Showing posts with label Delhi. Show all posts

मोदी केवल ईमानदार लोगों पर छापा मरवा रहे हैं: केजरीवाल

kejriwal-said-modi-order-raid-on-only-honest-people

नई दिल्ली, 30 दिसंबर: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉरपोरेट जगत से पैसे लेते हैं, लेकिन छापे ईमानदार लोगों पर मरवाते हैं। उन्होंने कहा कि वह सीबीआई से नहीं डरते। केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा, "आप (मोदी) सहारा और बिड़ला समूह से रिश्वत लेते हैं, जिसके कागजात सार्वजनिक हो चुके हैं, लेकिन छापे ईमानदार लोगों पर मरवाते हैं। आप जो चाहें करें, लेकिन हम आपकी सीबीआई की धमकी से नहीं डरते।"

केजरीवाल ने संदेश में कहा, "मोदी जी ने शुक्रवार को मेरे मंत्री सत्येंद्र जैन के कार्यालय पर छापेमारी कराई। एक साल पहले उन्होंने मेरे कार्यालय पर छापेमारी कराई थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हम केंद्रीय जांच ब्यूरो से नहीं डरते।"

केजरीवाल इस समय पंजाब के दौरे पर हैं।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, "मोदी ने सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग सहित सभी आधिकारिक एजेंसियों को हमारे पीछे लगा दिया, लेकिन कुछ नहीं मिला।"

केजरीवाल की यह प्रतिक्रिया शुक्रवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के ओएसडी (विशेष कार्य अधिकारी) निकुंज अग्रवाल के दिल्ली सचिवालय स्थित कार्यालय पर छापेमारी के बाद आई।

यह छापे अग्रवाल के खिलाफ एक मामला दर्ज कराए जाने के एक दिन बाद मारी गई है। यह मामला दिल्ली सरकार के उप सचिव (सर्तकता) के.एस. मीणा की शिकायत पर दर्ज कराया गया। अग्रवाल और अनूप मोहता पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

अग्रवाल पूर्वी दिल्ली के गीता कालोनी स्थित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में सीनियर रेजीडेंट हैं और अनूप मोहता अस्पताल के निदेशक हैं।

केजरीवाल ने कहा, "मैं लोगों को बताऊंगा कि मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान बिड़ला और सहारा जैसे कॉरपोरेट घरानों से बड़ी रिश्वत ली थी।"

उन्होंने कहा, "मैं मोदी के रिश्वत लेने संबंधी कागजात पूरे देश को दिखा रहा हूं और यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा।"

125 करोड़ के कालेधन का बादशाह वकील रोहित टंडन गिरफ्तार, खुल सकते हैं कई राज, फसेंगी कई मछलियाँ

rohit-tondan-delhi-laywer-arrested-by-delhi-police-changed-in-fema

नई दिल्ली, 29 दिसंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उसने 60 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अमान्य घोषित पुराने नोटों को नए नोटों में बदलवाने के मामले में दिल्ली के अधिवक्ता रोहित टंडन को गिरफ्तार किया है। रोहित टंडन के घर पर पड़े छपे में पुलिस को 125 करोड़ रुपये मिले थे जिसके बाद पूरे देश एम् सनसनी फ़ैल गयी थी। 

ईडी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "अधिवक्ता रोहित टंडन को कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंधक आशीष कुमार और हवाला व्यापारी पारसमल लोढ़ा के साथ मिलीभगत कर 60 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अमान्य घोषित नोटों को बदलने के मामले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है।"

टंडन को करीब एक सप्ताह तक पूछताछ के बाद पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया।

ईडी के अधिकारियों ने आशीष कुमार को बुधवार को और लोढ़ा को 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया।

टंडन को गुरुवार दोपहर एक अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस उसे रिमांड में लेकर उसे जुडी अन्य मछलियों को भी पकड़ने की कोशिश करेगी। पुलिस को शक है कि रोहित बड़ी बड़ी मछलियों का भी खुलासा कर सकता है। 

जनता को मूर्ख बना रहे हैं केजरीवाल, इनके झूठ के पुलिंदे को खोलेंगे हम: योगेन्द्र यादव

yogendra-yadav-will-expose-arvind-kejriwal-in-mcd-election-2017

नई दिल्ली, 29 दिसम्बर: आम आदमी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले योगेंद्र यादव फर्जी कंपनियों के सहारे आम आदमी पार्टी को मिलने वाले चंदे पर अरविंद केजरीवाल को घेरे हुए हैं। केजरीवाल पर जनता को मूर्ख बनाने और मूल्यों से भटकने का आरोप लगाते हुए योगेंद्र यादव की पार्टी अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव में उतरने वाली है। 

पार्टी का चुनावी घोषणापत्र भी जल्द जारी होने वाला है। हालांकि, उनका मानना है कि पार्टी का हर चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है। वह केजरीवाल के झूठ के पुलिंदे को जनता के सामने लाना चाहते हैं।

योगेंद्र ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के बाद नई पार्टी बनाने का फैसला बदले की कार्रवाई के अनुरूप लिया गया है, इस पर उन्होंने बताया, "हमारा राजनीतिक दल बनाने का विचार पहले दिन से था। स्वराज अभियान के गठन के बाद से ही पार्टी बनाने के बारे में सोचा गया था। इस पर बहस और वोटिंग भी हुई। हमने तीन उद्देश्य पूरे करने का फैसला किया था जिसमें पहला देशभर में अपना जनाधार बनाना। दूसरा, उन आंतरिक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत बनाना जिनकी वजह से हमें आम आदमी पार्टी में दिक्कतें हुई थीं। तीसरा, अपना एक वैचारिक दस्तावेज पेश करना। हमने सोचा था कि इन सभी कामों को करने में हमें छह से आठ महीने लगेंगे लेकिन इसमें 15 महीने का समय लग गया।" 

यादव ने कहा, "आप याद कीजिए अरविंद केजरीवाल ने शुरुआत में कहा था कि हम राजनीति में नहीं आएंगे लेकिन फिर भी पार्टी बनी लेकिन हमने तो पार्टी बनाने का पहले दिन से ही फैसला कर लिया था।"

योगेंद्र यादव का कहना है कि उन्हें आम आदमी पार्टी में वैचारिक मतभेदों की वजह से बाहर किया गया। तो आखिर वे किस तरह के मतभेद थे जो स्वराज इंडिया के गठन का कारण बने? योगेंद्र कहते हैं, "आम आदमी पार्टी से हमारा बुनियादी मतभेद यह था कि आप पार्टी जिस विचार और आदर्शो को लेकर चली थी उसने उन सब आदर्शो को तिलांजलि दे दी थी। राजनीति में शुचिता, भले लोगों को लाना, ईमानदारी से व्यवहार करना, जनता के बीच काम करने वाले उम्मीदवार खड़े करना, लोकतांत्रिक तरीके से काम करना, सभी कुछ भुला दिया गया। हमें पार्टी में आवाज उठाने से रोका गया। पार्टी से निकालने की धमकियां दी गई लेकिन हमने मूल्यों से समझौता नहीं किया।"

अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं लेकिन स्वराज इंडिया अगले साल दिल्ली नगर निगम चुनाव में ही उतरने की तैयारी में है। इसके पीछे का कारण बताते हुए यादव कहते हैं, "हर चुनाव लड़ना स्वराज इंडिया का उद्देश्य नहीं है। हमने तय किया है कि हर जगह चुनाव नहीं लड़ेंगे। सोच समझकर जनाधार और तैयारी वाली जगह पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। हम सिर्फ वहीं चुनाव लड़ेंगे जहां हम विकल्प देने की स्थिति में है। हमारा ध्यान दिल्ली में अगले साल होने वाले नगर निगम के चुनावों पर है।"

उन्होंने आगे कहा, "स्वराज इंडिया ने 130 जिलों में इकाइयां बनाई हैं। देश के आठ राज्यों के कम से कम एक तिहाई जिलों में हमारी इकाई बन चुकी है। राष्ट्रव्यापी विकल्प खड़ा करना हमारा संकल्प है।"

स्वराज इंडिया बहुत जल्दी अपना चुनाव घोषणापत्र जारी करने जा रही है। इस बार एमसीडी चुनाव में वह किन मुद्दों को उठाने वाली है। योगेंद्र यादव कहते हैं, " सच्चाई यह है कि दिल्ली एमसीडी चुनाव केवल व्यक्तिगत आधार पर लड़े जाते हैं। हम प्रयास करेंगे कि इस व्यक्तिगत चुनाव को हम बड़े मुद्दों का चुनाव बनाएं। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए एमसीडी सीधे तौर पर जिम्मेदार है। राजधानी में अभी तक सफाई, प्रदूषण के मामलों को बड़े मामले की तरह नहीं देखा गया। हम दिल्ली के लिए ग्रीन एजेंडा यानी पर्यावरण को बेहतर करने का एजेंडा लेकर आएंगे।"

योगेंद्र यादव दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के इस्तीफे से उतने ही भौंचक्का हैं जितना कि और कोई। इस बारे में वह कहते हैं, "जंग और केजरीवाल के बीच तनाव व्यक्तियों की टकराहट नहीं बल्कि दो राजनीतिक स्वार्थो की टकराहट थी। एक तरफ जंग केंद्र सरकार के राजनीतिक स्वार्थ के प्रतिनिधि थे वहीं केजरीवाल आप द्वारा पूरी ताकत हथियाने के लालची थे। जंग ने कई बार अलोकतांत्रिक तरीके से एक चुनी गई सरकार के काम में हस्तक्षेप किया तो केजरीवाल संविधान की सीमाओं का उल्लंघन कर अपने लिए असीमित शक्तियां हासिल करना चाहते हैं।" 

योगेंद्र यादव मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को किस तरह देखते हैं। क्या यह कदम भ्रष्टाचार और काले धन पर लगाम लगाने में सफल होगा? इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा, "प्रधानमंत्री ने सही तेवर के साथ नोटबंदी का फैसला तो लिया लेकिन कुछ खास हो नहीं सका। क्योंकि कालाधन दशानन की तरह है जिसके रियल एस्टेट, सोना, प्रॉपर्टी, हवाला जैसे कई सिर हैं। दशानन रूपी भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए उसकी नाभि पर प्रहार करना पड़ेगा और उसकी नाभि है राजनीतिक भ्रष्टाचार जो अभी भी हो रहा है।"

योगेंद्र यादव सही तरीके से लोकपाल बनाए जाने के हिमायती हैं। वह कहते हैं कि सरकार ने जो लोकपाल बनाया था वह आधा-अधूरा था, इसे तरीके से लागू करने की जरूरत है। ढाई साल से लोकपाल लागू ही नहीं हुआ। राहुल गांधी ने मोदी पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए हैं अगर लोकपाल होता तो यह मामला उसके पास स्वत: चला जाता।

मौके पर चौका मारकर करोड़ों कमाना चाहता है था कोटक महिंद्रा का चोर बैंक मैनेजर, लेकिन पकड़ा गया

kotak-mahindra-bank-manager-ashish-kumar-arrested-by-ed

नई दिल्ली, 28 दिसम्बर: नोटबंदी के बाद सबसे बड़ा धोखा प्राइवेट बैंक वालों ने दिया, कालेधन वालों से साठ-गाँठ करके कमिशंक के लिए इन्होंने देश को मुसीबत में डाल दिया और देशवासियों को लाइनों में खड़ा करके मार दिया, मोदी ने कहा था कि 8 नवम्बर के बाद जितने भी लोगों ने पाप किया है वे सभी पकडे जाएंगे, आज उनकी बात सच साबित हो रही है क्योंकि सभी चोर बैंक मैनेजर पकडे जा रहे हैं।

आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोटक महिंद्रा बैंक के दूसरे चोर बैंक मैनेजर को पकड़ा है, दिल्ली की साकेत ब्रांच का चोर बैंक मैनेजर मौके पर चौका मारकर एक साथ करोड़ों कमाना चाहता था लेकिन ED ने उसे पकड़ लिया।

बैंक मैनेजर का नाम आशीष कुमार है, उसे दिल्ली के एक वकील रोहित टंडन का कालाधन सफ़ेद करने के लिए 13 करोड़ रुपये का कमीशन लिया, उसे रोहित टंडन ने 51 करोड़ रुपये बदलने के लिए दिए, उसने 13 करोड़ रुपये तो खुद ले लिए लेकिन 38 करोड़ रुपये को फर्जी नामों से फिक्स्ड डिपाजिट खाते में डाल दिया और उसे काले से सफ़ेद कर दिया हालाँकि आज उस FD को इनकम टैक्स ने कैंसल कर दिया है।

इससे पहले कस्तूरबा ब्रांच का मैनजर आकाश भी नोट घोटाले के आरोप ले जेल जा चुका है, दोनों बैंक मैनेजरों को नौकरी से निकाला जा चुका है और आज इस मामले में बैंक की तरह से सफाई देते हुए कहा गया है कि जो भी कर्मचारी गलत काम करते हुए पकड़ा जाएगा उसके ऊपर कड़ी कार्यवाही होगी। 

अनिल बैजल बनेंगे केजरीवाल के बिग बॉस, नजीब जंग की लेंगे जगह

anil-baijal-lg-of-delhi-kejriwal-big-boss-will-replace-najeeb-jung

नई दिल्ली, 28 दिसम्बर: पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अनिल बैजल का दिल्ली का उप राज्यपाल बनना लगभग तय हो चुका है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल पद के लिए मंत्रालय ने बैजल के नाम पर सहमति जता दी है। इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

राष्ट्रपति वर्तमान में अपनी सालाना दक्षिण यात्रा पर तेलंगाना के सिकंदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलयम में हैं।

दिल्ली के उप राज्यपाल के पद से नजीब जंग के अचानक इस्तीफे के एक सप्ताह बाद बैजल की नियुक्ति की खबर आई है। जंग ने सबको चौंकाते हुए बीते गुरुवार को इस्तीफा दे दिया था।

1969 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बैजल दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में केंद्रीय गृह सचिव जैसे प्रमुख पदों पर रह चुके हैं।

वह 2006 में केंद्रीय शहरी विकास सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

मोदी ने सही कहा था सभी पापी पकडे जाएंगे, पकड़ा गया कोटक महिन्द्रा बैंक का पापी मैनेजर

kotak-mahindra-bank-manager-arrested-by-ed-in-hawala-kand

नई दिल्ली, 28 दिसम्बर: नोटबंदी के बाद सबसे बड़ा धोखा प्राइवेट बैंक वालों ने दिया, कालेधन वालों से साठ-गाँठ करके कमिशंक के लिए इन्होंने देश को मुसीबत में डाल दिया और देशवासियों को लाइनों में खड़ा करके मार दिया, मोदी ने कहा था कि 8 नवम्बर के बाद जितने भी लोगों ने पाप किया है वे सभी पकडे जाएंगे, आज उनकी बात सच साबित हो रही है क्योंकि सभी चोर बैंक मैनेजर पकडे जा रहे हैं।

आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोटक महिंद्रा बैंक के एक मैनेजर को हवाला व्यापारी पारसमल लोढ़ा और दिल्ली के वकील रोहित टंडन के साथ उसके कथित संपर्क को लेकर गिरफ्तार कर लिया। ईडी के सूत्रों ने बताया कि शाखा प्रबंधक आकाश को कथित तौर पर व्यापारी जे. शेखर रेड्डी और वकील रोहित टंडन के अमान्य 25 करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य के नोट बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

नई दिल्ली की बैंक शाखा में 23 दिसंबर को आयकर विभाग ने भी छापेमारी की थी।

हरियाणा निवासी आकाश को बुधवार दोपहर दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा।

रियल एस्टेट और खनन व्यापारी लोढ़ा को हवाईअड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह मलेशिया फरार होने की कोशिश कर रहा था।

दिल्ली में महिला ने 5 लोगों पर लगाया सामूहिक बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार का आरोप

delhi-news-women-accused-gang-rape-on-five-persons-fir-lodged

नई दिल्ली, 27 दिसंबर: दिल्ली में एक महिला ने पांच लोगों पर सामूहिक बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार का आरोप लगाया है और दिल्ली पुलिस से सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया है। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि घटना दक्षिणी दिल्ली में 24 नवंबर को घटी, लेकिन मामले की प्राथमिकी बीते शनिवार को दर्ज की गई। 

महिला ने आरोप लगाया है कि मालवीय नगर निवासी सुशील चौहान के जान-पहचान के पांच लोगों ने उसे पकड़ लिया और उसे अपने भाई के फ्लैट पर ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उसने प्राथमिकी में कहा, "उन्होंने मेरे साथ अप्राकृतिक यौनाचार भी किया।"

पीड़िता साकेत के पर्यावरण कॉम्प्लेक्स की निवासी है।

पीड़िता ने आईएएनस से कहा, "घटना के बाद से मैं डर के साये में जी रही हूं और मुझे जान का खतरा है। चौहान पंचशील विहार स्थित मेरे भाई के फ्लैट पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहता है। मैं अपने भाई की पत्नी के साथ उसके फ्लैट में रह रही हूं।"

उसने आरोप लगाया कि बाद में कुछ महिलाएं फ्लैट में घुस आईं और मुझे बिना कपड़ों के घर से बाहर घसीट लिया।

पीड़िता ने कहा, "महिलाओं ने सैकड़ों लोगों के सामने मुझसे मारपीट की, लेकिन कोई मेरी मदद करने को आगे नहीं आया। मनोज चौहान (आरोपी) ने मेरे भाई को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा दिया है।"

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने उसकी चिकित्सकीय जांच कराई है। हमने दुष्कर्म की वारदात खारिज नहीं की है।"

उन्होंने कहा, "प्रथम दृष्टया मामला संपत्ति विवाद का लगता है। हम दोनों बिंदुओं पर मामले की जांच करने का प्रयास कर रहे हैं। हम सबूत इकट्ठा कर रहे हैं।"

पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

कांग्रेस ने दिल्ली में शुरू किया 'मोदी का भांडाफोड़ो' अभियान

congress-started-modi-ka-bhandaphodo-abhiyan-in-delhi

नई दिल्ली, 27 दिसंबर: कांग्रेस की दिल्ली इकाई अगले दो दिनों तक 'भंडाफोड़' अभियान के साथ राष्ट्रीय राजधानी की जनता के बीच जाएगी, जिसमें पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भ्रष्टाचार की कथित स्वीकारोक्ति का खुलासा करेगी। कांग्रेस के अनुसार, मोदी ने गुजारत का मुख्यमंत्री रहते हुए रिश्वत लेने की बात स्वीकार की है।

चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर अभियान की शुरुआत करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि मोदी कहते हैं कि 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा', लेकिन अब उन पर आदित्य बिरला समूह और सहारा समूह से 65 करोड़ रुपये का रिश्वत स्वीकार करने का आरोप है।

माकन ने कहा, "वह इस मुद्दे पर आखिर चुप क्यों हैं? पूरा देश मोदी के 65 करोड़ रुपये के रिश्वत घोटाले पर मोदी की सफाई का इंतजार कर रहा है।"

माकन ने कहा कि मोदी को स्पष्ट करना होगा कि उन्हें यह रुपये पार्टी के नाम पर लिए या खुद के लिए।

कांग्रेस नेता ने कहा, "मोदी ने अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है, क्योंकि उन्हें डर है कि लोकपाल द्वारा अपने खिलाफ स्वतंत्र जांच से उनके भ्रष्टाचार की पोलपट्टी खुल जाएगी।"

माकन ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में बड़ी संख्या में गुजरात काडर के अधिकारियों की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए।

उन्होंने कहा, "वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि यदि सर्वोच्च न्यायालय उनके खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दो तो वे अधिकारी उन्हें बचा लें।"

ज्ञात हो कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 21 दिसंबर को गुजरात के मेहसाणा में एक जनसभा के दौरान मोदी पर दोनों उद्योग समूहों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।

हालांकि भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है।

104 करोड़ पकडे जाने पर मायावती का खूब बना मजाक, इतना घबरा गयीं कि झूठ भी ढंग से नहीं बोला गया

mayawati-lie-exposed-rs-104-crore-black-money-detected-in-ubi-delhi

Lucknow, 27 December: कल से ही मायावती पूरे देश में छाई हुई हैं, सोशल मीडिया पर मायावती ट्रेंड कर रही हैं, हर कोई उनकी ही बात कर रहा है, हर किसी की जुबान पर उनकी ही चर्चा है, हो भी क्यों ना, आखिर उनका कुबेर का खजाना जो पकड़ा गया है, 104 करोड़ रुपये पकडे गए हैं, नोटबंदी के बाद बहुजन समाज पार्टी के दिल्ली की यूनियन बैंक के खाते में 104 करोड़ रुपये जमा कराये गए हैं। कल से ही मायावती को दौलत की बेटी कहा जा रहा है। मायावती पकडे जाने पर इतना घबरा गयीं कि उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर डाली और उनसे ढंग से झूठ भी नहीं बोला गया। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने खुद कबूल कि 104 करोड़ रुपये नोटबंदी के बाद ही जमा कराये गए हैं, उन्होंने घबराहट में कई झूठ बोल दिए जिसे देखकर सोशल मीडिया पर उनकी जमकर हंसी उड़ाई गए, उनका जमकर मजाक बनाया गया, उनकी बात सुनकर पांचवीं का बच्चा भी यही कहेगा कि मायावती 100 फ़ीसदी झूठ बोल रही हैं। 

क्या कहा मायावती ने: पढ़ें

उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा मैनेज कुछ मीडिया चैनलों और अख़बार वालों ने मेरी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की और बसपा द्वारा बैंक में जमा कराई गयी रकम को बढ़ा चढ़ा कर बताया। 

उन्होंने कहा कि बसपा ने अपने नियम के मुताबिक ही चलकर अपनी एकत्रित हुई धनराशि को एक रूटीन प्रक्रिया के अन्तर्गत ही हमेशा की तरह बैंक में जमा कराया है। 

उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता पूरे देश में बसपा की मेम्बरशिप बनाते हैं, पूरे देश भर से जो पैसा आता है तो वो छोटे नोट लेकर नहीं आते, उनको हवाई जहाज से आना होता है, उनको रेलगाड़ी से आना होता है, तो वे लोग बड़े नोट करा लेते हैं इसलिए उन्हें नोट लाने में आसानी होती है, वे बड़े नोट लाते हैं और दफ्तर में जमा करा देते हैं।  

उन्होंने कहा कि ये जो पैसा आया है, वह 31 अगस्त के बाद आया है, हमें चुनाव के मद्देनजर पूरे देश से ये पैसा इकठ्ठा किया था। 

उन्होंने कहा कि मै 31 अगस्त से आधे नवम्बर तक उत्तर प्रदेश में रही हूँ, मै दिल्ली गयी ही नहीं, इस दौरान जो धनराशी इकठ्ठा हुई, मैंने अपने दफ्तर वालों को बोला कि पैसा दफ्तर में रखो, मै दिल्ली आउंगी तो हिसाब किताब देखूँगी उसके बाद इसे बैंक में जमा करना चाहिए। इसके बाद नोटबंदी का फैसला आ गया। 

उन्होंने कहा कि ये पार्टी का पैसा है और हमारे दफ्तर में जमा हुआ है तो हम उस पैसे को फेंक देंगे क्या? लोगों ने वो पैसा इकठ्ठा किया है। हमारे पास उस पैसे का हिसाब है। हमने इमानदारी से उस पैसे को जमा कराया है। 

क्या है मायावती का झूठ

इसके साफ़ साफ़ लग रहा है कि मायावती झूठ बोल रही हैं क्योंकि वे 20 हजार से ऊपर का चंदा लेती ही नहीं, करोड़ों रुपये में टिकट जरूर बेचती हैं। दूसरी बात - मायावती का ऐसा कौन आदमी है तो हवाई जहाज से चंदा लेकर आता है। हवाई जहाज का तो किराया ही हजारों रूपया है। वैसे भी आप कहीं से भी बैंक में पैसा जमा कर सकते हैं तो पैसा हवाई जहाज से दिल्ली लाने की क्या जरूरत है। यही नहीं, एक निश्चित रकम से अधिक हवाई जहां से भी पैसा लाना गुनाह है, जाहिर है कि मायावती ने करोड़ों रुपये हवाई जहाज से मंगाकर भी गुनाह किया है। अगर वे कहेंगी कि १-२ लाख ही हवाई जहाज से लाये गए हैं तो अब आप ही बताइये, 1-२ लाख हवाई जहाज से लाने और आने में ही 20-30 हजार खर्च हो जाएंगे, ऐसे में कौन बेवकूफ़ ऐसा करेगा। 

तीसरी बात - मायवती इतनी इमानदार थीं तो उन्होंने पांच किस्तों में पैसा क्यों जमा कराया, जाहिर है कि वे जानती थीं कि इकठ्ठा पैसा जमा कराने पर पैसा सरकार की नजर में आ जाएगा और वह पकड़ी जाएंगी इसलिए उन्होंने पांच बार में पैसा जमा कराया। 

इससे पहले मायावती ने बसपा का बैंक बैलेंस सिर्फ 47 करोड़ दिखाया था, तो एकाएक चदों की बारिश कैसे हो गयी, 104 करोड़ का चंदा कैसे आ गया। 

मायवती बुरी तरह से फंस गयी हैं, अगर इनकम टैक्स ने सही तरह से जांच की तो मायवती की पूरी पोल खुल जाएगी। उन्हें बताना पड़ेगा कि उन्होंने कितने लोगों को टिकट बेचा है और अब तक कितना पैसा कमाया है।


सहारा डायरी मामले में बुरी तरह से फंसी कांग्रेस, मोदी के लिए खोदा था गड्ढा, खुद उसी में गिरी?

congress-leader-sheila-dikshit-name-also-in-sahara-diary-bribe-case

नई दिल्ली, 26 दिसम्बर: सहारा डायरी मामले में कांग्रेस बुरी तरह से घिर गयी है, आपने सुना होगा कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है एक दिन वह खुद उसी गड्ढे में गिरता है। कांग्रेस के साथ भी रही हो रहा है। कांग्रेस ने मोदी के लिए गड्ढा खोदा था लेकिन खुद उसी गड्ढे में गिर गयी है क्योंकि जिस सहारा डायरी के आधार पर राहुल गाँधी ने मोदी पर 25 करोड़ की रिश्वत का आरोप लगाया था उसमें उनके नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का भी नाम सामने आया है। डायरी में लिखा गया है कि उन्हें भी एक करोड़ रुपये दिए गए हैं। 

अब आप सोचिये, इनकम टैक्स की रेड 2013 में हुई थी, उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार थी, ऐसे में अगर वह रेड सही थी और दस्तावेज सही थे तो कांग्रेस तुरंत ही मोदी को पकड़ लेती लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया इसका मतलब है कि या तो वह डायरी फर्जी है या किसी ने अपने आप से नेताओं का नाम लिखकर उन्हें फंसाने की कोशिश की है। 

अब राहुल गाँधी कह रहे हैं कि 2013 में इनकम टैक्स रेड में एक डायरी मिली है जिसमें लिखा गया है कि मोदी को करोड़ों रुपये की रिश्वत दी गयी है। छापा मारे जाने के डेढ़ साल बाद तक केंद्र और दिल्ली में उनकी ही सरकार थी उसके बावजूद भी उन्होंने उस समय कुछ नहीं कहा और आज कह रहे है कि मोदी ने रिश्वत ली थी। 

कांग्रेस से यह भी पूछा जा सकता है कि अगर सहारा डायरी में शीला दीक्षित का नाम था तो उन्हें राज्यपाल क्यों बनाया गया, उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री उम्मीदवार क्यों बनाया गया। 

इससे भी बड़ी बात है कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला जब ले जाया गया तो सुप्रीम कोर्ट के जजों ने इसे झूठा बताते हुए वकील प्रशांत भूषण को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि केवल कंप्यूटर में एंट्री के आधार पर क्या आप किसी पर भी आरोप लगा सकते हैं, अगर आपको आरोप लगाना है तो ठोस सबूत लाइए। 

कांग्रेस ने की जांच की मांग

सहारा समूह से रिश्वत लेने वालों की सूची में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की कांग्रेस की उम्मीदवार शीला दीक्षित का नाम होने के बावजूद कांग्रेस ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहारा डायरी रिश्वत मामले की जांच करानी चाहिए। डायरी में सहारा समूह से रिश्वत लेने वालों की सूची में कथित तौर पर मोदी का नाम भी है। उस वक्त मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

शीला दीक्षित ने इस तरह की किसी डायरी के बारे में जानकारी होने से इनकार किया, जबकि कांग्रेस ने जोर दिया कि उनके इनकार करने से गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी द्वारा सहारा समूह से रिश्वत लेने के राहुल गांधी के आरोपों की गंभीरता कम नहीं हो जाती। पार्टी ने कहा है कि डायरी में जिनके भी नाम हैं, सभी की जांच हो, चाहे कोई कांग्रेस का ही क्यों न हो। 

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें डायरी के बारे में कुछ याद नहीं है और जोर दिया कि उनका किसी डायरी से 'कोई लेना-देना नहीं' है।

सूची के मुताबिक, शीला दीक्षित को 23 सितम्बर, 2013 को दिल्ली में एक करोड़ रुपये की रकम दी गई। वह दिसम्बर 2013 तक वह दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं। इस सूची में नरेंद्र मोदी का भी नाम है।

कांग्रेस ने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इस मामले की जांच करानी चाहिए, भले ही उसमें शीला दीक्षित का नाम है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

शीला दीक्षित द्वारा डायरी के वजूद के बारे में जानकारी न होने की बात का हवाला देते हुए भाजपा ने कांग्रेस और राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया। लेकिन, कांग्रेस नेता पी.सी.चाको ने कहा कि अन्य नामों की मौजूदगी से मोदी के खिलाफ आरोप कम नहीं हो जाते। 

चाको ने कहा, "शीला दीक्षित ने कहा है कि उन्हें डायरी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी द्वारा मोदी पर लगाए गए आरोपों के बारे में कुछ नहीं कहा है।"

उन्होंने कहा, "इससे किसी भी तरह से मोदी के खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता कम नहीं हो जाती, खासकर तब जब उन आरोपों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। यही कारण है कि हम निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।"

कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए भाजपा नेता रीता बहुगुणा ने कहा कि इन सबका उद्देश्य लोगों का ध्यान अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से भटकाने के लिए है।

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं रीता बहुगुणा ने स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण द्वारा मामले को उठाने के हवाले से कहा, "सर्वोच्च न्यायालय पहले ही कह चुका है कि आरोपों के पक्ष में कोई ठोस सबूत नहीं है, ऐसे में जांच की गुंजाइश कहां है।"

उन्होंने कहा, "क्या कांग्रेस सोचती है कि वह सर्वोच्च न्यायालय से भी ऊपर है? यह और कुछ नहीं, बल्कि उनका उद्देश्य लोगों का ध्यान अपने घोटाले से भटकाने पर है।"

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी आरोपों की आलोचना करते हुए कहा है कि यह कदम 'मरे हुए घोड़े को चाबुक मारने' के समान है।

हमें चंदा देने वालों को परेशान कर रही है केंद्र सरकार: AAP

aap-blamed-kendra-sarkar-threatening-aap-doner

नई दिल्ली, 24 दिसम्बर: आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को केंद्र पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर पार्टी को चंदा देने वालों को परेशान करने का आरोप लगाया। दिल्ली में सत्तारूढ़ आप पार्टी ने साथ ही भाजपा और कांग्रेस को जंतर-मंतर पर आप के साथ अपने चंदों का खुलासा करने की चुनौती भी दी।

आप नेता राघव चड्ढा ने यहां पत्रकारों से कहा कि आप पार्टी को चंदा देने वाले कई लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें आयकर विभाग ने सम्मन भेजा है। आप ने अपनी वेबसाइट पर इन चंदा देने वालों के नाम इससे पहले सार्वजनिक किए थे।

चड्ढा ने कहा, "उन्होंने हमें बताया कि आयकर विभाग ने उनसे एक ही सवाल पूछा है और एक चेतावनी भी दी है। उनसे पूछा गया कि उन्होंने आप पार्टी को चंदा क्यों दिया। फिर उन्हें धमकी दी गई कि यदि वे भविष्य में आप पार्टी को चंदा देते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।"

चड्ढा ने कहा कि आप को चंदा देने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है और इसीलिए पार्टी ने अपनी वेबसाइट से चंदा देने वालों का ब्योरा हटा दिया है।

आप नेता ने कांग्रेस और भाजपा के अध्यक्षों को अपनी-अपनी पार्टियों को मिलने वाले चंदों का ब्योरा जंतर-मंतर पर आप पार्टी के साथ सार्वजनिक करने की चुनौती भी दे डाली।

चड्ढा ने कहा, "लोगों को फैसला करने दीजिए कि कौन सी पार्टी बिना काले धन के बगैर चुनाव लड़ती है और कौन सी पार्टी चुनाव लड़ने में काले धन का इस्तेमाल करती है।"

चड्ढा ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा को मिलने वाला 70 से 80 फीसदी चंदा नकद में अज्ञात स्रोतों से मिलता है, जबकि आप पार्टी को अधिकांश चंदा बैंकों के जरिए मिलता है।

कोर्ट में केजरीवाल की फिर फजीहत, चुनावों में गलत जानकारी देने का जुर्म, 10 हजार में मिली जमानत

arvind-kejriwal-crime-list

नई दिल्ली, 24 दिसम्बर: ऐसा लगता है कि अरविन्द केजरीवाल का जीवन छल, कपट, झूठ और धोखाधड़ी से भरा पड़ा है, कभी उनपर गलत जानकारी देने का आरोप लगता है, कभी जानकारी छिपाने का आरोप लगता हिया, कभी वे दूसरों पर झूठे आरोप लगाते हैं, कभी उनपर आपराधिक मानहानि के मामले दायर होते हैं, हर महीने उन्हें किसी ना किसी मामले में कोर्ट में जाना होता है और हर महीने वे 10-50 हजार रुपये जमानत लेने में खर्च करते हैं, मतलब अगर केजरीवाल के पास हर साल 2 लाख रुपये जमानत लेने के लिए ना हों तो उन्हें अपनी पूरी जिन्दगी जेल में गुजारनी पड़े।

आज दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले हलफनामे में कथित तौर पर 'भ्रामक सूचना' देने के मामले में जमानत दे दी है। महानगर दंडाधिकारी आशीष गुप्ता ने केजरीवाल के अधिवक्ताओं ऋषिकेश कुमार और इरशाद द्वारा पेश की गई याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत दे दी।

अदालत ने केजरीवाल को 10,000 रुपये का निजी बांड भरने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई सात अप्रैल, 2017 को होगी।

एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने अपने सही पते की जानकारी छिपाकर और अपनी संपत्ति के बारे में गलत जानकारी देकर जानबूझकर चुनाव आयोग को भ्रमित किया। एनजीओ द्वारा दायर याचिका के बाद केजरीवाल के खिलाफ समन जारी कर उन्हें अदालत के समक्ष पेश होना पड़ा था।

अदालत ने कहा कि सही पते की जानकारी छिपाने के लिए हलफनामे में गलत पता देना और संपत्ति का गलत ब्यौरा देने का मामला प्रथम दृष्टया जानबूझकर किया गया लगता है, ताकि सही जानकारी का पता नहीं चल सके। इस तरह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए के तहत (गलत हलफनाम दायर करने के लिए दंड) और भारतीय दंड संहिता की धारा 177 (गलत जानकारी देना) के तहत आरोपी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार हैं।

यह शिकायत एनजीओ मौलिक भारत ट्रस्ट ने दर्ज कराई थी। इस एनजीओ से जुड़े नीरज सक्सेना और अनुज अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने अपनी संपत्ति के बारे में गलत जानकारी दी और जानबूझकर गाजियाबाद के इंदिरापुरम में अपने घर का गलत पता दर्ज कराया। 

याचिका में दलील दी गई है कि जानबूझकर सही पते की जानकारी छिपाना और अपनी संपत्ति का सही ब्यौरा उजागर नहीं करना जनप्रतिनिधि कानून अधिनियम 1951 की धारा 125ए के तहत अपराध है और इसके तहत छह महीने की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है।

पकड़ा गया सिमरन का हत्यारा बॉयफ्रेंड, दोस्त से बात करने पर जलता था इसलिए मारी थी गोली

simran-murder-kand-delhi-police-arrested-his-boyfriend-subham

नई दिल्ली, 24 दिसम्बर: दिल्ली पुलिस ने नजफगढ़ में किशोरी की हत्या में बुधवार से फरार शख्स को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी शुभम ने दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र में सिमरन (17) को उसके घर के सामने मर्सिडीज कार में गोली मार दी थी। यह हत्या मामूली से झगड़े के बाद की गई। वह तब से फरार था।

पुलिस का कहना है कि शुभम को शुक्रवार को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने आईएएनएस को बताया, "हमने शुभम को हरियाणा से गिरफ्तार किया और उसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है।"

कुमार ने कहा कि शुभम ने सिमरन की हत्या इसलिए कि क्योंकि वह सिमरन के एक दोस्त नितिन से जलता था। शुभम हताश था क्योंकि सिमरन और उसके माता-पिता अब उसकी अनदेखी कर रहे थे।

जिस बंदूक से सिमरन की हत्या की गई वह कार मालिक योगेश की है।

सिमरन नजफगढ़ के दीपक विहार इलाके में रहती थी। वह राजौरी गार्डन में योगेश और शुभम के साथ लंच पर गई थी।

सिमरन की मां ने बताया कि उसने कार को घर के पास आते देखा था जिसके बाद योगेश कार से उतरकर चला गया। इसके कुछ ही देर बाद गोली चलने की आवाज आई और तब तक मैं मौके पर पहुंचती सिमरन दम तोड़ चुकी थी।

केजरीवाल पर लगाम लगाने के लिए PM MODI, किरण बेदी को बना सकते हैं दिल्ली का उप-राज्यपाल: पढ़ें

modi-may-transfer-kiran-bedi-to-delhi-as-lg-to-control-kejriwal

New Delhi, 23 December: नजीब जंग भले ही कांग्रेस के आदमी थे लेकिन वे मोदी सरकार के लिए भी अच्छा काम कर रहे थे, वे केजरीवाल की भी मनमानी नहीं चलने दे रहे थे और केजरीवाल के सभी फैसलों और सभी गलत कामों की जांच करके उन्हें रद्द कर रहे थे, अब नजीब जंग से इस्तीफ़ा दे दिया है इसलिए लोगों को डर ही कहीं केजरीवाल की बुरी नजर दिल्ली पर ना पड़ जाए, केजरीवाल जिस तरह से नोटबंदी जैसे इमानदारी के काम को बईमानी बता रहे हैं पूरा देश उन्हें सबसे बड़ा बेईमान और सबसे बड़ा भ्रष्ट आदमी समझ रहा है, केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैं इसलिए दिल्ली के खजाने तक उनकी पहुँच है, वह खजाने का माल साफ़ कर सकते हैं और दिल्ली के पैसों को पंजाब और अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में लगा सकते हैं। 

लोग केजरीवाल को इसलिए भी बेईमान समझते हैं क्योंकि केजरीवाल 10 साल तक इनकम टैक्स अफसर रहे हैं, वे जॉइंट कमिश्नर होने के बाद भी 10 साल तक एक भी चोर नहीं पकड़ सके और ना ही कभी रेड मारी उल्टा ड्यूटी के साथ धोखा देते रहे, हायर एजुकेशन के लिए लीव लेते रहे है सैलरी भी लेते रहे, बाद में जब उनकी धोखाधड़ी सरकार की नजर में आयी तो उन्हें 9 लाख रुपये वापस भी करने पड़े। 

अब लोक केजरीवाल की हरकतों से डर रहे हैं, इनकम टैक्स का पूर्व जॉइंट कमिश्नर होने के नारे उन्हें टैक्स बचाने, कालाधन सफ़ेद करने, कालेधन का चंदा लेने, फर्जीवाडा करने, धोखाधड़ी करने और टैक्स चोरी को लेकर बारीक से बारीक जानकारियां उनके पास हैं। वे दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैं इसलिए उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए दिल्ली में एक बड़ा बॉस होना जरूरी है। 

नजीब जंग ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है इसलिए अब लोगों की मोदी से मांग है कि जल्द से जल्द किरण बेदी को पुडुचेरी से बुलाकर दिल्ली का उप-राज्यपाल बनाया जाय ताकि केजरीवाल पर लगाम लगी रहे। किरण बेदी को दिल्ली में प्रशासनिक अनुभव है, वह केजरीवाल का बॉस भी बनने लायक हैं और हर लिहाज से केजरीवाल से बेहतर हैं इसलिए लोगों का कहाँ है कि उन्हें दिल्ली का उप-राज्यपाल बनाया जाना चाहिए। 

नजीब जंग ने अपने इस्तीफे को लेकर PM MODI के बारे में किया खुलासा: जरूर पढ़ें

najeeb-jung-revealed-reason-for-his-resignation-and-pm-modi

नई दिल्ली, 23 दिसम्बर: दिल्ली के उप राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद नजीब जंग ने अपने इस्तीफे और प्रधानमंत्री मोदी के बारे हैरान कर देने वाला खुलासा किया है जिसे पढ़ें के बाद लोगों की नजरों में मोदी की इज्जत और बढ़ सकती है, उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने दो बार पद छोड़ने की पेशकश की थी लेकिन उन्हें मोदी ने पद पर बने रहने के लिए कहा गया था। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले अपनी सहमति दे दी। जंग ने मोदी से मुलाकात के बाद समाचार चैनलों से बात की। उन्होंने कहा कि उनके इस अचानक कदम में कोई राजनीति नहीं है। उन्होंने पद छोड़ने के पीछे किसी भी तरह के दबाव की अटकलों को खारिज किया।

जंग ने इंडिया टुडे टीवी से कहा, "साल 2014 में जब मोदी ने शपथ ली तब मैं उनसे मिला और उनसे आग्रह किया कि मैं कांग्रेस द्वारा नियुक्त हूं, इसलिए मैं इस्तीफा देना चाहूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नहीं, आप पद पर बने रहिए।" आप खुद देखिये, कांग्रेस द्वारा नियुक्त होने के बाद भी मोदी ने उन्हें पद पर बने रहें के लिए कहा, अक्सर देखा जाता है कि दिल्ली जैसे विशेष जगह पर लोग अपने खास को ही संवैधानिक पदों पर नियुक्त करते हैं।

उन्होंने कहा कि उन्होंने जुलाई में इस साल दोबारा यह प्रस्ताव दिया, जब उनकी राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासन को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से रस्साकशी चरम पर थी। यह मामला अगस्त में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से शांत हुआ जिसमें अदालत ने अपने आदेश में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उप राज्यपाल को प्रशासनिक प्रमुख बताया। यह मामला अब सर्वोच्च न्यायालय में है।

जंग ने कहा, "इस जुलाई जब मैंने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिए तो मैंने प्रधानमंत्री से फिर से पद छोड़ने की इच्छा जताई। लेकिन, प्रधानमंत्री ने फिर से मुझे पद पर बने रहने को कहा।"

इस बार उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, "दो दिन पहले, मैंने प्रधानमंत्री से फिर से अपनी इच्छा जाहिर की। इस बार प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति दे दी। मैंने इस्तीफा दे दिया।"

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि सरकार को अभी उनका इस्तीफा मंजूर करना है और उनका विकल्प खोजना है।

जंग की जगह पर जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें पूर्व गृह सचिव अनिल बैजल, जी.के. पिल्लई और दिल्ली पुलिस के पूर्व प्रमुख बी.एस. बस्सी शामिल हैं। बस्सी का भी केजरीवाल से छत्तीस का आंकड़ा रहा था।

जंग ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के कार्यकाल के दौरान नौ जुलाई, 2013 को दिल्ली के उप राज्यपाल का पद संभाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उन्हें इस पद पर बरकरार रखा था, जबकि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद कई राज्यों के राज्यपालों को बदला गया था।

जंग मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं।

कोटक और कॉर्पोरेशन बैंक में करोड़ों रुपये के कालेधन को किया गया सफ़ेद, पुलिस ने 4 लोगों को पकड़ा

police-arrested-4-person-from-kotal-mahindra-and-corporation-bank

New Delhi, 23 December: कोटक महिंद्रा और कॉर्पोरेशन बैंक भी Axis Bank की राह पर चल पड़े हैं, दोनों बैंकों में करोड़ों रुपये का फर्जीवाडा पाया गया है, फर्जी खाते खोलकर करोड़ों रुपये का कालाधन सफ़ेद किया गया है। 

कोटक महिंद्रा बैंक में पुलिस को 9 फर्जी खाते मिले जिसमें नोटबंदी के बाद 34 करोड़ रुपये जमा किये गये थे। क्राइम ब्रांच पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। 

कोटक महिंद्रा के अलावा दिल्ली में ग्रेटर कैलाश - 2 ब्रांच की कॉर्पोरेशन बैंक में भी 57.7 लाख रुपये का फर्जीवाडा पाया गया है, क्राइम ब्रांच ने यहाँ से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया है। 

इसके पहले दिल्ली और नॉएडा की एक्सिस बैंक की कई ब्रांचों से कालेधन को सफ़ेद किये जाने का मामला सामने आया था। प्राइवेट बैंकों में लगभग हर जगह फर्जीवाड़े की ख़बरें आ रहे हैं इसलिए लोगों का प्राइवेट बैंकों से भरोसा उठ गया है। 

दिल्ली: IGI एयरपोर्ट पर पकडे गए 54 लाख के नए नोट, होटल से पकडे गए 3.25 करोड़ के पुराने नोट


New Delhi, 23 December: दिल्ली से एक बड़ी खबर आयी है, IGI एयरपोर्ट पर CISF ने एक विदेशी व्यक्ति के पास से करीब 54 लाख रुपये के नए नोट बरामद किये हैं। उसके पास से 4.29 लाख रुपये के पुराने नोट भी जब्त किये गए हैं। नए और पुराने नोटों को जब्त करके आयकर विभाग को सूचित किया गया है, मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। 

इससे पहले इनकम टैक्स और दिल्ली क्राइम ब्रांच के जॉइंट ऑपरेशन में करोड़ बाग़ में एक होटल से 3.25 करोड़ रुपये के पुराने नोट जब्त किये थे। 

नोटबंदी के बाद एयरपोर्ट पर CISF ने निगरानी बढ़ा दी है और अनुमति से अधिक मात्रा में कैश ले जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।  

इस्तीफ़ा देने के बाद केजरीवाल ने नजीब जंग से की मुलाक़ात, साथ में किया चाय-नाश्ता

kejriwal-meet-delhi-ex-lg-najeeb-jung-after-resignation

नई दिल्ली, 23 दिसम्बर: दिल्ली के उपराज्यपाल पद से नजीब जंग के इस्तीफे के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार सुबह उनके आवास पर उनसे मुलाकात की। 

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों ने साथ में नाश्ता किया।

केजरीवाल ने जंग के अचानक इस्तीफा देने पर हैरानी जताई थी।

उन्होंने कहा कि जंग ने अपने फैसले को लेकर उन्हें कोई अन्य विवरण नहीं दिया।

केजरीवाल ने कहा, "उन्होंने मुझे बताया कि वह निजी कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं।"

केजरीवाल और जंग के बीच मुलाकात करीब एक घंटे तक चली।

जंग ने नौ जुलाई, 2013 को दिल्ली के उपराज्यपाल का पदभार ग्रहण किया था, जब कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार सत्ता में थी।

नरेंद्र मोदी सरकार ने भी सत्ता में आने के बाद उन्हें इस पद पर बनाए रखा, हालांकि उन्होंने अधिकांश राज्यों के राज्यपालों को बदल दिया था।

दिल्ली में RLA कॉलेज के छात्रों को MHRD और RBI ने दिया 'कैश से कैशलेस' का ज्ञान

delhi-university-rla-collage-cash-to-cashless-programme-by-mhrd-rbi

New delhi, 22 December: नोटबंदी के बाद भारत सरकार ने युवों को कैश से कैशलेस की तरफ ले जाने का अभियान शुरू कर दिया है क्योंकि युवा की मोदी सरकार की कैशलेस क्रांति के नायक बन सकते हैं, इसके लिए आज मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) और रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की तरफ से 'वित्तीय साक्षरता अभियान' नामक प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के रामलाल आनंद महाविद्यालय (RLA) में युवा छात्रों को "कैश टू कैसलेस" का ज्ञान दिया गया।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडिट कोर एवं छात्र संघ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम की मुख्यअतिथि स्टेट बैंक आफ इंडिया की मोती बाग शाखा की मैनेजर ऋतु भसीन थी।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथि का परिचय एनसीसी के मुख्य अधिकारी डाक्टर संजय कुमार शर्मा ने काराया। एवं स्वागत कालेज के प्राचार्य डाक्टर राकेश कुमार गुप्ता ने किया। अपने आरम्भिक उद्बोधन में प्राचार्य ने छात्रों को MHRD के डिजिटल सन्देश को पावर पॉइंट के माध्यम से प्रस्तुत कर बेहतरीन ढंग से समझाया एवम् राष्ट्र के निर्माण में छात्रों के योगदान को बताया साथ ही NSS एवं NCC के तहत किये जा रहे सेवाकार्यो की भी जानकारी दी। 

इसके पश्चात मुख्य अतिथि ऋतु भसीन एवं उनकी बैंक की टीम ने छात्रों को कैसलेस पेमेंट, इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट एवं कैशलेस जीवन शैली कैसे अपनाई जाए, डिजिटल लेन-देन से जुडी अहम जानकारी पावर पाइण्ट के माध्यम से उपलब्ध काराइ साथ ही छात्रों को प्रशिक्षित भी किया।

इस सफल प्रशिक्षण के बाद छात्रों से महाविद्यालय के पास की मार्केट में जाकर वहां के दुकानदारों को इ पेमेंट की जानकारी उपलब्ध कराई एवं वित्तीय साक्षरता के इस अभियान को आगे बढ़ाया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महाविद्यालय के एनसीसी, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं छात्र संघ के छात्र उपस्थित रहे जिनकी संख्या लगभग 70 से ज्यादा रही, उनके अलावा कालेज के कर्मचारी यूनियन के समस्त कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

शिक्षकों में कालेज की डाक्टर प्रेरणा दीवान, एंनसीसी के मुख्याधिकारी डाक्टर संजय कुमार शर्मा, छात्रसंघ के संयोजक डाक्टर सुभाष चन्द डबास,  उपस्थित रहे। इस सफल प्रशिक्षण पर कालेज के प्राचार्य ने सभी का आभार व्यक्त किया एवं धन्यवाद दिया। (रिपोर्टर: अंजनी कुमार तिवारी पत्रकारिता विभाग रामलाल आनंद कालेज)

मोदी और केजरीवाल को धन्यवाद बोलकर नजीब जंग ने दिया दिल्ली के LG पर से इस्तीफ़ा

delhi-lg-najeeb-jung-resign-saying-thanks-to-pm-modi-and-cm-kejriwal

नई दिल्ली, 22 दिसम्बर: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ अंतहीन विवादों में उलझे रहने वाले दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा किवह 'अपने पहले प्यार' शिक्षण कार्य की तरफ लौट रहे हैं। एक संक्षिप्त बयान में जंग (66) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुक्रिया अदा किया।

बयान के मुताबिक, "उन्होंने उप राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान खुद को मिली हर तरह की मदद व सहयोग के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया है।"

केंद्र में कांग्रेसनीत गठबंधन सरकार के दौरान नजीब जंग नौ जुलाई, 2013 को दिल्ली के उप राज्यपाल बने थे। मोदी सरकार ने कई राज्यों में राज्यपालों को बदलने के बावजूद उन्हें उनके पद पर बरकरार रखा था।

बयान के मुताबिक, "दो वर्षो के साथ के लिए जंग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का भी शुक्रिया अदा किया।"

बयान में कहा गया है कि जंग ने 'दिल्ली के लोगों को उनके समर्थन व प्रेम' के लिए धन्यवाद दिया, खासकर एक साल के राष्ट्रपति शासन के दौरान, जिसके बाद फरवरी 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की प्रचंड जीत हुई थी।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व अधिकारी तथा जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जंग ने अचानक इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई है।

जंग के कार्यकाल के दौरान उनके कार्यालय तथा केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार के संबंध सदा तनावपूर्ण बने रहे। 

दिल्ली के प्रशासनिक नियंत्रण के मुद्दे पर जंग तथा केजरीवाल के बीच सदा ठनी रही।

केंद्र सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली पुलिस, कानून व व्यवस्था तथा जमीनों से जुड़े मुद्दों पर नियंत्रण रखती है।

दिल्ली पर प्रशासनिक नियंत्रण का मुद्दा न्यायालय तक पहुंचा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार अगस्त को फैसला जंग के समर्थन में दिया, जिसके बाद आप सरकार सर्वोच्च न्यायालय पहुंची, जहां यह मुद्दा फिलहाल विचाराधीन है।