नई दिल्ली: कांग्रेस को भारत की पिज्जा पार्टी माना जाता है क्योंकि पिज्जा इटली का ब्रांड है, सोनिया और राहुल इटली में पैदा हुए हैं. इटली पहले भारत का ब्रांड था लेकिन कुछ वर्षों पहले भारत का भी ब्रांड बन गया जिसकी वजह से अमीर लोगों ने पिज्जा खाना शुरू कर दिया जबकि भारत का पकौड़ा कम खाया जाने लगा. अगर हम पिज्जा खाते हैं तो उससे विदेशों को आमदनी होती है, डोमिनो, मैगडोनाल्ड और पिज्जा हट जैसे विदेशी कंपनियों की कमाई होती है जबकि पकौड़ा बेचने से भारतीय किसानों और युवाओं की कमाई होती है.
मोदी के एक बयान से पकौड़ा फिर से भारत का ब्रांड बन गया है. मोदी ने कुछ दिन पहले कहा था कि पकौड़ा बेचना भी एक रोजगार है, अगर कोई युवक किसी दफ्तर के बाहर पकौड़ा बेचकर अपना गुजारा करता है तो उसे भी रोजगार माना जाना चाहिए.
मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस ने इसपर नकारात्मक राजनीति शुरू कर दी और पकौड़ा बेचने वालों का मनोबल तोड़ने का काम किया, पी चिदंबरम ने तो पकौड़ा बेचने वालों की तुलना भिखारियों से कर दी.
मोदी का विरोध करने के लिए ही सही लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पिज्जा छोड़कर अब पकौड़ा खाना शुरू कर दिया है, पूरे देश में कांग्रेसी पकौड़ा तलवा रहे हैं और जमकर पकौड़े खा रहे हैं, आज राहुल गाँधी ने भी जमकर पकौड़े खाए और कांग्रेसियों को भी खिलाया.
मोदी के एक बयान की वजह से पकौड़ा बेचने वालों के अच्छे दिन आ गए हैं, अब चाय वाले चाय के साथ पकौड़ा भी बेच रहे हैं, इसके अलावा लाखों लोगों ने पकौड़ा बेचने की दूकान खोल दी है, कांग्रेसी नेता पकौड़ा बनाने वालों को अपने साथ ले जा रहे हैं और उनसे पकौड़ा बनवाकर उसे बाँट रहे हैं.
कुछ भी हो लेकिन मोदी की वजह से पकौड़ा फिर से भारत का ब्रांड बन गया है, पकौड़ा वालों के अच्छे दिन आ गए हैं, पूरे देश में कांग्रेसी खूब पकौड़ा खा रहे हैं. आने वाले दिनों में पकौड़ा सच में लाखों लोगों को रोजगार दे सकता है.
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