श्रीश्री रवि शंकर अयोध्या मामले पर मध्यक्षता करना चाहते हैं, उन्होंने कल ऑफर दिया था कि अगर दोनों पक्ष चाहें तो मैं इस मामले पर मध्यक्षता करने को तैयार हूँ, उनके ऑफर को विश्व हिन्दू परिषद के नेता और बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेंदाती ने यह कहकर ठुकरा दिया वह इसके काबिल नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि श्रीश्री कभी भी राम मंदिर आन्दोलन से नहीं जुड़े, उन्होंने कभी भी इस आन्दोलन का समर्थन नहीं किया, उन्होंने अयोध्या जाकर कभी राम लला का दर्शन नहीं किया, वह मंदिर निर्माण में कैसे मध्यक्षता कर सकते हैं, हमने इसके लिए कष्ट सहे, आन्दोलन किया, जेल गए, कई वर्षों तक लड़ाई लड़ी, लाखों ने इसमें वलिदान दिया है, श्रीश्री ने क्या किया, वह मध्यक्षता के काबिल नहीं हैं, उन्हें मध्यक्षता का हक ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि मुस्लिम नेता इसके लिए आगे आयें, हम साथ में बैठेंगे और बात करेंगे, हम चाहते हैं कि हिन्दू और मुस्लिम दोनों मिलकर मंदिर निर्माण का फैसला लें, मंदिर आपसी सहमति से बने.
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