राम रहीम के बारे में बहुत सी झूठे ख़बरें चला रहा है मीडिया, केपी सिंह ने आज बता दी एकदम सच खबर

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चंडीगढ़: हरियाणा के जेल विभाग के महानिदेशक के.पी. सिंह ने मीडिया में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के स्वास्थ्य व विशेष सुविधा दिए जाने की खबरों को भ्रामक व कपोल कल्पित बताया है। केपी सिंह आज यहां मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि गुरमीत सिंह को एक सामान्य कैदी की तरह रखा गया है और उसका स्वास्थ्य ठीक है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि किसी भी कैदी के खून के रिश्ते के दो लोगों से फोन पर बात करवाने का जेल का नियम है। इन फोन नंबरों की पुलिस जांच पड़ताल के बाद ही कैदी की बात करवाई जाती है। गुरमीत सिंह ने दो फोन नंबर दिए हैं जिनमें से एक नंबर हनीप्रीत का है जबकि दूसरा उसका खुद का है। हनीप्रीत का नंबर पहुंच से बाहर आ रहा है और गुरमीत का फोन शायद डेरे में वह छोड़कर आए थे। इन नंबरों की अभी तक पुलिस जांच पड़ताल नहीं हुई है इसलिए गुरमीत सिंह फोन की सुविधा का फायदा नहीं उठा पाया है।

उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से गुरमीत सिंह की बैरक में कुछ ही कैदियों को जाने की इजाजत है। पुलिस, इंटेलीजैंस व अन्य सुरक्षा एजेंसिंयों की रिपोर्ट के आधार पर उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। जेल प्रबंधन उसी आधार पर उनकी बैरक तक हर किसी कैदी को जाने नहीं दे रहा। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि जेल से बाहर आकर जो कैदी मीडिया में इंटरव्यू दे रहे हैं उनकी गुरमीत सिंह की बैरक तक पहुंच नहीं थी।

केपी सिंह ने बताया कि कैदियों से मुलाकात करने आने वालों की वीडियोग्राफी करवाई जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि गुरमीत सिंह से जेल में मिलने आई उनकी मां की गोद में सिर रखकर गुरमीत के रोने की खबरें भ्रामक हैं। क्योंकि मुलाकाती तथा कैदी के बीच में शीशा तथा जाली होती है, इसलिए यह असंभव है।

पिछले 25 दिनों से मीडिया में गुरमीत सिहं के खाने व स्वास्थ्य संबंधी आ रही खबरों को पूरी तरह से मनगढ़ंत बताया और कहा कि वह सामान्य कैदी की तरह और अनुशासित ढ़ंग से रह रहा है। जेल में उनके कार्य आबंटन के सवाल पर जेल विभाग के महानिदेशक के.पी सिंह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने गुरमीत सिंह के लिए खेती-बाड़ी का काम निर्धारित किया है। उनकी बैरक के साथ खाली जगह है जिसमें उनको सब्जियां लगाने का काम दिया गया है। उन्होंने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में वे सब्जी लगाएंगे। बैरक के सामने कुछ पेड़ भी लगे हुए हैं जिनकी कटाई-छंटाई का काम भी उनको दिया गया है। उनको 20 रूपए दैनिक दिहाड़ी दी जाएगी।
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