आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से देश की आजादी की 70वीं वर्षगाँठ मनाई और राष्ट्रीय ध्वज फहराया. मोदी ने आज बताया कि 21 वीं सदी के भाग्य विधाता कौन लोग बनेंगे. मोदी ने कहा कि आने वाली 1 जनवरी 2018 को मैं सामान्य 1 जनवरी नहीं मान रहा हूँ, जिन लोगों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है उनके लिए ये एक महत्वपूर्ण वर्ष है. जिन नौजवानों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है उनके लिए ये वर्ष ख़ास है क्योंकि वे जब 18 वर्ष के होंगे तो वे 21वीं सदी के भाग्य विधाता होंगे.
मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भाग्य ये नौजवान बनाएँगे जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है और वे अब 18 वर्ष के होने वाले हैं. मैं इन सभी नौजवानों का ह्रदय से सम्मान करता हूँ और उनका अभिनंदन करता हूँ. मैं इनसे कहना चाहता हूँ कि आइये, आप अब 18 वर्ष की दहलीज पर खड़े हैं, देश का भाग्य निर्माण करने का आपको अवसर मिल रहा है, आप लोग देश के विकास में भागीदार बनिए, देश आपको निमंत्रण देता है.
मोदी ने कहा कि हम एक ऐसा न्यू इंडिया बनाना चाहते हैं जो सुरक्षित हो, समृद्ध हो और शक्तिशाली हो. न्यू इंडिया जहाँ हर किसी को समान अवसर उपलब्ध हों. न्यू इंडिया जहाँ आधुनिक विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत का विश्व में दबदबा हो. स्वतंत्रता संग्राम हम लोगों की भावना से अधिक जुड़ा हुआ है. जब आजादी का आन्दोलन चल रहा था तब एक शिक्षक भी पढ़ाई कराता था, किसान खेती करता था और मजदूर मजदूरी करता था लेकिन वो जो कुछ करता था उसके ह्रदय में ये भाव रहता था कि मैं जो भी काम कर रहा हूँ वो देश की आजादी के लिए कर रहा हूँ. यह भाव ही उस समय बहुत बड़ी ताकत थी.
मोदी ने कहा कि परिवार में भी रोज आना-जाना पड़ता है, व्यंजन रोज बनते हैं लेकिन वो व्यंजन भगवान के सामने भोग में चढ़ा दिए जाते हैं तो व्यंजन प्रसाद बन जाते हैं, हम परिश्रम करते हैं लेकिन हमें माँ भारती की भव्यता के लिए, विश्व एकता के लिए, देश के लोगों को गरीबी से मुक्त करने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए.
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