योगी सरकार पर लगाया गंभीर इल्जाम तो इस बीजेपी विधायक ने रुबिका लियाकत को धो डाला: पढ़ें क्यों

mla-radha-mohan-singh-slams-rubika-liyaquat-on-gorakhpur-kand

अपनी TRP बढ़ाने के लिए मीडीय भी गोरखपुर की बात को बात का बतंगड़ बनाने पर तुला है. बीजेपी समर्थक चैनल कहा जाने वाले जी न्यूज़ भी इसमें पीछे नहीं है. आज ताल ठोंक के डिबेट शो में शो की होस्ट रुबिका लियाकत ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने इसे नरसंहार का नाम देते हुए बीजेपी विधायक राधा मोहन सिंह से कहा कि 33 बच्चों की हत्या हो गयी और आप सो रहे हो. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदनहीन हैं. सरकार की लापरवाही से यह हादसा हुआ है.

इसके बाद राधा मोहन सिंह ने रुबिका लियाकत को करारा जवाब देते हुए कहा कि आप इस मामले टूल देकर गैर-जिम्मेराना व्यवहार किया है. हमारी सरकार सिस्टम में सुधार कर रही है और हमारे मंत्री ने बताया है कि इस बीमारी से पहले भी बच्चे मरते रहे हैं. यह बीमारी इन्फेक्शन की वजह से होती है और बच्चे गंभीर हालत में अस्पताल में आते है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दो दिन पहले ही हॉस्पिटल पहुंचे थे, अगर उन्हें बताया जाता कि पेमेंट की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी जाएगी तो 3 घंटे में ऑक्सीजन पहुँच दी जाती.

विधायक की टूटी है हड्डी, फिर भी रुबिका लियाकत ने की बदतमीजी

इसके बाद रुबिका लियाकत ने कहा कि आपकी विधानसभा में यह हादसा हो गया, आपको खुद पर शर्म आनी चाहिए. इसके बाद राधा मोहन सिंह ने कहा कि एक महीनें से मेरे हाथ की हड्डी टूटी हुई है और मैं लखनऊ के अस्पताल में अपना इलाज करा रहा हूँ, आपके अन्दर इतनी भी संवेदनशीलता नहीं है कि आप मुझसे इस तरह से बात कर रही हैं. आपको बता दें कि राधामोहन सिंह की सच में हड्डी टूटी हुई है लेकिन रुबिका लियाकत को उनके दर्द का तनिक भी ख्याल नहीं आया क्योंकि उन्हें तो अपने एजेंडे से मतलब था.

सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ऑक्सीजन की कमीं से नहीं हुई मौतें

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ साथ सिंह ने आज गोरखपुर कांड पर सफाई देते हुए कहा कि बाबा रामदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमीं की वजह से 60 बच्चों की मौत नहीं हुई है बल्कि हर साल अगस्त महीनें में इस अस्पताल में इन्सेफेलाइटिस बीमारी की वजह से 500-600 बच्चों की मौत होती हैं ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें बहुत गंभीर हालत में लाया जाता है.

उन्होंने बताया कि इन्सेफेलाइटिस बीमारी की वजह से इस मेडिकल कॉलेज में उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और नेपाल के भी बच्चे आते हैं और सभी लास्ट स्टेज पर आते हैं. उन्होंने बताया कि जब 10 अगस्त को लिक्विड ऑक्सीजन कम हो गयी तो ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर काम चलाया गया और अभी भी ऐसे ही काम चलाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि हर वर्ष अगस्त महीनें में अधिक बच्चों की मौत होती है, अगस्त 2014 में 587 बच्चों की मौत हुई, अगस्त 2015 में 680 बच्चों की मौत हुई, अगस्त 2016 में 587 बच्चों की मौत हुई. यह मौतें गंभीर हालत की वजह से हुई हैं, ऑक्सीजन की कमीं की वजह से एक भी मौत नहीं हुई. उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में हर दिन करीब 17-18 मौतें होती हैं क्योंकि लोग लास्ट स्टेज पर अपने बच्चों को लाते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 7 अगस्त को 9 बच्चों की मौत हुई, 8 अगस्त को 12 बच्चों की मौत हुई, 9 अगस्त को 9 बच्चों की मौत हुई और 10 अगस्त को 23 बच्चों की मौत हुई. मीडिया ने 7, 8, 9 अगस्त को बच्चों की मौत के बारे में कोई खबर नहीं छापी लेकिन 10 अगस्त को उन्होंने सभी मौतों को जोड़कर बड़ी खबर बना दी जिसकी वजह से देश के लोगों का इस पर ध्यान चला गया और योगी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गयी. मीडिया का एक तबका पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार है. इन्हें सिर्फ बड़ी खबर चाहिए.

baba-ramdas-medical-collage-kand

आप खुद देखिये, अखिलेश के समय में अगस्त में ही 600-700 मौतें होती थीं , अगर रोजाना का औसत निकालें तो 20 मौतें रोज होती थीं लेकिन मीडिया ने कभी भी बड़ी खबर नहीं बनाई  लेकिन योगी सरकार में एक दिन में 23 मौतें हुईं तो चार दिन की मौतों को एक साथ जोड़कर बड़ी संख्या दिखाकर बड़ी खबर बना दी गयी ताकि विपक्ष को योगी सरकार के खिलाफ मुद्दा मिल जाए.
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

States

Uttar Pradesh

Post A Comment:

1 comments: