केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज एक धमाकेदार बयान देते हुए कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को GST के अंतर्गत लाने को तैयार है, अगर यह हो जाता है तो पेट्रोल के दाम 45 के आस पास और डीजल के दाम 35 के आस पास आ जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारें इसके लिए तैयार नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्यों की सहमति मांगी जाएगी, अगर सभी राज्य मान जाएंगे तो हमें पेट्रोल और डीजल को GST में लाने में कोई दिक्कत नहीं है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि GST को लेकर जनता के बीच केंद्र सरकार के बारे में नकारात्मक सन्देश फैलाए जा रहे हैं, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेता पेट्रोल और डीजल के मंहगे दामों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताते हैं जबकि असलियत यह है कि राज्य सरकारे यही सोचकर GST लाने पर सहमत हुई थीं कि पेट्रोल और डीजल को GST से बाहर रखा जाए ताकि उनकी जमकर कमाई होती रहे, जब यह बिल संसद में पेश हुआ था तो अधिकतर राज्यों में कांग्रेस और उसके समर्थक दलों की सरकारें थी हालाँकि अब बीजेपी का ग्राफ बढ़ा है, अगर सभी राज्यों में बीजेपी की सरकारें बन जाती हैं तो पेट्रोल-डीजल को आसानी से GST के दायरे में लाया जा सकता है.
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