिकाऔर निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के महत्व को कम कर रहे हैं।

राहुल ने कहा कि नोटबंदी का कदम आरबीआई का नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत फैसला था।

उन्होंने कहा, "मोदीजी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका पूरी दुनिया में उपहास किया जा रहा है।"

राहुल ने कहा, "वह स्वच्छ भारत से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी कर रहे हैं और देश की जनता आस लगा रही है कि अच्छे दिन कब आएंगे। अच्छे दिन केवल 2019 में आएंगे, जब कांग्रेस सत्ता में आएगी।"

उन्होंने कहा कि मोदी और भाजपा की यह पूछने की आदत रही है कि आजादी के बाद से कांग्रेस सरकारों ने 70 सालों में क्या किया।

उन्होंने कहा, "इस देश के लोग जानते हैं कि कांग्रेस ने क्या किया और क्या नहीं किया। उन्होंने देश के हर राज्य में केवल अपना पसीना ही नहीं बहाया, बल्कि अपना खून भी दिया है..कितने भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना खून दिया है। "

उन्होंने कहा, "हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि हमने पिछले 70 सालों में क्या किया और क्या नहीं किया..लेकिन भाजपा ने ढाई सालों में वह सब बर्बाद कर दिया, जो हमने 70 सालों में हासिल किया था। उन्होंने उन संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर दिया है, जिन्हें हमने इतने दशकों में खड़ा किया था।"

मोदी का भारत और सर्बिया के बीच व्यापार बढ़ाने पर जोर

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गांधीनगर, 11 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और सर्बिया को व्यापार और निवेश संबंधों को 'बढ़ाना' चाहिए, क्योंकि दोनों ही देशों ने हमेशा एक-दूसरे का सर्मथन किया है। सर्बिया के प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर वूकिक का वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सर्बियाई कंपनियों के लिए कम लागत उत्पादन का आदर्श आधार बन सकता है। 

उन्होंने कहा, "द्विपक्षीय मोर्चे पर हमें कारोबार और निवेश संबंधों को बढ़ाने की जरूरत है।"

दोनों नेताओं ने इसके अलावा आईटी, हेल्थकेयर, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि उत्पादन को सहयोग के विस्तार के लिए संभावित क्षेत्रों के रूप में पहचान की। 

वूकिक ने क्षेत्रीय एकता और सर्बिया की अखंडता पर भारत की सतत स्थिति की सराहना की। 

उन्होंने भारत के संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की दावेदारी पर अपना समर्थन दोहराया। 

सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की उम्मीद है। इस चार दिवसीय सम्मेलन में 12 देश हिस्सा ले रहे हैं।

क्या जानबूझकर ‘तेज बहादुर यादव’ कर रहा है BSF को बदनाम, दाल के साथ माल भी तो बना था: पढ़ें

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New Delhi, 10 January: आज देश की बहुत बड़ी बदनामी हो गयी है, पूरी दुनिया में भारत की थू थू हो रही है, पाकिस्तान के तो मजे आ गए हैं, वहां के मीडिया चैनल चीख चीख कर कह रहे हैं कि भारत के जवानों को तो खाना ही नहीं दिया जाता, ना चटनी मिलती है, ना अचार मिलता है, दाल में केवल हल्दी डाली जाती है, जीरे का तड़का भी नहीं लगाया जाता। 

भारत के BSF जवान तेज बहादुर यादव जिसका एक बार कोर्ट मार्शल भी हो चुका था, आठ महीने जेल में भी रहे थे, BSF ने दया करके उन्हें दोबारा मौका दिया था, मानवता दिखाई थी लेकिन तेज बहादुर यादव ने BSF की मानवता को करारा सबक सिखाते हुए ऐसा VIDEO पोस्ट किया और खाने के बारे में ऐसा रोना रोया कि पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हो गयी। इन्होने भारत की थू थू करा दी। तेज बहादुर यादव केवल 15 दिन के लिए बॉर्डर पर गए थे, 15 दिन भी देश की असली सेवा नहीं कर सके। खाने का रोया रो दिया। 

तेज बहादुर यादव ने VIDEO पोस्ट किया है, उन्होने कहा है कि दाल में तड़का नहीं लगाया जाता, केवल हड्डी और नमक डाला जाता है, उन्होंने जो VIDEO पोस्ट की है उसमें दाल में बदल में माल भी बना हुआ दिख रहा है, मान लीजिये आपके घर में किसी दिन माल बना और हल्की सी दाल भी बना दी गयी ताकि सेहत थोडा अधिक मिल सके, अब आम माल को किनारे करके दाल का विडियो बना लें और बोल दें कि दाल में केवल हल्दी डाली गयी है। अरे भाई दाल हल्की है तो माल ही खा लो, या माल की भी VIDEO दिखाते। आपको देश को बदनाम करने की क्या जरूरत थी। अगर एक दिन किसी वजह से जीरा नहीं आ सका तो आप पूरी दुनिया में ये कहेंगे कि यहाँ बिना जीरे का खाना मिलता है। कमाल है यार। 

हमने तो सुना था कि सेना में बढ़िया खाना मिलता है, पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा होती थी, मान लो एक दिन आपको बढ़िया खाना नहीं मिल पाया, दाल में प्याज नहीं डाला गया तो अपने उसकी VIDEO बनाकर पूरे देश को बदनाम कर दिया।

अब मान लीजिये, जिस सैनिक को बॉर्डर पर खड़े होकर पहरा देना हो उसे खाने में माल-मैटेरियल और दारु दे दो, ऐसे में वह खड़ा होकर पहरा देगा या सो जाएगा। बहुत अच्छा खाना खाने के बाद गहरी नींद भी आती है, खड़े होकर पहरा देना मुस्किल हो जाता है, ऐसे लोगों को BSF थोडा हल्का खाना देता है, प्यार और लहसुन नहीं देता, ये सब तामसिक भोजन होते हैं और नींद बढाते हैं, तो क्या VIDEO बनाकर सोशल मीडिया पर डाल देंगे। अब तेज बहादुर यादव यह भी कहेंगे कि उन्हें सोने भी नहीं दिया जाता, अगर ये लोग सोयेंगे तो पाकिस्तान के लोग आकर सर लेकर चले जाएंगे।

एक और बात, हर बटालियन में BSF का एक अधिकारी या मेजर भी होता है, जो खाना बनता है उसे मेजर भी खाता है और तेज बहादुर यादव जैसे फौजी भी खाते हैं, जब एक मेजर वही खाना खा रहा है तो तेज बहादुर यादव क्यों नहीं खा सकता। मेजर ने तो शिकायत नहीं की।

बात कुछ भी हो, तेज बहादुर यादव देश को बदनाम करके हीरो बनने की कोशिश कर रहा है, आज उसे फेसबुक पर पेज भी बना लिया है, लोग उसके पेज को लाइक भी करने लगे हैं, अब उसे कोई ना कोई पार्टी टिकट दे देगी, अब वह विधायक भी बन सकता है, उसका भविष्य बन गया है। 

अर्जुन रामपाल मोदी को मानते हैं असली नायक, BJP का करेंगे प्रचार और हर जगह खिलाएंगे कमल

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New Delhi, 10 January: अर्जुन रामपाल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से काफी प्रभावित हैं और उन्हें देश का असली हीरो मानते हैं, उनका कहना है कि जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उनकी चर्चार भारत के प्रधानमंत्री से भी अधिक होती थी और आज जब वे भारत के प्रधानमंत्री बन चुके हैं तो दुनिया के सभी नेताओं से अधिक चर्चा मोदी की होती है। 

अर्जुन रामपाल मोदी से इस कदर प्रभावित हैं कि अब उन्होंने देश में हर जगह कमल खिलाने का फैसला ले लिया है, आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में अर्जुन रामपाल बीजेपी की तरफ से चुनाव प्रचार करेंगे और पाँचों राज्यों में कमल खिलाने की कोशिश करेंगे ताकि प्रधानमंत्री मोदी के हाथों को मजबूती मिल सके। 

आज अर्जुन रामपाल बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ बीजेपी दफ्तर पहुंचे और अपने सर पर बीजेपी का झंडा बाँध लिया। उन्होंने कहा कि मै राजनेता तो नहीं हूँ और यहाँ पर राजनीति करने के लिए भी नहीं आया हूँ, मै यहाँ केवल बीजेपी को सपोर्ट करने आया हूँ और उनकी मदद करने आया हूँ। 

BSF के IG ने कर दी तेज बहादुर यादव की DNA एनालिसिस: पढ़ें

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नई दिल्ली, 10 जनवरी: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मंगलवार को कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सीमा पर उसके जवानों को खराब गुणवत्ता के भोजन परोसे जा रहे हैं। बीएसएफ के महानिरीक्षक डी.के.उपाध्याय ने कहा कि एक वीडियो में जवान द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच उप महानिरीक्षक ने की है और आरोप के पक्ष में कुछ भी नहीं मिल सका है। यह वीडियो जम्मू एवं कश्मीर सीमा से वायरल हुआ था।

उपाध्याय ने कहा, "उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी वहां गए और बीएसएफ जवानों को परोसे गए भोजन की गुणवत्ता के बारे में पूछताछ की। प्रथमदृष्टया, अन्य जवानों ने कोई शिकायत नहीं की।"

यह बयान बीएसएफ के जवान तेजबहादुर यादव द्वारा अपलोड किए गए एक वीडियो के वायरल होने के एक दिन बाद आया है। इस वीडियो के बाद बीएसएफ ने इसकी जांच कराई।

वीडियो में यादव प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कह रहे हैं कि ठंडे, पहाड़ी सीमावर्ती इलाकों में तैनात जवानों की दशा दयनीय है।

यादव ने आरोप लगाया कि जवानों को खराब गुणवत्ता के भोजन परोसे जा रहे हैं और कभी-कभी उन्हें भूखे रहने को मजबूर होना पड़ता है।

खुद को बीएसएफ की 29 बटालियन का बताने वाले यादव ने किसी का नाम लिए बगैर अधिकारियों पर जवानों के लिए आए भोज्य पदार्थो को अवैध रूप से बेचने का आरोप लगाया। 

यादव ने एक और वीडियो पोस्ट किया जिसमें खराब ढंग से सेंकी गई एक गई रोटी और दाल दिख रही है। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इस दाल में नमक और हल्दी के अलावा और कुछ नहीं है।

आरोपों को आधारहीन बताते हुए उपाध्याय ने कहा कि बीएसएफ के अधिकारियों और जवानों को समान गुणवत्ता के भोजन परोसे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि अन्य लोगों के अलावा रसोइये से भी पूछताछ की जाएगी।

अधिकारी ने कहा कि इससे पहले यादव अवज्ञा के आरोपी रह चुके हैं और एक अधिकारी पर बंदूक तानने के आरोप में साल 2010 में उन्होंने कोर्ट मार्शल का भी सामना किया था।

उपाध्याय ने कहा, "उनके परिवार और बच्चों की स्थिति पर विचार करते हुए बल ने उदारवादी रुख अपनाया था। बर्खास्त किए जाने के बावजूद यादव की सेवा सिर्फ 89 दिनों के कठोर कारावास के बाद बहाल कर दी गई थी।"

महानिरीक्षक ने कहा, "तब से उन्हें मुख्यालय में रखा गया था, ताकि वह निगरानी में काम कर सकें और इस तरह का काम दोबारा नहीं कर सकें।"

उपाध्याय ने कहा, "उन्होंने 31 जनवरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए एक पत्र प्रस्तुत किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है। सीमा चौकी पर उन्हें 15 दिसंबर को भेजा गया था। कुछ जवान छुट्टी पर थे, इसलिए 15 दिनों पहले उन्हें वहां भेजा गया था।"

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को वीडियो को लेकर गृह सचिव को बीएसएफ से रपट मांगने का आदेश दिया था।

BSP जवान बोला, मोदी सरकार सब कुछ भेजती है, BSF के कुछ अधिकारी बेचकर खा जाते हैं, मचा बवाल

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New Delhi, 10 January: BSF के एक जवान तेज बहादुर यादव ने BSF अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार सैनिकों को खाने के लिए हर चीज भेजती है, कोई कमी नहीं रखती, स्टोर भर देती है लेकिन सैनिकों को अच्छा खाना नहीं दिया जाता, राशन को कुछ BSF अधिकारी बाजारों में बेच लेते हैं और सैनिकों को रूखा सूखा खाने के लिए भेज देते हैं। 

सैनिक ने सोशल मीडिया पर एक VIDEO पोस्ट करके कहा है कि मेरे साथ कुछ भी हो सकता है क्योंकि अधिकारियों की पहुँच बहुत ऊपर तक है, इसलिए उसके सन्देश को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं ताकि देश के मीडिया और सरकार यहाँ आकर सैनिकों की हालत को देखे और मामले की छानबीन हो। 

सैनिक ने प्रधानमंत्री मोदी ने भी आग्रह किया है कि वे जांच करें कि उनका भेजा हुआ राशन कौन बेचकर खा रहा है, उन्होंने कहा कि वे सरकार को दोषी नहीं मानते क्योंकि वे तो सब कुछ भेजते हैं लेकिन अधिकारी राशन को बेचकर खा लेते हैं। 

नए वर्ष पर इटली ने मौज मारकर लौटे राहुल गाँधी, बड़े नेताओं के साथ की बैठक

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नई दिल्ली, 10 जनवरी: कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ अपने निवास स्थान पर बैठक की। राहुल हाल ही में यूरोप में छुट्टियां बिताकर लौटे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस बैठक में शामिल थीं।

यह बैठक देश में चार फरवरी से पांच राज्यों में शुरू हो रहे चुनावों से पहले रणनीति पर चर्चा करने के उद्देश्य से की गई। 

कार्ड से भुगतान पर उपभोक्ता व पेट्रोल पंप को नहीं देना होगा कोई शुल्क: धर्मेन्द्र प्रधान

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नई दिल्ली, 9 जनवरी: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सोमवार को घोषणा की कि पेट्रोल पंपों पर किए गए डिजिटल लेनदेन के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। पेट्रोलियम डीलरों ने शुक्रवार के बाद क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करने की चेतावनी दी हुई है।

इस मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बैठक के बाद प्रधान ने यहां कहा, "डिजिटल लेनदेन पर अतिरिक्त शुल्क का वहन न तो उपभोक्ता करेंगे और न ही पेट्रोल पंप करेंगे। इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा।"

मुद्दे के संबंध में उन्होंने कहा, "यह बैंकों और तेल विपणन कंपनियों के बीच एक व्यापार मॉड्यूल है जिसका वे हल निकालेंगे।"

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, "सरकार फरवरी, 2016 को जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करेगी जिसमें कहा गया है कि डिजिटल भुगतान पर उपभोक्ता अतिरिक्त शुल्क वहन नहीं करेंगे।"

मंत्री ने कहा कि कार्ड से भुगतान पर शुल्क को लेकर पेट्रोल पंप एसोसिएशन और बैंकों के बीच बातचीत का उपभोक्ता पर असर नहीं पड़ता है, क्योंकि यह बैंकों और पेट्रोल पंपों के बीच मर्चेट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) की हिस्सेदारी पर केंद्रित होती है। इनमें किसी की भी देनदारी का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाता।

कार्ड से भुगतान करने पर बैंकों द्वारा उपभोक्ताओं की जगह पेट्रोल पंपों पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के खिलाफ रविवार को पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन (एआईपीडीए) ने सोमवार से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्वीकार न करने की घोषणा की थी।

सोमवार को एआईपीडीए ने अपनी पहले की घोषणा में बदलाव करते हुए शुक्रवार तक डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्वीकार करने की घोषणा की क्योंकि बैंकों ने भी तब तक कार्ड से भुगतान पर 1 प्रतिशत एमडीआर लगाने का फैसला टाल दिया है।

एआईपीडीए की पश्चिम बंगाल शाखा के महासचिव सरदिन्दू पाल ने आईएएनएस से कहा, "बैंकों ने रविवार देर शाम हमें सूचित किया कि कार्ड से भुगतान पर शुल्क 13 जनवरी तक नहीं लिए जाएंगे। इसके अनुरूप हम लोगों ने शुक्रवार तक कार्ड से भुगतान लेने का निर्णय किया है।"

एआईपीडीए की पश्चिम बंगाल शाखा के अध्यक्ष तुषार कांति सेन ने कहा, "हमने रविवार काफी देर रात फैसला किया, क्योंकि कुछ बैंकों ने सूचित किया था कि वे 13 जनवरी तक शुल्क नहीं लेंगे, जबकि कुछ बैंकों ने ऐसा नहीं किया था। मंत्रालय ने हमसे आग्रह किया कि कार्ड से भुगतान न लेने के फैसले को 13 जनवरी तक टाल दें।"

एआईपीडीए के अध्यक्ष अजय बंसल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे एक पत्र में कहा कि एचडीएफसी और अन्य बैंक सोमवार से सभी क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर 1 प्रतिशत शुल्क और सभी डेबिट कार्ड हस्तान्तरणों पर 0.25 प्रतिशत से 1 प्रतिशत के बीच शुल्क लेना शुरू करेंगे।

बंसल ने लिखा, "यह शुल्क पेट्रोलियम डीलरों के खातों से काटा जाएगा और हमारे खातों में शुद्ध लेनदेन मूल्य जमा किया जाएगा। इससे डीलरों को वित्तीय नुकसान होगा।"

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि कार्ड के जरिए ईंधन की खरीद और बिक्री के लिए शुल्क लगाए जाने को लेकर केंद्र सरकार सभी पक्षों से बातचीत कर रही है।

उन्होंने कहा, "हम मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहे हैं।"

एआईपीडीए का कार्ड से भुगतान नहीं लेने का फैसला ऐसे समय में आया, जब केंद्र ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकारी तेल कंपनियों को कार्ड या मोबाइल वैलेट से भुगतान करने वाले ग्राहकों को 0.75 प्रतिशत की छूट देने का निर्देश दिया है। 

पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर साफ कर दिया है कि पेट्रोल पंप पर शुक्रवार के बाद भी कार्ड से भुगतान पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा। 

विज्ञप्ति में कहा गया है, "सरकार द्वारा फरवरी, 2016 में जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार, एमडीआर शुल्क का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा और एमडीआर शुल्कों को आत्मसात करने के लिए संबद्ध पक्ष समुचित कदम उठाएंगे।"