मैक्स के खिलाफ कार्यवाही करके केजरीवाल ने दिखाया दम, फोर्टिस-मेदांता मामले पर खट्टर निकले बेदम

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नई दिल्ली: लूटने के चक्कर में बच्चे की जान दिल्ली के मैक्स अस्पताल ने भी ली थी और लूटने के चक्कर में बच्चे की जान गुरुग्राम के मेदांता और फोर्टिस हॉस्पिटल ने भी ली थी लेकिन मैक्स हॉस्पिटल के खिलाफ कार्यवाही करके, उसके लाइसेंस रद्द करके केजरीवाल और उन्हें हेल्थ मंत्री सत्येन्द्र जैन ने दम दिखाया है जबकि फोर्टिस और मेदान्ता के खिलाफ कार्यवाही ना करके खट्टर सरकार ने साबित कर दिया कि इनके अन्दर कोई दम नहीं है और ये अस्पतालों की माफियागिरी के खिलाफ कोई एक्शन लेने के काबिल ही नहीं हैं.

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते जिंदा नवजात को मृत घोषित करने वाले दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल पर दिल्ली सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस गंभीर चूक के लिए अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमने शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। 

अब अस्पताल में किसी भी नए मरीज को भर्ती नहीं किया जा सकेगा। इससे पहले अस्पताल ने उन डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया था, जिन्होंने नवजात को मृत बताया था। घटना 1 दिसंबर को सामने आई थी। मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने जुड़वां बच्चों को मृत घोषित कर उन्हें शव रखने वाले बैग में सील कर अभिभावकों के हवाले कर दिया था। दो में से एक नवजात में हरकत होने पर परिजनों ने आनन-फानन में बैग खोला।

इसके बाद शिशु और उसकी मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अभिभावकों का कहना था कि डॉक्टरों की इस गंभीर लापरवाही के कारण दम घुटने से नवजात की मौत भी हो सकती थी। इस घटना के सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय भी सक्रिय हो गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य सचिव से इस मसले पर बात कर जानकारी हासिल की थी।

फोर्टिस और मेदांता के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पायी खट्टर सरकार

फोर्टिस और मेदांता के खिलाफ खट्टर सरकार अब तक कोई एक्शन नहीं ले पायी, इस सरकार के अन्दर भी अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की ताकत है लेकिन एक्शन लेने का दम नहीं है इसलिए इन्होने एक्शन लेने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया को पत्र लिखा है जिसपर खुद ही भ्रष्टाचार के आरोप हैं साथ ही वे लोग खुद ही लूटखोरी करते हैं और लूटखोर अस्पतालों के डायरेक्टर होते हैं.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले फोर्टिस हॉस्पिटल ने डेंगू बुखार के इलाज के लिए सिर्फ 16 दिन में साढ़े पंद्रह लाख का बिल बना दिया और बच्ची की जान भी चली गयी, इसी प्रकार से मेदांता हॉस्पिटल में भी डेंगू बुखार में 15 दिन में 15 लाख का बिल बना दिया, वहां भी बच्चे की जान चली गयी, दोनों अस्पतालों ने दवाओं और अन्य सामानों पर कई गुना MRP दिखाकर मरीज को खूब लूटा. दोनों अस्पतालों ने इतना लूटा कि असली चोर लुटेरे भी शरमा जाएं. लेकिन इनके खिलाफ खट्टर सरकार कोई एक्शन नहीं ले पायी.
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