अमित शाह कई वर्ष पहले ले चुके हैं कांग्रेस को खत्म करने की प्रतिज्ञा, पढ़ें कब और क्यों?

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बहुत सारे लोग सोचते हैं कि अमित शाह कांग्रेस के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़ गए हैं, एक एक राज्य से कांग्रेस को क्यों ख़त्म करते जा रहे हैं, ऐसा क्यों है कि अमित शाह जिस भी राज्य में जाते है वहां भगदड़ मच जाती है और कांग्रेसी नेता भाग भाग कर बीजेपी में आना शुरू कर देते हैं. अब तो कांग्रेस पार्टी के लोग भगवान से मनाते हैं कि अमित शाह का किसी राज्य में दौरा ना हो. क्या पता कितने टूटकर बीजेपी में आ जाएं.

आपको बता दें कि अमित शाह और कांग्रेस का बैर कोई नया नहीं है. कांग्रेस ने उनके साथ कुछ ऐसा किया है कि अमित शाह कांग्रेस को मिटाने की ही कसम खा चुके हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस की वजह से उन्हें 2 साल तक गुजरात से तड़ीपार रहना पड़ा था, यही नहीं कांग्रेस ने उन्हें 90 दिन के लिए जेल भी भेज दिया था.

बात उस वक्त की है जब गुजरात में दंगे हुए थे. उस समय वे मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफी करीबी थे इसलिए उनपर भी दंगों में शामिल होने के आरोप लगा दिए गए और कुछ समय के लिए जेल में बंद करवा दिया गया. उनकी एक वेबसाइट में इस बात का जिक्र है कि नरेन्द्र मोदी का करीबी होने की वजह से उन्हें कांग्रेस ने निशाना बनाया.

इसके बाद 2010 में आतंकवादी सोहराबुद्दीन एनकाउंटर का मामला आया. गुजरात पुलिस ने उसका एनकाउंटर का दिया था, उस वक्त अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे. कांग्रेस ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया. कांग्रेस की केंद्र में सरकार थी इसलिए इंटेलिजेंस एजेंसियों का मिसयूज करके अमित शाह को फंसा दिया गया और उन्हें 90 दिन के लिए जेल भेज दिया गया. उनकी जमानत इस शर्त पर हुई कि उन्हें 2 साल तक गुजरात से तड़ीपार रहना पड़ेगा. अमित शाह 2 साल तक गुजरात में नहीं घुस पाए लेकिन इस दौरान उन्होंने पूरे देश में रैलियां करके केंद्र से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका. बाद में 2015 में CBI स्पेशल कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया.

आपको बता दें कि 2010 में जब कांग्रेस ने अमित शाह को 90 दिन के लिए जेल में बंद करवाया तो उसी दौरान अमित शाह ने कांग्रेस को जड़ से मिटाने की कसम खा ली थी. वे जेल में थे तो उस वक्त सभी कैदियों को गीता का श्लोक सुनाते थे और कांग्रेस को ख़त्म करने की कसम खाते थे.
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