भारत में एक से बढ़कर एक प्रख्यात कवि हैं. ऐसे ही एक प्रख्यात युवा कवि हैं प्रख्यात मिश्रा जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं. प्रख्यात मिश्रा वीर रस के बहुत बड़े कवि स्वर्गीय छैल बिहारी वाजपेयी 'बाण' के नाती हैं. अपने नाना की तरह ही प्रख्यात मिश्रा भी वीर रस के उभरते हुए कवि हैं और शानदार प्रस्तुतीकरण से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देते हैं.युवा और ऊर्जावान कवि प्रख्यात मिश्रा पूरे देश में कवि सम्मलेन करते हैं और श्रोताओं में ऊर्जा और देशभक्ति का जोश जगा देते हैं.
प्रख्यात मिश्रा की हाल ही में शहीदों पर एक कविता बहुत वायरल हो रही है. इस कविता के माध्यम से उन्होंने शहीदों की शहादत को दमन किया है और शहीदों की शहादत के बाद उनके परिवार वालों के जोश को नमन किया है, उनकी कविता को सुनकर लोग तालियाँ बजाने को मजबूर हो गए हैं. ऐसा कम ही होता है कि कवियों की कविता पर सभी श्रोतागण खड़े होकर मिनटों तक तालियाँ बजाते रहें लेकिन प्रख्यात मिश्रा की कविता सुनकर लोगों में इतना जोश आ गया कि सभी लोग अपनी सीट से उठकर तालियाँ बजाने लगे और प्रख्यात मिश्रा का उत्साहवर्धन करने लगे.
अपनी कविता में प्रख्यात मिश्रा ने शहीद कैप्टन सुनील पाण्डेय को याद किया है, और जब लोग उनकी अर्थी उठाते हैं तो उनकी माँ के मनोभावों को अपने शब्दों में उतारा है.. उनकी कविता के बोल हैं.. अभी नहीं.. अभी नहीं.. रुको ज़रा.. उठो ज़रा... अभी नहीं अभी नहीं... नीचे कविता का VIDEO है. आप इसे जरूर देखें.
Post A Comment:
0 comments: