5 मुस्लिम सैनिक शहीद हुए तो मच गया बवाल, 10-20 और हो गए तो ओवैसी मांगने लगेगा नया देश

Sunjuwan Army Camp attack 4 muslim soldiers martyred. Asaduddin Owaisi communalised Indian Army like Jinnah did in 1947
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नई दिल्ली: आज पूरे देश में बवाल मचा है, ऐसा इलिए क्योंकि सुंजुवान आर्मी कैम्प पर आतंकी हमले में चार मुस्लिम भी शहीद हो गए हैं. इसके अलावा CRPF कैम्प पर हुए हमले में भी एक मुस्लिम सिपाही शहीद हो गया, 7 में से पांच मुस्लिम शहीद होने पर पूरे देश में बवाल मच गया है, सभी टीवी चैनलों पर डिबेट चल रही है, ऐसा माहौल पैदा किया जा रहा है कि सिर्फ मुस्लिम ही इस देश की रक्षा कर रहे हैं और अपनी शहादत दे रहे हैं, यह बवाल इसलिए मचाया जा रहा है ताकि 1947 की तरह एक बार फिर से मुस्लिमों की शहादत की कीमत मांगकर फिर से देश का बँटवारा किया जा सके.

आपको बता दें कि 1947 में जब भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था तो उस समय यह तर्क दिया गया था कि अंग्रेजों से आजादी दिलाने में मुस्लिमों का भी योगदान है इसलिए हमें अलग देश दिया जाय. उस समय हिन्दू मुस्लिम धर्म के आधार पर देश का बँटवारा हो गया लेकिन कुछ मुस्लिम भारत में ही रह गए.

आज AIMIM के कट्टरपंथी नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कश्मीर में 7 में से 5 मुस्लिम भी शहीद हो गए हैं, हम लोग देश के लिए अपनी जान दे रहे हैं. इस देश पर हमारा हक है. इसके बाद पूरे देश में बवाल मच गया है, मीडिया ने हैडलाइन बना दी.

यहाँ पर सवाल यह उठता है कि जब सिर्फ 5 मुस्लिम सैनिकों की शहादत पर पूरे देश में बवाल मच गया तो 10-20 मुस्लिम सैनिक शहीद हो जाएंगे, या पाकिस्तान से युद्ध होगा और उसमे अधिक मुसलमान सैनिक शहीद हो जाएंगे तो ओवैसी जिन्ना की तरह अलग देश मांगने लगेगा. 

तो भारत सरकार क्या करे, क्या देश का बंटवारा होने के डर से मुस्लिमों को सेना में भर्ती करना बंद कर दे. क्या मुस्लिम सैनिकों को पाकिस्तान से लड़ने के लिए भेजना बंद कर दे. क्या सिर्फ हिन्दुओं को सेना में भर्ती की जाय. या ओवैसी जैसे लोगों को पकड़कर जेल में डाल दिया जाय. अगर ऐसे लोगों पर कार्यवाही नहीं की गयी तो भारत या तो एक और बँटवारा करने के लिए तैयार रहे या मुस्लिमों को सेना से बाहर निकाल दे क्योंकि अगर ये शहीद होंगे तो इनके नेता इनकी शहादत की कीमत के रूप में देश के टुकड़े मांगेंगे जैसा 1947 में हुआ था.
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