चंडीगढ़, 10 नवंबर: GST वैसे तो देश के लिए बढ़िया है, इससे ना सिर्फ टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ रही है, इनडाइरेक्ट टैक्स से भी सरकार का काफी मुनाफ़ा हो रहा है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी समझ गए कि मुनाफे का लालच पूरी भाजपा को ले डूबेगा इसलिए आज GST टैक्स स्लैब में बदलाव करके 178 से भी अधिक चीजों को सस्ता कर दिया, अब सिर्फ 50 ही चीजों को 28 फ़ीसदी के टैक्स स्लैब में रखा गया है लेकिन इससे आम आदमी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
इससे पहले जब भी मंहगाई पर चर्चा होती थी तो वित्त मंत्री अरुण जेटली सिर्फ यही कहकर बात दबा देते थे कि अगर विकास चाहिए तो टैक्स तो देना ही पड़ेगा. विकास की सनक ने आम आदमी की थाली को मंहगा कर दिया था, खाने से लेकर दैनिक इस्तेमाल की सभी चीजें मंहगी हो रही थीं जिससे जनता के मन में बीजेपी के खिलाफ असंतोष पैदा हो रहा था. इसी वजह से गुजरात में कांग्रेस की ताकत बढ़ रही थी, GST से पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि गुजरात में बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए इतनी ताकत लगानी पड़ेगी, लेकिन GST से फैले असंतोष की वजह से मोदी को बार बार गुजरात का दौरा करना पड़ा.
अब थक हारकर मोदी ने जेटली को टैक्स स्लैब में बदलाव करने के लिए बोल ही दिया, अब मोदी के कार्यकाल में सिर्फ डेढ़ साल बचे हैं, कहीं ऐसा ना हो कि लोग अच्छे दिन का सिर्फ इन्तजार करते रह जाँय इसलिए इतना बड़ा बदलाव करने का फैसला किया गया.
इससे पहले जब भी मंहगाई पर चर्चा होती थी तो वित्त मंत्री अरुण जेटली सिर्फ यही कहकर बात दबा देते थे कि अगर विकास चाहिए तो टैक्स तो देना ही पड़ेगा. विकास की सनक ने आम आदमी की थाली को मंहगा कर दिया था, खाने से लेकर दैनिक इस्तेमाल की सभी चीजें मंहगी हो रही थीं जिससे जनता के मन में बीजेपी के खिलाफ असंतोष पैदा हो रहा था. इसी वजह से गुजरात में कांग्रेस की ताकत बढ़ रही थी, GST से पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि गुजरात में बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए इतनी ताकत लगानी पड़ेगी, लेकिन GST से फैले असंतोष की वजह से मोदी को बार बार गुजरात का दौरा करना पड़ा.
अब थक हारकर मोदी ने जेटली को टैक्स स्लैब में बदलाव करने के लिए बोल ही दिया, अब मोदी के कार्यकाल में सिर्फ डेढ़ साल बचे हैं, कहीं ऐसा ना हो कि लोग अच्छे दिन का सिर्फ इन्तजार करते रह जाँय इसलिए इतना बड़ा बदलाव करने का फैसला किया गया.
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