नई दिल्ली: यह देश का दुर्भाग्य है कि पकौड़ा बेचकर रोजाना लाखों-करोड़ों लोगों का पेट भरने वाले युवाओं और देशवासियों का कांग्रेस पार्टी मजाक बना रही है और उनकी तुलना भिखारियों से कर रही है.
पकौड़ा बेचने वाले अपनी मेहनत और गुण से कमाते हैं, जो जितना स्वादिस्ट पकौड़ा बनाता है उसके पास उतने अधिक खाने वाले पहुँचते हैं और उसी के अनुसार उनकी कमाई होती है, कांग्रेस पार्टी उनकी मेहनत और हुनर का अपमान कर रही है और उन्हें भिखारी जैसा बता रही है.
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने हुनर वालों का अपमान किया है, 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने चाय वालों का मजाक उड़ाया था लेकिन बीजेपी ने चाय पर चर्चा शुरू करके कांग्रेस को ऐसा जवाब दिया कि वह 44 सीटों पर अटक गयी.
पांच साल बाद कांग्रेस ने पकौड़ा बेचने वालों का अपमान किया है, पकौड़ा बेचने वालों को भिखारी बताया है, मतलब पहले चाय वालों का मजाक उड़ाया, अब पकौड़ा बेचने वालों का मजाक उड़ाया और कुल मिलाकर कहें तो चाय-पकौड़ा बेचने वालो का मजाक उड़ाया है. अब चाय-पकौड़ा बेचने वालों का अपमान कांग्रेस को बहुत मंहगा पड़ सकता है.
अगर बीजेपी ने इस मुद्दे को भुना लिया और पकौड़ा बेचने वालों का मनोबल बढाकर चाय-पकौड़े पर चर्चा शुरू कर दी तो चाय-पकौड़ा बेचने वाले मिलकर कांग्रेस को ऐसा जवाब देंगे की ये 44 के बजाय 24 पर आकर गिरेगी.
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