हरियाणा के बड़े पत्रकार पुष्पेन्द्र राजपूत के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की FIR, पढ़ें क्या है मामला

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हरियाणा के फरीदाबाद जिले में अपनी पत्रकारिता से भ्रष्टाचार और क्राइम के खिलाफ कलम से प्रहार करने वाले पत्रकार पुष्पेन्द्र सिंह राजपूत के खिलाफ FIR दर्ज की गयी है. पुलिस ने उनपर IT Act 2000 के उल्लंघन का आरोप लगाया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुष्पेन्द्र सिंह राजपूत हमेशा से ही फरीदाबाद में भ्रष्टाचार और अन्य समस्याओं के खिलाफ पिछले 12-15 साल से लिखते रहे हैं, फरीदाबाद के लोगों को जब कहीं पर मदद नहीं मिलती तो वे पुष्पेन्द्र सिंह के पास आते हैं और उनसे मदद मांगते हैं, पुष्पेन्द्र सिंह जनता की आवाज को दुनिया तक पहुंचाकर उनकी मदद करते हैं. अब फरीदाबाद की ही एक पत्रकार शिखा राघव ने पुष्पेन्द्र सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करवायी है. 

क्या है मामला

शिकायत करने वाली पत्रकार के अनुसार पुष्पेन्द्र सिंह राजपूत अपने पोर्टल starharyana.com पर अश्लील सामाग्री डालते हैं जो कि पुष्पेन्द्र सिंह के अनुसार पूरी तरह से गलत है क्योंकि starharyana.com पोर्टल पर अश्लील सामग्री नहीं है बल्कि कभी कभी कुछ विजिटर्स के इंटरेस्ट के आधार पर इरोटिक विज्ञापन चलते हैं जिसमें सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली दवाइयों का लिंक होता है, इस लिंक पर क्लिक करके विजिटर सेक्स पॉवर वाली दवाइयाँ जैसे शीलाजीत, थोर Chalsule आदि खरीद सकते हैं. 

क्या है मामले की असलियत 

पुष्पेन्द्र सिंह राजपूत के अनुसार वह अपने पोर्टल पर कोई पो-र्न सामग्री नहीं डालते है, उनके पोर्टल पर एक कंपनी adnow.com का विज्ञापन चलता है, जिसमें विजिटर्स के इंटरेस्ट के आधार पर विज्ञापन चलते हैं, यह विज्ञापन पुष्पेन्द्र सिंह नहीं डालते हैं, उन्होंने सिर्फ Adnow कंपनी को स्पेस दे रखा है, उस स्पेस पर Adnow अपने विज्ञापन चलाती है और सभी विज्ञापन Goods and Services के होते हैं जिसपर भारत सरकार GST लगाकर टैक्स भी वसूलती है. मतलब भारत सरकार भी उन विज्ञापनों से कमाई करती है. इन विज्ञापनों को विजटर खुद ब्लाक कर सकते हैं या अपने Browser में जावा स्क्रिप्ट को Disable करके हर तरह से विज्ञापनों से मुक्ति पा सकते हैं.

स्टार हरयाणा पर चलने वाले विज्ञापन का स्क्रीनशॉट

पुलिस ने नहीं दर्ज किया कंपनी पर FIR

इस मामले में पुलिस को पुष्पेन्द्र सिंह पर नहीं बल्कि विज्ञापन वाली कंपनी पर FIR दर्ज करनी चाहिए थी क्योंकि पुष्पेन्द्र सिंह ने तो उन्हें सिर्फ स्पेस दे रखा है, उदाहरण के लिए समझिये, जब कोई किरायेदार गुनाह करता है तो मकान मालिक पर FIR नहीं दर्ज की जाती, यही नहीं, अगर फरीदाबाद का बीजेपी नेता भ्रष्टाचार करेगा तो सीधा मोदी या खट्टर पर FIR नहीं दर्ज की जा सकती. लेकिन पुलिस ने इस मामले को बिना समझे ही पुष्पेन्द्र सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कर ली.

फरीदाबाद पुलिस को समझना चाहिए था कि IT Act 2000 के अनुसार पोर्टल पर पो-र्न सामग्री नहीं डाली जा सकती लेकिन थर्ड पार्टी के विज्ञापन पर पोर्टल पर कार्यवाही नहीं की जा सकती, जैसे कि किरायेदार की गलती पर मकान मालिक को सजा नहीं दी जा सकती, हाँ उन्हें वार्निंग जरूर दी जा सकती है कि आपका किराएदार गलती कर रहा है. पुष्पेन्द्र सिंह ने अपने कंप्यूटर से कोई अश्लील कंटेंट नहीं डाला और ना ही किसी को भेजा है इसलिए यह IT Act 2000 का उल्लंघन नहीं है.

पुष्पेन्द्र सिंह के अनुसार इरोटिक ऐड के बारे में उन्हें भी नहीं पता था कि उनके पोर्टल पर नार्मल ऐड चलते हैं लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने कम्प्यूटर में अश्लील सामग्री देखता है तो उसको एड भी वैसे ही दिखाई देंगे क्योंकि हर कंप्यूटर में कुकीज डाउनलोड हो जाती हैं जिन्हें कम्प्यूटर का जासूस भी कहा जा सकता है जो यूजर के इंटरेस्ट की सूचना विज्ञापन वाली कंपनियों को देती हैं और विज्ञापन कंपनियां उस यूजर को वैसा ही विज्ञापन दिखाती हैं. 

शिखा ने क्यों दर्ज करवाया मामला?

Star Haryana की Ad Policy के अनुसार अश्लील विज्ञापनों को विजिटर खुद ही ब्लाक कर सकता है, इसके अलावा उन्हें सूचना भी दी जा सकती है, लेकिन शिखा राघव ने ऐसा नहीं किया, उन्होंने starharyana.com पोर्टल खुद खोला और इरोटिक विज्ञापन देखने के बाद पुलिस में FIR दर्ज कर दी, पुष्पेन्द्र सिंह ने ना तो उन्हें starharyana.com खोलने के लिए कहा था और ना ही उनके मोबाइल में कोई अश्लील सामग्री भेजी है. IT Act 2000 का उल्लंघन तब होता जब पुष्पेन्द्र ने सिखा को अश्लील विज्ञापन देखने के लिए फ़ोर्स किया होता या उनके मोबाइल या ईमेल पर कोई अश्लील सामग्री भेजी होती. मतलब शिखा राघव ने खुद ही पुष्पेन्द्र का पोर्टल खोला और इरोटिक विज्ञापन का स्क्रीनशॉट लेकर पुलिस में FIR दर्ज करवा दी. इस तरह से तो कोई भी यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, गूगल खोलकर अश्लील सामग्री का स्क्रीनशॉट ले लेगा और उनके ऊपर FIR दर्ज करवा देगा.

शिखा राघव ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे starkhabare.com नाम से एक पोर्टल चलाती हैं जबकि पुष्पेन्द्र सिंह के पोर्टल का नाम starharyana.com है, शिखा राघव को सिर्फ नाम से दिक्कत थी क्योंकि पुष्पेन्द्र सिंह का पोर्टल उनके पोर्टल से मैच कर रहा है, उन्हें लगा कि starharyana.com की पॉपुलैरिटी से उनके पोर्टल starkhabre.com को नुकसान हो सकता है तो उन्होंने पुष्पेन्द्र सिंह के खिलाफ सीधा FIR दर्ज कर दी.

पुलिस समझ नहीं पा रही दोनो पत्रकारों में पोर्टल-विवाद का मामला

यहाँ पर पुलिस को समझना चाहिए कि पुष्पेन्द्र सिंह पर उनके ही जैसे पोर्टल चलाने वाली एक पत्रकार ने मामला दर्ज करवाया है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि youtube.com, facebook.com, twitter.com पर भी अश्लील सामाग्री मौजूद हैं और कोई ना कोई डाल देता है लेकिन पुलिस सीधा वेबसाइट के मालिकों पर FIR नहीं दर्ज कर सकती, इसी तरह से पुष्पेन्द्र सिंह पर भी सीधे FIR दर्ज नहीं होनी थी क्योंकि अश्लील विज्ञापन तो adnow ने डाले थे. वैसे भी भारत में अश्लील विज्ञापन पर बैन नहीं है, क्योंकि सनी लियोनी कामसूत्र कंडोम का विज्ञापन खुलेआम टीवी पर करती हैं, सनी की एक पो-र्न साईट भी भारत में चल रही है, भारत में बी-ग्रेड फ़िल्में चलती हैं, अगर यह IT act 2000 का उल्लंघन होता तो सनी लियोनी अब तक जेल में होतीं.

पुष्पेन्द्र सिंह पर एक्शन लेने से पहले पुलिस को यूट्यूब पर बैन लगाना चाहिए क्योंकि वहां पर सबसे अधिक अश्लील सामग्री मौजूद है, पुलिस को चाहिए कि अश्लीलता फैलाने वाली सभी फिल्मों पर बैन करें, सभी वेबसाइटों को बैन करे, ऐसी सभी कंपनियों को बैन करे. लेकिन अगर ऐसा होगा तो भारत चल नहीं पाएगा क्योंकि भारत सरकार youtube.com, facebook.com, twitter.com से ही भारत सरकार अरबों खरबों का टैक्स कमाती है, अगर ये कहें कि भारत की अर्थव्यवस्था इन्हीं कंपनियों पर निर्भर है तो गलत नहीं होता. अब देखते हैं कि पुलिस इस मामले पर क्या एक्शन लेती है क्योंकि इरोटिक विज्ञापन के मामले में देश में पहला मुकदमा दर्ज हुआ है.
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