टमाटर 20 में होता है तो किसानों से सड़क पर फेंकवाते हैं, 40-50 में होता हैं तो 'बहुत मंहगा है'

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किसानों की किस्मत ही खराब है, किसान बहुत मेहनत से टमाटर की खेती करते हैं, मोदी सरकार में अधिकतर समय टमाटर के दाम सस्ते रहे, जब टमाटर 10-20 रुपये में मिलता था तो कांग्रेस ने किसानों के साथ मिलकर आन्दोलन शुरू कर दिया और मोदी सरकार से सही दाम दिलाने की मांग की. अब किसानों को सही दाम मिल रहे हैं तो कांग्रेस ने मंहगाई का मुद्दा उठाया है.

किसानों को एक-दो महीनें ही कमाने का मौका मिलता है, जब शादियाँ-विवाह शुरू होते हैं, डिमांड बढ़ जाती है तो किसानों को सही दाम मिलते हैं और उनकी थोडा कमाई हो जाती है लेकिन कांग्रेस को यह भी नहीं पच रहा है, अब कांग्रेस ने टमाटर के मंहगे दामों को मुद्दा बनाया है. हर कोई जानता है कि नवम्बर दिसम्बर में टमाटर का दाम मंहगा हो जाता है लेकिन दिसम्बर-जनवरी में टमाटर के साथ साथ सभी सब्जियां सस्ती हो जाती हैं.

राहुल गाँधी ने आज 40-50 रुपये में बिकने वाले टमाटर को 100 रुपये में बताकर मंहगाई का मुद्दा बनाया है. उन्होंने मोदी सरकार से सवाल पूछा है -

जुमलों की बेवफाई मार गई
नोटबंदी की लुटाई मार गई
GST सारी कमाई मार गई
बाकी कुछ बचा तो -
महंगाई मार गई
बढ़ते दामों से जीना दुश्वार
बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?

राहुल गाँधी ने मोदी से यह सवाल पूछते हुए कुछ आंकड़े भी साझा किये हैं जिसमें 2014 और 2017 में कुछ चीजों के दामों में अंतर बताया है. इस लिस्ट में राहुल गाँधी ने प्याज, टमाटर, दूध, डीजल, दाल और गैस सिलेंडर का दाम लिखा है लेकिन आलू, मटर और पेट्रोल का दाम नहीं लिखा है, ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार में इनके दाम कांग्रेस सरकार से कम हैं जबकि अन्य के दाम अधिक हो चुके हैं.

आपको बता दें कि कांग्रेस के राज में पेट्रोल का दाम 73 से ऊपर था लेकिन मोदी-सरकार में 69 है, कांग्रेस के राज में इस महीनें में मटर 100 रुपये में मिलती थी लेकिन मोदी राज में सिर्फ 40 रुपये में है, कांग्रेस के राज में आलू इस महीनें में 50-60 रुपये होती थी लेकिन मोदी सरकार में सिर्फ 15-20 रुपये है इसलिए राहुल गाँधी ने इन्हें अपनी लिस्ट में शामिल नहीं किया है, सिर्फ उन्हीं चीजों को शामिल किया है जिनके दाम अधिक हैं.
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