कासगंज: कुछ अफजल गैंग मीडिया चन्दन गुप्ता को ही उपद्रवी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, कुछ मीडिया कह रहे हैं कि हिन्दुओं ने ही कासगंज के मुस्लिमों को भड़काया, भड़काऊ नारे लगाए जिसकी वजह से उसे गोली मारी गयी लेकिन राष्ट्रवादी पत्रकार इस घटना पर क्रोधित हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि जब तिरंगा यात्रा निकालने पर गोली चलाई जा रही है, वन्दे मातरम् और भारत माता की जय बोलने पर मुस्लिमों को इतना गुस्सा आ रहा है कि गोलीबारी की जा रही है तो आने वाले वर्षों में क्या होगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है.
आज तक की पत्रकार स्वेता सिंह भी इस घटना पर हैरान हैं, उन्होंने एक ट्वीट में कहा - जिस गली से गुज़रते हुए 'भारत माता की जय' सांप्रदायिक हो जाता है। जिस मुहल्ले में तिरंगा अवैध माना जाता है। जहां एक नौजवान को इसलिए गोली मारी जाती है कि वो गणतंत्र दिवस मना रहा था। वो जगह आज़ाद हिंदुस्तान का हिस्सा कैसे हो सकता है.
आज तक की पत्रकार स्वेता सिंह भी इस घटना पर हैरान हैं, उन्होंने एक ट्वीट में कहा - जिस गली से गुज़रते हुए 'भारत माता की जय' सांप्रदायिक हो जाता है। जिस मुहल्ले में तिरंगा अवैध माना जाता है। जहां एक नौजवान को इसलिए गोली मारी जाती है कि वो गणतंत्र दिवस मना रहा था। वो जगह आज़ाद हिंदुस्तान का हिस्सा कैसे हो सकता है.
कौन था चन्दन गुप्ताजिस गली से गुज़रते हुए 'भारत माता की जय' सांप्रदायिक हो जाता है। जिस मुहल्ले में तिरंगा अवैध माना जाता है। जहां एक नौजवान को इसलिए गोली मारी जाती है कि वो गणतंत्र दिवस मना रहा था। वो जगह आज़ाद हिंदुस्तान का हिस्सा कैसे हो सकता है! #Kasganj— Sweta Singh (@SwetaSinghAT) January 27, 2018
चन्दन गुप्ता उर्फ़ अभिषेक गुप्ता 22 वर्ष का नौजवान था और देशभक्त था. वह कई वर्षों से सामाजिक कार्य करता था. अपना खून देकर लोगों की जान बचता था और ऐसा करके उसे ख़ुशी मिलती थी, उसके दोस्तों के मुताबिक़ उसनें कई बार मुसलमानों को भी खून देकर उनकी जान बचाई थी. क्या ऐसा युवक किसी पर हमले कर सकता है या भड़काऊ नारे लगा सकता है, हाँ उसनें वन्दे मातरम् और भारत माता की जय के नारे जरूर लगाए थे जो अपराध नहीं है. ये दोनों नारे हमारे राष्ट्रीय गीत और राष्ट्र गान हैं.
चन्दन गुप्ता जिसे गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा यात्रा निकालते समय कासगंज के मुस्लिम मोहल्ले में गोली मारी गयी थी, उसे पहले घेरकर पत्थरों से मारा गया था, उसके बाद उसे पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने के लिए कहा गया, उसनें बोलने से इनकार कर दिया था, उसके बाद उसे गोली मारी गयी, यह बात उसकी माँ संगीता गुप्ता ने खुद ही बतायी है.
उसकी माँ संगीता गुप्ता ने रो रोकर बताया कि मेरा बेटा देशभक्त था, उसके अन्दर देशभक्ति का जूनून था, सबकी मदद करता था, उसे इसलिए मार दिया गया क्योंकि उसनें वन्दे मातरम् बोला, हिंदुस्तान जिंदाबाद बोला, मैं भी वन्दे मातरम् बोलती हूँ, मैं भी हिंदुस्तान जिंदाबाद बोलती हूँ, मुझे भी मार डालो, मुझे गोली मार दो.
उसकी बहन से रो रो कर कहा कि हम भी नहीं जीना चाहते, हमारे भाई को शहीद का दर्जा दो, उसके साथ न्याय करो, मेरा भाई मरा नहीं है, वह अमर हुआ है, हम नहीं जीना चाहते, उसके दुःख का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है, सब कोई सपूत मरता है, देशभक्त मरता है तो उसका दुःख बर्दास्त नहीं हो पाता.
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