अगर दलित या मुस्लिम होता बॉबी कटारिया तो अब तक कोहराम मचा देता मीडिया, चुप्पी पर उठ रहे सवाल

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गुरुग्राम: युवा एकता फाउंडेशन के अध्यक्ष बॉबी कटारिया को गुरुग्राम पुलिस ने मार मार कर घुटनों पर बिठा दिया, उसके मम्मी पापा बताते हैं कि गुरुग्राम और फरीदाबाद पुलिस ने मिलकर उनके बेटे को 8 दिन रिमांड में लेकर इतना मार दिया है कि वह अब अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो पा रहा है. 

इस वक्त बॉबी कटारिया फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद हैं, उन्हें 24 दिसम्बर को गुरुग्राम पुलिस ने रात 11 बजे गिरफ्तार किया था, उन्हें या उनके परिवार को ना तो FIR की कॉपी दी गयी और ना ही वारंट दिखाया गया, पुलिस ने सीधा उठाकर उन्हें थाने ले गयी और कई धाराएं ठोंक दी, इसके बाद उन्हें 6 दिन का रिमांड लेकर कथित कौर पर थर्ड डिग्री दी गयी जो कि बड़े बड़े आतंकवादियों को दी जाती है. 

अब मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं, उनकी खबर ना तो गुरुग्राम की मीडिया दिखा रही है और ना ही फरीदाबाद की मीडिया ने, आमतौर पर एक छोटी सी चोरी की खबर भी मीडिया छाप देता है लेकिन गुरुग्राम के रॉबिनहुड कहे जाने वाले बॉबी कटारिया की खबर अब तक किसी भी बड़े मीडिया ने नहीं छापी है. या तो मीडिया गुरुग्राम पुलिस या फरीदाबाद पुलिस से डरती है, या उन लोगों ने मीडिया को खरीद दिया है जिनके खिलाफ बॉबी कटारिया ने लड़ाई शुरू की थी.

कल बॉबी कटारिया के लिए न्याय की उम्मीद में उनके हजारों समर्थक गुरुग्राम के देवीलाल स्टेडियम के बाहर इकठ्ठे हुए और कैंडल मार्च निकालने की कोशिश की, वहां पर उन्हें रोकने के लिए 1000 पुलिस के जवान लगाए गए, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, कई लोगों पर लाठीचार्ज किया गया. इस घटना पर भी मीडिया ने चुप्पी बनाए रखी.

अब लोग मीडिया को बेशर्म बता रहे हैं, लोग कह रहे हैं कि - अगर बॉबी कटारिया दलित या मुस्लिम समाज का होता तो मीडिया घराने अब तक इस घटना को दलित य़ा मुस्लिम पर जुल्म बताकर कोहराम मचाते देते लेकिन बॉबी कटारिया समाजसेवक है, जाट है तो उसकी खबर नहीं दिखाई जा रही है. ना मीडिया जाब रही है और ना ही खट्टर और मोदी सरकार जाग रही है.

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