विजयदशमी पर शस्त्र पूजा करके बोले मोहन भागवत 'बंगाल और केरल में जिहादी ताकतें एक्टिव हैं'

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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी के अवसर पर हर वर्ष की तरह शस्त्र पूजा की और देश को संदेश दिया. उन्होंने रोहिंग्या, जिहाद, आतंकवाद, कश्मीर, बांग्लादेश और म्यांमार मामले पर अपनी बात रखी. उन्होंने बंगाल और केरल के बारे में बोलते हुए कहा कि वहां पर जिहादी ताकतें एक्टिव हैं लेकिन अब लोग भी विरोध कर रहे हैं, हालाँकि सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

उन्होंने कश्मीर मसले पर बोलते हुए कहा कि पिछले चार पांच महीनें पहले कश्मीर समस्या कठिन लग रही थी लेकिन केंद्र सरकार ने जिस तरह से अलगाववादियों और उनके समर्थकों को हैंडल किया अब सब कुछ सामान्य लग रहा है, इसके अलावा केंद्र सरकार ने सेना और पुलिस को भी आतंकवादियों को ख़त्म करने की खुली छूट दे दी, अब आतंकवाद की कमर टूट चुकी है, ऐसा लगता है कि जल्द ही कश्मीर समस्या का समाधान हो जाएगा.

उन्होंने पाकिस्तान मसले पर बोलते हुए कहा कि हमारा पडोसी बॉर्डर पर खुराफात करता रहता है लेकिन हमारी सेना भी उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब दे रही है, पाकिस्तान जल्द ही घुटनों पर आ जाएगा.

उन्होंने रोहिंग्या को शरण देने के मामले में केंद्र सरकार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि अब इस बात का खुलासा हो गया है कि रोहिंग्या लोगों के आतंकियों और जिहादियों के साथ सम्बन्ध थे, म्यांमार में इनपर इसलिए कड़ाई बरती गयी क्योंकि ये हिंसा, अपराध, जिहाद और आतंकवाद में लिप्त थे.

मोहन भागवत ने कहा कि रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक हैं क्योंकि इनके आतंकवादियों और जिहादियों से रिश्ते हैं, इसके अलावा इन्हें भारत में शरण देने से हमारे लोगों के लिए खाने, पीने और रोजगार की कमी हो जाएगी क्योंकि इन्हें घर देने के साथ साथ रोजगार भी देना पड़ेगा, हमारे ऊपर बोझ पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि अभी हमने बांग्लादेश घुसपैठ मामले को पूरी तरह से हल नहीं किया है, अब म्यांमार के रोहिंग्या घुसपैठ की समस्या भी हमारे सामने आ गयी है इसलिए हमें सोच समझकर कदम उठाना होगा. 

मोहन भागवत ने देशवासियों से साफ़ साफ़ कह दिया कि यह सोचना आपका काम है कि रोहिंग्या यहाँ पर क्यों आये हैं, वहां पर क्यों नहीं रह सके.
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