उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अयोध्या में दिवाली कार्यक्रम आयोजित किया, पहले श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता के आगमन पर उनका स्वागत किया गया और बाद में दिवाली की रोशनी से पूरे शहर को जगमग कर दिया गया, सिर्फ सरयू नदी के किनारे पर दो लाख दिए जलाए गये जिसकी रोशनी में सरयू नदी का पूरा घाट जगमग हो गया.
उन्होंने कहा कि आज हम राज्य के लोगों को हजारों वर्ष पहले त्रेता युग की उन स्मृतियों के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जब 14 वर्षों के वनवास के बाद भगवान श्री राम का अयोध्या में आगमन हुआ होगा, अयोध्या का उस समय क्या दृश्य रहा होगा, अयोध्या ने देश और दुनिया को दीपावली तो दी लेकिन सदैव आशंका की नजरों से अयोध्या को देखा जाता रहा. ऐसा क्यों?
योगी ने कहा कि ये आशंकाएं बंद होनी चाहियें, अयोध्या के नाम पर लगने वाले प्रश्न चिन्ह बंद हों, अयोध्या को उसकी पहचान मिले, अयोध्या को उसका मान-सम्मान मिले और अयोध्या वासियों को जिस प्रकार से राम-राज का सुख मिला था, वह फिर से मिले, इसी परिकल्पना के साथ हम यहाँ पर इकठ्ठे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि मैं अपने पूज्य संतों का आभारी हूँ, एक साथ सभी पूज्य संत यहाँ पर उपस्थित हुए हैं, संभवतः पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि सारे संत एक साथ मंच पर उपस्थित हो करके अयोध्या के इस अद्भुत दीपोत्सव के कार्यक्रम के सहभागी बनने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया देखना चाहती है कि इसीलिए हमारी सरकार ने अयोध्या को नगर निगम के रूप में भी मान्यता दी है, याद रखना, अयोध्या नगर निगम की जितनी आबादी है, उतने दीप आज अयोध्या में जलेंगे, यहाँ के घाटों पर सरयू जी की आरती के तत्काल बाद जो कार्यक्रम भव्यता के साथ होने जा रहा है वह दीपोत्सव का कार्यक्रम बड़ी दिव्यता के साथ पूरा देश और दुनिया देखना चाहती है.
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