नई दिल्ली, चंडीगढ़ 1 अप्रैल: मनमोहन सिंह 10 साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनकी सरकार में खूब घोटाले हुए, मनमोहन सिंह भी घोटाले होते देखते रहे क्योंकि कांग्रेस की बहुमत की सरकार नहीं थी, अगर वे किसी को रोकने की कोशिश करते तो उनकी सहयोगी पार्टियाँ सरकार से समर्थन वापस ले लेतीं और मनमोहन सिंह की सरकार गिर जाती, तो मनमोहन सिंह अपनी कुर्सी बचाने के लिए ध्रितराष्ट्र बन गए और पाप होते देखते रहे लेकिन उन्होंने खुद से कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, उनकी इमानदारी पर आज भी किसी को शक नहीं है और प्रधानमंत्री मोदी ने खुद राज्य सभा में कहा था की 'बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाना तो कोई डॉ मनमोहन सिंह से सीखे।
मतलब कमी मनमोहन सिंह में नहीं थी बल्कि कमी कांग्रेसी नेताओं में थी, ठीक उसी तरह से आज हरियाणा में हो रहा है, यहाँ पर लगता तो ऐसे है कि बीजेपी की सरकार है लेकिन ऐसा है नहीं, यहाँ नाम की बीजेपी सरकार है और लूट कांग्रेस सरकार के जैसी ही हो रही है, कानून व्यवस्था का वैसा ही हाल है जो कांग्रेस के समय में था।
बात दरअसल ये है कि चुनाव से पहले जब कांग्रेसी नेताओं ने मोदी लहर देखी तो बीजेपी की तरफ भगदड़ मच गयी, बीजेपी ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया और उन्हें टिकट दे दिया, बीजेपी हमेशा बीजेपी नेताओं से अधिक कांग्रेस से भागकर आये नेताओं को इज्जत और मान सम्मान देती है और उसका उदाहरण आपने हाल ही में उत्तर प्रदेश में देखा होगा जब कांग्रेस से भागकर आयीं रीता बहुगुणा जोशी को मंत्री बना दिया गया।
इसी प्रकार से कांग्रेस से भागकर आये राव इन्द्रजीत सिंह को सांसद बनाकर उन्हें केंद्र में मंत्री बना दिया गया लेकिन वो क्या काम करते हैं अगर किसी आम आदमी से पूछो तो नहीं बता पाएगा, इसी तरह से कांग्रेस से भागकर आये बीरेंद्र सिंह को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया लेकिन अगर उनके भी काम के बारे में पूछा जाए तो कोई बता नहीं सकता, उनकी पत्नी को भी बीजेपी ने टिकट देकर विधायक बना दिया है।
अब हम बता रहे हैं कि मोदी सरकार में मंत्री बने ये दोनों पूर्व कांग्रेसी नेता क्या काम कर रहे हैं, दरअसल इनका मन काम में कम लग रहा है, ये दोनों हरियाणा के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। हुआ यह था कि बीजेपी ने कुछ कांग्रेसी नेताओं को टिकट देकर विधायक बना दिया, ये विधायक तो बीजेपी पार्टी से हैं लेकिन इनकी लूटने की आदत कांग्रेस सरकार जैसी ही है इसलिए इन्होने बीजेपी के भी कुछ लालची विधायकों को मिलाकर एक ग्रुप बना दिया है, करीब 20 विधायकों का ग्रुप खट्टर की कुर्सी हिला रहा है, ये ग्रुप चाहता है कि खट्टर उन्हें लूटने दें, जितना पैसा मांगे, खट्टर उतना पैसा दे दें जबकि खट्टर कह रहे हैं कि ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा।
अब आप खुद देखिये, हरियाण की खट्टर सरकार पिछले ढाई वर्षों में कुछ नहीं कर पाई, ना तो अवैध शराब पर रोक लग पाई, ना तो गौ तस्करी पर रोक लग पाई, ना नशे के कारोबार पर रोक लग पायी, ना कानून व्यवस्था दुरुस्त हो पाई, ना हत्याएं रुक पायीं, ना बलात्कार जैसी घटनाएं रुक पायीं, ना शिक्षा व्यवस्था में कोई सुधार आ पाया।
वहीँ आप उत्तर प्रदेश और पंजाब में देख लीजिये, दोनों जगहों पर लग रहा है कि कोई सरकार है, कुछ एक्शन हो रहा है, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का भी एक्शन दिखाई दे रहा है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी एक्शन दिखाई दे रहा है लेकिन हरियाण के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मनमोहन सिंह बनकर अपनी कुर्सी थामकर बैठे हैं। पूर्व कांग्रेसी नेता उनकी कुर्सी हिला रहे हैं, और खट्टर अपनी कुर्सी बचाने के लिए लड़ रहे हैं।
आपने सुना होगा कि खट्टर कई बार मीडिया के सामने फूट फूट कर रोये हैं, कुछ उनके करीबी भी विद्रोहियों से मिल गए हैं, सबको लूटने की आदत लगी हुई है लेकिन खट्टर किसी को खजाने पर हाथ नहीं मारने दे रहे हैं इसलिए राज्य में कोई एक्शन नहीं हो रहा है, खट्टर भी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं लेकिन इस वक्त कुर्सी बचाने के लिए उन्हें मनमोहन सिंह बनने पर मजबूर होना पड़ा है।