मोदी सरकार जब सत्ता में आयी थी तो उन्हें रेलवे के रूप में खँडहर मिला था, ना तो इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत था, ना पटरियां मजबूत थीं, ना जरूरत के कर्मचारी थे और ना ही कोई डेवलपमेंट हो रहा था. पूर्व सरकारों ने रेलवे को राजनीति के लिए इस्तेमाल किया. ना किराया बढ़ाया, ना सुविधाएं बढ़ाई, ना कर्मचारी बढाए और ना ही रेलवे ट्रैक का आधुनिकीकरण किया था. करते भी कैसे, ना तो उनके पास पैसा था, चुनाव हारने के डर से उनकी किराया बढ़ाने की हिम्मत नहीं होती थी, इसके अलावा पूर्व सरकार राजनीतिक फायदा देखकर रेल मंत्री बनाती थी, मतलब बिहार का वोट लेने के लिए बिहारी मुख्यमंत्री, बंगाल का वोट लेने के लिए बंगाली मुख्यमंत्री.
जब मोदी सरकार सत्ता में आयी तो उनके सामने खँडहर रेलवे थी, लेकिन मोदी सरकार ने रेलवे ट्रैक की मजबूती के लिए बहुत पैसा खर्च किया है और पैसे की कमी पूरी करने के लिए किराया भी बढाया. मोदी सरकार जितना काम कर रही है उसे रेलवे एक्सीडेंट करवाकर खराब कर दिया जा रहा है क्योंकि एक्सीडेंट होने पर हर कोई मोदी सरकार पर सवाल उठाया है, विरोधियों को मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा मिलता है और लोग अच्छे कामों को भूल जाते हैं.
कल मुजफ्फरनगर में जिस प्रकार से कलिंग उत्कल ट्रेन का एक्सीडेंट हुआ उसनें कई सवाल खड़े कर दिए. आज दिन भर टीवी डिबेट में विपक्ष ने सिर्फ एक बात कही. विपक्षियों ने कहा कि मोदी सरकार में रेलवे एक्सीडेंट बढ़ गया है, ये सपना बुलेट ट्रेन का दिखा रहे हैं लेकिन रेलवे को संभाल नहीं पा रहे हैं.
सबसे पहले तो ये जान लीजिये कि इस देश में 60 वर्षों तक किस पार्टी ने राज किया. अगर वे चाहते तो भारत की रेलवे पटरियां भी अन्य देशों की तरह मजबूत होती लेकिन उन्होंने भारतीय रेलवे को वैसा ही रखा जैसा अंग्रेज लोग छोड़कर चले गए थे. कल रिपेयर वर्क के समय एक्सीडेंट हुआ. आप सोचिये, आखिर रेलवे ट्रैक की बार बार रिपेयर की जरूरत क्यों पड़ती है. इसका मतलब है पूर्व सरकारों ने 60 वर्षों में कोई विकास नहीं किया.
खैर अब सत्ता में मोदी सरकार है तो सारा दोष इनका है इसलिए मोदी सरकार को भी होशियार रहना चाहिए क्योंकि कुछ लोग सत्ता पाने के लिए एक ट्रेन तो क्या, 100 ट्रेनें भी पलटवा सकते हैं क्योंकि इन्हें सिर्फ सत्ता हासिल करनी है. इन्होने 2014 में मोदी सरकार को देख लिया है, पांच साल इन्तजार नहीं कर पा रहे हैं, ये 2019 में किसी भी कीमत पर नरेन्द्र मोदी को नहीं देख सकते. अगर नरेन्द्र मोदी को हराने के लिए पाकिस्तान से हाथ मिलाना पड़ेगा तो ये मिला लेंगे, अगर चुपके से चीन से हाथ मिलाना पड़ेगा तो मिला लेंगे. ये लोग सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे, ये लोग यह भी कह सकते हैं कि तुम लोग ट्रेनों को पलटवाओ, हमें मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा चाहिए और कहेंगे कि मोदी सरकार में रेलवे एक्सीडेंट बढ़ गए हैं. तुम लोग आतंकी हमें करो हम इसे मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा बनाएंगे और कहेंगे कि मोदी सरकार में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं.
Post A Comment:
0 comments: