बीजेपी और शिवसेना के बीच में रिश्तों को कोई समझ नहीं पा रहा है, दोनों ने एक साथ सरकार भी बना रखी है और दोनों ही पार्टियाँ एक दूसरे के पैर खींच रही हैं, महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना दोनों बड़ी पार्टियाँ हैं, दोनों ने अकेले चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में गठबंधन करके साझा सरकार बना ली.
अब शिवसेना मोदी सरकार के सभी कामों की आलोचना कर रही है, शिवसेना के मुखपत्र सामना में रोजाना मोदी विरोधी लेख छपते रहते हैं. कभी नोटबंदी के खिलाफ कुछ लिख दिया जाता है, कभी GST के खिलाफ कुछ लिख दिया जाता है, कभी राहुल गाँधी की तारीफ की जाती है, कभी मनमोहन सिंह को मोदी से अच्छा प्रधानमंत्री बताया जाता है.
हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस से जब सामना में लिखे लेखों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि तुम लोग शायद सामना जैसे अख़बारों को पढ़ते होंगे, मैं तो नहीं पढता इसलिए उसमें क्या लिखते हैं मुझे पता ही नहीं चलता.
उन्होंने कहा कि हमारे उद्धव जी से अच्छे सम्बन्ध हैं, हमारी साथ में सरकार भी चल रही है, इसके अलावा मैं कोई टेंशन नहीं लेता.
आप की जानकारी के लिए बता दें कि आज शिवसेना ने एक कदम आगे निकलते हुए राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भी बता दिया है, शिवसेना के नेता संजय राउत का कहना है कि अब राहुल गाँधी पप्पू की लिस्ट से बाहर आ गए हैं, वे बदल चुके हैं, अब उन्हें लोग गंभीरता से लेते हैं, उनका भाषण सुनते हैं, उन्होंने खुद को बड़े नेता के रूप में पेश किया है.
Post A Comment:
0 comments: