नई दिल्ली: ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता ख़त्म होनी तय है. अब केजरीवाल और उनके नेता विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं और सारा इल्जाम मोदी पर लगा रहे हैं. लगभग सभी आप नेता चुनाव आयोग को मोदी का एजेंट बता रहे हैं.
कई आप नेता कह रहे हैं कि हमने 20 विधायकों को सिर्फ नाम के लिए संसदीय सचिव था, हमने उन्हें कोई लाभ नहीं दिया, ना बंगला दी, ना गाड़ी दी, ना कोई अन्य लाभ दिया.
आप विधायकों की पोल आप के ही बागी नेता कपिल मिश्रा ने खोली है, उन्होंने ट्वीट में कहा - पद दिया, कार दी, दफ्तर दिया, फर्नीचर दिया, निर्णय का अधिकार दिया, यह फैसला कानूनन गलत था इसलिए चुनाव आयोग ने मामले की ढाई साल सुनवाई की, हाई कोर्ट ने भी गलत बताया है.
उन्होंने कहा कि अब आप को दोबारा चुनाव लड़ना पड़ेगा तो कह रहे हैं - हाय हाय लोकतंत्र की हत्या हो गयी, दैया रे दैया, सब मोदी के इशारे पर हो रहा है.
Office of Profit— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 20, 2018
पद दिया - हाँ
दफ्तर - हाँ
कार - हाँ
फर्नीचर - हाँ
निर्णय का अधिकार - हाँ
कानूनन सही था - नहीं
हाइकोर्ट ने गलत बताया -हाँ
EC ने सुनवाई की - पूरे ढाई साल
अब चुनाव दुबारा लड़ना पड़ेगा
हाय हाय लोकतंत्र की हत्या हो गयी
दैया रे दैया सब मोदी के इशारे पर हो रहा है
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