IIT में पढ़ें लेकिन केजरीवाल तो बड़े मूर्ख निकले, ये रहा सबूत

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, इंजीनियर लोगों को बहुत ही बुद्धिमान और चालाक समझा जाता है लेकिन केजरीवाल IIT छात्रों के नाम पर किसी लानत से कम नहीं हैं, इंजीनियर लोग हमेशा सोच विचारकर काम करते हैं लेकिन केजरीवाल बिना सोचे विचारे ही काम करते हैं, केजरीवाल इस वक्त मोदी का विरोध कर रहे हैं, मोदी का विरोध करना राजनीतिक रूप से गलत भी नहीं है लेकिन ट्विटर पर किसी भी ट्वीट का बिना असलियत जाने रि-ट्वीट करना ना तो किसी मुख्यमंत्री को शोभा देता है और ना ही किसी IIT इंजीनियर को.

आपको बता दें कि चाइना थाईलैंड में बैंकाक और लाओस के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है. यह प्रोजेक्ट करीब 519 किलोमीटर है और इसमें 30 बिलियन डॉलर का खर्चा आएगा. कल थाईलैंड ने 250 किलोमीटर पटरी बिछाने के लिए चाइना को 5 बिलियन डॉलर का पेमेंट किया. 

आपको बता दें कि जापान भी इसी तर्ज पर भारत में बुलेट ट्रेन बना रहा है, अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 500 किलोमीटर का है जिसपर 17 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा.

अब आप देखिये, चाइना ले रहा है 519 किलोमीटर का 30 बिलियन डॉलर जबकि जापान भारत से ले रहा है 500 किलोमीटर का 17 बिलियन डॉलर. देखने पर ही लग रहा है कि भारत का काम सस्ते में हो रहा है. इसके अलावा जापान ने 50 वर्ष के लिए भारत को 0.1 फ़ीसदी ब्याज पर लोन दिया है, मतलब भारत को अपनी जेब से एक पाई नहीं देनी है, जो देना है बुलेट ट्रेन से ही कमाकर देना है.

आपको बता दें कि कल जब थाईलैंड ने ढाई किलोमीटर लाइन बिछाने के लिए चाइना को 5 बिलियन डॉलर का पेमेंट किया तो भारतीय अख़बारों में इसकी खबर छपी. कुछ आपियों, कांग्रेसियों और वामपंथियों यानी मोदी विरोधियों ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैला दी कि थाईलैंड 3000 किलोमीटर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए दे रहा है सिर्फ 5 बिलियन डॉलर जबकि भारत सिर्फ 500 किलोमीटर के लिए दे रहा है 17 बिलियन डॉलर.

आपियों, कांग्रेसियों और वामपंथियों यानी मोदी विरोधियों का तो काम है अफवाह फैलाना लेकिन केजरीवाल ने भी इस ट्वीट को बिना सोचे समझे रि-ट्वीट कर दिया. अब आप सोचिये थाईलैंड की धरती ही 700 किलोमीटर में है तो वहां पर 3000 किलोमीटर लम्बी लाइन कैसे बनेगी, इसके अलावा बैंकाक से लाओस के बीच दूरी सिर्फ 519 किलोमीटर है तो 3000 किलोमीटर लम्बी लाइन कैसे बनेगी.

दरअसल यह प्रोजेक्ट सिर्फ 519 किलोमीटर का है जबकि आपिए इसे 3000 किलोमीटर का बताकर मोदी सरकार के खिलाफ बुलेट ट्रेन में घोटाले का झूठा आरोप लगा रहे हैं. चीन सिर्फ 519 किलोमीटर के लिए 30 बिलियन डॉलर लेगा जबकि भारत 500 किलोमीटर के लिए जापान को सिर्फ 17 बिलियन डॉलर देगा.

केजरीवाल को पहले देख लेना चाहिए था,उन्हें थाईलैंड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए थी, बैंकाक और लाओस के बीच की दूरी का पता लगाना चाहिए था उसके बाद इस ट्वीट को रि-ट्वीट करना चाहिये था लेकिन मोदी विरोध में केजरीवाल का दिमाग खराब हो जाता है. 

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अरविन्द केजरीवाल ने इस ट्वीट को भी बिना जांचे परखे रि-ट्वीट कर दिया, जो कि सिर्फ झूठी अफवाह है.

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आपको बता दें कि हाल ही में केजरीवाल 10 दिन तक विपासना करके आये हैं उसके बाद भी उनका दिमाग सही नहीं हुआ. उन्होंने पहले ही तरह झूठ और अफवाह फैलाने की राजनीति जारी रखी है. उन्होंने इस ट्वीट को रि-ट्वीट करके अपनी महापूर्खता का परिचय दिया है.
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