हम पेप्सी, बर्गर के लिए लाइन में खड़े हो सकते हैं तो राष्ट्रगान के लिए क्यों नहीं: मधुर भंडारकर

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किसी भी देश का राष्ट्रगान उस देश में रहने वालो नागरिको के लिए गर्व की बात होती हैं. भारत का राष्ट्रगान जन गण मन भारतवासियों की आन, बान और शान हैं. हिन्दुस्तान में रहने वाला हर एक हिन्दुस्तानी को राष्ट्र्गान पर गर्व होना चाहिए, उसे राष्ट्रगान का आदर, मान और सम्मान करना चाहिए.

भारत में ऐसे लोग भी हैं जो राष्ट्रगान जन गण मन का आदर, मान और सम्मान नहीं करते है, उन्हें जन गण मन बजते समय खड़े होने में परेशानी होती हैं, ऐसा करने में उनकी शान घटती हैं.

आज सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान विरोधी याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा - भारत का राष्ट्रगान जन गण मन हैं अगर किसी को राष्ट्र्गान में खड़े होने में परेशानी हैं तो उसे बैठने को गलत नहीं कहा जा सकता और ऐसा करने वालों को देशद्रोही भी नहीं कहा जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हर तरफ विरोध हो रहा हैं. फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा - हम सब को जन गण मन का सम्मान करना चाहिए। जब हम फिल्म के दौरान पॉपकॉर्न, बर्गर, समोसा और पेप्सी के लिए लाइन में खड़े हो सकते हैं, तो 52 सेकंड के राष्ट्रगान में खड़े होने में क्या परेशानी हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे मोदी सरकार के आने बाद से ही फिल्म सिनेमा में राष्ट्रगान चलाया जाता हैं. फिल्म शुरू होने से पहले जन गण मन चलता हैं और सभी दर्शक आदर सत्कार से राष्ट्रगान में खड़े रहते हैं.
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