कासगंज: आपने देखा होगा की पद्मावत फिल्म का विरोध करने वाली राजपूत करणी सेना को करीब करीब हर मीडिया चैनल ने गुंडा, आतंकवादी, देशद्रोही और पता नहीं क्या क्या बोला था, कई मीडिया चैनलों ने तो पूरे राजपूत समाज को ही गुंडा बता दिया था जबकि विवाद खुद भंसाली ने पैदा किया था, विरोध प्रदर्शन खुद भंसाली की साजिश के कारण हो रहा था.
मीडिया ने भंसाली से पैसे खाकर पूरे राजपूत समाज को गुंडा बता दिया लेकिन कल कासगंज में मुसलमानों ने ABVP के कार्यकर्ताओं पर तिरंगा यात्रा के दौरान पत्थरबाजी की, गोलियां चलाई, एक को मार डाला लेकिन भारत में मीडिया चैनल अभी तक मारने वालों का धर्म भी नहीं पता कर पाए हैं, उन्हें एक समुदाय विशेष का बताया जा रहा है. पद्मावत के केस में इन्हें पूरा राजपूत समाज गुंडा दिखाई दे रहा था और उन्हें सभी चैनल पर बुला बुला कर बेइज्जत किया किया गया लेकिन कासगंज के केस में सभी के मुंह बंद हैं.
मीडिया को अब लोग दोगला बोलने लगे हैं क्योंकि जब मुसलमान मारे जाते हैं तो मीडिया वाले छाती पीटते हैं और मारने वाले का धर्म भी बताते हैं लेकिन जब हिन्दू मारे जाते हैं तो मीडिया चैनल के लोग एक समुदाय विशेष का बताते हैं. आप भी पढ़ें, मीडिया वालों को क्या क्या लिख रहे हैं लोग-
गुरुग्राम में पत्थर चला तो "हिन्दू गुंडे",— Brahamanandam (@Brahamanandam) January 27, 2018
कासगंज में गोली चली तो मीडिया बता रही
"समुदाय विशेष", दोगलेपन की ट्रेनिंग कहाँ से लेती है मीडिया
कल तक जो राजपूतो को गुंडा बता रहे थे आज मुस्लिमो को दंगाई बताने की हिम्मत दिखायेंगे?— Sambit Patra (@TheSambitPatra) January 27, 2018
क्या हुआ, बहादुर देशभक्तों साँप सूंघ गया?
कासगंज उत्तरप्रदेश में तिरंगा यात्रा पर पथराव हुआ ,एसिड अटैक हुआ,गोलियाँ चली जिसमे एक मारा गया और कई घायल हैं अब पत्थरबाजों का धर्म नही बताओगे? https://t.co/JMHfXTTxL2
अख़लाक़ की मौत के बाद फ़्रीज़ तक में घूस कर छान बीन करने वाली क्रांतिकारी मीडिया अभी तक #कासगंज में चंदन के हत्यारों का धर्म ढूँढने में कामयाब नही हो पायी है 🙄🙄🙄#Kasganj #IPLAuction— Ved Tiwari (@VedTiwari) January 27, 2018
पत्थर फेंकने वाला राजपूत था, लेकिन तिरंगा यात्रा पर गोली चलाने वालो का धर्म अभी तक दोगले खोज नही पाए हैं— PCM (@kamalpcm) January 27, 2018
Post A Comment:
0 comments: