बंगाल का हो चुका है इस्लामीकरण, अब हिन्दू त्योहारों की कोई वैल्यू नहीं.. तभी तो..?

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एक समय था जब दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा त्यौहार कहा जाता था, बंगाली हिन्दू साल भर कहीं भी रहें लेकिन दशहरा और दुर्गा पूजा पर बंगाल जरूर आते थे लेकिन धीरे धीरे बंगाल का इस्लामीकरण हो गया और अब वहां पर हिन्दू त्योहारों की कोई वैल्यू नहीं है. अब हिन्दू त्यौहार वहां पर दोयम दर्जे के त्यौहार हैं. अब अगर हिन्दू त्योहारों के दिन मुस्लिम त्यौहार पड़ जाता है तो हिन्दू त्योहारों को बैन कर दिया जाता है.

इस वर्ष विजयदशमी और मुहर्रम एक दिन आगे पीछे पड़ रहे हैं इस वजह से विजयदशमी को शाम 6 बजे के बाद बैन कर दिया गया है. बंगाल में हिन्दू लोग विजयदशमी के दिन शाम को दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन करते हैं जो दूसरे दिन भी जारी रहता है लेकिन इस वर्ष विजयदशमी पर सिर्फ शाम 6 बजे तक दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा, उसके अगले दिन प्रतिमा विसर्जन पर बैन रहेगा और मुहर्रम के बाद फिर से दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकेगा.

मतलब ममता बनर्जी सरकार ने हिन्दुओं के त्यौहार दशहरा को सिर्फ आधा दिन दिया है क्योंकि दशहरा शाम 4 बजे से मनाया जाता है. मतलब बंगाल के हिन्दू सिर्फ दो घंटे दशहरा मना पाएंगे क्योंकि उन्हें शाम 6 बजे से पहले ही प्रतिमा का विसर्जन करना पड़ेगा अगर वे ऐसा नहीं कर पाएंगे तो उन्हें दो दिन तक इन्तजार करना पड़ेगा और मुहर्रम के बाद ही वे प्रतिमा का विसर्जन कर पाएंगे.

आपको बता दें कि अभी भी बंगाल में हिन्दुओं की आबादी ज्यादा है इसके बावजूद भी एक ख़ास धर्म का तुस्टीकरण जारी है. आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर से ख़ास धर्म के तुस्टीकरण का फरमान सुना दिया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगले महीनें 30 सितम्बर को दशहरा है जबकि 1 अक्टूबर को मुहर्रम है. बंगाल में दशहरा यानी दशमी मनाई जाती और हिन्दू लोग माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन करते हैं लेकिन ममता बनर्जी ने हिन्दुओं को शाम 6 बजे के बाद दुर्गा माँ की प्रतिमा का विसर्जन करने से प्रतिबंधित कर दिया है. यही नहीं मुहर्रम को देखते हुए उन्होने दुर्गा पूजा की प्रतिमा का विसर्जन 1 तारीख को पूरी तरह से रोक दिया है और विसर्जन की तारीख 2 अक्टूबर को निर्धारित की है.

मतलब हिन्दू लोग दशमी को सिर्फ 6 बजे तक दुर्गा माँ की प्रतिमा का विसर्जन कर सकेंगे. इसके बाद उन्हें दो दिन इन्तजार करना पड़ेगा और 2 तारीख को ही वे प्रतिमा का विसर्जन कर पाएंगे. मतलब ममता बनर्जी माँ दुर्गा को दो दिन का इन्तजार करवाएंगी जबकि मुहर्रम के लिए कोई पाबंदी नहीं होगी. इसे कहते हैं मुस्लिम तुस्टीकरण.
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