अमेरिका की आबादी से भी ज्यादा लोगों के हमने फ्री में बैंक खाते खुलवा दिए: सुषमा स्वराज

sushma-swaraj-said-india-open-free-bank-account-more-than-america-polulation

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यूनाइटेड नेशन जनरल असेम्बली में भारत की तरफ से भाषण दिया. उनके भाषण की हर तरफ प्रशंसा हो रही है. उन्होंने आज भारत में मोदी सरकार द्वारा उठाये जा रहे विकास के क़दमों का बखान किया, उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ समय में बड़े बड़े साहसिक निर्णय लिए हैं और टिकाऊ विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अनेक योजनायें बनायी हैं.

सुषमा स्वराज ने कहा कि गरीबी को दूर करना टिकाऊ विकास का पहला लक्ष्य है, गरीबी को दूर करने के दो रास्ते होते हैं, एक रास्ता होता है हम उनका सहारा बनें और उन्हें उनका हाथ पकड़कर चलायें, दूसरा रास्ता है कि कि हम उन्हें ही इतना सशक्त कर दें कि उन्हें किसी के सहारे की आवश्यकता ही ना रहे, वो अपना सहारा आप बन जाएं. 

सुषमा स्वराज ने कहा कि हमारे भारत के प्रधानमंत्री मोदीजी ने गरीबी निवारण के लिए दूसरा रास्ता चुना है इसीलिए वे गरीबों का सशक्तिकरण करने के लिए जुटे हैं. हमारी सारी योजनायें गरीबों को शक्तिशाली बनाने के लिए चलायी जा रही हैं जैसे - जनधन योजना, मुद्रा योजना, उज्ज्वला योजना, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया.

सुषमा स्वराज ने कहा कि योजनायें तो अनेक हैं लेकिन समय की कमीं के कारण मैं केवल तीन योजनाओं का संक्षेप में वर्णन करना चाहती हूँ. सबसे पहली है जन धन योजना जिसके अंतर्गत हमने विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक समावेश किया है. जिन गरीबों ने कभी बैंक का द्वार नहीं देखा था, ऐसे 30 करोड़ लोगों को हमने बैंक के अन्दर पहुँचाया. उनके बैंक खाते खुलवाये हैं, जिनके पास पैसा नहीं था उनका 0 बैलेंस से खाता खुला है, दुनिया में किसी ने सुना नहीं होगा कि एक व्यक्ति के पास पैसा नहीं है लेकिन उसके पास बैंक की पासबुक है. ये जो असंभव जैसी चीज थी ये भारत ने संभव करके दिखायी है.

सुषमा स्वराज ने कहा कि 30 करोड़ लोग, ये छोटा आंकड़ा नहीं है, अमेरिका की समूची आबादी है 30 करोड़, हमने 30 करोड़ लोगों को मिशन मोड में बैंक से जोड़ने का काम किया. कुछ लोग अभी बचे हैं लेकिन कार्य जारी है क्योंकि हमारा लक्ष्य 100 फ़ीसदी लोगों को इससे जोड़ना है. 
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

International

Politics

Post A Comment:

0 comments: