जिस फिरोज गाँधी ने राहुल-सोनिया को गाँधी सरनेम दिया, उन्हें 8 सितम्बर को भुला दिया.. लानत है..

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हर कोई यह सोचकर परेशान रहता है कि राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी, राजीव गाँधी, संजय गाँधी के नाम में गाँधी कैसे आ गया जबकि राहुल के परनाना का नाम जवाहर लाल नेहरु था. जब पूर्वज नहरू थे तो पोता गाँधी कैसे हो गया. हम आपको बताते हैं, राहुल गाँधी को यह सरनेम फिरोज गाँधी की वजह से मिला लेकिन कल उसी फिरोज गाँधी को राहुल, प्रियंका, सोनिया और कांग्रेसियों ने भुला दिया. कल उनकी डेथ एनिवर्सरी थी लेकिन उन्हें किसी ने याद नहीं किया. 

आपको बता दें कि कल फिरोह गाँधी की डेथ एनिवर्सरी थी. 8 सितम्बर 1960 को 47 वर्ष की उम्र में उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी. कल उनकी डेथ एनिवर्सरी पर उन्हें किसी भी कांग्रेसी नेता ने याद नहीं किया, उन्हें ना तो राहुल गाँधी ने याद किया, ना प्रियंका गाँधी ने याद किया और ना ही सोनिया गाँधी ने याद किया. फिरोज गाँधी राहुल गाँधी के दादा थे. राहुल गाँधी अपनी दादी इंदिरा गाँधी को हर बरषी पर याद करते हैं लेकिन दादा फिरोज गाँधी को भुला रहे हैं. आखिर कोई इंसान दादा और दादी के बीच भी फर्क कैसे कर सकता है. राहुल गाँधी की क्या सोच है आप खुद इसका अंदाजा लगा सकते हैं, वे दादी को तो याद करते हैं लेकिन दादा को भुला देना चाहते हैं.

पहले मुस्लिम थे फिरोज गाँधी

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि - फिरोज के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वे पहले मुस्लिम थे, जब इंदिरा गाँधी को फिरोज से प्यार हो गया और उन्होने फिरोज से शादी की इक्षा जताई तो जवाहरलाल नेहरु बहुत नाराज हुए. उन्होंने पहले तो इंदिरा को डांट फटकार लगाई लेकिन जब इंदिरा गाँधी नहीं मानी तो महात्मा गाँधी ने फिरोज गाँधी को गोद लेकर उन्हें अपना बेटा बना लिया और उन्हें अपना गाँधी सरनेम दे दिया. पहले फिरोज का नाम फिरोज जहाँगीर था लेकिन जब महात्मा गाँधी ने उन्हें गोद ले लिया तो उनका नाम बदलकर फिरोज गाँधी को गया.

फिरोज से शादी करके इंदिरा भी गाँधी हो गयी

जब इंदिरा और फिरोज गाँधी की शादी हो गयी तो इंदिरा का नाम भी इंदिरा नेहरु से बदलकर इंदिरा गाँधी हो गया. उसके बाद नेहरु परिवार की आने वाली संतानों के नाम में गाँधी जुड़ने लगा, बाद में राजीव गाँधी, संजय गाँधी, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, मेनका गाँधी, वरुण गाँधी पैदा हुए. 

फिरोज ने ही नेहरु परिवार को दिया गाँधी सरनेम

अब आप सोचिये, फिरोज गाँधी की वजह से ही नेहरु परिवार को गाँधी सरनेम मिला. अगर फिरोज गाँधी ना होते तो इंदिरा का नाम इंदिरा नेहरु होता, इसी प्रकार से - इन सबका नाम - राजीव नेहरु, संजय नेहरु, सोनिया नेहरु, राहुल नेहरु, वरुण नेहरु और मेनका नेहरु होता. लेकिन फिरोज गाँधी की वजह से इंदिरा ने अपना सरनेम गाँधी रख लिया और बाद में सभी गाँधी बनते गए.

गाँधी सरनेम देने वाले को राहुल गाँधी ने भुला दिया

अब उसी फिरोज गाँधी को राहुल और उनके परिवार ने भुला दिया है जिसनें उन्हें गाँधी सरनेम दिया है. आप खुद समझ सकते हैं कि कांग्रेस की क्या विचारधारा है. कांग्रेस की विचारधारा है, अपने पुरखों को भुला दो.

कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस को फटकारा

कल बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेसियों को सच का आइना दिखाया. कांग्रेस ने भले ही फिरोज गाँधी को याद नहीं किया लेकिन कैलाश विजयवर्गीय ने याद किया. उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी की हर विरासत की तरह कांग्रेस ने फिरोज गाँधी को भी बिसरा दिया, राहुल जी क्या आपको याद है कि आज आपके दादा की पुण्य तिथि है, किसी भी कांग्रेसी ने उन्हें शाब्दिक श्रद्धासुमन अर्पित करना जरूरी नहीं समझा.

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