VHP को सींचा BJP-RSS ने पलक झपकते ही कांग्रेस ने मारा हाथ, RSS के होने वाले हैं दो टुकड़े

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नई दिल्ली: कुछ लोग भले ही कांग्रेस को उसकी विचारधारा से हटने के आरोप लगा रहे हैं, भले ही प्रवीण तोगड़िया से मीटिंग करके हिंदुत्व वोटबैंक की राजनीति करने के ताने मार रहे हैं लेकिन इससे कांग्रेस का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है. यही आरोप राहुल गाँधी पर गुजरात चुनावों के वक्त लग रहे थे, उन्हें मंदिर मंदिर घूमने के ताने मारे जा रहे थे लेकिन उन्हें उसका फायदा हुआ. सोमनाथ मंदिर के आसपास सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई, सोमनाथ जिले की सभी सीटें कांग्रेस के खाते में गयीं. बीजेपी को काफी नुकसान हुआ.

आज विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने बीजेपी सरकारों पर उनकी आवाज दबाने और एनकाउंटर की साजिश रचने का आरोप लगाया. उन्होंने रो रो कर अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया. विश्व हिन्दू परिषद् ने इतनी दिनों तक बीजेपी की मदद की, राम मंदिर आन्दोलन का प्रतिनिधित्व किया, कई राज्यों में और देश में बीजेपी की सरकार बनाने में मदद की, उसके बाद भी प्रवीण तोगड़िया से मिलने के लिए कोई बीजेपी नेता नहीं गया. उनसे मिलने और हाल चाल जानने के लिए हार्दिक पटेल और कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवादिया गए.

कहने का मतलब यह है कि कांग्रेस ने भले ही वोटबैंक के लिए अपनी विचारधारा से समझौता किया है लेकिन उसे इसका लाभ जरूर मिलेगा. प्रवीण तोगड़िया छोटे मोटे नेता नहीं हैं, अगर वह कांग्रेस के साथ गए तो उनके साथ साथ हिन्दू वोटबैंक भी कांग्रेस के पास जाएगा, पूरा नहीं तो 50 फ़ीसदी ही जाएगा जैसा गुजरात में गया.

बीजेपी नेता अपने घमंड में चूर हैं, किसी भी नेता ने प्रवीण तोगड़िया से मिलने की कोशिश भी नहीं की, उनका हाल चाल भी नहीं जाना, इन्हें लगता है कि 2019 में मुस्लिम लोग इन्हें वोट देकर इनकी सरकार बना देंगे लेकिन यह इनकी भूल है, जिस तरह से कांग्रेस ने गुजरात चुनावों में बीजेपी को नानी याद दिला दी, उसी तरह से लोकसभा चुनावों में होने वाला है, अब तो कांग्रेस और मजबूत होकर मैदान में उतरेगी क्योंकि अब उनके पास विश्व हिन्दू परिषद् की ताकत होगी. आने वाले समय में आरएसएस के दो टुकड़े होंगे. एक आरएसएस और दूसरा VHP. फायदा कांग्रेस का अधिक होगा क्योंकि वे गिरगिट की तरह से रंग बदलते हैं, 2019 में सरकार बनाने के बाद वह फिर से तुस्टीकरण शुरू कर देंगे लेकिन उनकी सरकार तो बन जाएगी. मुस्लिम लोग शायद ही बीजेपी के पास आएं लेकिन मोदी और अमित शाह को सपने देखने से कौन रोक सकता है.
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