योगी ने शिक्षा मित्रों की कर दी 10000 सैलरी तो लोग बोले 'ये इसके भी काबिल नहीं, कुछ पढ़ाते नहीं'

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज टीचर डे पर उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को बड़ी खुशखबरी सुनाई है. उन्होंने उनका वेतन 3500 रुपये से बढाकर 10 हजार रुपये कर दिया है जो अधिकतर लोगों को पच नहीं रहा है क्योंकि लोगों का कहना है कि गाँव के स्कूलों में शिक्षा मित्र पढ़ाने जाते ही नहीं, अगर जाते भी हैं तो टाइम पास करने जाते हैं या हाजिरी लगाने जाते हैं.प्राइमरी स्कूलों में कुछ भी पढ़ाई नहीं होती, कोई माँ-बाप अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए तैयार नहीं है इसलिए इन्हें 10 हजार रुपये की सैलरी भी अधिक है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षा मित्र खुद को पक्का करने और सैलरी बढाने के लिए काफी पहले से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अधिकतर अभिभावक प्राइमरी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने ही नहीं भेजते तो शिक्षा मित्रों की सैलरी एक हिसाब से पैसे की बर्बादी है. 95 फीसदी प्राइमरी स्कूलों की हालत बहुत खराब है. आप खुद देखिये शिक्षा मित्रों के बारे में लोग क्या राय रखते हैं-

एक ने लिखा - यह बहुत गलत है, 10 हजार किस लिए, मैंने उन्हें वास्तव में देखा है, कुछ नहीं पढ़ाते, एक स्पेलिंग पूछो तो नहीं आता है, किस आधार पर पेमेंट मांग रहे हैं. एक अन्य ने लिखा - शिक्षा मित्रों को चेक कीजिये, कोई भी पढ़ाने नहीं आता. केवल हाजिरी लगाकर भाग जाते हैं. एक अन्य ने कहा कि - इन पर कुछ लगाम लगाओ ताकि ये बच्चों को पढाएं और स्कूलों की हालत में सुधार हो. एक अन्य ने कहा कि गाँव में नौकरी के लिए लोग 5000 रुपये में भी तैयार है, सब को निकालो, फिर से नयी भर्ती करो.
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