आतंकी भी दे चुके हैं CJI दीपक मिश्रा को बम से उड़ाने की धमकी, क्या हटाने की हो रही साजिश, पढ़ें

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नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ऐसे न्यायाधीश हैं जो आतंकवादियों की धमकी से भी नहीं डरते और बिंदास होकर फैसले सुनाते हैं. आपने देखा होगा कि याकूब मेनन के खिलाफ फैसला सुनाने से पहले उन्हें उड़ाने की धमकी दी गयी थी लेकिन वे विल्कुल भी नहीं डरे और रात के 2 बजे उन्होंने याकूब मेनन को मृत्युदंड का फैसला सुनाया.

कल सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर तानाशाही का आरोप लगाया. जे चेलमश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ ने प्रेस कांफ्रेंस करके प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के कामकाज से असहमति जताई.

क्या साजिश हो रही है दीपक मिश्रा के साथ

कुछ लोग कह रहे हैं दीपक मिश्रा को हटाने की साजिश हो रही है और इसमें विपक्षी पार्टियाँ शामिल हैं, कल चारों जजों के प्रेस कांफ्रेंस के बाद CPI नेता डी राजा जजों के घर पर गए और उनसे हाथ मिलाते हुए पकडे गए. यह सब देखकर लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि दीपक मिश्रा के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश चल रही है.

साजिश होने के कुछ इशारे
  • दीपक मिश्रा जजों की उस बेंच में थे जिन्होंने निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को मृत्युदंड की सजा पर मुहर लगाई थी
  • दीपक मिश्रा उस बेच में भी थे जिन्होंने मुंबई में 1993 बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेनन की फांसी पर मुहर लगाई थी
  • दीपक मिश्रा ही वह न्यायाधीश हैं जिन्होंने Validity of Criminal Defamation Provision in IPC को सही ठहराया था जिसकी वजह से अरविन्द केजरीवाल और राहुल गाँधी को कोर्ट में ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है 
  • दीपक मिश्रा उस बेंच में भी हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमोशन में रिजर्वेशन मसौदे को खारिज कर दिया था
  • दीपक मिश्रा उस बेंच में भी हैं जिन्होंने थियेटर में राष्ट्रगान बजाया जाने का आदेश दिया था
  • दीपक मिश्रा अयोध्या विवाद का फैसला सुनाने जा रहे तीन जजों की बेंच में भी शामिल हैं
दीपक मिश्रा के इन आदेशों और उनके कैरियर को देखकर समझदार लोग खुद समझ सकते हैं कि चार जजों ने खुद ही कानून तोड़कर बिना इस्तीफ़ा दिए प्रेस कांफ्रेंस क्यों की और दीपक मिश्रा को हटाने की साजिश क्यों हो रही है.

कई वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में काम कर रहे हैं दीपक मिश्रा

दीपक मिश्रा आज से नहीं बल्कि 2011 से सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश हैं. उन्होंने कभी भी पहले के प्रधान न्यायाधीशों के खिलाफ कोई बगावत नहीं की, उन्हें जो जिम्मेदारी दी गयी उन्होंने ईमानदारी के साथ उसे निभाई है लेकिन आज उनपर 4 जज तानाशाही के आरोप लगाकर CPI नेता डी राजा से हाथ मिला रहे हैं.

रह चुके हैं पटना हाई कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस

दीपक मिश्रा इससे पहले पटना हाई कोर्ट में भी चीफ जस्टिस रहे चुके हैं, उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस बने लेकिन उनपर कभी भी तानाशाही का आरोप नहीं लगा लेकिन आज तानाशाही के आरोप लगाए जाने से इस बात की बू आ रही है कि उनके खिलाफ बड़ी साजिश हो सकती है.
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