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अगर किसी ने हरियाणा में अमित शाह की रैली को रोकने की कोशिश की तो झेलेगा खट्टर का कहर

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जींद 13 फरवरी: इसी महीनें 15 फ़रवरी को जींद में अमित शाह की रैली होने वाली है लेकिन कुछ राजनीति कपार्टियों ने अमित शाह की रैली को रोकने का ऐलान किया है, पहले जाटों ने रैली रोकने का ऐलान किया था लेकिन जाट नेताओं से मुलाक़ात के बाद खट्टर ने उन्हें मना लिया. अब इनेलो ने अमित शाह की रैली को रोकने का ऐलान किया है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वे 15 फरवरी, 2018 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा संबोधित की जाने वाली रैली के प्रबंधों का जायजा लेने के लिए आज जींद के दौरे पर जा रहे हैं। आज यहां एक समारोह के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि रैली बिना किसी व्यवधान के आयोजित की जाएगी।

एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक राजनीतिक दल द्वारा दूसरे राजनीतिक दल की रैली का विरोध किया जाना अनुचित है। उन्होंने इसे एक घटिया और शर्मनाक कार्य बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी ने अनुचित हरकत की तो उसके खिलाफ कठोर एक्शन लिया जाएगा.

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष का जन्मदिन मनाने जा रहे थे कांग्रेसी नेता हाजी खां, 2 को मार दिया

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नई दिल्ली: हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष डाक्टर अशोक तंवर का आज जन्मदिन है और दूर दूर से उनके समर्थक आज उन्हें जन्मदिन की बधाई देने पहुँच रहे हैं। तंवर के ही कार्यक्रम में जा रहे कांग्रेसी नेता हाजी साहब खां पटवारी की गाड़ी से एक बड़ा हादसा हो गया जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 

बताया जा रहा है कि कांग्रेसी नेता हाजी साहब की गाड़ी तेज रफ़्तार में जा रही थी। हाजी साहब खां कांग्रेस कमेटी में सचिव के पद पर बताये जा रहे हैं जिनकी तेज गाड़ी ने एक बाइक सवार को टक्कर मार दी और बाइक पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान हो गई है।

मृतक विमला और जयपाल बताये जा रहे हैं जो जुंगी गांव के हैं और बैंक से पैसे निकलवाने जा रहे थे। हाजी खां पुन्हाना के कांग्रेसी नेता हैं और हादसा ढाना बाईपास के पास बताया जा रहा है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि दुर्घटना के बाद कांग्रेसी नेता हाजी साहब वहां से भाग गए। काफी देर बाद एम्बुलेंस और पुलिस मौके पर पहुँची।

जीत गया पुलिस-प्रशासन, हार गयी युवा-एकता, युवाओं ने मजबूर होकर छोड़ा बॉबी कटारिया का आन्दोलन

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नई दिल्ली: बॉबी कटारिया को पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया था ताकि भविष्य में कोई युवक पुलिस वालों की लाइव वीडियो ना बने सके, ऐसा काम करने वाले युवक डर जाएं और बॉबी कटारिया का अंजाम याद रखें.

बॉबी कटारिया के जेल जाने और उसके ऊपर कई FIR दर्ज होने के बाद भी युवा एकता आन्दोलन के लोग नहीं डरे और उसकी मदद के लिए आगे आये. पूरे देश में बॉबी कटारिया पर हुए जुल्म की आवाज पहुंचाई गयी.

शुरुआत में अजय चौधरी बॉबी कटारिया के आन्दोलन की अगुवाई करने के लिए आगे आये, उसके बाद बीरेंद्र सिंह ने मोर्चा सम्भाला और उसके बाद लुधियाना के हरमीत सिंह टिंकू ने मोर्चा सम्भाला.

इन युवाओं ने अपनी जान को खतरे में डालकर बॉबी के लिए काम करना शुरू किया, गुरुग्राम पुलिस के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर पुलिस हमेशा नजर रख रही है, हाल ही में एक RTI एक्टिविस्ट के दोस्त को उठा लिया गया और उसे तीन दिन तक टॉर्चर किया गया. RTI एक्टिविस्ट आकाश मौर्या ने RTI एक्ट के तहत गुरुग्राम पुलिस से बॉबी कटारिया की जानकारी मांगी थी लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने आ पहुंची, उन्हें पकड़ने की भूल में उनके दोस्त को ही उठा लिया.

कहने का मतलब ये है कि तीनों युवाओं ने अपनी अपनी जान को जोखिम में डालकर बॉबी कटारिया की मदद के लिए आन्दोलन खड़ा किया लेकिन अब तीनों ने आन्दोलन छोड़ दिया है. बॉबी कटारिया का परिवार ही नहीं चाहता कि कोई उसके समार्थन में बोले, इसलिए एक एक करके सभी आन्दोलन से दूर होते गए और अजय चौधरी और हरमीत सिंह भी मजबूर होकर अपने घर चले गए.

अजय चौधरी ने तो यहाँ तक कह दिया है कि हम लोग बेवकूफ थे जो आन्दोलन के लिए आगे आये और उसकी मदद की. अब हमारा बॉबी कटारिया और उसके परिवार से कोई मतलब नही है. हरमीत सिंह टिंकू भी अपने घर लुधियाना जा चुके हैं. 

इस तरह से युवाओं की एकता हार गयी जबकि गुरुग्राम का पुलिस प्रशासन जीत गया, अब शायद गुरुग्राम पुलिस की असलियत बाहर ना आने पाए क्योंकि बॉबी कटारिया के परिवार की वजह से कोई युवा आन्दोलन का नेतृत्व नहीं करेगा और पुलिस वालों के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकेगा, हो सकता है कि बॉबी कटारिया के रिहा होने के बाद वह भी डरकर चुप बैठ जाए क्योंकि अब आन्दोलन ही नहीं है तो बॉबी कटारिया अकेला क्या कर लेगा, कल को पुलिस के खिलाफ कुछ बोलेगा तो पुलिस उसे फिर से पकड़कर तीन चार दिन तोड़ेगी. उसकी मदद के लिए अब कोई युवा आएगा ही नहीं क्योंकि उसका परिवार ही यह सब नहीं चाहता और उसकी मदद करने वालों को बेइज्जती मिलती है.

जाट नेता यशपाल मलिक के सामने सीएम खट्टर ने जोड़े हाथ, प्यार से नहीं माने तो चलाएंगे डंडा

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नई दिल्ली: पिछले पांच वर्षों में हरियाणा के जाटों ने दो बार हरियाणा को जलाया है जबकि दो तीन बार जलाने की कोशिश फेल हुई है, एक बार खट्टर सरकार ने जाटों के सामने झुककर उनके साथ समझौता किया है जबकि एक बार पूर्व कांग्रेस सरकार उनके आगे झुकी है, कल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जाट नेता यशपाल मलिक के सामने हाथ जोड़े और उन्हें प्यार से मनाने की कोशिश की.

आपको बता दें कि 15 फ़रवरी को जींद में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की बाइक रैली है जिसके खिलाफ जाटों ने प्रदर्शन करने का फैसला किया है. जाट किसी भी कीमत पर यह रैली रोकने के लिए तैयार हैं और उनके आन्दोलन की अगुवाई आरक्षण संघर्ष समिति के नेता यशपाल मलिक कर रहे हैं.

इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कल दिल्ली के हरियाणा भवन में यशपाल मालिक को बुलाकर उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश की है, अगर वह प्यार से नहीं माने तो बाबा राम रहीम मामले में लोग खट्टर की ताकत देख चुके हैं.

इस मीटिंग में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा प्रभारी अनिल जैन, राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार मौजूद थे.

अमित शाह की रैली की बात करें तो प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है लेकिन जाट समुदाय के नेता कई जिलों में जिस तरह की धमकियां दे रहें हैं उसे देखकर प्रशासन पहले से सतर्क है. इसीलिये आज उन्होंने यशपाल मलिक को बातचीत के लिए बुलाया है। इस बैठक के नतीजे जल्द आ सकते हैं।

RTI कार्यकर्ता ने गुरुग्राम पुलिस से बॉबी कटारिया केस पर पूछा सवाल तो उसे उठाने पहुँच गयी CIA

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नई दिल्ली: गुरुग्राम पुलिस निर्दोषों को झूठे मामले में फंसाने के लिए बदनाम है, प्रद्युमन मर्डर केस में गुरुग्राम पुलिस ने रयान स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को हत्यारा घोषित कर दिया था लेकिन बाद में CBI जांच हुई और उसे छोड़कर एक अन्य छात्र को गिरफ्तार किया गया. अब बॉबी कटारिया पर कई मामले दर्ज करके उन्हें जेल भेजा गया है और उनपर लगे मामलों की जांच चल रही है. गुरुग्राम पुलिस के बारे में एक अखबार ने शर्मनाक खबर छापी है.

एक RTI कार्यकर्ता आकाश मौर्य उर्फ़ रवि ने बॉबी कटारिया मामले की जानकारी के लिए गुरुग्राम पुलिस से RTI के जरिये कुछ जानकारी मांगी थी, उन्हें जवाब तो नहीं मिला, पुलिस उनके पीछे पड़ गयी और एक दिन उन्हें उठाने के लिए पहुँच गयी. उनकी किस्मत अच्छी थी कि वह कार से पहले ही उतर चुके थे, स्कॉर्पियो कार से पहुंचकर गुरुग्राम के CIA स्टाफ ने उसकी कार रुकवाई और उसके दोस्त अफजल को ही गिरफ्तार कर लिया और तीन दिन उसे टॉर्चर किया, बाद में उसे जमानत मिल गयी लेकिन टॉर्चर के दौरान उससे आकाश मौर्य की जानकारी मांगी जाती रही.

खबर के अनुसार आकाश मौर्य दिल्ली के मयूर बिहार के रहने वाले हैं, उन्होंने 13 जनवरी को RTI Act के जरिये फरीदाबाद नीमका जेल में बंद बॉबी कटारिया के बारे में गुरुग्राम पुलिस से कुछ जानकारियाँ मांगी थीं, गुरुग्राम पुलिस ने उसे कोई जानकारी तो नहीं दी, 6 फ़रवरी को CIA स्टाफ को उन्हें उठाने के लिए भेज दिया.

6 फ़रवरी को गुरुग्राम पुलिस ने आकाश को उठाने की पूरी तैयारी कर रखी थी, स्कॉर्पियो गाडी उसके पीछे लग गयी, किसी काम से आकाश मौर्य अपनी कार से मयूर बिहार फेज 1 थाने से आधा किलोमीटर पहले ही उतर गए, उनकी कार में अफजल रह गया था. 

उसके उतरते ही गुरुग्राम पुलिस CIA की बिना नंबर प्लेट स्कॉर्पियो कार वहां पर पहुंची और उसके साथी अफजल को गन-पॉइंट पर ले लिया. आकाश काम समाप्त करके कार के पास आया तो देखा कि उसके दोस्त को गन-पॉइंट पर लोग ले जा रहे थे, उसनें अपहरण की आशंका से 100 नंबर पर फोन किया, पुलिस वहां पर आयी तो गुरुग्राम CIA की कार को रोक लिया, उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम गुरुग्राम CIA सेक्टर - 17 से हैं, हिरासत में लिए गए युवक पर चोरी का आरोप है, उसके बाद अफजल पर झूठा मामला दर्ज करके उसे तीन दिनों तक टॉर्चर किया गया. उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया. कल उसे जमानत मिल गयी.

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