EVM के बारे में खूब झूठ फैला रहे हैं AAP नेता, बोले EVM है तो BJP है, वरना हम जीतते

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उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में सबसे बड़ी दुर्गति आम आदमी पार्टी की हुई, इन्होने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उठाते थे, 16 मेयर की सीटों पर सबकी जमानत जब्त हो गयी, 1300 पार्षद सीटों में सिर्फ 2 पर जीत मिली, 429 नगर पंचायतों में सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली, 198 नगर पालिका में सबकी जमानत जब्त हो गयी. पंचायत और पालिका की कुल 8000 सीटों में 29 पर जीत मिली.

कुल मिलाकात AAP की 8000 से भी अधिक सीटों पर जमानत जब्त हुई है. इतनी बड़ी दुर्गति आज तक किसी भी पार्टी की नहीं हुई है लेकिन AAP नेता अपनी हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं. इनका कहना है कि हमको BJP ने नही हराया बल्कि EVM ने हराया है, बीजेपी ने EVM से छेड़छाड़ की है. जहाँ जहाँ बैलट पेपर से चुनाव हुए वहां पर बीजेपी की हार हुई है. सिर्फ EVM में BJP को जीत मिली है, EVM है तो BJP है.

पढ़ें, कैसे फैला रहे हैं झूठ

यूपी में जनता ने समझदारी से वोट दिया है, 16 निगमों में से 14 नगर निगम में बीजेपी को जिताया क्योंकि वहां पर काम करने के लिए सरकार के सहयोग की जरूरत होती है लेकिन नगर पंचायतों में अधिकतर जगहों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जिताया ताकि नेताओं को सबक मिले कि अगर काम नहीं करोगे तो पार्टी के नाम पर वोट नहीं मिलेगा हालाँकि निर्दलीयों के बाद दूसरे नंबर पर बीजेपी ही रही.


नगर निगम में पहले नंबर पर बीजेपी रही जिसके 596 पार्षद चुने गए लेकिन निर्दलीयों ने सपा, बसपा और कांग्रेस से भी अधिक सीटें जीतीं. सपा को 202, बसपा को 147 जबकि कांग्रेस को 110 सीटों पर ही जीत मिली जबकि निर्दलीयों को 224 सीटों पर जीत मिली. आप को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली.

इसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष का रिजल्ट देखते हैं. यहाँ पर बीजेपी और सपा के बाद निर्दलीय तीसरे स्थान पर रहे, भाजपा को 70, सपा को 44, निर्दलीयों को 43 सीटों पर जीत मिली. यहाँ भी बसपा और कांग्रेस निर्दलीयों से पीछे हो गए.

इसके बाद नगर पालिका परिषद के सदस्यों के नतीजे देखते हैं. यहाँ पर तो निर्दलीयों ने बाजी मार ली. यहाँ पर निर्दलीयों को 3380 स्थानों पर जीत मिली, यहाँ पर उनसे सभी पार्टियाँ पीछे हो गईं, बीजेपी को केवल 922, सपा को केवल 477, बसपा को केवल 262 और कांग्रेस को केवल 158 सीटों पर जीत मिली.

इसके बाद नगर पंचायत के अध्यक्षों के नतीजे आये, यहाँ पर भी निर्दलीयों ने बाजी मार ली और सभी पार्टियों को पीछे कर दिया, निर्दलीयों को 182 सीटों पर जीत मिली जबकि भाजपा को 100, सपा को 83, बसपा को 45 जबकि कांग्रेस को सिर्फ 17 स्थानों पर जीत मिली.

इसके बाद नगर पंचायत सदस्यों के नतीजे देखते हैं. यहाँ पर भी निर्दलीयों ने बाजी मार ली और सभी पार्टियों को पीछे कर दिया. निर्दलीयों को 3875 सीटों पर जीत मिली जबकि भाजपा को 664, सपा को 453, बसपा को 218 और कांग्रेस को 126 सीटें मिलीं.

अगर EVM में गड़बड़ी तो निगमों में निर्दलीय दूसरे स्थान पर क्यों


यहाँ पर सवाल यह है कि अगर बीजेपी ने सच में EVM में गड़बड़ी की है तो निगमों में दूसरे नंबर पर निर्दलीय कैसे आ गए. क्या बीजेपी ने निर्दलीयों को 224 सीटों पर चुनाव जितवा दिया.

बैलट पेपर में निर्दलीय पहले स्थान पर क्यों

दूसरा सवाल यह है कि अगर जनता ने बैलट पेपर पर बीजेपी को हरा दिया तो उन्होने निर्दलीय उम्मीदवारों को वोट क्यों दिया. सपा, बसपा, कांग्रेस और आप पार्टी के उम्मीदवार निर्दलीयों से कैसे हार गए. बीजेपी तो बैलट पेपर पर भी सभी पार्टियों से आगे है जिससे साफ़ है कि जनता ने पहला भरोसा निर्दलीयों पर दिखाया और दूसरा भरोसा BJP पर दिखाया.
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