सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बहुत दुखी हैं सूरजपाल अमू, बोले, बहुत बड़ा धोखा और साजिश हुई हमारे साथ

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज चार राज्यों में पद्मावत फिल्म को बैन करने का फैसला रद्द कर दिया. मतलब अब हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में सरकारों को फिल्म भी रिलीज करना पड़ेगा और सिनेमाघरों को सुरक्षा भी देनी पड़ेगी.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजपूत नेता सूरजपाल अमू खासे नाराज हैं, उन्होंने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट का तो सम्मान करते हैं लेकिन उनके इस आदेश का ना तो सम्मान करते हैं और ना ही समर्थन करते हैं इसलिए हम अपने स्तर पर फिल्म का विरोध जारी रखेंगे. 

उन्होंने कहा कि हमारे साथ धोखा हुआ है, धोखा करने वाले कोई और लोग नहीं हैं बल्कि केंद्र सरकार है, आज सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का कोई वकील ही नहीं था, मुझे इस बात का आश्चर्य हुआ, Via Com 18 के बहुत बड़े वकील हरीश साल्वे भंसाली का पक्ष रख रहे थे, हरियाणा सरकार के भी वकील थे, उन्होंने अपनी तरफ से पूरी बात रखी लेकिन भारत सरकार को भी हिंदुस्तान, हिंदुस्तान के लोगों का पक्ष, हमारी जनभावनाओं का पक्ष रखा था लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चार राज्यों के पद्मावत बैन करने के निर्णय पर रोक लगाई है, लेकिन हम रिव्यु पेटीशन के लिए कोर्ट में जाएंगे, हम लोग उदयपुर राजघराने से महाराजा महेंद्र प्रताप सिंह से भी अनुरोध करेंगे कि वह भी हमारे साथ आयें. हम राजपूत संस्थाओं से भी अपील करेंगे कि हमारे साथ आएँ और इस आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई करें.

उन्होंने समस्त देशवासियों और खासकर हिन्दुओं को कहा है कि आप लोग इस फिल्म का बहिष्कार करें, जब कोई फिल्म ही नहीं देखने जाएगा तो रिलीज करने का मतलब ही नहीं है. उन्होंने कहा कि हर कोई अपने अपने स्तर पर फिल्म का विरोध करें, मोमबत्तियां जलाकर विरोध करें. लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध करें.

उन्होंने कहा कि हम लोग हिंसक प्रदर्शन नहीं करेंगे, हमने डेढ़ साल में कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं किया और इसीलिए हमारा आन्दोलन सफल हुआ.

उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का भी सम्मान करना चाहते हैं और भारत सरकार का भी सम्मान करना चाहते हैं लेकिन भारत के प्रधानमंत्री मोदी से पुनः अनुरोध करेंगे कि मोदीजी और राष्ट्रपति के पास अभी भी अधिकार बाकी है, आप सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट को रद्द कर सकते हैं, इसका आपको अधिकार है लेकिन करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आपको अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमें धोखा देने वालों में केंद्र सरकार की एक मंत्री का हाथ है, हमें धोखा देने वालों में सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष प्रसून जोशी सबसे आगे है जिसे भारत सरकार ने नियुक्त किया है, प्रसून जोशी संजय लीला भंसाली का दलाल है, आज उस दलाल ने एक सोची समझी साजिश के तहत यह सारा काम किया है. इस देश का अगर सबसे गुनाहगार है तो वह प्रसून जोशी है, ViaCom18 है.

उन्होंने कहा कि कई महीनों से सडक पर करोड़ों लोग फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन हमारी भावनाओं का किसी ने भी सम्मान नहीं किया. हम इस फिल्म का विरोध करेंगे लेकिन विरोध का तरीका लोकतान्त्रिक होगा. हम ना तो हिंसा का सहारा लेंगे और ना ही किसी को लेने देंगे. हम मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेंगे, हम मोमबत्ती लेकर प्रदर्शन करेंगे.
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