चुनावों का एक फायदा यह भी होता है कि राजनीतिक पार्टियाँ अथाह पैसा खर्च करती हैं, गड़ा हुआ कालाधन भी बाहर आ जाता है, हजारों लोगों को चुनाव प्रचार में पैसे मिलते हैं, बैनर, पोस्टर, ऑटो-रिक्शा, टेंट वालों की अथाह कमाई होती है, अर्थव्यवथा में पैसा बढ़ता है, सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़ता है, जीडीपी बढती है और सरकार को विकास के लिए पैसे मिलते हैं.
क्या आप सोच सकते हैं कि भारत का कोई नेता ऐसा भी सोच सकता है कि मैं भारत में पैसा खर्च करूँगा तो भारत सरकार का फायदा होगा, मोदी सरकार को टैक्स मिलेगा इससे अच्छा है कि मैं विदेशी देशों में पैसा खर्च करूँ, वहां की कंपनियों को पैसा दूं ताकि मेरे देश का फायदा ना हो सके. राहुल गाँधी ऐसा ही सोचते हैं.
राहुल गाँधी खुद को पॉपुलर नेता बनाने के लिए भारत में नहीं बल्कि कजाख्स्तान, इंडोनेशिया और रूस में पैसे खर्च कर रहे हैं, इन्होने विदेशी कंपनियों को पैसा दे रखा है और वहां से इनके ट्वीट को बोट (आटोमेटिक प्रोग्राम) द्वारा रि-ट्वीट किया जता है ताकि देश के लोगों को लगे कि राहुल गाँधी के ट्वीट को बहुत रि-ट्वीट किया जा रहा है, ये तो ग्लोबल लीडर बन गया, ये तो मोदी से भी बड़ा लीडर बन रहा है.
राहुल गाँधी पैसे खर्च करके ट्वीट को रि-ट्वीट कराएं, इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं लेकिन अगर वह यही पैसा भारत के युवाओं को दे दें, युवाओं को नौकरी देकर, उन्हें पैसे देकर अपने ट्वीट-को रि-ट्वीट कराएं तो वे हजारों लोगों को रोजगार दे सकते हैं और भारत सरकार का भी फायदा होगा, देश की GDP बढ़ेगी लेकिन राहुल गाँधी पहले ऐसे नेता हैं जो चाहते हैं कि कहीं देश की GDP ना बढ़ जाए, इसलिए मैं विदेशों में पैसे खर्च करूँगा.
राहुल गाँधी ने 15 अक्टूबर को डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर मोदी के खिलाफ ट्वीट किया था, जिसके बाद कजाख्स्तान, रूस और इंडोनेशिया ने रि-ट्वीट होने लगे, देखते ही देखते 30 हजार लोगों ने रि-ट्वीट कर दिया, लोग हैरान हो गए कि राहुल गाँधी को कब से लोग इतने सीरियसली लेने लगे, बाद में बता चला कि यह तो बोट यानी कंप्यूटर प्रोग्राम का कमाल है.
ये रहे राहुल गाँधी के ट्वीट को रि-ट्वीट करने वालों के लिंक, इस लिंक पर क्लिक करके आप स्वयं देख सकते हैं, कहावत है मान ना मान, मैं तेरा मेहमान, कजाख्स्तान वाले ना तो राहुल गाँधी की भाषा समझते हैं, ना बोली समझते हैं उसके बाद भी उनके ट्वीट को रि-ट्वीट किये जा रहे हैं जिसका मतलब है कि उन्हें रि-ट्वीट करने के लिए मोटा माल दिया गया है.
https://twitter.com/charlot34583589
https://twitter.com/pkbjdasjyesc557
https://twitter.com/lawannapuchajd9
https://twitter.com/yrlkamcsmc1507
https://twitter.com/madelenegonza14
https://twitter.com/cherilynzagors6
https://twitter.com/alinevyverberg2
https://twitter.com/berniecebenson6
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव जितवाने का ठेका भी राहुल गाँधी ने अमेरिका की बड़ी कंपनी Cambridge Analytica को दिया है, यह वही कंपनी है जिसनें डोनाल्ड ट्रम्प को चुनाव जितवाया था, राहुल गाँधी को उसी दिन यह कंपनी भा गयी थी जिस दिन उन्हें पता चला था कि डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव जितवाने का ठेका इसी कंपनी को दिया था.
यह कंपनी सोशल मीडिया पर लोगों की प्रोफाइलिंग करती है, पता लगाती है कि लोगों को क्या पसंद है और क्या नहीं पसंद है, लोगों की पसंद का डेटा तैयार करती है और उसी के आधार पर उन्हें चीजें परोसी जाती हैं, मान लीजिये आप कल तक मोदी के प्रशंसक थे लेकिन अचानक GST की वजह से आपको नुकसान हो गया और आप मोदी के विरोधी बन गए, कंपनी समझ जाएगी कि आप क्यों मोदी के विरोधी बन गए, उसके बाद कंपनी वही तरीका अपनाकर अन्य लोगों को भी मोदी विरोधी बना देगी और धीरे धीरे मोदी लहर ख़त्म कर देगी.
राहुल गाँधी विदेशों में ऐसे ही नहीं घूम रहे हैं, कह 2019 चुनाव की पूरी तैयारी कर रहे हैं, छल, कपट, धन बल, कुछ भी खर्च करके वह 2019 में ही दिल्ली की सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने अमेरिका की Cambridge Analytica को चुनाव जितवाने का ठेका दे दिया है.
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