हिन्दू हो तो भंसाली जैसा, पद्मावत देखकर बढ़ जाता है हिंदुत्व, होती है खिलजियों से नफरत, पढ़ें

Padmaawat film is a special gift for Hindus by Sanjay Leela Bhansali. Karni Sena protest for anti-hindu because it expose Khilji and Jihadis
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नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत हिन्दुओं और हिंदुत्व के लिए एक अनमोल तोहफा है, यह फिल्म हर हिन्दू को जरूर देखनी चाहिए, जो भी हिन्दू इस फिल्म को देख रहा है उसे हिन्दू-हिदुत्व और हिंदुस्तान से प्यार हो जाता है और खिलजियों से नफरत हो जाती है.

पद्मावत जैसी फिल्म एक कट्टर हिन्दू ही बना सकता है, फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली एक कट्टर हिन्दू हैं इसीलिए उन्होंने यह फिल्म बनायी है, सेक्युलर लोग तो यह फिल्म बना ही नहीं सकते, सिर्फ कट्टर हिन्दू ही ऐसी फिल्म बना सकता है, वरना तो आजकल लोग खिलजी धर्म वालों को खुश करने में लगे रहते हैं.

इस फिल्म में खिलजियों की गद्दारी और धोखेबाजी को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है जबकि राजपूतों के महान उसूलों को दिखाया गया है, राजपूत लोग उसूलों से लड़ाई करते हैं लेकिन खिलजी लोग धोखेबाजी से उन्हें मारते हैं.

मेवाण के रावल रत्न सिंह चाहते तो एक मिनट में अलाउद्दीन खिलजी की सेना को ध्वस्त कर सकते थे लेकिन उन्होंने खिलजी को माफ़ कर दिया और उसकी पहल पर उसे अपने महल में आमंत्रित किया और उसकी मेहमाननवाजी की, उसके बाद खिलजी ने कहा कि हमें भी एक बार मेहमाननवाजी का मौका दो, जब रतन सिंह उसके पास गए तो उसनें धोखे से कैद कर लिया और दिल्ली लाकर जेल में कैद कर दिया.

इसके बाद महारानी पद्मिनी खिलजी के महल दिल्ली जाती हैं और बहुत ही चालाकी से राजा रतन सिंह को छुड़ाकर वापस लाती हैं.

इसके बाद खिलजी फिर मेवाण पर आक्रमण करने आता है, राजा रतन सिंह और खिलजी के बीच युद्ध होता है, वीर राजा रतन सिंह उसे पटक पटक कर मारते हैं, जब खिलजी का सर काटने के लिए आगे बढ़ते हैं तो खिलजी का गुलाम मलिक काफूर उन्हें पीछे से तीरों से भेद देता है और उनकी हत्या कर देता है.

इसके बाद हवस में पागल खिलजी जब महारानी पद्मावती को देखने के लिए किले में जाता है तो उसके पहुँचने से पहले महारानी पद्मिनी 16000 महिलाओं के साथ जौहर कर लेती हैं और इतिहास में खुद को अमर कर लेती हैं, जौहर का दृश्य बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है जो हर हिन्दू युवती और महिला की ऑंखें खोलने वाला है, सदेश यह मिलता है कि भले ही अपनी जान देना पड़े लेकिन खिलजियों और जिहादियों को हाथ मत लगाने दो.

कहने का मतलब ये है कि पद्मावत फिल्म हिन्दुओं के लिए भंसाली का एक अनमोल तोहफा है, हिन्दुओं की ऑंखें खोलने के लिए यह फिल्म देखना बहुत जरूरी है, उनकी धोखेबाजी को समझना बहुत जरूरी है, ये लोग धोखा कल भी करते थे और आज भी करते हैं.

करणी सेना का विरोध हिन्दू-विरोधी

इस फिल्म का विरोध करके करणी सेना ने हिन्दू विरोधी काम किया है, विरोध तो खिलजियों को करना चाहिए क्योंकि उनकी धोखेबाजी और गद्दारी को दिखाया गया है, उनके राक्षसों वाले रूप को दिखाया गया है, हिन्दुओं के तो महान उसूलों को दिखाया गया है, उनकी महानता को दिखाया गया है, हमें लगता है कि जो भी हिन्दू इस फिल्म को देख लेगा उसे करणी सेना से नफरत हो जाएगी जबकि भंसाली का फैन बन जाएगा. असली राजपूत और हिन्दू संजय लीला भंसाली है जो ऐसी फिल्म बनाया है. 
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