ताज महल को मंदिर नहीं योगी भी मानते हैं कब्रिस्तान, इसलिए कमांडो सहित जूता पहनकर कर दी चढ़ाई

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ताज महल पर जबरजस्त राजनीति चल रही है, कई बीजेपी नेता ताज महल को शिव मंदिर बता रहे हैं, विनय कटियार ने कहा कि ताज महल पहले तेजो महालय शिव मंदिर था लेकिन शाहजहाँ ने मंदिर को तोड़कर वहां पर अपनी पत्नी का मुर्दाघर बनवा दिया. उन्होंने ताज महल का नाम बदलकर तेजो महल करने की भी मांग की.

आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी मान लिया कि ताज महल मंदिर नहीं बल्कि कब्रिस्तान है इसलिए वे अपने साथियों और कमांडो के साथ जूता पहनकर ही ताज महल के कब्रिस्तान पर चढ़ाई कर दी.

योगी आदित्यनाथ और उनके साथियों ने जूते को पॉलीथीन से जरूर ढका लेकिन जब कुछ दूर चलने पर पॉलीथीन हट गयी तो उसे फिर से नहीं चढ़ाया, उसके बाद तो जूता पहनकर ही चहलकदमी की.

योगी ने ताज महल पर जूता पहनकर यह मान लिया कि फिलहाल ये सिर्फ कबिस्तान है, भले ही पहले मंदिर रहा हो. अगर उनके मन में तनिक भी मंदिर होने का अहसास रहा होता तो वे नंगे पैर उसपर चढ़ाई करते लेकिन वह कबिस्तान मानकर उसपर जूता पहनकर ही चढ़ गए.
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