गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त को सबसे अधिक 23 बच्चों की मौत हुई थी और उसी दिन ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी थी, एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसकी वजह से सब कुछ साफ़ हो गया है. डॉ कफील खान जो Encephalitis विभाग के इंचार्ज थे और हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट भी वही थे, मतलब पूरा पूरे हॉस्पिटल की जिम्मेदारी उस वक्त उन्हीं के कंधे पर थी क्योंकि प्रिंसिपल राजीव मिश्रा छुट्टी पर थे.
अब खुलासा यह हुआ है कि जब 10 अगस्त को ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गयी और बच्चे तड़प तड़प कर मरने लगे तो उस वक्त डॉ कफील खान अपने क्लिनिक में बैठकर मरीजों को देखकर रहे थे और ऊपरी कमाई कर रहे थे. डॉ कफील की गैर-मौजूदगी में ऑक्सीजन सप्लाई रुक गयी, एडवांस में ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद थे लेकिन उन्हें लगाने में दो घंटे का समय लग गया और इस वक्त डॉ कफील खान मौजूद नहीं थे, अगर वे पहले से ही सिलेंडरों को फिट करके रखते तो लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होते ही सिलेंडर से ऑक्सीजन देने का काम शरू हो जाता और 23 बच्चों की जान बच जाती लेकिन डॉ साहब तो अपने क्लिनिक में पैसे कमाने में मस्त थे.
जब डॉ कफील को हादसे की जानकारी मिली तो वे भागे भागे मेडिकल कॉलेज आये लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, 23 बच्चे तड़प तड़प कर मर चुके थे. अगर डॉ कफील उस वक्त हॉस्पिटल में मौजूद होते और समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर लगवा देते तो सभी बच्चे आज जीवित होते.
अस्पताल में कम प्राइवेट क्लिनिक पर अधिक बैठते थे डॉ काफ़िल
डॉ कफील के बारे में खबर आ रही है कि ये सरकारी अस्पताल में कम लेकिन अपने प्राइवेट क्लिनिक पर अधिक बैठते थे. हादसे के दिन भी वे बच्चों को भगवान भरोसे छोड़कर अपने क्लिनिक पर बैठे थे. वे Encephalitis विभाग के नोडल ऑफिसर होने के बाद भी ऐसा गैर-कानूनी काम करते थे.
ऑक्सीजन सिलेंडर चुराने का भी आरोप
डॉ कफील पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि वे सरकारी अस्पताल से ऑक्सीजन के सिलेंडर चुराकर अपने निजी अस्पताल में ले जाते थे और सरकार से चोरी करते थे. उनकी प्रिंसिपल राजीव मिश्रा के साथ भी साठ-गाँठ थी, दोनों लोगों को ही इस हादसे के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है और दोनों लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है. यही नहीं डॉ कफील मेडिकल कॉलेज की खरीद कमेटी के मेम्बर भी हैं इसलिए उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई की स्थति के बारे में पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने पूछने के बाद भी योगी को इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी. योगी ने दो दिन पहले ही BRD मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था और समस्याओं के बारे में जानकारी माँगी थी लेकिन डॉ कफील खान ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी.
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