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कांग्रेसियों को टिकट देकर BJP ने बना दिया विधायक, मंत्री, उन लोगों ने खट्टर को बना दिया मनमोहन

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नई दिल्ली, चंडीगढ़ 1 अप्रैल: मनमोहन सिंह 10 साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनकी सरकार में खूब घोटाले हुए, मनमोहन सिंह भी घोटाले होते देखते रहे क्योंकि कांग्रेस की बहुमत की सरकार नहीं थी, अगर वे किसी को रोकने की कोशिश करते तो उनकी सहयोगी पार्टियाँ सरकार से समर्थन वापस ले लेतीं और मनमोहन सिंह की सरकार गिर जाती, तो मनमोहन सिंह अपनी कुर्सी बचाने के लिए ध्रितराष्ट्र बन गए और पाप होते देखते रहे लेकिन उन्होंने खुद से कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, उनकी इमानदारी पर आज भी किसी को शक नहीं है और प्रधानमंत्री मोदी ने खुद राज्य सभा में कहा था की 'बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाना तो कोई डॉ मनमोहन सिंह से सीखे। 

मतलब कमी मनमोहन सिंह में नहीं थी बल्कि कमी कांग्रेसी नेताओं में थी, ठीक उसी तरह से आज हरियाणा में हो रहा है, यहाँ पर लगता तो ऐसे है कि बीजेपी की सरकार है लेकिन ऐसा है नहीं, यहाँ नाम की बीजेपी सरकार है और लूट कांग्रेस सरकार के जैसी ही हो रही है, कानून व्यवस्था का वैसा ही हाल है जो कांग्रेस के समय में था। 

बात दरअसल ये है कि चुनाव से पहले जब कांग्रेसी नेताओं ने मोदी लहर देखी तो बीजेपी की तरफ भगदड़ मच गयी, बीजेपी ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया और उन्हें टिकट दे दिया, बीजेपी हमेशा बीजेपी नेताओं से अधिक कांग्रेस से भागकर आये नेताओं को इज्जत और मान सम्मान देती है और उसका उदाहरण आपने हाल ही में उत्तर प्रदेश में देखा होगा जब कांग्रेस से भागकर आयीं रीता बहुगुणा जोशी को मंत्री बना दिया गया। 

इसी प्रकार से कांग्रेस से भागकर आये राव इन्द्रजीत सिंह को सांसद बनाकर उन्हें केंद्र में मंत्री बना दिया गया लेकिन वो क्या काम करते हैं अगर किसी आम आदमी से पूछो तो नहीं बता पाएगा, इसी तरह से कांग्रेस से भागकर आये बीरेंद्र सिंह को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया लेकिन अगर उनके भी काम के बारे में पूछा जाए तो कोई बता नहीं सकता, उनकी पत्नी को भी बीजेपी ने टिकट देकर विधायक बना दिया है। 

अब हम बता रहे हैं कि मोदी सरकार में मंत्री बने ये दोनों पूर्व कांग्रेसी नेता क्या काम कर रहे हैं, दरअसल इनका मन काम में कम लग रहा है, ये दोनों हरियाणा के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। हुआ यह था कि बीजेपी ने कुछ कांग्रेसी नेताओं को टिकट देकर विधायक बना दिया, ये विधायक तो बीजेपी पार्टी से हैं लेकिन इनकी लूटने की आदत कांग्रेस सरकार जैसी ही है इसलिए इन्होने बीजेपी के भी कुछ लालची विधायकों को मिलाकर एक ग्रुप बना दिया है, करीब 20 विधायकों का ग्रुप खट्टर की कुर्सी हिला रहा है, ये ग्रुप चाहता है कि खट्टर उन्हें लूटने दें, जितना पैसा मांगे, खट्टर उतना पैसा दे दें जबकि खट्टर कह रहे हैं कि ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा। 

अब आप खुद देखिये, हरियाण की खट्टर सरकार पिछले ढाई वर्षों में कुछ नहीं कर पाई, ना तो अवैध शराब पर रोक लग पाई, ना तो गौ तस्करी पर रोक लग पाई, ना नशे के कारोबार पर रोक लग पायी, ना कानून व्यवस्था दुरुस्त हो पाई, ना हत्याएं रुक पायीं, ना बलात्कार जैसी घटनाएं रुक पायीं, ना शिक्षा व्यवस्था में कोई सुधार आ पाया। 

वहीँ आप उत्तर प्रदेश और पंजाब में देख लीजिये, दोनों जगहों पर लग रहा है कि कोई सरकार है, कुछ एक्शन हो रहा है, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का भी एक्शन दिखाई दे रहा है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी एक्शन दिखाई दे रहा है लेकिन हरियाण के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मनमोहन सिंह बनकर अपनी कुर्सी थामकर बैठे हैं। पूर्व कांग्रेसी नेता उनकी कुर्सी हिला रहे हैं, और खट्टर अपनी कुर्सी बचाने के लिए लड़ रहे हैं। 

आपने सुना होगा कि खट्टर कई बार मीडिया के सामने फूट फूट कर रोये हैं, कुछ उनके करीबी भी विद्रोहियों से मिल गए हैं, सबको लूटने की आदत लगी हुई है लेकिन खट्टर किसी को खजाने पर हाथ नहीं मारने दे रहे हैं इसलिए राज्य में कोई एक्शन नहीं हो रहा है, खट्टर भी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं लेकिन इस वक्त कुर्सी बचाने के लिए उन्हें मनमोहन सिंह बनने पर मजबूर होना पड़ा है। 

जिसका डर था वही हुआ, सत्ता के नशे में चढ़ गयी BJP नेताओं को चर्बी, पीटने लगे गरीबों को

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फरीदाबाद 31 मार्च: आपने सुना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार में अपनी सभी रैलियों में कहते थे कि उत्तर प्रदेश के थाने समाजवादी पार्टी के गुंडों के कार्यालय बन गए हैं, गरीबों की फ़रियाद सुनने से पहले सपा के गुंडों को फोन किया जाता है और अगर समाजवादी पार्टी का नेता राजी होता है तभी FIR लिखी जाती है, मोदी की इस बात को लोगों ने माना और बीजेपी को वोट दिया।

पिछले ढाई वर्षों से हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार है और ऐसा लगता है कि फरीदाबाद के बीजेपी नेताओं ने मोदी की बात को आइडिया के रूप में ले लिया और फरीदाबाद के पुलिस थानों को बीजेपी के गुंडों का कार्यालय बना दिया है, आज फरीदाबाद के सूरजकुंड के पास जैन डेरे की झुग्गियों में बिंदे भड़ाना नाम के बीजेपी नेता ने अपने साथ गुंडों की फ़ौज जाकर बस्ती में रहने वाले गरीबों को बुरी तरह से पिटवा दिया, कई लोगों के सर फूट गए।

इससे भी शर्मनाक है है कि लोगों के घरों में घुसकर उन्हें पीटा गया, महिलाओं के अलावा बुजुर्ग व्यक्तियों को भी पीटा गया। घटना की सूचन देने के काफी देर बाद पुलिस आयी लेकिन पुलिस पहले ही बिंदे भड़ाना के साथ मिली हुई थी इसलिए कोई कार्यवाही नहीं हुई, करीब दर्जन भर गरीबों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाही लेकिन बिंदे भड़ाना के बीजेपी के बड़े नेताओं से सम्बन्ध हैं इसलिए पुलिस कमिश्नर ने भी गरीबों से मिलने से मना कर दिया।

पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचे घायलों ने डीसीपी NIT आस्था मोदी और एसीपी NIT से मुलाक़ात की, उन्होने घयकों को कहा कि आप सब बीके हास्पिटल जाकर मेडिकल करवाएं और वहां थाने का जांच अधिकारी आपके पास पहुँचकर मामला दर्ज करेगा। पुलिस वालों ने केवल आश्वासन देकर उन्हें भगा दिया, चाहिए ये था कि पहले उन्हें मामला दर्ज करना था उसके बाद उन्हें खुद घायलों का मेडिकल कराना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

इस मामले में घायलों का कहना है कि हमें पुलिस पर भरोसा नहीं है क्योंकि इन लोगों की ही मिलीभगत से बिंदे भडाना हमें परेशान करता है और हमें भगाकर हमारे घरों पर कब्ज़ा करना चाहता है, उन्होंने बताया कि बिंदे भडाना एक भू माफिया है और जमीनों पर कब्ज़ा करना उसका काम है, बीजेपी के बड़े नेताओं की शह पर वो ये काम करता है। 

पुलिस ने छापा मार किये 64 काले तेल के ड्रम बरामद

फरीदाबाद 29 मार्च। फरीदाबाद सैक्टर 21 बी स्थित रामनगर में सैक्टर 7 थाना पुलिस टीम ने काले तेल का अवैध रूप से धंधा करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस ने रंगे हाथों काले तेल कर सप्लाई करते हुए दोनों युवकों को गिरफ्तार किया और साथ ही 64 काले तेल के ड्रम भी बरामद कर लिये हैं, मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी कुलदीप ने बताया कि उन्होंने सूचना के आधार पर छापा मारा है और मामला आबकारी कराधान से जुडा हुआ होने से चलते विभाग को सूचित कर दिया गया है। 

हरियाणा से उठी आवाज, UP वालों YOGI को सिर्फ 1 हफ्ते के लिए दे दो, खट्टर को 1 साल के लिए ले जाओ

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फरीदाबाद, 29 मार्च: उत्तर प्रदेश में योगी को मुख्यमंत्री बने सिर्फ 8 दिन ही हुए हैं लेकिन उन्होंने पूरी सरकार, प्रशासन, पुलिस और अपराधियों को हिलाकर रख दिया है, ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में फिल्म नायक की शूटिंग चल रही है वही हरियाणा में बीजेपी की सरकार बने ढाई साल हो रहे हैं, यहाँ पर भी बीजेपी की बहुमत की सरकार है लेकिन यहाँ पर टेस्ट मैच चल रहा है, यहाँ पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कोई एक्शन नहीं दिख रहा है, ना तो पुलिस उनके कंट्रोल में है, ना प्रशासन उनके कंट्रोल में है, ना अफसर सरकार की सुनते हैं और ना सरकार अफसरों की सुनती है, यहाँ पर किसी भी हालत में लगती ही नहीं कि बीजेपी की सरकार है। 

योगी का एक्शन देखकर हरियाणा वाले खुश हैं इसलिए अब लोग खट्टर के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं, यहाँ पर बीजेपी समर्थकों ने बीजेपी की सरकार बनाने के लिए जी जान लगा दी थी, बहुत मेहनत के बाद पहली बार यहाँ पर बीजेपी सरकार बनी है लेकिन जिस प्रकार से खट्टर गाय तरह शांत बैठे हैं और ध्रितराष्ट्र की तरह आँखें बंद करके भ्रष्टाचार का तमाशा रहे हैं, लोग निराश हैं, फरीदाबाद हरियाण की औद्योगिक राजधानी माना जाता है लेकिन यहाँ पर बीजेपी विधायक ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, अवैध कब्जे कर रहे हैं, अपनी संपत्तियां खड़ी कर रहे हैं और उनको देखकर बदमाशों और भ्रष्टाचारी अफसरों के भी हौसले बुलंद हैं क्योंकि जब राजा ही चोर है तो अफसरों की तो मौज ही होगी क्योंकि ऐसे माहौल में ना राजा अफसरों को चोरी करने से रोक सकता है और ना अफसर राजा को कुछ कह सकते हैं, मतलब राजा और अफसर दोनों चोर हैं तो शहर की तो वाट लगनी तय है। 

यही सब देखते हुए हरियाणा से अब आवाज उठने लगी है, लोग UP वालों से कह रहे हैं कि YOGI को सिर्फ एक हप्ते एक लिए हमें दे तो, बदले में खट्टर को एक साल के लिए रख लो। 

जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश हरियाणा से करीब पांच 10 गुना बड़ा राज्य है, हरियाणा के लोग सोच रहे हैं कि जब योगी इतने बड़े राज्य को 1 हप्ते में ठीक कर सकते हैं तो हरियाणा को 1 एक हप्ते में पूरा ठीक कर सकते हैं, खट्टर के बस की बात नहीं है हरियाणा को संभालना। ये तो गाय हैं, भ्रष्टाचार होते अपनी आँखों से देखते रहते हैं, ये आज तक रोबर्ट वाड्रा की फाइल नहीं खोल पाए।

खट्टर को मुख्यमंत्री बने ढाई साल हो गए हैं लेकिन उनकी सरकार ने स्कूली शिक्षा और प्रशासन को सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया, फरीदाबाद से इमानदार और दबंग पुलिस अफसरों का बीजेपी नेताओं ने ही ट्रांसफर करवा दिया क्योंकि ये अफसर उनकी लूट में बाधा बन रहे थे।

कुछ लोग कहते हैं कि बीजेपी सरकारें स्कूली शिक्षा में सुधार करती हैं लेकिन खट्टर सरकार इस मामले में पूरी तरह से फेल हुई है, इनकी सरकार ने स्कूली शिक्षा को सुधारने और आधुनिक व्यवस्था खड़ी करने के लिए कुछ नहीं किया, और हो सकता है कि अगले तीन साल भी कुछ ना कर पाएं, अगले चुनाव में बीजेपी की हार होनी तय है इसलिए लोग खट्टर को बदलने की मांग कर रहे हैं और किसी तेज तर्रार देना को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं। 

सुशासन नहीं कुशासन दे रही है खट्टर सरकार, अरबों रुपये के ESI अस्पताल में गरीब परेशान: VIDEO

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फरीदाबाद, 27 मार्च: अगर किसी को लगता है कि सभी बीजेपी सरकारें सुशासन देती हैं, बढ़िया प्रशासन देती हैं तो हरियाणा के मामले में यह विल्कुल गलत साबित होता है क्योंकि हरियाणा में बीजेपी की सरकार बने ढाई दाल हो रहे हैं लेकिन अभी तक ना तो व्यवस्थाओं में सुधार नजर आता है और ना ही सुधार आने की संभावना नजर आती है, कांग्रेस की तरह बीजेपी नेता भी सत्ता के मजे ले रहे हैं, सरकार हर मामले में फेल नजर आती है। 

खट्टर के कुशासन का हम एक सबूत देने जा रहे हैं, फरीदाबाद में अरबों रुपये में भव्य ESI अस्पताल बना है, इस अस्पताल को पूर्व कांग्रेस सरकार ने बनवाया था, उद्घाटन भी पूर्व कांग्रेस सरकार करके गयी थी लेकिन ढाई साल बाद भी खट्टर सरकार इस अस्पताल में सभी सुविधाएं देने में नाकाम रही है। 

यह अस्पताल अब तक का सबसे बड़ा ESI अस्पताल माना जा रहा है, अगर खट्टर चाहते तो सुविधाएं लाकर मजदूरों को खुश कर सकते थे लेकिन वे ऐसा कुछ नहीं कर पाए, अगर सुविधाओं के मामले में देखा जाए तो इसे केवल खँडहर कहा जाएगा। 

फरीदाबाद का ESI अस्पताल कहने को तो मेडिकल कॉलेज है लेकिन यहाँ ना तो पढ़ाई होती है, ना ही अच्छे डॉक्टर हैं, ना अच्छा इलाज हो पा रहा है और ना ही अच्छी दवाइयाँ दी जाती हैं, डॉक्टर जो दवाइयां लिखते हैं वे अस्पताल की डिस्पेंसरी में होती ही नहीं, यहाँ तक की Paracetamal और Combiflam जैसी कॉमन दवाइयाँ यहाँ पर नहीं होतीं और इन दवाइयों के लिए मरीजों को वापस डिस्पेंसरी में भेज दिया जाता है, कई दवाइयाँ डिस्पेंसरी में भी नहीं मिलती तो मरीजों को मेडिकल स्टोर से वे दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं, बिल बनवाना पड़ता है, अपनी कंपनी में बिल पास कराना पड़ता है और उसके बाद वापस ESI की डिस्पेंसरी में बिल दिखाकर मेडिकल स्टोर पर खरीदी गयी दवा के पैसे लिए जाते हैं।

कुल मिलकर कहें तो ESI वाले मरीजों को इतना परेशान कर लेते हैं कि कई मरीज ESI कार्ड होते हुए भी डिस्पेंसरी और अस्पतालों में जाने से डरते हैं और अपने घर के पास प्राइवेट डॉक्टरों  से दवा लेकर काम चला लेते हैं, लोग सोचते हैं कहाँ जाएं यार, वहां पर 100-200 रुपये किराए में खर्च हो जाएंगे, दौड़ भाग अलग करनी पड़ेगी, समय अलग खर्च होगा, इससे बढ़िया है प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज करा लो, समय भी बचेगा और भागदौड़ भी नहीं करनी पड़ेगी। आप यह VIDEO देखिये, पता चल जाएगा कि ESI अस्पताल मरीजों को दवा के लिए कितना परेशान करते हैं और मजदूर मरीज ESI अस्पतालों, प्रशासन और सरकार के बारे में क्या राय रखते हैं। अगर यह VIDEO हरियाणा की खट्टर-बीजेपी सरकार देखेगी तो शर्म से डूब मरेगी। 

शर्म से डूब मरो खट्टर साहब, गरीब मजदूरों को लुटवा रहे हो आप, गालियाँ दिलवा रहे हो MODI को

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फरीदाबाद, 27 मार्च: हरियाणा में 2009 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को केवल 4 सीटें मिली थीं लेकिन 2014 चुनाव में मोदी के नाम पर हरियाणा एक लोगों ने वोट दिया और दो तिहाई बहुमत से बीजेपी की सरकार बन गयी, मनोहर लाल खट्टर को इमानदार बताकर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया लेकिन मनोहर लाल खट्टर विल्कुल कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे ही इमानदार हैं और भ्रष्टाचार और घोटालों पर वैसे ही आँख मूँद कर बैठे हैं जिस तरह से मनमोहन सिंह ने घोटालों पर अपनी आँखें मूँद ली थीं, खट्टर की वजह से हरियाणा में जगह जगह कारनामे हो रहे हैं और गालियाँ मोदी को पड़ रही हैं क्योंकि राज्य के लोगों ने मोदी के नाम पर वोट दिया था। 

आपको बता दें कि फरीदाबाद में ESIC (Employee's State Insurance Corporation) ने बहुत बड़ा अस्पताल बनवाया है, यह अस्पताल दो साल पहले ही बनकर तैयार हो गया था लेकिन अब तक सभी सुविधाएं यहाँ पर नहीं उपलब्ध कराई गयी हैं, दवाइयों के लिए मजदूरों को छोटी डिस्पेंसरी में भेजा जाता है और अगर वहां भी दवाइयाँ नहीं मिलतीं तो उन्हें मेडिकल स्टोर पर भेजा जाता है और वहां से बिल लाकर ESI में जमा कराने के लिए कहा जाता है, मतलब मजदूरों की परेड करा लेते हैं ESI वाले। 

इस अस्पताल में सुविधाएं तो नहीं है लेकिन बीजेपी सरकार ने गरीब मजदूरों को पार्किंग के नाम पर लूटना शुरू कर दिया है, आपको बता दें कि ESI अस्पताल मजदूरों के पैसे से बनते हैं, सरकार एक भी पैसे नहीं लगाती, हर महीने मजदूरों की सैलरी से 400-500 रुपये काट लिए जाते हैं, इन्हीं पैसों से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और सरकार को और अन्य कर्मचारियों को सैलरी भी मिलती है लेकिन यह बहुत ही शर्म का विषय है कि हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार गरीब मजदूरों से पार्किंग चार्ज भी लेने लगी है, इससे भी शर्मनाक बात यह है कि साइकिल वाले मजदूरों से भी पार्किंग चार्ज लिया जा रहा है, जैसे ही मजदूरों से पार्किंग चार्ज लिया जाता है उन्हें बहुत दुःख होता है, सरकार से निराश होते हैं और गालियाँ मोदी को देते हैं क्योंकि अस्पताल में हर जगह मोदी की फोटो लगाईं गयी है। देखें VIDEO. मजदूर क्या कह रहा है पार्किंग चार्ज के बारे में। 

कहते हैं कि बीजेपी सरकार आने के बाद रामराज्य आता है लेकिन हरियाणा में तो लूट हो रही है, ESI में केवल मजदूरों का ही इलाज होता है, उनकी सैलरी से पहले ही पैसे काट लिए जाते हैं, मजदूरों के ही अस्पताल में ही मजदूरों से पार्किंग वसूला जा रहा है, यह हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार के लिए शर्म का विषय है, इन्हें चुल्ल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। 

यहाँ पर कार के लिए पार्किंग चार्ज 40 रुपये है, मोटरसाइकिल के लिए पार्किंग चार्ज 10 रुपये और साइकिल के लिए पार्किंग चार्ज 5 रुपये है, पार्किंग का ठेकेदार देवेन्द्र डागर (पहलवान) है जो तहसील हथीन, जिला पलवल का निवासी है।
कैसे लूटते हैं खट्टर के ठेकेदार

यहाँ पर तीन महीने से पार्किंग चल रही है और अगले दो साल तक के लिए देवेंद्र पहलवान को ठेका दिया गया है, वैसे तो ESI अस्पताल में पार्किंग चार्ज नहीं वसूल जाना चाहिए क्योंकि यहाँ पर गरीब मजदूर इलाज कराते हैं और उनकी सैलरी से ही अस्पताल बनाया जाता है इसके बावजूद भी हरियाण की बीजेपी सरकार मजदूरों को लुटवा रही है और दो साल तक लुटवाएगी। किसी किसी मजदूर से तो एक ही दिन में कई बार पार्किंग चार्ज वसूल लिया जाता है क्योंकि उनको किसी काम के लिए साइकिल या मोटर साइकिल निकालनी होती है, दोबारा आने पर उनकी फिर से पर्ची काट दी जाती है, खट्टर ने उन्हें दो साल तक गरीब मजदूरों को लूटने का ठेका दे दिया है।

अगर ऐसे ही मजदूरों से पार्किंग चार्ज वसूल जाता रहा तो तीन साल में फिर से चुनाव होंगे, उसमें गरीब मजदूर बीजेपी को सबक सिखा देंगे और खट्टर को उखाड़ फेंकेंगे। 

वाह मंत्री साहब, गरीब का दर्द सुनते ही दौड़े आये मदद करने

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फरीदाबाद, 26 मार्च: भारत सवा सौ करोड़ का देश है, प्रधानमंत्री मोदी चाहकर भी सबकी आर्थिक मदद नहीं कर सकते लेकिन जिन लोगों को मदद की अत्यधिक जरूरत होती है वह अपनी सैलरी से जरूर मदद करते हैं ठीक इसी तरह से फरीदाबाद भी 20 लाख की जनसँख्या वाला शहर है, यहाँ के सांसद और मोदी सरकार में मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर चाहकर भी सभी लोगों की मदद नहीं कर सकते लेकिन जिन लोगों को मदद की सख्त जरूरत होती है वे उनकी मदद जरूर करते हैं।

आज कृष्ण पाल गुर्जर ने संवेदनशीलता और दयाभाव का अनूठा उदाहरण पेश किया, जानकारी के लिए बता दें कि होली के दिन फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी में रहने वाले एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी, यह व्यक्ति किराए के मकान में रहता था, दो बेटियां भी शादी की उम्र की हो रही हैं, दो छोटे बच्चे और हैं, घर में कमाने वाले कोई नहीं बचा है, जैसे ही इसकी सूचना मोदी सरकार में राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को हुई, आज उन्होने मृतक व्यक्ति के घर पर पहुंचकर 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद करने के साथ साथ दोनों बेटियों को नौकरी का भरोसा भी दिया। मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को यह खबर सोशल मीडिया के माध्यम से मिली थी। (देखें VIDEO)



सदमे में था मृतक का परिवार, मंत्री की मदद से ख़ुश


आप को बता दें कि होली के दिन फरीदाबाद की डबुआ कालोनी में एक किराए के मकान में रहने वाले रोशन लाल की  सड़क दुर्घटना में मौत  हो गई। रोशन लाल के चार बच्चे हैं जिनमे दो बेटियां और दो बेटे हैं ये चारों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। अचानक सर से पिता का साया उठने के बाद पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। इन बच्चों की हालात देख सोशल मीडिया के व्हाट्सएप के हरियाणा अब तक ग्रुप में इस दुर्घटना और परिवार की हालत के बारे में बताया गया। इसकी सूचना मिलते ही केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर मदद का आश्वासन दिया। 

आज शाम पांच बजे केंद्रीय राज्य मंत्री गुर्जर डबुआ कालोनी के उस घर पर पहुंचे, उन्होने अपनी तरफ से व्यकतिगत पचास हजार रूपये की मदद की और वादा किया कि मृतक की एक बेटी की नौकरी लगवाने का प्रयास करेंगे ताकि परिवार का गुजारा होता रहे। पीड़ित परिवार मोदी के मंत्री गुर्जर की दिल से तारीफ़ कर रहा है यहां तक की मृतक की एक बेटी का कहना है केंद्रीय मंत्री गुर्जर खुद मेरे घर आये और आर्थिक मदद की और मैं या  मेरा परिवार इन्हें कभी नहीं भूल पाएंगे। 

मृतक के एक भाई जो सूचना के बाद बिहार आये मोदी के मंत्री के  घर से जाने के बाद उनकी आँखें छलक पड़ीं और कहा कि नेता हो तो फरीदाबाद के सांसद एवं मोदी के मंत्री कृष्णपाल गुर्जर जैसा हो जो गरीबों का ख़याल रखता है। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, भाजपा नेता नीरा तोमर, वरिष्ठ भाजपा नेता सतीश फागना, पार्षद पति कविंदर फागना, भाजपा नेता साहिल नम्बरदार, अवतार सिंह, भगवान् सिंह, सुरेश पाठक आदि मौजूद थे। 

भ्रष्ट और गद्दार BJP विधायकों की वजह से मजबूर हैं CM खट्टर, YOGI की तरह नहीं कर सकते बैटिंग

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नई दिल्ली, 24 मार्च: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसी भी सूरत में योगी आदित्यनाथ से कम नहीं हैं, योगी आदित्यनाथ जैसे ही मनोहर लाल खट्टर भी इमानदार और साहसी नेता हैं, वे भी आरएसएस से आये हैं लेकिन योगी जैसी खट्टर की किस्मत नहीं है इसलिए वे हरियाणा में खुलकर बैटिंग नहीं कर पा रहे हैं, हरियाणा के लोग उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की बैटिंग देखकर खुश हैं, उन्हें लग रहा है कि योगी तो बल्ला थामते ही चौके छक्के लगा रहे हैं लेकिन खट्टर टेस्ट मैच खेल रहे हैं और भ्रष्ट बीजेपी विधायकों को झेल रहे हैं जिसका नतीजा है हरियाणा में कोई एक्शन नहीं दिख रहा है।

हरियाण की हालात ये हैं कि जो कमीशनखोरी कांग्रेस सरकार में चलती थी वही कमीशनखोरी बीजेपी सरकार में चल रही है, जो भ्रष्टाचार कांग्रेस के समय में होता था वही भ्रष्टाचार बीजेपी के समय में हो रहा है, जो ठेकेदार कांग्रेस के समय में सड़कें बनाते थे और मोटा कमीशन लूटते थे वही ठेकेदार बीजेपी सरकार में भी रोड बना रहे हैं और घटिया क्वालिटी का सामान लगाकर लूट रहे हैं। 

अब हरियाण के लोग चाहते हैं कि खट्टर भी योगी की तरह खुलकर बैटिंग करें लेकिन हरियाणा के लोग शायद यह भूल गए हैं कि बल्लेबाज तभी खुलकर बैटिंग करते हैं जब विकेट बचे रहते हैं या अंतिम ओवर होते हैं।

खट्टर की मजबूरी यह है कि उनके पास विकेट नहीं बचे हैं, हरियाणा के लोगों ने बीजेपी को केवल 47 सीटें दे हैं, अगर दो विकेट भी गिर गए तो हरियाण की बीजेपी सरकार गिर जाएगी और खट्टर आउट हो जाएंगे। इस वक्त बीजेपी में कम से कम 5-6 विधायक गद्दारी पर तुले हुए हैं, ये लोग खट्टर की कुर्सी हिला रहे हैं, खट्टर की कुर्सी डगमगा रही है और हरियाणा के लोग उनसे योगी की तरह बैटिंग की उम्मीद कर रहे हैं।

हरियाणा के लोग नहीं जानते कि उत्तर प्रदेश में बहुमत के लिए BJP को केवल 202 सीटें चाहियें थी लेकिन बीजेपी  को 312 सीटें मिली हैं और उनके सहयोगियों को मिलाकर 323 मिली हैं, इस वक्त अगर 100 विधायक भी बीजेपी से गद्दारी कर दें तो भी योगी सरकार को कुछ नहीं होगा, मतलब 100 विधायक भी गद्दारी कर दें तो भी योगी खुलकर बैटिंग जारी रख सकते हैं।

लेकिन मनोहर लाल खट्टर के मामले में ऐसा नहीं है, कई बीजेपी विधायक गद्दार हैं, मौके के तलाश में हैं, कई विधायक महाभ्रष्टाचारी हैं और लूटना चाहते हैं, खट्टर भी ऐसे विधायकों को पहचानते हैं लेकिन अगर वे ऐसे विधायकों पर कार्यवाही करते हैं तो ये विधायक कांग्रेस और INLD से मिल जाएंगे, हरियाण की सरकार गिर जाएगी और खट्टर आउट हो जाएंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर केंद्र में भी बीजेपी बहुमत से अधिक सीटें ना मिलतीं तो मोदी भी खुलकर बैटिंग ना कर पाते और ना ही योगी जैसे बल्लेबाज को उत्तर प्रदेश में बैटिंग के  लिए भेज पाते, मोदी हरियाणा का माहौल समझ रहे हैं, उन्हें भी पता है कि कई बीजेपी विधायक महाभ्रष्टाचारी हैं, लालची हैं, लूटने की फिराक में हैं और विपक्षी पार्टी के साथ मिलकर खट्टर के खिलाफ साजिश रच रहे नहीं लेकिन वे भी मजबूर हैं क्योंकि विधायकों पर कार्यवाही करते ही ये लोग कांग्रेस से मिलकर सरकार गिरा देंगे, इसलिए कहते हैं कि मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी है। अब मनोहर लाल खट्टर की बैटिंग के लास्ट ओवर में लिखेगी जब उनके आउट होने का डर नहीं रहेगा लेकिन इतना तो तय है कि वे किसी को ज्यादा खाने नहीं देंगे। 

वाह वाह! हरियाणा के महाबली पहलवान मौसम खत्री ने लगातार दूसरे साल जीत लिया 1 करोड़ का ईनाम

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चंडीगढ़ 24 मार्च: हरियाणा के महाबली पहलवान मौसम खत्री ने लगातार दूसरे साल हरियाणा में आयोजित शहीदी दिवस की दंगल में एक करोड़ का ईनाम जीता है, पिछली बात यह दंगल गुरुग्राम में हुई थी जबकि इस वर्ष अंबाला छावनी में हुई है, मौसम खत्री ने पिछले वर्ष भी 1 करोड़ रुपये जीते थे और इस वर्ष भी उन्होंने 1 करोड़ रुपये की ईनामी राशी जीत ली। मौसम खत्री 97 किलो वर्ग के पहलवान हैं।

अम्बाला छावनी के वार हीरोज मैमोरियल स्टेडियम में एक करोड़ इनामी दंगल के अधिकतर इनाम हरियाणा के महिला व पुरुष पहलवान ले उड़े। हजारों दर्शकों के बीच हुई इस खिताबी भिड़ंत में खिलाड़ियों ने दमखम का प्रदर्शन करते हुए प्रदेश का लोहा मनवाया। शहीदी दिवस के उपलक्ष्य पर हुए इस दंगल में विजेताओं को सी.एम. मनोहर लाल खट्टर ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। 

प्रतियोगिता के आयोजन से गदगद हुए सी.एम.खट्टर ने प्रतियोगिता में अगले वर्ष इनामी राशि एक करोड़ से 2 करोड़ रुपए करने की घोषणा करी तो पूरा हाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। सी.एम. खट्टर ने कहा कि हरियाणा आने वाले समय में दुनिया के सभी खेलों का हब बनकर उभरेगा और अगले वर्ष दंगल की राशि दो करोड़ रुपए की जाएगी। योग एवं व्यायामशालाओं के माध्यम से खिलाड़ियों को कुश्ती, कबड्डी जैसे हरियाणा के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता है।

खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रतियोगिता में पहलवानों ने जोरदार प्रदर्शन किया है। सरकार उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करें यह उनका प्रयास रहेगा। स्वर्ण जयंती भारत केसरी दंगल समारोह को पर्ण रूप से आजादी के दीवाने व खेलों को समर्पित रहा। रियो ओल्मपिक 2016 में भारत के प्रतिनिधित्व करने वाले 22 खिलाड़ियों तथा पैरालम्पिक में भाग लेने वाले 9 खिलाड़ियों को 15-15 लाख रुपए की राशि से सम्मानित किया गया। वहीं भारत के कुश्ती में एकमात्र रैफरी कम जज की भूमिका निभाने वाले अशोक कुमार को 10 लाख रुपए की सम्मानित राशि प्रदान की गई। ओल्मपियन साक्षी मलिक, पी.वी. सिंधु, विनेश फोगाट, गीता फौगाट, दलीप राणा उर्फ  ग्रेट खली दर्शकों का विशेष आकर्षण रहे। यह पहला अवसर रहा कि रियो ओलंपिक के बाद किसी राज्य ने प्रतिभागी खिलाड़ियों को इतनी बड़ी नकद राशि से सम्मानित किया है। 

बसपा विधायक टेकचंद शर्मा बोले, EVM में नहीं की जा सकती छेड़छाड़, मायावती का आरोप गलत

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फरीदाबाद, 23 मार्च: आज फरीदाबाद के पृथला से बहुजन समाज पार्टी के विधायक टेकचंद शर्मा ने एक प्रेस वार्ता कर माध्यम से अपने विकास कार्यों के बारे में बताया, उन्होंने कहा कि हमें केवल ढाई वर्षों में 765 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराये हैं और आगे भी हामरी कोशिश रहेगी कि अपने क्षेत्र पृथला का अधिक से अधिक विकास करा सकूँ। टेकचंद शर्मा हरियाणा की बीजेपी सरकार से बहुत खुश हैं क्योंकि बीजेपी सरकार ने उन्हें अपने क्षेत्र का विकास करने के लिए 765 करोड़ रुपये दे दिए। 

टेकचंद शर्मा से जब पूछा गया कि आप बहुजन समाज पार्टी के विधायक हैं, आपकी नेता मायावती उत्तर प्रदेश चुनावों में बीजेपी पर EVM से छेड़छाड़ का आरोप लगा रही हैं, क्या आप भी उनकी बात से सहमत हैं तो उन्होंने कहा 'हमारी राय में EVM मशीनों में छेड़छाड हो ही नहीं सकती, उसमें ऐसा आप्शन ही नहीं होता है कि किसी का वोट किसी और को ट्रांसफर कर दिया जाए। 

टेकचंद शर्मा ने कहा कि EVM में छेड़छाड़ मायावती की अपनी राय है, हम तो उनका समर्थन नहीं करते, अगर उत्तर प्रदेश में बसपा की हार हुई है तो उन कारणों को खोजना चाहिए जिसकी वजह से पार्टी की हार हुई है, EVM की वजह से हार नहीं हुई है यह मैं दावे का साथ कह सकता हूँ।

जानकारी के लिए बता दें कि फरीदाबाद में 6 विधानसभा हैं - NIT , बड़खल, फरीदाबाद, तिगांव, बल्लभगढ़ और पृथला। टेकचंद शर्मा पृथला के विधायक हैं, उन्होंने बसपा के टिकट से चुनाव जीता था, बसपा पार्टी से होते हुए भी हरियाण की बीजेपी सरकार ने इनके क्षेत्र में 765 करोड़ रुपये के विकास कार्य को मंजूरी दे दी, सबका साथ और सबका विकास। 

महिला ने की शिकायत, घर पर जिस पंडित को भागवत कथा के लिए बुलाया, उसने लूट ली इज्जत: पढ़ें

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फरीदाबाद 22 मार्च: फरीदाबाद में एक महिला के साथ शर्मनाक घटना सामने आयी है, महिला ने जिस पंडित से कुछ दिनों पहले घर में भागवत कथा कराई थी उसी ने महिला पर बुरी नजर डालकर उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया।

महिला ने फरीदाबाद सेक्टर-16 महिला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है जिसके अनुसार 'मैंने ललितानंद से अपने घर में भागवत कथा करवाई थी, इसके कुछ दिनों बाद ललितानंद मेरे घर पर आने लगा, एक दिन ललितानंद रात 9 बजे मेरे घर पर आया और मेरे माथे पर अंगूठा लगाकर मुझे अपने वश में कर लिया और उसी दिन मेरी मर्जी के बगैर मेरे साथ बलात्कार किया, इसके बाद ललितानंद ने कई बार मेरे साथ बलात्कार किया।

उसके बाद महिला ने बताया - पंडित ललितानंद में मुझसे कहा कि अगर तू अपने पति के साथ रहेगी तो मैं उसे मरवा दूंगा, उसने ऐसा कहकर मेरे पति को घर से भगा दिया, उसके बाद ललितानंद रोजाना मेरे घर पर दारु पीकर आने लगा और मेरे साथ मारपीट करने लगा, मेरे पास कुछ जेवर थे वो उसे भी बेचकर खा गया।

उसके बाद ललितानंद ने मुझसे कहा कि अगर तू किसी से भी मतलब रखेगी तो तेरे बेटे को भी मरवा दूंगा, अब मैं उससे तंग आ चुकी हूँ, पुलिस उसके साथ कड़ी कार्यवाही करे।

पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर ललितानादं के खिलाफ धारा 450, 376, 506 आई.पी.सी. के तहत मामला दर्ज कर दिया है।

Murder in Faridabad: कार चालक को दिन दहाड़े भूनकर बदमाश फरार

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फरीदाबाद, 20 मार्च; फरीदाबाद से एक बड़ी खबर आयी है, जानकारी के अनुसार ग्रेटर फरीदाबाद में वजीरपुर के निकट मास्टर रोड पर एक कार सवार को गोलियों से भूनकर बदमाश फरार हो गए, दिन दहाड़े मर्डर से इलाके में दहशत का माहौल है।

खबर के अनुआर जगदीश वजीरपुर के मास्टर रोड पर अपनी कार से अपने गाँव की तरफ जा रहे थे, मुकुट गार्डेन के नजदीक अनजान हमलावरों से उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गयी, उनकी लाश कार में ही पड़ी मिली।

मृतक जगदीश सेक्टर 17 के मकान नंबर 16 में रहता था जिसका पैतृक गांव खेड़ी है। पुलिस जाँच में जुटी है अभी तक हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई है।

मंगलवार को छोड़कर रोजाना 100 ग्राम दारु का पैग जरूर लगाता है 21 करोड़ रुपये का यह भैंसा

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फरीदाबाद, 20 मार्च: आपने दारु के शौक़ीन इंसानों को जरूर देखा होगा लेकिन दारु के शौक़ीन किसी जानवर को नहीं देखा होगा, आज हम आपको ऐसे भैंसे के बारे में बताने जा रहे हैं तो दारु का शौक़ीन है लेकिन इंसानों की तरह यह भी मंगलवार को दारु नहीं पीता।

यह कोई साधारण भैंसा नहीं है बल्कि इसकी कीमत हेलिकॉप्टर से भी अधिक है, इस समय इसकी कीमत 21 करोड़ रुपये है, इस भैंसे का नाम शहंशाह है और यह अपने मालिक की हर वर्ष करीब एक करोड़ रुपये की कमाई कराता है।

हरियाण के फरीदाबाद जिले के सूरजकुंड में कृषि शिखर सम्मलेन चल रहा है जिसमें देश भर के किसान अपने अपने जानवरों के साथ आये हैं, इसी मेले में सुलतान और शहंशाह नाम के दो भैंसे आये हैं जिन्हें देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो रही है, शहंशाह की कीमत 25 करोड़ है जबकि सुलतान की कीमत 21 करोड़ है।

सुलतान की उम्र सात साल दस महीने की है और सुलतान की खुराक सुनकर लोग हैरान हो जा रहे हैं। कैथल जिले के बूढ़ाखेड़ा गांव के निवासी नरेश बेनीवाल इस भैंसे को लेकर सूरजकुंड पहुंचे हैं। बेनीवाल का कहना है कि सुल्तान शाम को खाने से पहले 100 ग्राम स्काच जरूर पीता है। उन्होंने बताया कि सुल्तान मंगलवार छोड़कर हर रोज स्काच के बगैर भोजन नहीं करता। 
उन्होंने बताया कि सुल्तान रविवार को टीचर्स, सोमवार को ब्लैक डॉग, बुधवार को 100 पाइपर, गुरुवार को बेलेनटाइन, शनिवार को ब्लेक लेबल या शिवास रिगल लेते हैं। उन्होंने बताया कि सुल्तान सालभर में 30 हजार सीमेन की डोज देता है जो 300 रुपए प्रति डोज बिकती है। इस हिसाब से वह सालाना 90 लाख रुपए कमा लेता है। उनका कहना है कि सुल्तान की कीमत करोड़ लग चुकी है लेकिन मैंने इसे नहीं बेंचा। 

मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली को तबाह और बर्बाद होने से बचाया

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नई दिल्ली, 20 मार्च: आरक्षण पाने के लिए एक बार फिर से जाटों का दिमाग घूम गया है, इस बार जाटों ने हरियाणा के बजाय दिल्ली को तबाह और बर्बाद करने का मन बनाया था क्योंकि केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है इसलिए उन्होंने सोचा कि दिल्ली की रफ़्तार और पानी रोक देने पर दिल्ली वाले भूखे और प्यार मर जाएंगे इसलिए कल उन्होंने दिल्ली कूच करने का प्लान बनाया था लेकिन मनोहर लाल खट्टर ने जाटों की मांग को स्वीकार करके दिल्ली को बर्बाद होने से बचा लिया हालांकि दिल्ली अभी भी हाई अलर्ट पर है क्योंकि जाटों का दिमाग कभी भी फिर सकता है। 

कल हरियाणा सरकार से अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों को पूरा करने की सहमति मिलने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार से शुरू होने वाला जाट आरक्षण आंदोलन स्थगित कर दिया गया है हालाँकि जाट अभी भी कुछ जगहों पर टिके हुए हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने रविवार को यह घोषणा की। दिल्ली में सरकार और जाट नेताओं के बीच कई दौर की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।

जाट आंदोलन टलने से दिल्ली को राहत तो मिल गई है, लेकिन अभी भी अलर्ट जारी है और दिल्ली मेट्रो के चार स्टेशनों में प्रवेश और निकासी प्रतिबंधित रखी गई है।

आप इस मुद्दे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मनोहर लाल खट्टर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथग्रहण समारोह में जाना चाहते थे लेकिन उन्हें यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा, वे जाटों को मनाने के लिए दिल्ली में ही रुके रहे। 

कलयुगी देवर ने भाभी को कमरे में अकली देखकर कर दिया गलत काम

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फरीदाबाद: एक कलयुगी देवर ने अपनी ही भाभी का बलात्कार कर दिया और उसके बाद अपने दोस्त ने भी अपनी भाभी की आबरू पर हमला करवा दिया, दोनों ने महिला का रेप करने के बाद उसे जान से मारने की धमकी देते हुए कहा - अगर इस घटना के बारे में किसी को बताया तो जान से मार दूंगा, महिला उनकी धमकी से डरी नहीं और हिम्मत दिखाकर पुलिस में FIR दर्ज कर दी। 

महिला की शिकायत के अनुसार उसकी शादी वर्ष 2015 में हुई थी, उसकी शादी के बाद उसके छोटे देवर का दोस्त नवीन जो पलवल का निवासी है, उसका आना जाना था। 

महिला ने बताया कि 1 जून 2016 को उसका पति घर पर नहीं था, मैं घर में अकेली थी तो मेरा देवर कमरे में घुस आया और मेरी मर्जी के बगैर मेरे साथ बलात्कार किया, उस समय उसका दोस्त नवीन भी घर पर आया हुआ था, मेरे देवर ने उसे भी बुला लिया, पहले मेरे देवर ने मेरे साथ रेप किया और उसके बाद नवीन ने भी मेरे देवर के इशारे पर मेरे साथ रेप किया। दोनों ने रेप करने के बाद मुझे जान से मारने की धमकी दी। 

महिला ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है, महिला की शिकायत के बाद फरीदाबाद सेक्टर 16 थाने में IPC की धारा 376, 450 और 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और अपनी तरफ से कार्यवाही शुरू कर दी है। 

मोदी लहर में विधायक बन गए कुछ लालची नेता, अब खट्टर को हटाकर सीधा बनना चाहते हैं मुख्यमंत्री

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चंडीगढ़: पिछले दो वर्षों में चुनाव जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कुछ बड़ी गलतियाँ कर दी हैं जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है, आपको बता दें कि हरियाणा में पहली बाद भाजपा की सरकार बनी है, बीजेपी ने 90 में से 47 सीटें जीतकर बहुमत के साथ सरकार बनाई लेकिन उसकी बहुमत से सिर्फ 2 सीटें अधिक हैं, मतलब अगर 3 विधायक भी बाहर निकल गए तो हरियाणा की बीजेपी सरकार गिर जाएगी।

बीजेपी की सरकार तो बन गयी लेकिन उनसे गलती यह हुई कि उन्होंने कुछ लालची नेताओं को भी टिकेट दे दिया, कुछ पूर्व कांग्रेसियों को भी टिकट दे दिया, कुछ भ्रष्ट लोगों को भी टिकट दे दिया, कुछ ऐसे लोगों को भी टिकेट दे दिया जिसके नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है लेकिन उसका पूरा परिवार चोर है।

मोदी लहर में ये सभी लालची और चोर नेता विधायक बन गए, अगर मोदी लहर नहीं होती तो इन्हें 100 वोट भी ना मिलते और अगर इनकी जगह किसी रिक्शे वाले को भी टिकट दे दिया जाता तो उसकी भी जीत हो जाती क्योंकि लोगों ने जाति-धर्म-अमीरी-गरीबी छोड़कर सिर्फ मोदी को देखा था।

मोदी ने चुनाव जीतने के बाद अपनी ही तरह के नेता मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया, मनोहर लाल खट्टर बहुत ही इमानदार हैं और किसी को लूटने नहीं देते हैं, सभी विधायकों से उनके काम का हिसाब किताब मांगते हैं।

अब ये विधायक जिनकी मोदी के बिना 100 वोटों की औकात नहीं थी, वे साजिश कर रहे हैं, गुटबाजी कर रहे हैं, कई लोग तो मंत्री ना बनाए जाने से नाराज हैं, फरीदाबाद के एक विधायक जो एक बिजनेसमैन था और मोदी लहर में जीत गया उसे मंत्री भी बना दिया गया उसके बाद भी उसे चैन नहीं है, अब वो सीधा मुख्यमंत्री बनना चाहता है, इसके अलावा फरीदाबाद के दो और विधायक हैं जिन्हें चैन नहीं है, उनका भी काम में मन नहीं लगता सिर्फ गुटबाजी करने में मन लगता है।

इस वक्त कम से कम 20 बीजेपी विधायक हैं जो खट्टर के खिलाफ साजिश कर रहे हैं, उन्हें कुर्सी से हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, खबर है कि ये लोग कांग्रेसी नेता हुड्डा के इशारे पर चल रहे हैं, इन्हें लगता है कि खट्टर की जगह वे मुख्यमंत्री बन जाएंगे और जमकर लूटेंगे। बीजेपी सरकार की मजबूरी यह है कि उनके पास बहुमत से सिर्फ 2 विधायक अधिक हैं, अगर वे इन चोर विधायकों के खिलाफ कार्यवाही करते हैं तो ये समर्थन वापस ले लेंगे और हरियाणा सरकार गिर जाएगी।

खट्टर को भी ये बात पता है कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है, कल वे आरएसएस के बड़े नेताओं से मिले, उन्हें हालत के बारे में बताया, संघ के नेताओं ने उन्हें आश्वासन दिया कि आप टेंशन ना लें, हम इन विधायकों को देख लेंगे।

कल हरियाणा के वित्त मंत्री ने बजट पेश किया, खट्टर ने विधानसभा से बाहर कहा कि मैं तो सभी को साथ लेकर चलता हूँ और सभी विधायकों से बात भी करता हूँ। उन्होंने कहा कि मैं रहूँ या ना रहूँ लेकिन कोई भी व्यक्ति संगठन से ऊपर नहीं है।

खट्टर ने इशारा कर दिया कि मजबूरीवश अगर उन्हें कुर्सी छोडनी पड़ी तो छोड़ देंगे लेकिन संगठन को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा, सरकार बनी रहेगी। 

खट्टर किसी को लूटने नहीं दे रहे इसलिए कुछ BJP विधायक ही गिराना चाहते हैं खट्टर सरकार: पढ़ें

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चंडीगढ़: आपने देखा होगा कि ढाई साल पहले जब हरियाणा के चुनाव हुए थे तो बड़ी मुस्किल से बीजेपी को बहुमत से सिर्फ दो सीटें अधिक मिली थीं, अगर इस वक्त 3 बीजेपी विधायक विद्रोह कर दें तो हरियाण की बीजेपी सरकार गिर जाएगी, जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि हरयाणा के कुछ बीजेपी विधायक सच में हरियाणा की बीजेपी सरकार गिराना चाहते हैं, वे किसी भी कीमत पर मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद पर नहीं देखना चाहते इसलिए पिछले एक दो महीने से साजिश चल रही है, बीजेपी में ही कई गुट बन गए हैं, पार्टी में बड़ी गुटबाजी चल रही है। 

आपनी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा की 90 सीटों में बीजेपी के पास 47 सीटें हैं, इनमें से कम से कम 25 लोग मोदी के नाम पर या मोदी लहर की वजह से चुनाव जीते थे, अगर मोदी लहर नहीं होती तो इन्हें कोई भी वोट नहीं देता, ऐसे विधायकों में फरीदाबाद के भी तीन विधायक शामिल हैं। तीनों विधायक काम करने के बजाय गुटबाजी करने में व्यस्त हैं। हाल ही में इनकी वजह से बीजेपी फरीदाबाद नगर निगम चुनाव हारने वाली थी लेकिन नोटबंदी की वजह से एक बाद फिर से लोगों ने मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट दे दिया और बीजेपी की जीत हो गयी। 

जानकारी के अनुसार इस वक्त एक दो नहीं बल्कि 20-22 विधायक खट्टर के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, ये लोग उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते हैं और सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। इन लोगों को मनोहर लाल खट्टर इसलिए नहीं पच रहे हैं क्योंकि वे भी मोदी की तरह 'ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा' के रास्ते पर चल रहे हैं, वे पैसा तो देना चाहते हैं लेकिन हर पाई का हिसाब भी मांगते हैं जिसकी वजह से बीजेपी के विधायकों को लूटने का मौका नहीं मिल रहा है, हर कोई 100-200 करोड़ लूटना चाहता है ताकि उनकी चार पीढियों का इंतजाम हो जाए लेकिन खट्टर उन्हें ऐसा करने नहीं दे रहे हैं, ये विधायक चाहते हैं कि जितना मांगें खट्टर उतना पैसा इन्हें दे दें और कोई हिसाब ना मांगें। 

जानकारी के अनुसार इस साजिश में दो केंद्रीय मंत्री जो पूर्व में कांग्रेसी हैं वे भी बागी विधायकों का साथ दे रहे हैं, दोनों ही जाट हैं और उनके मानना है कि जाटों को खुश करने के लिए खट्टर को हटाकर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा इसलिए वे भी बगावत को हवा दे रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ दर्जन विधायक सरकार के खिलाफ बगावत के लिए तैयार बैठे हैं और पार्टी के दोने बड़े नेता बागी विधायकों का मार्गदर्शन कर रहे  हैं । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी बगावत करने वाले विधायकों के संपर्क में बताए जाते है।  हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा सरकार का कभी भी तख्ता पलटा जा सकता है।  सूत्रों के अनुसार फिलहाल डेढ़ दर्जन विधायकों ने गुडग़ांव के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल के चंडीगढ़ स्थित सरकारी फ्लैट को अपनी गुप्त राजनीति का अड्डा बनाया हुआ है। गुरुवार को 20 से 22 विधायकों ने इस फ्लैट में बैठक करखट्टर सरकार के खिलाफ अपनी भावी रणनीति को अंजाम दिया। इन विधायकों में ज्यादातर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक शामिल हैं। चौधरी वीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता भी इन विद्रोही विधायकों में शामिल हैं । लगता है कि दोनों केंद्रीय मंत्री इस बगावत की पटकथा लिखने में मशगूल हैं।

बगावत करने वाले  विधायकों में अधिकतर वे हैं जो भाजपा की हवा के साथ पार्टी में आए थे और भाजपा की विचारधारा से उनका कोई खास लेना-देना नहीं है। इन  विधायकों में शामिल जिन लोगों के नाम पुख्ता तौर पर सामने आए हैं उनमें संतोष चौहान सारवान, रणधीर कापड़ीवास, बिमला चौधरी , उमेश अग्रवाल, प्रेम लता, लतिका शर्मा, सुखविंदर मांडी, पूर्व मंत्री विक्रम सिंह यादव, ओपी यादव, कुलवंत बाजीगर, मूलचंद शर्मा, नरेश कौशिक, पवन सैनी, रोहिता रेवड़ी, पूर्व मंत्री घनश्याम सर्राफ, बलवंत सढ़ोरा आदि शामिल हैं। इन तमाम विधायकों में एकाध को छोडक़र ज्यादातर गैर जाट विधायक हैं और महिलाएं भी बड़ी तादाद में हैं। 

 भाजपा नेताओं के ज्यादा होश इसलिए भी उड़े हुए हैं कि नाराज विधायकों में से कुछ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला के भी लगातार संपर्क में हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार को तोडऩे के लिए भाजपा के कुल 47 विधायकों में से दो तिहाई विधायकों का एकजुट होकर पार्टी छोडऩा जरूरी है। इस लिहाज से बगावत करने के लिए कम से कम 32 विधायकों का पार्टी छोडऩा जरूरी है। फिलहाल 22 विधायक बगावत को तैयार हैं। करीब 10 विधायकों का साथ इन्हें और चाहिए। बाकी कसर कांग्रेस (17 विधायक) या इनेलो ( 20 विधायक) की मदद से नई सरकार बनाने के लिए पूरी जा सकती है। ये दोनों दल भी लगातार सारे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं । 

खास सूत्रों की मानें तो खट्टर की कुर्सी जो लोग छीनना चाहते हैं वो वर्तमान भाजपा नेता और पूर्व कांग्रेसी हैं जिनमे वीरेंद्र सिंह और राव इंद्रजीत का नाम प्रमुखता से आ रहा है ये  दोनों नेता केंद्र में मंत्री हैं। सूत्रों की मानें तो कई बार विधायक रह चुके वर्तमान में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की वजह से अभी तक मनोहर लाल खट्टर अपनी कुर्सी पर विराजमान हैं। सूत्रों की ही मानें तो कुछ नेताओं को खट्टर शुरू से ही पसंद नहीं थे एक साल पहले हरियाणा में जाट आन्दोलन हुआ था जिसमे कुछ नेताओं का हाँथ होने की आशंकाएं हैं और इन्ही नेताओं ने हाल में एक समुदाय के कंधे पर बन्दूक रखकर हरियाणा को फिर से जलाने की साजिश की थी लेकिन सरकार इस बार सतर्क थी इसलिए खट्टर सरकार ने कोई अनहोनी नहीं होनी दी।

350 रुपये का इंजेक्शन 1600 में बेचता है, खुलेआम मरीजों को लूट लेता है एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद

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फरीदाबाद: अगर आपको पता नहीं है तो बता देते हैं, भारत में सबसे अधिक भ्रष्टाचार, घोटाला और लूट दवाओं के कारोबार में होता है, बहुत बड़ा गैंग चलता है, ड्रग माफिया भरे पड़े हैं, लूटखोर भरे पड़े हैं, अगर आप इनकी लूट का तरीका पढेंगे तो पैरों तले जमीन खिसक जाएगी, हर दिन गरीबों के लाखों करोड़ रुपये लूट लिए जाते हैं और उन्हें मजबूरीवश अपनी मेहनत की कमाई लुटानी पड़ती है। 

 आपने सुना होगा कि पिछले कुछ दिनों से दवाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू हुआ है लेकिन यह भ्रष्टाचार इतना बड़ा है कि बड़ी से बड़ी ताकत भी इससे लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सकती, मोदी ने जरूर थोडा सा प्रयास किया है लेकिन उससे कुछ भी नहीं होने वाला है, यह भ्रष्टाचार ख़त्म करने के लिए बहुत बड़ा कलेजा चाहिए। 

बड़ी बड़ी दवा कंपनी MRP का खेल खेलती हैं, दवाओं के पत्ते पर लिखा होता है 100 रुपये लेकिन मेडिकल स्टोर वालों को वही दवा मिलती है 10 रुपये में लेकिन वह मरीजों से पूरे 100 रुपये लेते हैं। मेडिकल स्टोर वाले ज्यादातर अपने पास वही दवा रखते हैं जिनपर अधिक MRP लिखा होता है। जिनपर कम MRP होता है उस दवा को मेडिकल स्टोर वाले ना रखते हैं और ना ही डॉक्टर लिखते हैं क्योंकि डॉक्टर को अधिक MRP वाली दवा लिखने के कमीशन मिलते हैं। 

अगर कोई मरीज किसी मेडिकल स्टोर से पक्का बिल मांगता है तो मेडिकल स्टोर वाले डर जाते हैं और MRP भले ही अधिक लिखा होता है लेकिन वह दवा के सही रेट की लगाते हैं, मतलब दवा पर भले ही 100 रूपया लिखा हो मेडिकल स्टोर वाले केवल 10 रूपए लेते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि अगर मरीज ने शिकायत कर दी, पुलिस में FIR कर दी या बिल पर टैक्स रिबेट लिया तो उनकी चोरी पकड़ी जाएगी और उन्हें सजा हो जाएगी इसलिए अगर मरीज पक्का बिल मांगता है तो मेडिकल स्टोर वाले दवा में लूट नहीं करते हैं लेकिन अगर कोई मरीज पक्का बिल नहीं मांगता तो समझ लो वो लुट गया, लूट से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है कि मेडिकल स्टोर वाले से पक्का बिल मांगो। 

छोटे मोटे मेडिकल स्टोर पर तो यह तरीका काम आता है और मरीज लुटने से बच जाते हैं लेकिन बड़े बड़े अस्पतालों में यह आइडिया काम नहीं आता है क्योंकि बड़े बड़े अस्पताल खुलेआम लूट करते हैं, अगर इनसे पक्का बिल भी मांगो तो भी यह अगर दवा के पैकेट पर 100 रूपया लिखा रहेगा तो ये 100 रूपया ही लेंगे, एक भी पैसा कम नहीं करेंगे और सीना तानकर लूटेंगे। 

फरीदाबाद का एशियन अस्पताल शहर का सबसे बड़ा अस्पताल है और यहाँ पर खुलेआम लूट चलती है, अगर आप इनसे कहेंगे कि आप हमें लूट रहे हैं तो ये कुछ नहीं कहेंगे। आज हम इनकी लूट का पर्दाफाश कर रहे हैं और ऐसी ही लूट 99 फ़ीसदी प्राइवेट अस्पतालों में होती है। 

हमने एक मरीज को एशियन हॉस्पिटल में दिखाया और डॉक्टर ने पर्चे पर दवा लिख दी, चूंकि हमने पहले भी मेडिकल के क्षेत्र में काम किया था इसलिए हमें MRP का खेल मालूम था, हमें पता था कि दवा के पत्ते पर दाम अधिक लिखा होता है और कई बार कई गुना अधिक लिखा होता है। हमें डॉक्टर ने ये दवाएं लिखी थीं -
जब हम अस्पताल के ही मेडिकल स्टोर से दवा लेने गए तो हमने मेडिकल वाले से पहले सभी दवाओं के रेट पूछे तो उसने मुझे सभी दवाओं के उतने ही रेट बताये जितना पत्ते पर लिखा था, चूंकि मै पहले भी बाहर से ये दवाएं खरीद चुका था इसलिए मुझे रेट मालूम था, मैं यह सोचकर गया था कि मोदी ने कहा है कि 700 दवाइयों के रेट हमने कम करवा दिए हैं, हो सकता है कि अब MRP का खेल ख़त्म हो गया हो लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है, अस्पताल वाले अभी भी लूट रहे हैं। 

किडनी की बीमारी में जब खून कम हो जाता है तो एक इंजेक्शन लगता है Zyrop 4000 जिसमें Erythropoietin साल्ट मिला होता है, जब हमनें इस इंजेक्शन का दाम पूछा तो उसनें 1300 रुपये बताया जबकि यह इंजेक्शन 800 रुपये के आसपास मिलता है लेकिन लूटने वाले कभी 1000 लेते हैं, कभी 1200 लेते हैं लेकिन एशियन हॉस्पिटल जैसे लुटेरे पूरा 1300 लेते हैं। 

एक दूसरी कंपनी का भी इंजेक्शन आता है जिसका नाम है Eporise 4000 जिसमें यही साल्ट मिला होता है और काम भी वही करता है, लेकिन उसका दाम 1600 रुपये लिखा होता है और मिलता है 350 रुपये में। हमने सोचा कि हो सकता है कि एशियन अस्पताल ने भी लूट बंद कर दी हो और हमें 350 रुपये में इंजेक्शन दे दे लेकिन उसनें मुझे 1600 रुपये ही दाम बताया। हमने कहा वाह भाई.. ये तो खुलेआम लूट है। खैर हमने एशियन हॉस्पिटल से सिर्फ एक दवाई ली और सोचा कि बाहर जाकर इसका दाम पूछूँगा, मैंने वहां से Ketosteril का एक पत्ता लिया, पत्ते पर 698 रुपये लिखा था और एशियन हॉस्पिटल वाले ने मुझसे 698 ही लिया लेकिन जब मैंने इसका बाहर दाम पूछा तो उसने मुझे 550 रुपये बताया यानी कि मुझसे करीब 150 रुपये लूट लिए। ये देखिये बिल। सरकार इसकी जांच भी करा सकती है।  
ये तो एशियन हॉस्पिटल की लूट का पक्का सबूत है, अब आप देखिये जिस इंजेक्शन का दाम एशियन अस्पताल से मुझे 1600 रुपये बताया था, वही इंजेक्शन मैंने बाहर लिया और मेडिकल स्टोर वाले से पक्का बिल माँगा तो उसने मुझे दो इंजेक्शन के 700 रुपये लिए यानी कि 350 रुपये एक इंजेक्शन के लिए। 
इसके अलावा हमने एशियन हॉस्पिटल में एक इंजेक्शन Magnex Forte 1.5 GM का दाम पूछा तो उसनें मुझे 603 रुपये बताया, इतना ही इंजेक्शन पर लिखा था लेकिन यही इंजेक्शन मुझे बाहर 512 रुपये में मिला, अगर मैं यही इंजेक्शन एशियन अस्पताल में लेता तो मुझसे हर इंजेक्शन के 91 रुपये लूट लेते। यह भी सच है कि अगर मैं पक्का बिल ना मांगता तो ये मेडिकल स्टोर वाला भी मुझे लूटने की कोशिश करता लेकिन मैंने पक्का बिल मांगकर कम से कम 3000 रुपये बचा लिए। 
अगर मैं ये सभी दवाएं एशियन हॉस्पिटल से खरीदता और पक्का बिल भी मांगता तो भी अस्पताल वाले मेरा कम से कम 3050 रूपया लूट लेते, खैर मैंने सबूत जुटाने के लिए एक दवा खरीद ली और 150 रुपये लुटवा लिया।

अब सवाल यह है कि जब एशियन अस्पताल के बाहर के मेडिकल स्टोर पक्का बिल मांगने पर दवा के सही दाम ले रहे हैं तो बड़े बड़े अस्पताल पक्का बिल देने के बाद भी खुलेआम क्यों लूट रहे हैं, क्या इन्हें नियम कानून का कोई डर नहीं है, क्या इन्हें सरकार का भी कोई डर नहीं है, अगर ऐसा है तो यह बहुत ही बड़ा दुर्भाग्य है। 

गुरमेहर कौर के सभी समर्थक पाकिस्तान प्रेमी हैं, सबको सीधा पाकिस्तान भेजना चाहिए: अनिल विज

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चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी के नेता ओर हरियाणा सरकार में स्वास्थय मंत्री डॉ अनिल विज ने गुरमेहर कौर के बारे में बयान देते हुए कहा है कि उसके जितने भी समर्थक हैं सब के सब पाकिस्तान प्रेमी हैं हर काम में पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। 

अनिल विज ने कहा कि जिसनें भी लोग गुरमेहर कौर का समर्थन कर रहे हैं वे सभी पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं और ऐसे सभी लोगों को सीधा पाकिस्तान भेजना चाहिए।

इससे पहले केंद्र सरकार के कई मंत्री भी गुरमेहर कौर के बारे में बयान दे चुके हैं, किरेन रिजीजू ने कहा था कि उसके दिमाग में वामपंथियों ने जहर भर दिया है इसलिए उसनें ऐसी बातें कही हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश तोड़ने वालों को क्षमा नहीं किया जाएगा।

इससे पहले हरियाणा के कई खिलाडी और एथलीट भी गुरमेहर कौर के बयान पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं, सेहवाग, योगेश्वर दत्त, गीता फोगट, बबीता फोगट और रणदीप हुड्डा भी इस मैटर में प्रतिक्रिया दे चुके हैं जिसके बाद मशहूर लेखक जावेद अख्तर ने इन्हें अनपढ़ बताया था।

गुरमेहर कौर शहीद मंदीप सिंह की बेटी है और उसका कहना है कि मेरे पिताजी को पाकिस्तान ने नहीं बल्कि युद्ध ने मारा है। 

महावीर फोगट ने जावेद अख्तर को दिया करारा जवाब, धो डाला

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दिल्ली: हरियाण की मशहूर फोगट बहनों और अन्य खिलाडियों को अनपढ़ बताने के बाद महावीर फोगट ने लेखक और फिल्म कथाकार को करारा जवाब दिया है, महावीर फोगट गीता फोगट और बबीता फोगट के पिता हैं और साथ ही द्रोणाचार्य पुरष्कार से भी सम्मानित हैं।

गुरमेहर कौर मामले में गीता फोगट और बबीता फोगट ने भी वीरेंद्र सहवाग और योगेश्वर दत्त के साथ मोर्चा सम्भाला था, गुरमेहर कौर भारतीय सैनिकों की शहादत के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं मानती बल्कि युद्ध को जिम्मेदार मानती है जबकि ये लोग पाकिस्तान को ही हर भारतीय सनिकों की मौत का जिम्मेदार मानते हैं क्योंकि युद्ध की शुरुआत तो पाकिस्तान ही करता है और भारत में हमला करने के लिए आतंकवादी भी पाकिस्तान ही भेजता है।

हरियाणा के खिलाडियों को अनपढ़ बताते हुए जावेद अख्तर ने ट्वीट किया था - अगर कम पढ़े लिखे खिलाडी और एथलीट एक शहीद की बेटी का मजाक उड़ाते हैं तो समझा जा सकता है लेकिन पढ़े लिखे लोग क्यों ऐसा कर रहे हैं। 
इसका जवाब गीता फोगट और बबीता फोगट ने नहीं दिया बल्कि उनके पिताजी महावीर फोगट ने दिया, उन्होंने जावेद अख्तर के लिए दो ट्वीट किये। पहला - यहाँ उम्र बीत गयी देश को मेडल दिलाने में,
और वो एक पल नहीं लगाते अनपढ़ बताने में।
दूसरा ट्वीट - अपने आप को देश के प्रति समर्पण करने वाला व्यक्ति से ज्यादा ज्ञानी अपनी मातृभूमि पर कोई नहीं होता। जय हिंद।
महावीर की तीसरी बेटी रितु फोगट ने जावेद अख्तर को और भी तीखा जवाब दिया, उन्होंने कहा हमारी बहनें पढ़ी लिखी कन्या टाइप से तो बढ़िया हैं क्योंकि आपकी नजर में जो पढ़ी लिखी हैं वो देश तोडना चाहती हैं और सही होने के लिए क्वालिफिकेशन कोई पैमाना नहीं है क्योंकि आजकल इंजीनियर भी आतंकवादी बन जाते हैं।