मोदी ने ख़त्म किया भ्रष्टाचार बस रोड बनाने में खूब हो रही लूट, जमकर भ्रष्टाचार, इसको भी रोको

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भ्रष्टाचारियों और कालेधन वालों के लिए मोदी सरकार किसी काल या यमराज से कम नहीं है. अगर केंद्र में 10 साल तक मोदी सरकार रह गयी तो सभी भ्रष्टाचारियों और कालेधन चोरों का विनाश होना निश्चित है, 10 साल बाद देश में कोई भी भ्रष्टाचारी नहीं बचेगा और जो भी भ्रष्टाचार करेगा उसे जेल जाना ही होगा.

आपको बता दें कि सबसे अधिक भ्रष्टाचार और घोटाले केंद्र सरकार की योजनाओं के जरिये होता था, लाखों करोड़ रुपये लूट लिए जाते थे लेकिन मोदी सरकार ने सब बंद करवा दिया, जब से सरकार ने आधार नंबर को बैंक खाते से लिंक किया है और हर तरह का सरकारी लाभ सीधा बैंक खातों में भेजना शुरू किया है, लाखों करोड़ों डुप्लीकेट खाते बंद हो गए, करोड़ों फर्जी लोग गायब हो गए, लाखों करोड़ रुपये लुटने से बच गए.

आधार कार्ड से लिंक होते ही करीब साधे 3 करोड़ नकली LPG ग्राहक गायब हो गए और करीब 20 हजार करोड़ रुपये लुटने से बचने लगे, वरना ये लोग सरकारी सब्सिडी लूट लेते थे. इसके अलावा मदरसों ने 2 लाख के आसपास वजीफा पाने वाले बच्चे गायब हो गए क्योंकि फर्जी नाम लिखवाकर भ्रष्टाचारी लोग सरकारी पैसा खा जाते थे, इसी तरह से डेढ़ करोड़ राशन कार्ड गायब हो गए क्योंकि फर्जी राशन कार्ड बनाकर सरकारी राशन लूट लिया जाता था. इसी तरह से 30 लाख BPL कार्ड भी गायब हो गए. कहने का मतलब है कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार ख़त्म करके लाखों करोड़ रुपये लुटने से बचा लिए.

अब सिर्फ एक क्षेत्र है जहाँ पर जमकर लूट हो रही है, जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. यह क्षेत्र है कंस्ट्रक्शन का क्षेत्र. रोड निर्माण में सभी पार्टियों के नेता, मंत्री, विधायक और पार्षद ठेकेदारों से मिलकर जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. ये नेता रोड बनाने से पहले ठेकेदारों से कमीशन तय करते हैं, जो ज्यादा कमीशन देता है उसे ही ठेका दिया जाता है, नेता लोग ठेकेदारों से मोटा कमीशन ले लेते हैं, बदले में ठेकेदार लोग घटिया सामग्री मिलकर सीमेंटेड रोड का निर्माण कर देते हैं. जो रोड चलना चाहिए 10-15 साल, वह रोड सिर्फ 6 महीनें में टूटने लगता है. 

वैसे तो यह सबसे बड़ा करप्शन है क्योंकि रोड बनाने में ही सरकार के सबसे अधिक पैसे लगते हैं, जो रोड 10 साल चलना चाहिए वह रोड कमीशनखोरी के चक्कर में सिर्फ 6 महीनें में टूटने लगता है, यह पैसा जनता का होता है, अगर एक बार रोड 10 साल के लिए बन जाए तो जनता को बार बार टैक्स का बोझ नहीं सहना पड़ेगा लेकिन नेता लोग घटिया रोड बनवाते हैं और टूटने के बाद बार बार रोड बनवाते रहते हैं और बार बार कमीशन खाते रहते हैं. कई नेता तो पांच साल में करोड़ों रुपये कमा लेते हैं और उन्हें चुनाव में हार का भी डर रही रहता क्योंकि ये लोग अपनी सात पीढ़ियों के इंतजाम कर लेते हैं.

मोदी सरकार को इस क्षेत्र में जरूर ध्यान देना चाहिए. सभी सड़कों पर उन्हें बनाने वाले नेताओं और ठेकदारों का नाम लिखना चाहिए, अगर 10 साल से पहले रोड टूटे तो नेताओं और ठेकेदारों पर जुर्माना लगाना चाहिए और उनसे लूटा हुआ माल वापस छीन लेना चाहिए. सभी नेताओं को लगना चाहिए कि उनकी लूट की जांच होगी, ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करना चाहिए ताकि उन्हें भी अपने अंजाम के बारे में पता रहे. अगर मोदी सरकार इस दिशा में भ्रष्टाचार ख़त्म कर देती है तो देश का बहुत बड़ा फायदा होगा क्योंकि पेट्रोल, डीजल और GST से सरकार को जो कमाई हो रही है, उसका अधिकतर भाग सड़क निर्माण में जा रहा है लेकिन जब 10 साल वाली सड़क 6 महीनें में टूट जाएगी तो उसे बनाने के लिए फिर से जनता पर टैक्स का बोझ लादना पड़ेगा. जनता बार बार इतना बोझ कैसे सह पाएगी. 
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