शिवसेना ने आज मोदी सरकार पर सामना में एक लेख के जरिये करारा प्रहार किया है. शिवसेना ने मोदी सरकार के खिलाफ आग उगलते हुए कहा कि मोदी सरकार की नोटबंदी पूरी तरह से फेल हुई है क्योंकि एक भी पैसे का कालाधन नहीं आया है. 99 फ़ीसदी वोट वापस आ गए हैं. सिर्फ एक फ़ीसदी नोट वापस नहीं आये हैं इसका कारण यह हो सकता है कि अमीर लोगों ने लाइन में खड़े होने के कारण नोट जमा ही ना किये हों.
सामना में लिखा गया है कि मोदी सरकार ने नोटों की छपाई में बिना वजह 21000 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. अच्छा होता पुराने नोटों को ही चलने दिया जाता, इससे ना तो लोगों की लाइन में खड़े होकर मौत होती और ना ही देश को इतना बड़ा झटका मिलता. सामना ने कहा है कि मोदी ने नए नोटों की छपाई में सरकारी पैसा बर्बाद किया है.
सामना में कहा गया है कि सिर्फ 26000 करोड रुपये बैंकों में वापस नहीं लौटे और इसके चक्कर में नोटों की छपाई पर 21000 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए. यह तो सरासर पैसे की बर्बादी है. मोदी सरकार कालाधन नहीं निकाल सकी, सारे दावे गलत हो गए.
मोदी सरकार के टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के दावे पर सवाल उठाते हुए सामना में लिखा गया है कि आतंकी घटनाओं में कोई कमीं नहीं आयी उल्टा हमारे सैनिकों की शाहदत बढ़ गयी है. पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. मोदी सरकार का यह दावा गलत है. मोदी सरकार नकली नोटों पर रोक लगाने का दावा कर रही है लेकिन 2000 के फेक नोट फिर से आने लगे हैं.
यह भी कहा गया है कि नोटबंदी के दौरान पता नहीं कितने लोगों की लाइन में खड़े खड़े मौत हो गयी, पता नही कितने लोगों की पैसे ना मिलने और खाना ना मिलने से मौत हो गयी, इस सब के जिम्मेदार भी मोदी सरकार है.
यह भी कहा गया है कि नोटबंदी के दौरान पता नहीं कितने लोगों की लाइन में खड़े खड़े मौत हो गयी, पता नही कितने लोगों की पैसे ना मिलने और खाना ना मिलने से मौत हो गयी, इस सब के जिम्मेदार भी मोदी सरकार है.
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