सुषमा स्वराज से पंगा लेकर कांग्रेस ने खुलवाई अपनी 5 पोल: पढ़ें

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कल कांग्रेस पार्टी ने राज्य सभा में मोदी की विदेश नीति का मुद्दा उठाया लेकिन यह मुद्दा उठाना उनके लिए ही भारी पड़ गया क्योंकि सुषमा स्वराज ने कांग्रेस की 5 पोल खोल दी. कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि भारत के पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते बिगड़ रहे हैं. कांग्रेस ने ये भी कहा कि मोदी सरकार ने चीन को ग्वादर में पोर्ट बनाने दिया, हंबनडोटा में पोर्ट बनाने दिया और कोलम्बो में भी पोर्ट बनाने दिया. इसके बाद सुषमा स्वराज ने कांग्रेस की पांच पोल खोल दी.

सुषमा स्वराज ने कहा कि आप श्रीलंका की बात कर रहे थे, आपने कहा कि हमने ग्वादर पोर्ट दे दी, कोलम्बो दे दी, हंबनडोटा दे दी, आप कहते हो कि तीनों जगह पर चीन ने पोर्ट बना लिया, लेकिन हम आपसे पूछ रहे हैं कि चीन से ये सभी पोर्ट कब बनाये?

हंबनडोटा शुरू हुआ 2008 में और कम्पलीट हुआ 2011 में, उस समय कांग्रेस की सरकार थी, उसके बाद कोलम्बो का नंबर आता है, वह काम भी 85 फ़ीसदी चीन की लागत से स्टार्ट हुआ 2011 में और ख़त्म हुआ 2014 में, उस समय भी कांग्रेस की सरकार थी. इसके बाद आप बलूचिस्तान के ग्वादर की बात कर रहे हैं, बलूचिस्तान में इसका काम चाइना ने 2013 में सिंगापुर की कंपनी के साथ काम शुरू किया, अब आप बताओ आनंद भाई, उस समय किसकी सरकार थी, मैं आपसे ये पूछना चाहती हूँ.

कांग्रेस है सभी समस्याओं की जन्मदाता: सुषमा स्वराज

इसके बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, मैंने ब्लेम नहीं किया था, मैं केवल चिंता प्रकट करना चाहता था, यह सुनकर सुषमा स्वराज ने कहा, आप क्यों चिंता कर रहे हो? आपको 2008 में फिक्र क्यों नहीं हुई, आपको 2011 में फिक्र नहीं हुई, आपको 2013 में फिक्र क्यों नहीं हुई, अगर आज कोई समस्या है तो उस समस्या के जन्मदाता आप हैं, आप आज हमारी विदेश नीति पर बोल रहे थे इसलिए आज आप जिन समस्याओं पर बोल रहे थे तो उन समस्याओं के जन्मदाता आप हैं, अगर हंबनडोटा की समस्या है, अगर कोलम्बो की समस्या है, अगर ग्वादर की समस्या है तो उन समस्याओं का जन्म आपके समय में हुआ इसलिए आज आप हमारी विदेश नीति पर मत बोलिए, आप हम पर ये आरोप मत लगाइए कि कि कोलम्बो, ग्वादर और हंबनडोटा हमने दे दिया. हमने तो हंबनडोटा को सुरक्षित कर दिया, अब हमने जो डील की है उसके बाद हमबंडोटा पर श्रीलंका का कंट्रोल रहेगा और सुरक्षा की चिंता चीन करेगा. हमने तो आपकी पैदा की गयी समस्या को ख़त्म किया है.

आप लोग चीन से जा मिले, हमसे पूछा तक नहीं

सुषमा स्वराज ने इसके बाद चीन पर जवाब देते हुए कहा - जहाँ तक डोकलम का सवाल है, 1962 में जब चाइना और भारत के बीच में बातचीत की स्थिति बनी तो अटल जी ने प्रधानमंत्री नेहरु को एक पत्र लिखा था कि सदन बुलाओ. उसके बाद पंडित नेहरु ने उनकी बात मानकर सदन बुलाया, काश आज के विपक्ष ने ये किया होता. मैं इस बात से बहुत दुखी हूँ कि सबसे बड़े प्रमुख दल के विपक्षी नेता ने चीन की स्थिति को जानने के लिए भारत के नेतृत्व से पूछने के बजाय चीन के राजदूत से मिलने चले गए. सुषमा स्वराज ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार आनंद शर्मा भी उस मीटिंग में मौजूद थे. 

सुषमा स्वराज ने आनंद शर्मा को फटकारते हुए कहा कि चीनी दूत से मुलाकत से पहले आपको भारत का दृष्टिकोण समझना चाहिए था और उसके बाद चीनी राजदूत को बुलाकर अपनी चिंता प्रकट करनी चाहिए थी कि हमारा तो ये पक्ष है.

सुषमा स्वराज ने खोली कांग्रेस की 5 पोल

यहाँ पर सुषमा स्वराज ने कांग्रेस की 5 पोल खोलते हुए कहा कि ग्वादर, कोलम्बो और हंबनडोटा में पोर्ट का निर्माण चीन ने कांग्रेस सरकार में शुरू हुआ था. चौथी पोल ये थी कि उन्होंने खुलासा कर दिया कि कांग्रेस पार्टी के लोग चीनी राजदूत से मिले थे, पांचवी पोल यह थी कि उस मीटिंग में आनंद शर्मा भी शामिल थे क्योंकि अभी तक राहुल गाँधी के बारे में ही खबर आयी थी.सुषमा स्वराज ने खोली कांग्रेस की 5 पोल

यहाँ पर सुषमा स्वराज ने कांग्रेस की 5 पोल खोलते हुए कहा कि ग्वादर, कोलम्बो और हंबनडोटा में पोर्ट का निर्माण चीन ने कांग्रेस सरकार में शुरू हुआ था. चौथी पोल ये थी कि उन्होंने खुलासा कर दिया कि कांग्रेस पार्टी के लोग चीनी राजदूत से मिले थे, पांचवी पोल यह थी कि उस मीटिंग में आनंद शर्मा भी शामिल थे क्योंकि अभी तक राहुल गाँधी के बारे में ही खबर आयी थी.
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