CM CM में अंतर, योगी ने बताया जनता की मेट्रो तो अखिलेश ने बताया समाजवादियों की मेट्रो: पढ़ें

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मेट्रो का उद्घाटन 1 दिसम्बर 2016 को ही कर दिया था. उस समय मेट्रो चलने की स्थिति में थी ही नहीं, 75 फ़ीसदी काम बाकी थी लेकिन अखिलेश ने सोचा कि अगर मेट्रो का उद्घाटन कर दूंगा तो 'काम बोलता है' विज्ञापन में दिखाने के लिए कुछ फोटो मिल जाएगी. उनके उद्घाटन के बाद आज मेट्रो दौड़ने की हालत में आयी है और इसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हरी झंडी दिखाई.

आज अखिलेश यादव बहुत बेचैन दिखे, में मेट्रो का क्रेडिट खुद लेना चाहते हैं जबकि ये केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट होता है, इसमें 75 फ़ीसदी धनराशि केंद्र सरकार खर्च करती है जबकि राज्य सरकार को सिर्फ 25 फ़ीसदी खर्च करना पड़ता है और उसके लिए भी केंद्र सरकार राज्यों को सस्ता लोन दिलवाती है. जब अखिलेश ने मेट्रो का उद्घाटन किया था तो केंद्र सरकार के किसी भी मंत्री को नहीं बुलाया गया. आज योगी आदित्यनाथ ने मेट्रो का उद्घाटन किया है तो राजनाथ सिंह के अलावा नए शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी भी शामिल हुए.

आज मुख्यमंत्री योगी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच एक और अंतर दिखा. अखिलेश यादव ने इसे समाजवादियों की मेट्रो बताते हुए योगी को ताना मारा. जबकि योगी आदित्यनाथ ने इसे जनता की मेट्रो बताया क्योंकि आखिरकार इसमें पैसा तो जनता का ही लगा है. जनता के टैक्स के पैसों से ही मेट्रो का निर्माण हुआ है लेकिन अखिलेश यादव इसे समाजवादियों की मेट्रो बता रहे हैं.

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