खट्टर ने अचानक किया ट्रांसफर तो अशोक खेमका बोले, बहुत काम फैला रखा था, फिर से कर दिया ट्रान्सफर

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अगर पूरे देश में सबसे कमजोर बीजेपी सरकार का तमका किसी पर लगता है तो वह हरियाणा की बीजेपी सरकार पर लगता है, खट्टर सरकार भले ही कमजोर सरकार मानी जाती है लेकिन रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार की सर्वप्रथम आवाज उठाने वाले IAS अशोक खेमका का ट्रासफर वह पूरी ताकत के साथ कर देती है, उन्हें कभी भी एक विभाग में अधिक समय तक टिकने का मौका नहीं देती, जैसे ही अशोक खेमका का विभाग में मन लगता है, योजनाओं की प्लानिंग बनाते हैं और काम फैलाते हैं, वैसे ही खट्टर सरकार उनका ट्रान्सफर कर देती है, उनका काम फैला ही रह जाता है. कानून के मुताबिक़ किसी भी IAS का 2 साल से पहले ट्रान्सफर नहीं किया जा सकता लेकिन इस मामले में खट्टर सरकार नियम-कायदा नहीं देखती, बस झट से उनका ट्रान्सफर कर देती है.

कल मनोहर लाल खट्टर ने अशोक खेमका का फिर से ट्रान्सफर कर दिया और वो भी अचानक, यह अशोक खेमका का 23 साल के कैरियर में 46वां ट्रान्सफर है, हाल ही में उन्होंने अपने विभाग में भ्रष्टाचार का एक खुलासा किया था, जैसे ही उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी, खट्टर ने झट से उनका ट्रान्सफर कर दिया.

ट्रान्सफर की खबर सुनने के बाद अशोक खेमका में ट्विटर पर नाराजगी व्यक्त की, उन्होंने कहा - काफी काम प्लान किया था, एक और ट्रान्सफर की खबर, क्रैश लैंडिंग अगेन, निहित स्वार्थ की जीत, लेकिन यह टेम्पोररी है, फिर से नए जोश और ऊर्जा के साथ काम करूँगा.

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अशोक खेमका ने ANI से बात करते हुए कहा कि अगर मेरा ट्रान्सफर जनता के भले के लिए किया है तो कोई बात नहीं लेकिन अगर स्वार्थ के लिए किया गया है तो दुखद है. मुझे तो लग रहा है कि क्रैश लैंडिंग हुई है लेकिन मैं इसे झेल लूँगा और नए विभाग में पूरी ताकत के साथ काम करूँगा.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अशोक खेमका को ट्रान्सफर के बाद उन्हें युवा कल्याण और खेल विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया गया है, इससे पहले वे सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे.

रॉबर्ट वाड्रा भ्रष्टाचार मामले को सर्वप्रथम किया था एक्सपोज

अशोक खेमका ने ही 2012 में रॉबर्ट वाड्रा और DLF की लैंड डील को कैंसिल करके उनके भ्रष्टाचार का खुलासा किया था, इसे ने 2014 लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाया, वाड्रा के खिलाफ खूब प्रचार किया और बड़ी जीत दर्ज की लेकिन आज यही खेमका बीजेपी वालों को बुरे लगने लगे हैं, खट्टर सरकार ने तीन बार उनका ट्रान्सफर किया गया है.
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