तो इसलिए केजरीवाल ने खोला मोहल्ला क्लिनिक, ताकि कर सकें घोटाला, लूट सकें दिल्ली का खजाना: पढ़ें

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केजरीवाल अगर चाहते तो जो पैसा मोहल्ला क्लिनिक में खर्च कर रहे हैं वही पैसा 1000 सरकारी डिस्पेंसरी और करीब 200 प्राइमरी हेल्थ सेण्टर में खर्च करके वहां पर आधुनिक सुविधाएं दे सकते थे जो वह मोहल्ला क्लिनिक में देने का दावा कर रहे है. अगर केजरीवाल ये काम करते तो दिल्ली की जनता को अधिक सुविधा मिलती क्योंकि यह व्यवस्था पहले से है, सरकारी डिस्पेंसरी पहले से हैं, डॉक्टर पहले से हैं, वहां सिर्फ स्टाफ बढ़ाना होता और इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना पड़ता लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया. केजरीवाल ने सरकारी अस्पतालों और सरकारी डिस्पेंसरी को उनके हाल पर छोड़ दिया जबकि उनके अन्दर मरीजों को भर्ती करने की भी सुविधा है, केजरीवाल को चाहिए था कि वहां पर विस्तरों की संख्या बढ़ाते, टेस्ट के लिए मशीनें लगाते और लैब की व्यवस्था करते, लेकिन उन्होंने ऐसा भी नहीं किया.

केजरीवाल ने मोहल्ला क्लिनिक नाम से अपना खुद का प्रोजेक्ट शुरू कर दिया. उन्होंने 1000 मोहल्ला क्लिनिक खोलने का निर्णय लिया जबकि 1000 सरकारी डिस्पेंसरी को उनके हाल पर छोड़ दिया, उनके पास सरकारी डिस्पेंसरी में पहले से जगह थी लेकिन मोहल्ला क्लिनिक के लिए नयी जगह किराए पर ली, करोड़ों रुपये खर्च कर दिए, अलग इंफ्रास्ट्रक्चर सेट-उप किये, करोड़ों रुपये उसके लिए खर्च कर दिए, अलग से स्टाफ रखा, करोड़ों रुपये उसके लिए खर्च कर दिए. उन्होंने सरकारी पैसे पानी की तरह बहा दिए.

अब दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने खुलासा किया है कि दरअसल केजरीवाल घोटले करना चाहते हैं, दिल्ली के सरकारी खजाने को लूटना चाहते हैं, अपने आदमी मोहल्ला क्लिनिच्क में सेट करना चाहते हैं, अपने आदमियों के घरों में मोहल्ला क्लिनिक खुलवा रहे हैं ताकि उन्हें सरकारी खजाने से हर महीनें लाखों रुपये किराया दे सकें और उनसे कमीशन ले सकें, अपने डाक्टरों को वहां पर बिठाना चाहते हैं ताकि वे हर महीनें 3-4 लाख का बिल मनाएं और लाखों रुपये उन्हें कमीशन दें. मतलब केजरीवाल एक ही मोहल्ला क्लिनिक में करीब 10 तरह के घोटले करना चाहते हैं और दिल्ली के सरकारी खजाने को लूटना चाहते हैं.

कपिल मिश्रा ने आज ट्विटर पर मोहल्ला क्लिनिक घोटाले का पूरा पर्दाफाश कर दिया. उन्होंने एक एक करके हर घोटाले का पर्दाफाश किया है. उन्होंने बताया है कि केजरीवाल कैसे दिल्ली को लूट रहे हैं, कैसे उनके बिठाए डॉक्टर हर महीनें 3-4 लाख रुपये कमा रहे हैं और उसमें से केजरीवाल को लाखों रुपये कमीशन दे रहे हैं. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली विजिलेंस विभाग में केजरीवाल के मोहल्ला क्लिनिक घोटाले की जांच चल रही है. शंगलू कमेटी में भी मोहल्ला क्लिनिक में काफी गड़बड़ी मिली है. केजरीवाल बहुत परेशान हैं.
कपिल मिश्रा ने यह भी बताया कि केजरीवाल क्यों बौखलाए हुए हैं. क्या है असली माजरा. पढ़ें - 
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कपिल मिश्रा ने यह भी बताया कि सरकारी अस्पतालों में UPSC परीक्षा और इंटरव्यू के बाद डाक्टरों की नियुक्ति होती है और उसके बाद 24 घंटे की नौकरी के लिए 90 हजार रुपये सैलरी मिलती है लेकिन मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टर केवल 4 घंटा ड्यूटी करके हर रोगी को देखने के लिए सरकार से 30 रुपये लेते हैं. रोजाना 300-500 मरीज देखते हैं और हर महीनें 3-4 लाख रुपये कमा लेते हैं. इनकी नियुक्ति के लिए कोई इंटरव्यू भी नहीं होता. केजरीवाल जिसको चाहते हैं उसे नौकरी पर रख लेते हैं.

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मोहल्ला क्लिनिक से केजरीवाल ने लुटे करीब 200 करोड़ रुपये

कपिल मिश्रा ने बताया कि मोहल्ला क्लिनिक खोलने में हर नियम ताक पर रख दिए गए. ना अच्छी बिल्डिंग है, हर बिल्डिंग में सीलन है. कभी कहते हैं अलग से जगह लेंगे, इनके पास सिर्फ 200 मोहल्ला क्लिनिक खोलने की जगह है जबकि टेंडर 1000 क्लिनिक के लिए दे दिए गए हैं.
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मोहल्ला क्लिनिक में नहीं रखा जाता मरीजों का पक्का रिकॉर्ड

कपिल मिश्रा ने बताया कि मोहल्ला क्लिनिक में मरीजों का रिकॉर्ड एक कच्ची पर्ची पर रखा जाता है. कितने मरीजों को कितनी दवाइयां दी गयीं या किसका क्या टेस्ट हुआ उसका कोई रिकॉर्ड नहीं. डॉक्टर्स मनमाना रिकॉर्ड बनाते हैं और मनमाने टेस्ट दिखाकर अधिक पैसा कमा लेते हैं.

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