होने लगी कार्यवाही, होने लगे खुलासे तो चुप बैठ गए अखिलेश यादव, अब कहीं खुद ना फंस जाएं: पढ़ें

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गोरखपुर कांड को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जमकर भुनाने की कोशिश की, उन्होंने दूसरे ही दिन प्रेस कांफ्रेंस कर डाली और योगी सरकार का इस्तीफ़ा माँगना शुरू कर दिया. उन्होने घटना में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग भी कर डाली. घटना के दो दिन तक अखिलेश सरकार लगातार इस मुद्दे पर बोलते रहे और सरकार को घेरते रहे लेकिन अब इस कांड पर कार्यवाही हो रही है और कई खुलासे हो रहे हैं तो अखिलेश यादव चुप बैठ गए हैं क्योंकि अब उन्हें डर है कि कहीं वे खुद इस कांड में ना फंस जाएं.

अब खबर आ रही है कि घटना के मुख्य अभियुक्त मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा उनके ख़ास आदमी हैं, यही नहीं Encephalitis विभाग के इंचार्ज और नोडल ऑफिसर डॉ कफील खान भी उनके और आजम खान एक ख़ास आदमी हैं और वे हमेशा योगी के खिलाफ बोलते रहे हैं. उनके कई ट्वीट भी आ चुके हैं जिसमें वे योगी और बीजेपी नेताओं के खिलाफ विवादास्पद टिप्पड़ी कर चुके हैं.

यह भी खबर आ रही है कि पूर्व अखिलेश सरकार में ही ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी के साथ 8 वर्षों का कॉन्ट्रैक्ट हुआ था और हॉस्पिटल के प्रिंसिपल खरीद कमेटी के अध्यक्ष हैं और विभाग के इंचार्ज कफील खान भी कमेटी के मेम्बर हैं. मतलब ये सारा खेल इन लोगों का किया हुआ है.

इससे भी चौंकाने वाली बात यह सामने आ रही है कि डॉ कफील खान का खुद का हॉस्पिटल है और वे सरकारी हॉस्पिटल से सिलेंडर चुराकर अपने अस्पताल में ले जाते हैं, इस मामले में प्रिंसिपल राजीव मिश्रा भी उनके साथ हैं. घटना के दिन भी वे अस्पताल के बच्चों को राम भरोसे छोड़कर अपने प्राइवेट क्लिनिक पर बैठे थे.

अब अखिलेश यादव देख रहे हैं कि उनके ही दोनों आदमी इस मामले में फंस गए हैं इसलिए वे चुप बैठ गए हैं. अब उन्हें ये डर सता रहा है कि कहीं ये लोग सिलेंडर घोटाले में मेरा नाम ना ले लें क्योंकि 8 साल का कॉन्ट्रैक्ट उन्होने दिया था. ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी से भी उनके रिश्ते निकल रहे हैं. कुल मिलकर अखिलेश यादव भी इस मामले में फंस सकते हैं.
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1 comments:

  1. मासूमो के हत्यारो केखिलाफ़ शख्त कारय्वाही हो

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